Desi Sex Kahani होता है जो वो हो जाने दो
10-09-2018, 03:37 PM,
#82
RE: Desi Sex Kahani होता है जो वो हो जाने दो
दूसरी तरफ रसोई घर साफ करते हुए अलका भी अपने बेटे के लंड के बारे में सोच-सोच कर उत्तेजित हुए जा रही थी आज उसने ठान ली थी थी आज एक बार फिर से जमकर अपने बेटे से चुदेगी। यही सोचते हुए वह बार-बार साड़ी के ऊपर से ही अपनी बुर को मसल दे रही थी जिसकी वजह से उसकी कामोत्तेजना और ज्यादा बढ़ जा रही थी। जल्दी-जल्दी रसोई घर की सफाई करके वह अपने कमरे में पहुंच गई लेकिन दरवाजे को खुला छोड़ दी, ऊसकी कड़ी नहीं लगाई थी ताकि राहुल बेझिझक अंदर आ सके। कमरे में जाते ही अलका ने अपनी साड़ी उतार फेंकी और आईने के सामने ब्लाउज और पेटीकोट में खड़ी होकर अपने चेहरे को निहारने लगी। अपने बदन को एकटक निहारते हुए वह मुस्कुराने लगी। अपने बदन को देख कर चेहरे पर आई मुस्कुराहट के राज को वह भी अच्छी तरह से जानती थी। उसे अच्छी तरह से पता था कि इस उम्र में भी उसके बदन में जवानी भरपूर तरीके से बरकरार थी।
वह धीरे धीरे अपनी हथेलियों को ब्लाउज के ऊपर से ही अपनी दोनों चुचीयों पर रखकर हल्के-हल्के दबाने लगी। 
राहुल को भी अपनी तरफ बर्दाश्त नहीं हो रही थी वह तुरंत बिस्तर पर से उठा और अपनी मां के कमरे की तरफ चल दिया। अपनी मां के कमरे के दरवाजे पर पहुंचा तो उसे पता चल गया कि दरवाजा खुला हुआ है और वह दरवाजे को हल्कै से धक्का दिया तो दरवाजा खुल गया और फिर वह कमरे में प्रवेश करके सामने नजर करते हुए दरवाजे को बंद कर दिया। सामने नजर पढ़ते ही उसने देखा कि उसकी मां की बदन से साड़ी उतरकर नीचे फर्श पर गिरी हुई थी, और वह सिर्फ इतना उजड़ पेटीकोट में आईने में अपने आप को भी निहार रही थी। अलका को भी पता चल गया था कि उसका बेटा कमरे में आ गया है इसलिए उसके बदन में एक अजीब तरह की गुदगुदी होने लगी। उसकी सांसे उत्तेजना के नारे भारी हो चली। राहुल मन में ढेर सारे अरमान लिया अपनी मां की तरफ बढ़ा, कल का पीछे मुड़कर बिल्कुल भी देखने की सुध नहीं ली वह बस राहुल के कदमों की आवाज को सुनकर अपने बदन में सुरसुराहट का एहसास कर रही थी। राहुल के पेंट में तनाव पूर्ण रुप से बना हुआ था जो कि कुछ ज्यादा ही तना हुआ लग रहा था। राहुल सीधे ही पीछे से आकर अपनी मां को बाहों में भर लिया और बाहों में भरने के साथ ही उसने अपनी दोनों हथेलियों को ब्लाउज के ऊपर से ही उसके बड़े बड़े चुचियों पर रख दिया और अपने पैंट में बने हुए तनाव को पेटीकोट के ऊपर से ही गोल गोल गांड की फांकों के बीच धंसाते हुए अपनी कमर को आगे की तरफ बढ़ा दिया। राहुल की इस हरकत से अलका कसमसाते हुए एकदम से मचल उठी और उसके मुंह से हल्की सी शिसकारी निकल गई।

सससहहहहहह.....राहुल......

और राहुल खाकी ब्लाउज के ऊपर से ही अपनी मां की चुचियों को दबाते हुए अपने लंड को पैंट के ऊपर से ही उसमे बने तंबू को अपनी मां की गांड के बीचोंबीच पेटीकोट के ऊपर से ही धंसाने लगा। राहुल एक साथ दोनों का मजा ले रहा था अपनी मां की भरावदार गांड पर अपने लंड को रगड़ते हुए और उसकी दोनो चुचियों को ब्लाउज के ऊपर से ही हथेली में भर भर कर दबाते हुए आनंद के सागर में गोते लगा रहा था। अलका मदहोश में जा रही थी उसकी बुर पूरी तरह से गीली हो कर चिपचिपी हो गई थी राहुल भी अच्छी तरह से जानता था कि उसकी मां पेंटी नहीं पहनी है, क्योंकि उसकी उतारी हुई पेंटी तो उसके पास में ही थी। 
राहुल अपनी मां की उत्तेजना को और ज्यादा बढ़ाते हुए अपने पैंट में से उसकी पैंटी को निकाल कर उसकी आंखों के सामने अपनी उंगलियों से पकड़कर लहराने लगा। इस तरह से राहुल को उसकी ही पैंटी हाथों में लेकर उसकी आंखों के सामने लहराते हुए देखकर अलका मुस्कुराने लगी और अपने बेटे के हाथों से पेंटिं को छीनते हुए बोली। 

त)
ुईसे पागलों की तरह अपनी नाक से लगाकर मदहोश होकर क्यों सुंघता है? तुझे ऐसा करने मे गंदा नहीं लगता (अलका एकदम कामुक होकर बोल रही थी। )

ऊममममम.....मम्मी... (गर्दन को चूमते हुए बोला)
तुम्हें क्या मालूम इसमें कितना मजा मिलता है।

इसमें क्या मजा मिलता है? 


( ब्लाउज के बटन को खोलते हुए) ओह मम्मी पेंटिं पर तुम्हारे बुर की खुशबू सिमटी हुई होती है जिसे मैं नाक से खींचकर एक दम मस्त हो जाता हूं। ( अपने बेटे की इस तरह की बात को सुनकर वह मदहोश हुए जा रही थी) ऐसा लगता है कि जैसे मैं तुम्हारे पेंटी नहीं बल्कि तुम्हारी बुर पर नाक लगाकर सुंघ रहा हूं। ( इतना कहने के साथ ही वह अपनी मां के ब्लाउज के सारे बटन को खोल दिया।) 

तू चाहे तो बुर में भी नाक लगा कर सुघ सकता है फिर क्यों पेंटी को नाक लगाकर सुंघता है। ( इतना कहने के साथ ही वह अपने बदन को कमान की तरह पीछे की तरफ झुका कर अपने बेटे को ब्लाउज निकालने का इशारा कर दी क्योंकि वह आईने में देख चुकी थी कि उसके बेटे ने ब्लाउज के सारे बटन खोल दिए थे। राहुल भी अपनी मां के इश ईसारे को समझ गया था की वह अब अपने ब्लाउज को ऊतरवाना चाहती थी, और बुर में नाक लगाकर सुंघने के इशारे को भी समझ गया था, अच्छी तरह से समझ गया था कि उसकी मां अब ऊससे अपनी बुर चटवाना चाहती थी' और राहुल खुद बेताब था अपनी मां की बुर को चाटने के लिए लेकिन पहले वह अपनी मां के ब्लाउज को उतारने के लिए उसके कंधे पर से ब्लाउज की किनारीे को पकड़कर पीछे की तरफ खींचने लगा और अगले ही पल उसके बदन के ब्लाउज बाहों से होता हुआ निकल गया। इस वक़्त उसकी मां सिर्फ ब्रा और पेटिकोट पर आईने के सामने खड़ी थी और राहुल पीछे से उससे बराबर सटा हुआ ब्रा के ऊपर से ही उसकी चूचियों को दबा रहा था। कमरे का माहौल पूरी तरह से गर्म हो चुका था। अलका के मुंह से रह रहकर सिसकारी की आवाज निकल जा रही थी राहुल आईने में अपने और अपनी मां को देखते हुए उसकी बड़ी बड़ी चुचियों को ब्रा के ऊपर से ही दबाए जा रहा था। उत्तेजना के मारे अलका का चेहरा लाल टमाटर की तरह तमतमा रहा था। अलका के हॉठ हलके से खुले हुए थे जिससे उसके मोतियों की तरह चमकते हुए दांत दिख रहे थे जिसकी वजह से उसकी खूबसूरती में और भी ज्यादा इजाफा हो रहा था। राहुल के भी सब्र का बांध टूट रहा था वह हल्की-हल्की अपनी कमर को अपनी मां के नितंबों पर हिलाते हुए आगे पीछे करने लगा ऐसा करने में उसे बेहद आनंद की अनुभूति हो रही थी और अलका भी मदमस्त हुए जा रही थी राहुल ब्रा के हुक को खोले बिना ब्रा के कप के नीचली किनारी को
पकड़ कर आगे की तरफ खींच कर उसे क्यों क्योंकि वक्त पर चढ़ा दिया जिससे अलका के दोनों बड़ी-बड़ी नारंगीया तनकर सामने आईने में दिखने लगी अपनी मां की बड़ी बड़ी चुचियों की खूबसूरती देखकर राहुल से रहा नहीं गया और उसने दोनों निप्पलों को अपनी उंगलियों के बीच लेकर उसे मसलते हुए सुराहीदार गर्दन को चूमने लगा। अलका उत्तेजना में इतनी ज्यादा सरो बोर हो चुकी थी कि जल बिन मछली की तरह तड़प रही थी। और वह खुद अपने दोनों हाथ को पीछे की तरफ लाकर अपने बेटे के नितंबों पर रखकर उसे अपने बदन से और ज्यादा सटाने लगी जिससे राहुल का लंड पेटीकोट के ऊपर से ही हल्के-हल्के उसकी बुर वाली जगह पर ठोकर लगाने लगा इससे अलका की तड़प और ज्यादा बढ़ गई। मुझसे बर्दाश्त कर पाना मुश्किल हो जा रहा था और राहुल हल्के हल्के अपनी कमर को हिलाता हुआ बड़ी बड़ी चुचियों को मचल मचल कर एकदम लाल टमाटर की तरह कर दिया। दोनों के मुख्य से हल्की हल्की सिसकारी निकल जा रही थी दोनों अपनी उत्तेजना को दबाने में नाकामयाब साबित हो रहे थे। ट्यूबलाइट की दूधिया रोशनी में अलका का गोरा बदन मक्खन की तरह चमक रहा था जिसे देखकर कोई भी उसका दीवाना हो जाए। चुचियों का कद उत्तेजना के मारे थोड़ा सा बढ़ गया था और उसकी छोटी सी निप्पल तनकर छोटी ऊंगली की तरह हो चुकी थी दोनों एक दूसरे में खो चुके थे आईना दोनों के रूप रंग को अच्छी तरह से बयां कर रहा था। 

सससहहहहहह.....राहुल..... मुझसे रहा नहीं जा रहा है राहुल.....ऊफ्फफ..... कुछ कर राहुल मेरा अंग अंग तेरे मिलन के लिए तड़प रहा है। ( अलका कामुकता भरी आवाज में राहुल से बोली राहुल समझ गया था कि उसकी मां बेहद उत्तेजित हो चुकी है और अनुभवी हो चुका राहुल इतना तो समझता ही था कि अब क्या करना है इसलिए वह चुचियों पर से अपनी हथेली को हटाकर उसकी ब्रा के हुक को खोलने लगा। अलका भी तुरंत हरकत में आई उसे भी एक पल भी गंवाना गवारा नहीं था। इसलिए वह खुद अपने हाथों से पेटीकोट की डोरी को खोलने लगी, राहुल आईने में अपनी मां की उत्तेजना और उसके जल्दबाजी के साफ साफ देख पा रहा था। अपनी मां की जल्दबाजी को देख कर राहुल के लंड का तनाव इस हद तक बढ़ गया कि उसे अपने लंड में हल्का हल्का दर्द सा महसूस होने लगा। अलका ने पेटीकोट की दूरी को अपने नाजुक नाजुक उंगलियां की सहायता लेकर खुल चुकी थी और उसकी दोनों तरफ के छोरों को पकड़कर नीचे की तरफ सरकाने लगी, जैसे ही उसने पेटीकोट को जांघों तक लाइ उसमें पेटीकोट को छोड़ दी और हल्की हल्की अपने जांघो को झटकते हुए पेटीकोट को नीचे पैरों में गिरा दी। और गिरी हुई पेटीकोट को पैरों में से निकालकर एक साइड में कर दी इस समय अलका संपूर्ण निर्वस्त्र अवस्था में आईने के सामने खड़ी थी राहुल को जैसे ही यह एहसास हो गया कि इसकी मां के बदन पर एक भी कपड़ा नहीं है और वह पूरी तरह से नंगी खड़ी है तो वह अपना आपा खोते हुए चुचियों को हथेली में भरकर जोर जोर से दबाने लगा। और चुचियों को दबाते दबाते एक हाथ को नीचे जांघो के बीच में ले जाकर हल्के हल्के बालों से भरी बुर को सहलाने लगा। अपनी गरम-गरम और फूली हुई बुर पर अपने बेटे की हथेली का स्पर्श होते ही अलका पूरी तरह उत्तेजना से भर गई और हथेली की रगड़ से उसके मुंह से सिसकारी निकल पड़ी।

आाहहहहहहह...राहुल..... अब बर्दाश्त कर पाना बड़ा मुश्किल हुए जा रहा है कुछ कर राहुल ........
राहुल अपनी मां की उत्तेजना भरी आवाज सुनकर तड़प ऊठा। ऊसका मोटा लंड भी गांड की दरारों में फंसकर गदर मचाई हुए था। राहुल समझ गया था कि अब समय आ गया है ऊसे बिस्तर पर ले जाने का। एक बार तो उसके दिमाग में आया कि वह अपनी मां को गोद में उठाकर बिस्तर तक ले जाए। लेकिन वह अच्छी तरह से जानता था कि उसकी मां का बदन भारी था जोकि उससे उठाया नहीं जा पाता, इसलिए वह जोश में होश नहीं खोना चाहता था। 
राहुल अपनी मां का हाथ पकड़कर बिस्तर तक ले गया और बिस्तर के किनारे पर उसके गुलाबी होंठों को चूमते हुए अपने दोनों हाथों को उसकी चिकनी पीठ पर फीराते हुए उसके भरावदार नितंबों पर ले जाकर कस के दबाते हुए उसे बिस्तर पर झुकाते हुए खुद उसके ऊपर झुकता चला गया। धीरे-धीरे राहुल ने अपनी मां के गुलाबी होठों को चूसते हुए और उसके भरावदार नितंबों को मसलते हुए उसे बिस्तर पर लिटा दिया ' दोनों की सांसे तेज चल रही थी दोनों संभोग की कला में लिप्त होने के लिए पूरी तरह से तैयार थे। अलका आहें भरते हुए प्यासी नजरों से अपने बेटे की तरफ देख रही थी और राहुल धीरे-धीरे करके अपने कपड़े उतार रहा था
अगले ही पल राहुल अपने सारे कपड़े ऊतार कर नंगा हो गया अपने बेटे का गठीला बदन देखकर उसकी बुर चोदने की चिकने लगी। राहुल का लंड तनकर छत की तरफ मुँह ऊठाए खड़ा था जिस पर अलका की नजर पड़ते ही उत्तेजना और खुशी के मारे गदगद हो गई। राहुल एक हाथ से अपने खड़े लंड को पकड़ कर ऊपर नीचे करते हुए हिलाने लगा। अपने बेटे के दमदार लंड को इस तरह से हिलते हुए देखकर उसके मुंह में पानी आ गया। एक हाथ से लंड को हिलाते हुए राहुल बोला ।

स्सहहहहहहहह.... तुम बहुत सेक्सी हो मम्मी तुम्हें नंगी देखकर तो मेरी हालत खराब हो जाती है। तुम्हारी यह बड़ी बड़ी चूचियां ऊफ्फ.... इन्हें देखते ही मेरा मन करता है कि इन्हें मुंह में भर कर जोर-जोर से दबाते हुए ईसका सारा रस पी जाऊं।
( अपने बेटे के मुंह से अपनी तारीफ सुनकर अलका प्रसन्नता के साथ उत्तेजना का भी अनुभव कर रही थी और चूची की जाने वाली बात को सुनते ही उसके हाथ खुद-ब-खुद चूचियों पर पड़ी गई और वह खुद ही अपनी चुचियों को दबाने लगे और चुचियों को दबाते हुए बोली।)

सब कुछ तेरा ही है बेटा तेरा जो मन में आए वो कर मेरे साथ तेरे प्यार के बिना मैं अधूरी हूं ना जाने कैसे इतने वर्षों तक में तेरे इसके लिए ( लंड की तरफ इशारा करते हुए) प्यासी तड़पती रही। बस अब मुझे तड़पा मत बुझा दे मेरी बुर की खुजली तेरे लंड से।

दोनों के बीच की यह गंदी बातचीत माहौल को और ज्यादा गर्म कर रहे थे और दोनों आपस में खुल भी रहे थे। दोनों आपस में इस तरह की बात करके और भी ज्यादा काम उत्तेजना का अनुभव कर रहे थे। सभी अपनी चुचियों को मसलते हुए अलका बोली।

बस बेटा अब और मत तड़पा आजा मेरी बाहों में ओर बुझा दे मेरी प्यास को।( इतना कहने के साथ ही वह अपनी मोटी मोटी जांघों को फैला दी। यह देखकर राहुल से रहा नहीं गया और वह, अपनी मां की जांघो के बीच में पलंग के नीचे घुटनों के बल बैठ गया और अलका उसको देखकर कुछ समझ पाती ईससे पहले ही उसने अपने होंठ को अपनी मां की तपती हुई बुर की गुलाबी पत्तियों पर रख कर चुसना शुरु कर दिया। अपने बेटे की इस हरकत पर तो अलका एकदम बदहवास हो गई, अपनी बुर चटाई से उसकी आंखों में नशा छाने लगा, राहुल बार-बार अपनी जीभ के छोर से अपनी मां की बुर की गुलाबी पत्तियों को छेड़ रहा था। जिससे अलका उत्तेजित होकर एकदम मदहोश होने लगी अपने दोनों हाथ से अपने बेटे का सिर पकड़कर अपनी बुर पर दबाते हुए गरम गरम सिसकारी लेना शुरु कर दी। कुछ ही देर में युं ही बुर चाटने चटवाने से दोनों एकदम मदहोश हो गए। अलका लगातार गरम सिसकारी लेते हुए अपने बेटे को चोदने के लिए उकसा रहीे थी।

ससससहहहहहहह...।आहहहहहहहह राहुल..... अब और मत तड़पा मुझे डाल दे अपने मोटे लंड को मेरी बुर में देख केसे तड़प रही है तेरे लंड के लिए....सहहहहह.... बस इंतजार मत कर..अपने लंड को डाल कर चोद मुझे ..:.

अपनी मां की गरम सिसकारी सुनंकर और चुदवाने की तड़प को देखकर राहुल भी ऊत्तेजना के परम शिखर पर पहुंच गया वह भी तड़प रहा था अपनी मां की बुर में अपना लंड डालकर चोदने के लिए इसलिए वह अपनी मां की रसीली बुर पर से अपना मुंह हटा लिया और जांघों के बीच घुटने रखकर अपनी मां की मांसल जांघों को पकड़कर अपनी तरफ खींचते हुए पलंग के किनारे कर दिया। अब उसकी मां की बुर और लंड के बीच बस दो अंगूल का ही फासला रह गया था जिसे राहुल ने अगले ही पल लंड के सुपाड़े को बुर के गुलाबी पत्तियों के बीच रखकर व फासला भी मिटा दिया। अपने बेटे के लंड के सुपाड़े को अपनी गुलाबी बुर पर महसूस करते ही उसका बदन कमान की तरह एेंठ गया। उसके बदन में जैसे चुदास की लहर भर गई हो इस तरह से वह उत्तेजित हो गई। एक बार फिर से राहुल अपनी मां को चोदने जा रहा था उसकी मां खुद ही अपनी चुचियों को जगाते हुए अपने बेटे के धक्के को सहने के लिए पूरी तरह से तैयार हो चुकी थी। वह इसी इंतजार में थी कि कब उसका बेटा अपने दमदार और तगड़े लंड को उसकी बुर में अंदर डालता है और राहुल भी पूरी तरह से लंड को अपने मां की गुलाबी बुर की पत्तियों पर टाकाए हुए अपनी कमर को धीरे धीरे आगे की तरफ सरका रहा था। बुर काम रस से एकदम गीली होकर चिपचिपी हो गई थी, इसलिए लंड का मोटा सुपाड़ा
धीरे-धीरे बुर के अंदर सरक रहा था। धीरे धीरे लंड का मोटा सुपाड़ै सरकते हुए अलका की बुर में उतर गया।
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RE: Desi Sex Kahani होता है जो वो हो जाने दो - by sexstories - 10-09-2018, 03:37 PM

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