Desi Sex Kahani होता है जो वो हो जाने दो
10-09-2018, 03:37 PM,
#83
RE: Desi Sex Kahani होता है जो वो हो जाने दो
एक पल तो अलका दर्द से बिलबिला उठी क्योंकि बुर में लंड लिए उसे 15 दिन जैसे बीत चुके थे इसलिए उसे यह दर्द का एहसास हो रहा था। उसका दर्द कम होता है इससे पहले ही राहुल ने एक जोरदार धक्का लगाया और इस बार बुर की चिकनाहट पाकर लंड बूर के अंदर की सारी अड़चनों को दूर करता हुआ बुर की गहराई मे उतर गया। इस बार तो अलका को और भी ज्यादा वेदना होने लगी राहुल वैसे का वैसा बुर में लंड ठुंसकर अपनी मां के ऊपर ही लेटा रहा और उसकी मां दर्द से बिलबिलाते हुए बोली।

आहहहहहहहहह.....ऊईईईईई....।मां .....मर गई रे....
ऊफ्फ....निकाल ईसे बाहर....तेरा लंड है की गधे का लंड है रे.. मेरी तो जान ही निकली जा रही है .( दर्द से छटपटाते हुए अपने सिर को दाए बाए पटक रही थी। राहुल कुछ देर तक ऐसे ही रुका रहा और आगे अपने दोनों हाथ को बड़ा कर बड़ी बड़ी चुचियों को थामते हुए बोला।) 
बस बस मम्मी को थोड़ा सा रुक जाओ थोड़ी ही देर में तुम्हें परम आनंद की अनुभूति होने लगेगी। ( राहुल अपनी मां के दर्द को कम करने के लिए कुछ देर तक यूं ही चुचियों को मसलता रहा और वाकई में थोड़ी ही देर में अलका जो कुछ देर पहले दर्द से तड़प रहे थे वह अब खुद अपने हाथ को राहुल के हाथ पर रखकर अपनी चुचियों को दबाने में मदद करने लगी और गरम सिसकारी लेने लगी। राहुल समझ गया कि आप मामला बिल्कुल फिट है इसलिए वह धीरे से अपने लंड को बुर से बाहर की तरफ खींचा बुर के अंदर सिर्फ लंड के सुपाड़े को हल्के से रहने दिया और बाकी का सारा लंड बुर के बाहर निकाल लिया इसके बाद अपनी मां की मांसल जांघों को हथेलियों में दबोचे हुए एक जोरदार धक्का लगाया और फिर से लंड बुर की गहराई में ऊतरते हुए सीधे बच्चेदानी से जा टकराया। इस बार फिर से अलका की चीख निकल गई लेकिन इस बार अपनी मां के दर्द की परवाह किए बिना ही वह लंड को बुर के अंदर बाहर करना शुरु कर दिया। अब राहुल अपनी मां को धीरे-धीरे चोद रहा था और साथ ही चुचियों को भी दबाए जा रहा था। इससे अलका को दुगना मजा मिल रहा था राहुल कुछ देर तक यूं ही धीरे-धीरे चोट लगाता रहा। लेकिन अपनी मां की गरम सिसकारी को सुनकर वह अपने धक्के तेज कर दीया।
अलका की गरम सिसकारी से पूरा कमरा गूंज रहा था और राहुल था कि रुकने का नाम नहीं ले रहा था। राहुल धड़ाधड़ अपनी मां की बुर में धक्के पर धक्का लगाता रहा और उसकी मां हल्की-हल्की चीख के साथ गर्म आहें भरते हुए सिसकारी लेती रही। अपनी मां की मादक सिस्कारियों को सुनकर राहुल के धक्के और ज्यादा तेज होने लगे।पुच्च पुच्च की आवाज से पूरा कमरा गूंज रहा था बहुत दिनों के बाद दोनों आज चुदाई का मजा ले रहे थे इसलिए कुछ ज्यादा ही लिपट चिपट रहे थे। पंखा चालू होने के बावजूद भी दोनों के बदन से पसीना टपक रहा था। दोनों पसीने से तरबतर हो चुके थे अलका भी मदहोश हो करके अपने बेटे की हर एक ठाप का जवाब नीचे से अपनी कमर को उचका कर दे रही थी। दोनों की चुदाई खासा टाइम तक चल रही थी दोनों अब चरमोत्कर्ष की तरफ बढ़ रहे थे। दोनों की सांसे तेज गति से चलने लगी और दो चार धक्कों के बाद ही दोनों एक दूसरे के बदन से कस के लिपटते हुए
झड़ना शुरु कर दिए। दोनों अपने लक्ष्य को प्राप्त कर चुके थे। दोनों एक दूसरे की बाहों में लंबी सांसे लेते हुए झड़ रहे थे। राहुल ने सुबह 5:00 बजे तक अपनी मां की जमकर चुदाई किया। अलका एकदम मस्त हो कर चुदाई का सुख भोग कर एक दूसरे की बाहों में बाहें डाले कब नींद की आगोश में चले गए दोनों को पता नहीं चला।

दरवाजे पर जोर जोर की दस्तक की आवाज सुनकर अलका की नींद खुली तो वह सामने टंगी दीवार घड़ी में समय देखते ही हड़बड़ा गई, वह बिस्तर से उठने को हुई तो उसे एहसास हो गया कि वह पूरी तरह से नंगी लेटी हुई थी। बगल में राहुल वह भी पूरी तरह से नंगा लेटा हुआ था उसका लंड उसकी जांघों के बीच से ऐसा लग रहा था कि जैसे वह अलका को ही देख रहा हो। अलका की नजर उस पर पड़ते ही वह मुस्कुराने लगी इस समय उसके लंड को ढीले अवस्था में देख कर यकीन कर पाना बड़ा मुश्किल हो रहा था कि रात भर यह अपनी मां की बुर में गदर मचाए हुआ था। बाहर दरवाजे पर लगातार दस्तक हो रही थी अलका को समझते देर नहीं लगी की दरवाजे पर सोनू ही खड़ा है। वह अब तक दरवाजे को पीट रहा था लेकिन कुछ देर बाद वह बाहर खड़ा होकर दरवाजे पर दस्तक देते हुए बुलाने लगा।

मम्मी मम्मी आज कितना लेट हो गया है अभी तक सो रही हो क्या? 

इस बार सोनू की आवाज सुनकर राहुल भी जाग गया।
अपनी और अपनी मां की हालत पर गौर करते ही वह भी घबरा गया। 

अब क्या होगा मम्मी बाहर तो सोनू खड़ा है? ( राहुल घबराते हुए अपनी मां से बोला उसकी मां को भी कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि क्या कहे लेकिन फिर वह राहुल को वैसे ही लेटे रहने को कहा और खुद अपने बदन पर चादर लपेट कर अपने नंगे बदन को छुपाने की कोशिश करते हुए राहुल को बोली।


रुक जा मैं देखती हूं तू बस लेटे रह उठना नहीं। 

ठीक है मम्मी।

( अलका बिस्तर पर से नीचे खड़ी हुई और चादर को अपने बदन पर साल की तरह ओढकर उसकी किनारी को अपने चुचियों की तरफ मुट्ठी बाँध की पकड़ ली और दरवाजे की तरफ जाने लगी।) 

रुक जा बेटा ऐसे ही दरवाजे को थपथपाते ही रहेगा कि शांति से खड़ा भी रहेगा, आती हूं। 

इतना कहने के साथ अलका दरवाजे तक पहुंच गई और अपने अंगो को चादर की ओट से छुपाते हुए धीरे से दरवाजा खोली और सिर्फ इतना ही खोली की सिर्फ उसका चेहरा ही दिख सके। जैसे ही दरवाजा खोलि सामने सोनू खड़ा था। और सोनू को देखते ही बोली।


क्या हुआ बेटा इतनी जोर-जोर से दरवाजा क्यों पीट रहे हो? 

मम्मी पहले घड़ी में देखो तो कितना समय हुआ है आज आप लेट हो चुकी है।

हां बेटा मुझे मालूम है थोड़ा तबीयत ठीक नहीं था इसलिए नींद नहीं खुली (जम्हाई लेते हुए बोली) 

बात करते समय अलका से हल्का सा दरवाजा खुल गया और सोनू अपनी मां को गौर से ऊपर से नीचे तक देख रहा था उसकी नजर तभी बिस्तर पर पड़ी तो उस पर राहुल लेटा हुआ था उसे देखते ही वह बोला।

भाई यहां क्यों सोया है मम्मी? ( सोनू के इस सवाल से अलका थोड़ा सा हड़बडा़ गई और हड़बडाते हुए बोली।

वो वो वौ... उसके कमरे का पंखा चल नहीं रहा था इसलिए गर्मी की वजह से वह मेरे पास आ गया सोने, अच्छा तुम चल कर तैयार हो मैं जल्दी से नहाकर आती
हुं। ( अलका बात को बदलते हुए बोली और वह भी अच्छी तरह से जानती थी कि सोनू की उमर अभी यह सब समझ सके ऊतनी नहीं हुई थी, लेकिन तभी उसे राहुल का ख्याल आ गया जिसे कुछ दिन पहले तक भोला समझती थी और वही भोला लड़का आज दिन रात उसकी बुर को रगड़ रहा था यह ख्याल मन में आते ही ऊसके चेहरे पर मुस्कुराहट बिखर गई। सोनू के चाहते हैं वह दरवाजा बंद करके राहुल को बाहर जाने का इशारा किया लेकिन वह उसका उससे पहले ही वह किस हाल में थी वैसे ही चादर लपेटे हुए ही वह अपने बाथरुम में चली गई। 

आज स्कूल जाने में लेट तो हुआ ही था घर से निकलते निकलते राहुल अपने ही फूल के गमले से एक गुलाब का फूल तोड़कर उसे जेब में रख लिया। स्कूल में पहुंचते ही वह सबसे पहले नीलू से मिला और नीलू से मिलते ही अपने जेब से गुलाब का फूल निकालकर नीलू को थमाते हुए बोला ।

आई लव यू नीलू आई लव यू । ( राहुल के इस तरह के रोमांटिक प्रपोजल से नीलू बेहद प्रसन्न हुई। उसके चेहरे पर असीम प्रसन्नता के भाव साफ-साफ झलक रहे थे। उसे इस बात पर बिल्कुल भी यकीन नहीं हो रहा था कि राहुल उसे इस तरह से प्रपोज कर रहा है क्योंकि वह जानती थी कि राहुल बेहद शर्मीला लड़का था। इसलिए आज उसकी यह अदा देखकर नीलू के तो वारे न्यारे हो गए। नीलू भी मुस्कुराकर फूल को अपने पर्स में रखते हुए लव यु टू कहकर अपने गहरे प्यार का ठप्पा लगा दी। विनीत की गेर हाजिरी में दोनों का प्यार परवान चढ़ने लगा था दोनों एक दूसरे के बिना अब बिल्कुल भी रह नहीं सकते थे। नीलु उसे कभी फिल्म देखने तो कभी पार्क में सब जगह पर उसे साथ में लेकर घूमने लगी। नीलू अब उसे सीरियसली प्यार करने लगी थी हालांकि इस प्यार के पीछे भी उसका शारीरिक सुख को भोग लेने की आकांक्षा छुपी हुई थी लेकिन इसके साथ ही उसका प्यार भी गहराता जा रहा था। स्कूल के ऊपरी मंजिल पर दोनों सबसे नजरें बचाकर मिल ही लेते थे और खाली पड़े क्लास में अक्सर दोनों एक दूसरे के अंगों से छेड़छाड़ करने का पूरा फायदा उठाते थे। दिन गुजरता जा रहा है स्कूल से घर पहुंचने के बाद वह अपनी मां की बाहों में खो जाता था उसकी मां ने अपने सारे अरमान अपने बेटे से ही पूरा कर रही थी दिन रात जब भी मौका मिलता अपनी बुर की खुजली मिटाने के लिए अपने बेटे के लंड पर सवार हो जाती थी। और विनीत की भाभी से भी फोन पर लगातार बात हो रही थी वह फोन पर ही अश्लील बातों का सहारा लेकर के उसका पानी निकालने में ऊसकी मदद करता और साथ ही खुद भी विनीत की भाभी के गंदी बातें सुनकर गर्म हो जाता और अपने लंड को हिला कर अपने आप को शांत कर लेता। राहुल तीनो औरतों में उलझा हुआ था तीनो का प्यार उसे बराबर मिल रहा था। एक का भी साथ छोड़ देना उसके लिए गवारा नहीं था और ना ही तीन औरतों में से कोई भी उसका साथ छोड़ना चाहती थी। रोज रात को वह अपनी मां के कमरे में जाता है या तो खुद ही उसकी मां उसके कमरे में आ जाती और फिर वासना का जबरदस्त खेल बिस्तर पर खत्म होता। 
एक दिन स्कूल से छूटने के बाद नीलू राहुल को पीछे बैठा कर उसके चौराहे तक छोड़ने जा रहे थी। नीलू को भी काफी दिन हो गए थे राहुल के लंड से चुदवाए उसकी बुर राहुल के लंड की प्यासी हुए जा रही थी। लेकिन राहुल के लंड को अपनी बुर में लेने का उसे कोई मौका हाथ नहीं लग रहा था। चुम्मा चाटी एक दूसरे के अंगों से खेलना उसे से जलाना और यहां तक की तलाश में नीलू उसके लिंग को मुंह में लेकर भी झाड़ देती थी लेकिन उसे अपनी बुर में लेने का मौका नहीं मिल पा रहा था इसलिए वह उससे जी भर के और खुल के चुदवाना चाहती थी. इसलिए रास्ते में वह राहुल से बोली।

क्या राहुल तुम तो मेरी अब किसी भी सब्जेक्ट में मदद करने के लिए मेरे घर नहीं आते। ( नीलू की यह बात सुनकर राहुल के बदन में गुदगुदी होने लगी क्योंकि सब्जेक्ट में मदद करने का मतलब वह अच्छी तरह से जानता था वह भी कुछ दिनों से तड़प रहा था नीलू की टाइट बुर चोदने के लिए, इसलिए वहां ठंडी आहें भरता हुआ बोला।) 

कभी तुम बुलाओगी नहीं तो मैं आऊंगा कैसे ,मैं भी तो तड़प रहा हूं तुम्हारे सब्जेक्ट में मदद करने के लिए।
( राहुल की बात सुनकर नीेलु मुस्कुराने लगी और मुस्कुराते हुए बोली।) 

सच राहुल क्या तुम भी वैसे ही तड़पते हो जैसे में तड़पती हुं। 

( स्कूटी पर बैठे-बैठे अपने दोनों हथेलियों से नीलूं की कमर पकड़ते हुए वह बोला।) 

सच बोलूं मैं भी बहुत तड़पता हूं तुममें एकाकार होने के लिए, तुम्हारे बदन की कुंवारी खुशबू को अपने बदन में उतारने के लिए। तुम्हारे यह दोनों( चुचियों की तरफ इशारा करते हुए) नारंगीयो को दबा दबा कर उसे मुंह में ले कर पीने के लिए। 

( राहुल के हथेलियों का अपनी कमर पर कसाव और उसकी गर्म बातें सुनकर नीलू मस्त होने लगी। वह कुछ बोल पाती उससे पहले ही वह चौराहा आ गया जहां उसे उतरना था। जैसे ही राहुल स्कूटी से नीचे उतरा नीलू चेहरे पर कामुक भाव लाते हुए बोली।) 
राहुल मेरी जान कल घर पर मैं बिल्कुल अकेली हूं और कल छुट्टी भी है ओर कल मम्मी सुबह से ही देर शाम घर पर नहीं रहेंगी वह किसी पार्टी में जाएगी इसलिए कल मेरे घर जरुर आना मेरे सब्जेक्ट पर ध्यान देने के लिए। ( नीलू ने सब्जेक्ट शब्द बोलते ही राहुल को आंख मारी थी क्योंकि वह दोनों सब्जेक्ट का मतलब अच्छी तरह से जानते थे। राहुल भी छुट्टी के दिन उसके घर पर ही दिन गुजारने का फैसला करते हुए हामी भर दिया। और नीलू ओके बाय बोलते हुए वहां से चली गई।) 
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RE: Desi Sex Kahani होता है जो वो हो जाने दो - by sexstories - 10-09-2018, 03:37 PM

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