RE: Desi Sex Kahani होता है जो वो हो जाने दो
राहुल अपनी मां की पैंटी को उठाकर उसे नाक से लगा कर सुंघने लगा। अपने बेटे की इस हरकत को देखकर अलका अंदर ही अंदर गंनगना गई, राहुल था की पैंटी को एकदम नाक से रगड़ रगड़ कर सुन रहा था खास करके उस स्थान को जो स्थान बुर से एकदम चिपका रहता है। वह अपने मित्रों को पेंटी से लगाकर गहरी सांस खींचते हुए बोला।
ओहहहहह.... मम्मी बहुत ही मादक खुशबू आ रही है इसमें से। मेरा तो रोम रोम झनझना जा रहा है। ( अपनी बेटे को इस तरह से मदहोश होकर अपनी पैंटी सुंघते हुए देख कर उसके बदन में अजीब सी हरकत होने लगी उसके बदन में गुदगुदी सी मचने लगी। उसके हाथ में कपड़ों का ढेर था और उसने अपनी साड़ी को थोड़ा सा ऊपर उठा कर कमर के साईड अंदर खोसी हुई थी, जिससे उसकी घुटनों से नीचे की आधी टांगे नंगी दिख रही थी। अलंकार अपनी साड़ी को उठा कर कमर में ठुसने की वजह से और भी ज्यादा कामुक ओर सुंदर लग रही थी। वह एक तरह से राहुल की हरकत कर शरमा गई उसे ईसकी बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी कि राहुल ऐसी हरकत करेगा। वह राहुल की हरकत पर शर्मसार होते हुए अपने अगल-बगल नजर दौड़ा ले रही थी कि कहीं कोई देख तो नहीं रहा है। जबकि वह जानती थी कि उसकी छत पर कोई भी कहीं से भी नहीं देख सकता था फिर भी उसके मन में डर बना हुआ था अलका के मन में भी गुदगुदी होने लगी थी। राहुल की इस हरकत ने अस्पताल के बाद से आज पहली बार उसके बदन में एक नई उमंग जगाया था। वह पागलों की तरह पैंटी को सुंघते हुए अपनी मां को देखे जा रहा था। राहुल अपनी मां की पैंटी को सॉन्ग कर उत्तेजित होने लगा था उसके पेंट का तंबू बढ़ने लगा था जिस पर रह रहकर अलका की नजर चली जा रही थी वह क्या करें क्या ना करें उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था हाथों में कपड़ों का ढेर था रेशमी जुल्फों की लटे उसके गालों को छू रही थी। चेहरे पर कामुक्ता और शर्मो हया की मिली जुली मुस्कान बिखर रही थी। राहुल दीवानों की तरह पेंटिं को अपनी नाक पर सहलाते हुए उसकी मादक खुशबू का मजा ले रहा था। यह देख अलका से रहा नहीं गया और वह मुस्कुराते हुए बोली।
क्या कर रहा है , ऐसा कोई करता है क्या।
कोई करे या ना करे लेकिन मैं ऐसा जरूर करूंगा मम्मी, क्योंकि तुम्हारी पैंटी से तुम्हारी बुर की मादक खुशबू आती है जिसे सुनते ही मेरे तन बदन में गुदगुदी होने लगती है एक अजीब सा एहसास होने लगता है ।
( राहुल अपनी मां से कुछ ज्यादा ही खुल चुका था पहले तो वह ऐसी गंदी बातें करने से शर्म आता था लेकिन कुछ ही दिनों में वह अनुभवी हो चुका था उसे पता था कि ऐसी बातें सेक्स को और ज्यादा आनंददायक बना देता है इसलिए ऐसी बातें करने से अब बिल्कुल भी नहीं चुकता था, अलका अपने बेटे के मुंह से ऐसी खुली गंदी बातें सुनकर आवाज रह गई थी लेकिन उसे ऐसी बातें अच्छी लग रही थी राहुल के मुंह से अपनी बुर के बारे में सुनकर उसकी जांघों के बीच गुदगुदी सी होने लगी थी।
इस समय न जाने क्यों राहुल के सामने उस की ऐसी बातें सुनकर उसे शर्म आ रही थी। और शर्म के मारे उसका गोरा सुंदर चेहरा कश्मीरी सेब की तरह लाल होने लगा था। वह अभी भी अपने चारों तरफ नजर दौड़ा ले रही थी, तभी उसकी नजर नीचे पड़ी ब्रा पर गई जो कि पेंटि के साथ ही नीचे गिरी थी लेकिन राहुल ने सिर्फ पेंटी ही उठाया था. वह ब्रा ऊठाने के लिए नीचे झुकी और जैसे ही ब्रा को उठाकर वह सीधे खड़ी हुई तो उसके कंधे से साड़ी का आंचल नीचे गिर गया जिससे उसकी पहाड़ी छातियां अनावृत हो गई। ऊसकी बड़ी बड़ी चूचियां जोकि ब्लाउज के अंदर हीथी लेकिन अलका ने इस तरह का ब्लाउज पहनी थी कि उसकी आधी से ज्यादा चूचियां बाहर को झलक रही थी। राहुल राहुल की नजर जेसे ही अपनी मां की बड़ी बड़ी पहाड़ी छातियों पर पड़ी वैसे ही तुरंत उसके तन-बदन में कामाग्नि की तपन बढ़ने लगी उसकी जांघों के बीच का हथियार सुरसुराने लगा।
अलका अपनी ब्रा को उठाने के बाद एक नजर अपनी ब्लाउज मे कैद चुचियों की तरफ डाली और फिर राहुल की तरफ मुस्कुराते हुए देखते हुए बोली।
यह पेंटिं तो धूलि हुई है।
( यह बात अलका ने इतनी कामुक अंदाज में बोली थी कि राहुल उसकी बात सुनकर अंदर तक चरमरा गया ऊसकी आंखों में तुरंत खुमारी का नशा छाने लगा। अलका यह अच्छी तरह से जानती थी कि यह क्या कह रही है और इसका मतलब भी राहुल अच्छी तरह से समझ रहा था । अलका यह भी जानती थी कि उसकी साड़ी कंधे पर से नीचे फिसल गई है। और उसकी बड़ी बड़ी छातियां ब्लाउज में छेद होने के बावजूद भी कामुक तरीके से प्रदर्शित हो रही है, लेकिन फिर भी वह इस बात को जानबूझकर नजरअंदाज करते हुए वापस साड़ी को कंधे पर डालने तक की सुध नहीं ली थी। अपनी मां की बातों ही बातों में खुले आमंत्रण को पाकर सिसकारी लेते हुए मादक अंदाज में वह बोला।
ससससहहहहहह...... मम्मी तो क्या हुआ यह तो तुम्हारी धुली हुई पेंटी है मैं तो तुम्हारी पहनी हुई भी चड्डी को नाक से लगा कर मस्ती से सुंघ कर उसकी मादक खुशबू का आनंद ले सकता हूं।
( इतना कहने के साथ ही राहुल अपने पैंट के ऊपर से ही खड़े लंड को मसल दिया यह देखकर अलका कि बुर से मदन रस बुंद बनकर ं झर गया। अलका इस समय छत पर राहुल की हरकत और उसकी बातों से मदहोश हुए जा रही थी विनीत का डर उसके मन से लगभग खत्म होते जा रहा था। एक बार फिर से वह राहुल के साथ बहकने लगी थी
ईसी छत पर उन दोनों ने पवित्र रिश्ते की डोरी को तोड़कर एक नए रिश्ते की शुरुआत की थी और आज फिर से कुछ दिनों के विराम के बाद एक बार फिर से उनकी वासना की पुस्तक मे नया अध्याय जुड़ने लगा था।
राहुल लगातार पेंटी को सुंघते हुए धीरे-धीरे अपने कदम को अपनी मां की तरफ बढ़ा रहा था। जैसे-जैसे राहुल उसकी तरफ बढ़ रहा था अलका के बदन में गुदगुदी और ज्यादा बढ़ रही थी उसका बदन कसमसाने लगा था। वह अलका के बिल्कुल करीब पहुंच गया अलका इतनी ज्यादा शर्मसार हुए जा रही थी कि वह अपने बेटे से नजरें तक नहीं मिला पा रही थी। रह रह कर उसकी पलके पटपटा रही थी। वह कभी राहुल को तो कभी नीचे जमीन की तरफ देखने लगती उसके हाथों में अभी भी कपड़ो का ढेर लदा हुआ था। उसका आंचल अभी भी कंधे से लोगों का हुआ था जिस पर राहुल की नजर बराबर बनी हुई थी वह अपनी मम्मी के चारों तरफ धीरे धीरे चक्कर लगाने लगा और उसकी नजरें उसके गुदाज बदन पर चारों तरफ फिरने लगी। राहुल को इस तरह से अपने बदन के इतने करीब चक्कर लगाते हुए घुमने की वजह से वह शर्मसार हुए जा रही थी और उसका बदन शर्म के मारे कसमसा रहा था। राहुल नजरों को अपनी मां के भजन के कोने कोने पर फिरा रहा था अपनी मां के इर्द-गिर्द चारों तरफ चक्कर काटते हुए उसकी नज़र खास करके ब्लाउज से झांकती उसकी बड़ी बड़ी चूचियां और चुचियों के बीच की गहरी लकीर पर फिरती फिरती हुई पीछे कमर के नीचे का पहाड़ी उठाव पर घूम रही थी। अलका भी अच्छी तरह से जानती थी कि उसके बेटे की नजर उसके बदन पर कहां कहां चिपक रही है। राहुल अपनी मां के पीछे की तरफ जाकर धीरे से ऊसके कानों में मादक स्वर में बोला।
ससहहहहहहह.....मम्मी .... तुम बहुत ही हॉट और खूबसूरत हो, तुम्हारे जैसी खूबसूरत औरत मैंने आज तक नहीं देखा। ( राहुल अपनी मां की तारीफ करते हुए लगातार उसकी पैंटी को भी नाक लगाकर सुंघे जा रहा था ऐसा लग रहा था कि जैसे पेंटी को सुंघते हुए उसकी उत्तेजना पल-पल बढ़ती जा रही है। अपने बेटे के मुंह से अपने बदन की तारीफ सुनकर वह शर्माकर ईठलाते हुए बोली।)
चल झूठा कोई काम नहीं है तो बेवजह की तारीफ किए जा रहा है। ( इतना कहकर वह राहुल के हाथ से अपनी पैंटी को छीन कर जाने लगी तो पीछे से राहुल बोला।)
सच कह रहा हूं मम्मी आप बहुत खूबसूरत हो। ( अपने बेटे की बात सुनकर वह वहीं रुक गई। ) तुम अगर कोई गैर औरत होती तो मैं तुम्हें अपना गर्लफ्रेंड बना लिया होता। ( अपने बेटे की यह बात से वह एकदम से रोमांचित हो गई उसके चेहरे पर मुस्कुराहट फैल गई और वह मुस्कुराते हुए गर्दन घुमाकर पीछे राहुल की तरफ देखने लगी। अपनी मां को अपनी तरफ इस तरह मुस्कुराते हुए देखकर राहुल बोला।) आई लव यू मम्मी।
( राहुल को युं ईजहार बयां करते हुए देख कर अलका बोली।)
तू पागल हो गया है।( इतना कहकर वह मुस्कुराते हुए जाने लगे तो राहुल ने फिर से से रोकते हुए बोला।)
मम्मी रुको।( अलका फिर रुक गई राहुल के बदन मे उत्तेजना बढ़ चुकी थी उसके लंड का तनाव पेंट में तंबू बनाया हुआ था जिस पर बार-बार अलका की भी नजर चली जा रही थी। राहुल की बात सुनकर भर रुक तो गई थी लेकिन वह अपनी पीठ राहुल की तरफ किए हुए ही खड़ी थी। वह बहुत ही उत्सुक थी,वह देखना चाहती थी कि अब राहुल क्या करता है क्या कहता है? तभी राहुल बोला।
मम्मी क्या आप अपनी पेंटी दोगी ऊतार के!
( अलका अपने बेटे की यह बात सुनते ही एकदम सन्न हो गई, साथ ही ऊसके कहे एक-एक शब्द ने उसके बदन में रोमांच फैला दिया। वह जानती थी कि राहुल क्या कह रहा है और उसकी पैंटी के साथ क्या करना चाहता है। लेकिन फिर भी अनजान बनते हुए वह बोली।)
उतार के...... मतलब (इतना कहने के साथ ही अलका राहुल की तरफ घूम गई वह अपना आंचल फिर से कंधे पर रख ली थी, उसकी नजर राहुल की पैंट पर पड़ी तो अभी भी ऊसका पूरा तनाव बना हुआ था, राहुल फिर बोला।)
उतार के मतलब... इस समय आप जो पेंटी पहनी हुई हो उसकोे उतार कर मुझे दो।
क्या करोगे मेरी पैंटी को?
वही करुंगा जो आप की धुली हुई पेंटी के साथ कर रहा था।( पेंट के ऊपर से ही लंड को सहलातो हुए बोला, अपने बेटे को यूंही उसकी आंखों के सामने ही लंड सहलाता हुआ देखकर उसकी बुर में सुरसुराहट बढ़ गई, राहुल की बातों से अलका का उन्माद बढ़ने लगा। वह उन्मादित होते हुए बोली।)
तुम पागल हो गए हो राहुल, ऐसा भी भला कोई करता है क्या?
मैं करुूंगा मम्मी मैं तुम्हारी बुर की खुशबू तुम्हारी पैंटी में महसूस करना चाहता हूं। तुम्हारी बुर सो लाखों फूलों की खुशबू आती है उसकी मादक खुशबू मे मैं अपना सब कुछ भूल जाता हूं। मम्मी दोना।
मेरा मन बहुत कर रहा है आप की पहनी हुई पेंटी की मादक खुशबू अपने सीने में उतारने के लिए।
( अपने बेटे की ऐसी उत्तेजक और उन्माद से भरी गरमा बातों को सुनकर का रोम-रोम जना गया उसके तन-बदन में उत्तेजना की लहर फेलने लगी। वह राहुल की बातों को सुनकर कामोतेजना से भर गई उसे इस बात की उम्मीद कभी नहीं थी कि राहुल ऐसी भी इच्छा रखता है। उसे इस बात पर बिल्कुल भी यकीन नहीं हो पा रहा था कि कोई कैसे भला किसी औरत की यूज़ की हुई पेंटिं को इस तरह से नाक लगाकर सुंघ सकता है। अब तो अलका की भी उत्सुकता बढ़ती ही जा रहीे थी वह भी देखना चाहती थी कि कैसे राहुल उसकी पहनी हुई पेंटी को यु नाक लगाकर मस्ती के साथ सुघता है। वह भी बात बनाते हुए बोली।
नहीं राहुल एेसा नही होता छी: कितनी गंदी बात है। ( अलका जानबूझकर ऐसा बोल रही थी अब तो वह खुद चाहती थी कि उसका बेटा उसकी पहनी पेंटी को सुंघकर मस्त हो। लेकिन वह खुद सामने से अपनी पैंटी उतार कर अपने बेटे को देने में असहजता का अनुभव कर रही थी वह चाहती थी कि उसका बेटा जोर देकर उसकी पेंटी को मांगे। और राहुल यही कर रहा था वह फिर से जोऱ देते हुए अपनी मां से बोला।
दो ना मम्मी प्लीज अब और ना तड़पाओ मेरी हालत देखो( पैंट के ऊपर से ही अपने लंड को हथेली से मसलता हुआ ) मुझसे रहा नहीं जा रहा है प्लीज मम्मी प्लीज...( राहुल एकदम मदहोश होता हुआ आहें भरते हुए अपनी मम्मी से बोल रहा था अलका भी उसकी तड़प देखकर खुद मचलने लगी, और बोली।)
तो तू ही बता मैं क्या करूं।
आप कुछ मत करो मम्मी बस अपनी पहनी कोई पेंटिं निकाल कर मुझे दे दो।
यहां .....छत पर ....।।कोई देख लिेया तो.....
कौन देखेगा मम्मी यहां छत पर वैसे भी हम दोनों के सिवा यहां है ही कौन? ( अलका पूरी तरह से तैयार थी अपनी पैंटी उतार कर अपने बेटे को देने के लिए बस थोड़ा सा ना नुकुर कर रही थी। वैसे भी शाम ढल चुकी थी, अलका भी अच्छी तरह से जानती थी उनकी छत पर कोई भी उन दोनों को देख नहीं सकता था यह तो अलका सिर्फ बहाना बना रही थी। )
दोना मम्मी प्लीज कोई भी नहीं देखेगा।
ठीक है ठीक है, मैं उतार कर तुझे देती हूं,। ( अलका उन्माद से भर चुकी थी इसलिए अपने बेटे के कहने पर पेंटी उतारने के लिए तैयार हो गई, उसके हाथों में अभी भी कपड़ों का ढेर था वह राहुल के सामने खड़ी होकर छत के ऊपर से ही चारों तरफ नजर घुमाकर यह तसल्ली कर ली कि कहीं कोई देख तो नहीं रहा है। पूरी तसल्ली कर लेने के बाद वह फिर पेंटी उतारने के लिए तैयार हो गई।
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