Desi Sex Kahani होता है जो वो हो जाने दो
10-09-2018, 03:37 PM,
#79
RE: Desi Sex Kahani होता है जो वो हो जाने दो
सुबह हो चुकी थी विनीत सुबह होने से पहले ही नीचे चला गया था जहां पर कुछ दिखाने खोलना शुरू हो रही थी। वहां उसने एक चाय के स्टॉल पर बैठ कर चाय की चुस्की लेते हुए रात के एक-एक पल को याद करके मन ही मन प्रसन्न होने लगा क्योंकि आज उसके मन की हो चुकी थी। किसी काम के लिए किसी लालसा को पूरी करने के लिए वह महीनों से अलका के चक्कर काट रहा था। लेकिन आज जाकर उसकी मनोकामना पूर्ण हुई थी। अलका को भोग कर वह अपने आप को धन्य भाग्य समझ रहा था। उसने आज तक अलका जैसी औरत न देखा था , और ना ही भोगा था। उसके नंगे मांसल ओर गुदाज देंह का वह दीवाना हो गया था। वह मन ही मन में प्रसन्न होते हुए चाय की चुस्की ले रहा था धीरे-धीरे दुकानों के शटर खुलना शुरू हो गए थे । करीब आधे घंटे बाद ही सूर्य की किरण अपने उजाले से धरती को रोशनी चलाने लगे वह चाय के हिस्टोरी चाय और कुछ बिस्कुट के पैकेट लेकर ऊपर की ओर गया। तब तक अलका नींद से जाग चुकी थी। उठते ही उसने सोनू का बुखार चेक करने के लिए उसके माथे पर अपनी हथेली रखी तो उसे इसका एहसास हुआ कि सोनू का बुखार पूरी तरह से उतर चुका था माथे पर हाथ रखने से सोनू की भी आंख खुल गई वह भी राहत महसूस कर रहा था। तब तक विनीत चाय और बिस्कुट के पैकेट लेकर आ गया। विनीत चाय और बिस्कुट वही टेबल पर रखते हुए बोला।
आंटी जी आप चाय और नाश्ता कर लीजिए और सोनू को करा लीजिए तब तक मैं आता हूं थोड़ी देर में । इतना कहकर वह बिना रुके वहां से फिर से नीचे चला गया। 
अलका रात की बात को सोचकर मन ही मन पछता रही थी। वह अपने आप को ही कोस रही थी, बरसों से जमाने भर से छुपाते आ रही इज्जत को आज उसने अस्पताल के बेड पर नीलाम कर दी थी यह बात उससे हजम नहीं हो पा रही थी। उसके सब्र धैर्य और मर्यादा की चादर इतनी पतली होगी उसे बिल्कुल भी यकीन नहीं हो पा रहा था। । आज उसने खुद मर्यादा की चादर को अस्पताल के बेड पर अपने हाथों से ही तार तार कर चुकी थी। वह चाहती तो उसे रोक सकती थी लेकिन ना जाने कौन सी मजबूरी थी कि उसे रोक नहीं सके और इतनी ही ऐसे ही पैदा हो गई थी कि वह खुद ही उत्तेजित होने लगी थी हालांकि यह बात अलग है कि उस संय े उसका ही बेटा उसके बाजू के बेड पर बुखार की वजह से एडमिट था। लेकिन बेड पर एक साथ सोने की वजह से उसकी उत्तेजना ना जाने क्यों बारे में लगी थी शायद एक अनजान लड़के के स्पर्श की वजह से उसके बदन ने उसके दिमाग का साथ नहीं दिया और वह बहकने लगी
यह भी उसकी गलती थी कि एक बार बहकने के बाद वह फिर अपने आप को संभाल ना सकी ओर वही गलती दो तीन बार दोहरातीे रही। वह बार-बार अपनी गलती पर पछताते हुए अपने ऊपर क्रोधित हो जा रही थी। वैसे भी अब पछताने के अलावा उसके हक में कुछ बचा भी नहीं था। वही बातें सोच-सोचकर उसकी आंख भर आ रही थी सोनू यह देख कर अपनी मां से बोला।

तुम रो क्यों रही हो मम्मी? 

( अलंका अपने बेटे को क्या जवाब देती लेकिन फिर भी उसके सवाल का जवाब देते हुए बोली।)

कुछ नहीं बेटा कल तेरी तबीयत ज्यादा खराब हो गई थी इसलिए तेरी तकलीफ देखते हुए मेरी आंखों में आंसू आ गए ,हा लेकिन अब तु बिल्कुल ठीक हो गया है।


मम्मी यह कौन है जो हमारी इतनी मदद कर रहा है।
( सोनू के इस बात पर अलका एक दम से चौंक गई कल रात को जो शर्मनाक हरकत वह कर बैठी थी अगर वह ऐसी हरकत ना करती तो शायद उसे उसकी पहचान से सोनू को अवगत कराने में कोई हर्ज नहीं होता लेकिन इस समय ' लेकिन इस समय वहां उसकी पहचान बताने मैं शर्मिंदगी महसूस कर रही थी लेकिन फिर भी बताना तो था ही इसलिए बहाना बनाते हुए वह बोली।)

मैं जहां काम करती हूं ना बेटा उसी में मेरी एक सहेली भी काम करती है यह उसी का बेटा है।
( सोनू की उम्र अभी इतनी नहीं हुई थी की वह ईन रिश्तो तो के बीच शक की दीवार को खड़ी कर सकें। सोनू अपनी मां की बात को मान गया था और वह उसे नाश्ता कराने लगी, लेकिन वह खुद कुछ नहीं खाई वैसे भी वह बिना नहाए धोए कुछ भी नहीं खाती थी लेकिन इस समय विनीत से उसे नफरत सी होने लगी थी इसलिए वह गुस्से में नाश्ता भी नहीं की और उसे ले जाकर कूड़ेदान में फेंक दी। 

दूसरी तरफ राहुल और विनीत की भाभी दोनों की आंख खुल चुकी थी दोनों एक दूसरे की बाहों में एकदम नग्नावस्था में लिपटे हुए थे। राहुल का लंड उसकी बुर के इर्द-गिर्द दस्तक देते हुए तनाव की स्थिति में था। वीनीत की भाभी राहुल के लंड को अपनी बुर के इर्द-गिर्द रगड़ खाते हुए महसूस करते ही , एक बार फिर से उसे अपनी बुर में लेने के लिए तड़प उठी। दोनों एक दूसरे की आंखों में झांक रहे थे। विनीत की भाभी से रहा नहीं गया और वह तुरंत अपने होंठ को उसके होंठ पर रख कर चूमने लगी राहुल कुछ समझ पाता इससे पहले ही वह उसके ऊपर सवार हो गई घुटनों के बल बैठते हुए उसके खड़े लंड को अपनी नाजुक उंगलियों से पकड़ कर उसके सुपाड़े को अपनी बुर की गुलाबी पत्तियों के बीच टिका दी। राहुल भी तुरंत उसकी दोनों चुचियों को हाथों में दबोच लिया, और वीनीत की भाभी धीरे धीरे उसके लंड पर बैठती चली गई जब तक कि उसका पूरा लंड उसकी बुर में समा नही गया। एक बार फिर से दोनों की सांसे तेज हो चली। राहुल नीचे से अपनी कमर उचका उचका कर धक्के लगा रहा था तो विनीत की भाभी भी खूब जोर लगाकर उसके लंड के ऊपर उठ बैठ रही थी। थोड़ी ही देर में दोनों की गरम सांसों से और दोनों की गरम सिस्कारियों से पूरा कमरा गूंजने लगा और इसके बाद हल्की सी चीख के साथ दोनों एक साथ झड़ गए। 

थोड़ी ही देर में विनीत की भाभी और राहुल नहा कर तैयार हो गए थे। राहुल के जाने का समय हो गया था वीनीत की भाभी पूरी तरह से संतुष्ट नजर आ रही थी उसे अपने जीवन में एसा सूख कभी भी नहीं मिला जब भी मिला तो वह राहुल से ही मिल रहा था। वह पूरी तरह से राहुल की दीवानी हो चुकी थी वह चाहती थी कि राहुल उसके घर हमेशा आए लेकिन जिस तरह से पहली बार नंबर देने के बावजूद भी वह है ना फोन किया और ना ही उससे मिलने की कभी कोशिश किया वह तो बाजार में मिल जाने की वजह से आज जो सुख भोग रही थी यह उसी का नतीजा था अब ना जाने वह कब मिलेगा। इसलिए वह ऐसा चाहती थी कि कुछ ऐसा जुगाड़ हो जाए की वह जब भी बुलाए राहुल दौड़ता हुआ चला आए इसके लिए राहुल के पास फोन होना जरूरी था। इसका भी जुगाड़ वह सोच रखी थी।
राहुल जाने को था क्योंकि किसी भी वक्त विनीत अा सकता था। दरवाजे पर राहुल पहुंचा ही था कि विनीत की भाभी उसे रोकते हुए बोली।

रुको राहुल
(इतना कहने के साथ ही वह उसके करीब पहुंच गई।)
(राहुल भी दरवाजे को खोलते खोलते रुक गया।)

क्या हुआ भाभी कहीं फिर से तो आपका मूड नहीं बन गया। 

मेरा मूड तो तुम्हें देखते ही बन जाता है।( इतना कहने के साथ ही वह उसे अपना पुराना वाला स्मार्टफोन थमाते हुए बोली।)

यह रख लो राहुल 

यह क्या है भाभी? 

यह मेरा मोबाइल है, पुराना मैं इसे यूज नहीं करती यूं ही पड़ा हुआ था सोची कि तुम्हारे कुछ काम आ जाएगा। लो रख लो। 

( राहुल को समझ में ही नहीं आया कि वह ले या ना ले क्योंकि आज तक ना उसने किसी से कुछ लिया है वैसे भी आज तक उसे किसी ने भी ऐसी कोई चीज दी भी नहीं, इसलिए वह उस मोबाइल को लेने में असहज हो रहा था।) 

नहीं भाभी यह मैं नहीं ले सकता ।

लो रख लो राहुल हमें तुम्हारे लिए नहीं बल्कि अपने लिए ही दे रही हूं। ( विनीत की भाभी की यह बात राहुल को समझ नहीं आई इसलिए वह बोला।) 

मैं समझा नहीं भाभी।

अरे मेरे राजा (बड़े ही नटखट अंदाज में) तुम तो एकदम बुद्धू अगली बार जब तुम मेरे घर आए थे उसके बाद जाकर अब मुझसे मिले हो , जानते हो तुम से दोबारा मिलने के लिए मैं कितनी तड़पी हूं, इसलिए तो मैं तुम्हें यह मोबाइल दे रही हूं ताकि जब भी मेरा दिल करे तुम्हें फोन करके बुला लूं। ( उसकी बात सुनकर राहुल मुस्कुरा दिया और उसके मुस्कुराहट के साथ ही विनीत की भाभी ने उसे मोबाइल थमा दी। और जाते जाते हैं उसे एक 500का नोट भी दे दी जिसे वह लेने से इंकार कर रहा था लेकिन उस ने जबरदस्ती उसके शर्ट की जेब में डालते हुए बोली।) 
राहुल यह तुम्हारी मेहनत के हैं हमेशा आते रहना और मैं हमेशा तुम्हारी मेहनत की बक्षीस तुम्हें देती रहूंगी। 

( जबरदस्ती पेसे जेब में रखने की वजह से वह लेने से इनकार नहीं कर पाया, और उसे लेकर अपने घर की तरफ चल दिया विनीत की भाभी उसे जानबूझकर पैसे देते हुए उसके अंदर पैसे का लालच दे रही थी ताकि वह बार-बार उसके बुलाने पर आता रहे।) 

दूसरी तरफ अस्पताल में अलका गुमसुम बैठी हुई थी रात की यादें उसका पीछा नहीं छोड़ रही थी। लेकिन एक टेंशन और था उसे अस्पताल का बिल भरने की जिसके लिए उसके पास पैसे नहीं थे और वह ना चाहते हुए भी वीनीत का इंतजार कर रही थी, जोकि नीचे गया हुआ था। क्योंकि उसे यकीन था कि बिल के पैसे भी वही चुकाएगा। 

बस शायद एक यही बात उसे रात को विनीत को इनकार करने से रोक रही थी और वह आगे बढ़ता गया और साथ ही वह खुद भी उस बहाव में बहती चली गई, मजबूरी इंसान से क्या कुछ नहीं कर रही थी यह भी उसकी एक मजबूरी ही थी, ऐसे बहुत से पल उसके सामने जिंदगी में आ चुके थे जब वह अपने आप को लाचार महसूस करती थी लेकिन आज की लाचारी उसका सबकुछ उजाड़कर जा चुकी थी। बरसो की तपस्या भंग हो चुकी थी। 
तभी वीनीत हाथ में अस्पताल का बील और कुछ दवाइयां ले कर के आया और उसे अलका को थमाते हुए बोला।

आंटी जी डॉक्टर ने छुट्टी दे दी है यह कुछ दवाइयां है जो सोनू को समय-समय पर देनी है, और मैंने अस्पताल का बिल चुका दिया है। अब हमें चलना होगा।
( वीनीत की बातें सुनकर वह कुछ बोली नहीं बस सोनु को साथ लेकर चलने लगी , )

राहुल घर पर पहुंचकर दरवाजे का ताला खोला क्योंकि एक चाभी राहुल के पास भी रहती थी। वह पूरी तरह से संतुष्ट हो चुका था रात भर वीनीत की भाभी की चुदाई कर करके थकान सी महसूस कर रहा था। और वहीं कुर्सी पर बैठ गया' रात भर जागने की वजह से उसकी आंख लग गई। 
थोड़ी देर बाद विनीत अलका को और सोनू को घर के दरवाजे के सामने ही छोड़ कर गया विनीत मन ही मन इस बात से प्रसन्न हो रहा था कि उसने आज अलका का घर भी देख लिया था। अलका दरवाजे पर पहुंची तो दरवाजे की कड़ी खुली हुई थी और उसने हल्का सा धक्का देकर दरवाजा खोल दि। दरवाजा खुलने की आवाज उसे राहुल की नींद खुल गई और वह दरवाजे की तरफ देखा तो अल्का और सोनू अंदर प्रवेश कर रहे थे उन्हें देखते ही राहुल बोला।

मम्मी आप यहां आज ऑफिस..... सोनू भी स्कूल नहीं गया.... बात क्या है मम्मी। 
( अलका उसे बता दे कि उसके जाने के बाद सोनू की तबीयत खराब हो गई थी जिसकी वजह से वह उसे अस्पताल लेकर गई थी और ज्यादा तबीयत खराब होने की वजह से रात भर अस्पताल में रुकना पड़ा। और कल शाम से गई तो इस वक्त आ रही हुं। राहुल अपनी मम्मी की बात सुनकर परेशान हो गया पर अपने आप पर गुस्सा भी होने लगा कि इस वक्त उसे घर पर होना चाहिए था वह बाहर था' उसने भी यह बता दिया कि रात भर वह भी दोस्त के वहां था प्रोजेक्ट पूरा करने में लगा हुआ था और थोड़ी देर पहले ही आया है।) 

चलो कोई बात नहीं सोनू तुम चल कर आराम करो तब तक मैं नहा धोकर के कुछ खाने को बना देती हुं ।
( इतना कहकर वह बाथरूम की तरफ चली गई राहुल वहीं बैठा रहा। अलका बाथरूम में जाते ही दरवाजा बंद कर ली। वह रात की घटना को याद करके सिसक सिसक कर रोने लगी, ऊसे अपनी गलती पर बहुत ज्यादा पछतावा हो रहा था। लेकिन कर भी क्या सकती है वक्त रेत की तरह होती है एक बार हांथसे फिसल गई तो फिसल गई । वह मन ही मन अपने आप से ही बोलते हुए रो रही थी।

मुझे इंकार कर देना चाहिए था भले ही वह मेरी इतनी मदद कर रहा था तो क्या हुआ जरा सी भी मैं हिम्मत दिखाई होती' अगर मुझे उसके एहसान की परवाह ना होती तो आज मैं अपनी नजरों से यूं गिरी ना होती।
लड़का मेरी जिंदगी में तूफ़ान बन कर आया है मेरे हंसते खेलते परिवार को मेरे सुखचैन को सब कुछ तबाह कर दीया। कहीं ऐसा ना हो कि वह यह बात दूसरों को बताना शुरू कर दे मैं तो कहीं कि नही रह जाऊंगी। नहीं वह ऐसा नहीं कर सकता उसने मुझसे जबरदस्ती तो नहीं किया था मै ही उसपल में थोड़ा-बहक गई थी
मैं कैसे अपने आप को संभाल न सकी मुझे तो अपने आप से घिन्न होने लगी है। 

यही सब अपने आप से कहते हुए अपने ऊपर एक-एक मग ठंडा पानी डाल कर नहाती रही। ठंडे पानी से नहा कर का मन कुछ शांत हुआ वह नहा कर बाहर आ गई।

अलका सीधे रसोई घर में जाकर खाना बनाने लगी बाहर कुर्सी पर बैठा राहुल उसे ही देख रहा था गीले बालों की वजह से ब्लाउज भेज चुका था जिसकी वजह से उसके अंदर की लाल ब्रा की स्ट्रेप दिखाई दे रही थी जिसे देखते ही राहुल के लंड में तनाव आना शुरू हो गया, वैसे भी नहाने के बाद अलका की खूबसूरती में चार चांद लग जाया करता था। राहुल की नजर बार-बार ऊसके गैीले बालो से होकर के कमर के नीचे के उन्मुक्त घेराव पर चले जा रहे थे। राहुल भी अच्छी तरह से जानता है कि भले ही रात भर विनीत की भाभी के साथ शरीर सुख का आनंद लिया है लेकिन उसकी मां की तरह खूबसूरत और उसकी तरह गुदाज बदन ना तो विनीत की भाभी का था और ना ही नीलू का। राहुल एक तरह से अपनी मां के प्रेम में ही पड़ गया था वह से बेइंतहा प्यार करने लगा था। बिस्तर पर जो मजा उसे उसकी मां से मिलता था वह मजा दूसरे किसी भी औरत से उसे नहीं मिलता था। 
बस यूं नज़रों से अपनी मां के बदन को टटोलने भर से उसका मन शांत होने वाला नहीं था इसलिए वह कुर्सी पर से उठा और सीधे रसोईघर में चला गया, और जाते ही अपने पेंट में बने तंबू को अपनी मां के खेरा अवतार नितंबों के बीच की दरार में धंसाते हुए उसे अपनी बाहों में भर लिया। खड़े लंड की चुभन अपनी गांड के बीचो-बीच महसूस करते ही अलका पूरी तरह से सिहर उठी
, मैं कुछ बोल पाती उससे पहले ही गीले बालों में से आ रही मादक सोंधी सोंधी खुशबू को नाक से जोर से खींचते हुए उसकी बड़ी बड़ी चूचीयो पर हथेलिया रखकर दबाने लगा, वह अपनी मां की सुराहीदार गर्दन को चुमते हुए धीरे-धीरे करके उसकी साड़ी को उठाने लगा लेकिन तभी अलका उसे रोकते हुए बोली।

आज नहीं राहुल रात भर सोई नहीं हूं मुझे थकान महसूस हो रही है फिर कभी।
( अपनी मां की यह बात सुनकर राहुल का जोश एकदम से ठंडा हो गया उसे अच्छा तो नहीं लगा लेकिन फिर भी वह जानता था कि रात भर वह सोनु को लेकर परेशान हुई है इसलिए चेहरे पर झूठी मुस्कान लाते हुए बोला।)

सॉरी मम्मी मैं आपका यह रुप को देख कर बहक गया था इसके लिए ऐसा कर बैठा सॉरी। ( इतना कहने के साथ ही वह खड़े लंड को लेकर रसोई घर के बाहर आ गया और अलका भी बिना कुछ कहे अपना काम करती रही उसका मन अभी भी भारी ही था।
राहुल अपने कमरे में चला गया विनीत की भाभी के द्वारा दिए गए मोबाइल को लेकर वह बहुत उत्सुक था। वह जेब से मोबाइल निकाल कर उसे देखने लगा मोबाइल पाकर बहुत खुश था लेकिन वह जानता था कि मोबाइल को उसे छुपा कर ही रखना होगा वरना कहीं उसकी मां ने देख ली तो बात का बतंगड़ बन जाएगा। तभी उसे यह ख्याल आया कि विनीत की भाभी ने मुझे ₹500 का नोट भी दी थी यह कैसे खर्च करना है या उसे नहीं मालूम था वह अपनी मां को यह रुपए दे भी नहीं सकता था क्योंकि हजार सवाल पूछने लगेंगी, तभी उसे विनीत की भांभि के महंगे ब्रांडेड पैंटी और ब्रा के बारे में ख्याल आया। ब्रा और पैंटी के बारे में ख्याल आते ही उसने अपनी मां की मस्ती चडडी नजर आने लगी इसलिए उसने तय कर लिया था कि इन पैसों से वह अपनी मां के लिए ब्रांडेड ब्रा पैंटी और एक सेक्सी गाउन लाकर देगा। अपनी मां के लिए महंगी ब्रा और पेंटी को खरीदने मात्र के बारे में सोचकर ही वह उत्तेजित होने लगा । वह बहुत खुश था की अब वह अपनी मां के लिए ब्रांडेड ब्रा और पेंटी खरीद के लाकर दे सकेगा। 

पैसे और मोबाइल को वह अपने बैग में ही छुपा दिया ताकि उसकी मां की नजर उस पर ना पड़ सके। 
दो-तीन दिन ही बीते थे कि वीनीत की भाभी ने उसे फोन करके अपने घर बुला ली और वह फोन आते ही तुरंत घर पर पढ़ाई का बहाना बनाकर उसके घर चला गया और वहां जाकर के वीनीत की भाभी को चोदकर खुद भी शांत हुआ और उसकी भी प्यास को बुझाया। अभी मोबाइल दिए 10 दिन भी नहीं बीते थे कि वह पांच छ: बार अपने घर फोन करके बुला ली थी। और हर बार उसे कुछ न कुछ बक्षीस दे देती थी। वह जितने पैसे मिलते थे उनमें से कुछ पैसे अपनी मां को दे देता था लेकिन यह पैसे वह यह बोलकर दे रहा था कि, उसका एक दोस्त है उसके पापा का कारखाना है और वह उसे कुछ ऑफिस का काम दे देते हैं और थोड़े पैसे भी दे देते हैं। वह उनका काम कर देता है और बदले में वह कैसे पैसे देते हैं यह बात अलका को अच्छी तरह से हजम भी हो गई उस का भी खर्चा चलने लगा था। वह तो इस बात से खुश ही हुई थी की थोड़े से काम में राहुल को पैसे मिलने लगे थे। 
जैसे तैसे करते हुए दिन गुजर रहे थे। अस्पताल वाली रात को गुजरे 15 दिन जैसे हो चुके थे उस दिन से अलका सहमी सहमी सी रहती थी। रास्ते में आते जाते कभी कभार विनीत मिल जाता तो अलका की आंखों में खून ऊतर जाता था लेकिन अपने आप पर काबू कर के वह दो चार बातें बतिया कर आगे बढ़ जाती थी। लेकिन वीनीत जब भी मिलता था उसके चेहरे पर एक कामुक मुस्कान होती थी जोकि अलंका के दिल में भाले की तरह चुभती थी। 
पिछले कुछ दिनों से राहुल अपनी मां के हावभाव पर गौर कर रहा था। पिछले कुछ दिनों से ऊसकी मां का रवैया बदला बदला सा नजर आ रहा था। वह जब भी उसकी तबीयत के बारे में पूछता तो वह सर दर्द का बहाना बनाकर बात को पलट देती राहुल को भी ऐसा लगने लगा था कि शायद हो सकता है मम्मी की तबीयत खराब हो इसलिए वह बार-बार में दवा लेने के लिए भी बोल चुका था। राहुल की बात पर वह दवा ले लेगी ऐसा कह कर बात को हमेशा टाल जाती थी क्योंकि वह जानती थी कि वह तन से नहीं मन से बीमार है दवा से उसके मन की बीमारी जाने वाली नहीं थी। राहुल अपनी मां को चोदने के लिए तड़प रहा था क्योंकि जब से सोनु बीमार हुआ था तब से लेकर अब तक वह उसे चोद नहीं पाया था जब भी वह उसके करीब जाता तो वह तबीयत का बहाना बनाकर उसे हटा देती थी उसे अपनी मां का यह रूप कुछ समझ में नहीं आ रहा था। राहुल की यह तड़प लाजीमी थी क्योंकि जो मजा बिस्तर पर उसकी मां उसे दे दी थी वह मजा उसे किसी के भी साथ नहीं मिल पाता था। वह रोज रात को अपनी मां की बड़ी बड़ी चुचियों के बारे में उसकी गुदाज मांसल गोरे बदन के बारे में और उसकी रशीली गुलाबी पत्तीयो वाली बुर के बारे में सोच सोचकर मुठ मारा करता था। अपनी मां को चोदने की ऊसकी तड़प दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही थी। ऐसे मे उसे एक दिन फिर वीनीत की भाभी का फोन आ गया और वह फिर से वहां चला गया, लेकिन अभी तक उसकी मां को यह पता नहीं चल पाया था कि उसके पास मोबाइल है वह मोबाइल रखने में बहुत ही सावधानी रखता था।
विनीत के घर पहुंचते ही एक बार फिर दोनों एक हो गए दोनों के बदन से सारे कपड़े एक एक कर के नीचे फर्श पर गिरने लगे, और दोनों एकाकार हो गए आज जी भर कर वीनीत की भाभी ने राहुल से अपनी बुर रगडव़ाई थी
क्योंकि कल उसे और विनीत को एक रिश्तेदार के वहां जाना था क्योंकि वहां शादी थी और वहां से आने में बस 15 दिन का समय लग सकता था इसलिए वह आज ही जी भर के अपनी बुर में राहुल का लंड डलवा कर चुदवा चुकी थी। 
धीरे धीरे अलका सामान्य होने लगी थी, अब वो राहुल से मुस्कुरा कर बातें करने लगी थी। अपने अंदर आए बदलाव का कारण व समझ पा रही थी क्योंकि कुछ दिनों से उसे विनीत नजर नही आया था।

धीरे धीरे कर के अस्पताल वाले वाक्ये को गुजरे बीस 25 दिन हो गए थे। लेकिन विनीत के तरफ से ऐसी कोई भी हरकत नहीं हुई जिससे अलका को शर्मिंदा होना पड़े' इसलिए रुका था गणित के प्रति डर धीरे-धीरे दूर होने लगा था। और जैसे-जैसे उसका डर दूर होता जा रहा था वह सामान में होती जा रही थी और यह बदलाव राहुल को अच्छा लग रहा था लेकिन अभी भी बहुत प्यासा था अलका को देखते ही राहुल का लंड हमेशा तन कर खड़ा हो जाता था। खासकर के चलते हुए उसकी मटकती हुई गांड को देखकर वह अपना आपा खो बैठता था। आज उसकी मां का थोड़ा सा रवैया बदलता हुआ नजर आ रहा था इसके लिए राहुल भी मन में यही सोच रहा था कि आज उसकी बात बन जाएगी । 
शाम को उसकी मां छत पर कपड़ों को समेट रही थी। राहुल भी वही पहुंच गया अपनी मां को रस्सियो पर से कपड़े उतारते हुए देख कर बोला।

क्या कर रही हो मम्मी (जबकि वह जानता था कि उसकी मां क्या कर रही है वह तो सिर्फ बातों का सिलसिला शुरु करने के लिए एक तार छेड़ दिया था।)

देख नहीं रहे हो कपड़े उतार रही हूं( उसके चेहरे पर मुस्कुराहट बनी हुई थी, तभी अपनी साड़ी को रस्सी पर से उतरते हुए पानी के बीच में रखी हुई उसकी ब्रा और पेंटी दोनों नीचे गिर गई। जिस पर राहुल की नजर पड़ गई और वह उसे झट से उठा लिया। अलका ने अपने बेटे को उसकी गिरी हुई ब्रा और पेंटी को उठाते देख ली। और तुरंत बोली।)

लाओराहुल ईधर दो क्या कर रहे हो ऊसको लेकर के। ( उसका इतना कहना था कि राहुल तुरंत पेंटी को अपनी नाक से लगाकर सुंघने लगा।
Reply


Messages In This Thread
RE: Desi Sex Kahani होता है जो वो हो जाने दो - by sexstories - 10-09-2018, 03:37 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,578,919 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 553,216 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,266,363 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 957,382 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,697,864 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,117,913 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,015,856 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,275,769 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,108,082 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 292,388 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 11 Guest(s)