Desi Sex Kahani होता है जो वो हो जाने दो
10-09-2018, 03:35 PM,
#68
RE: Desi Sex Kahani होता है जो वो हो जाने दो
विनीत की भाभी के जाने के बाद राहुल बहुत खुश नजर आ रहा था। विनीत की भाभी के बोलने की अदा और उसके कामुक अंदाज की वजह से एक बार फिर से उसे भोगने की इच्छा राहुल के मन में प्रज्वलित हो चुकी थी। आज पहली बार वह किसी औरत के हाथ में अंतर वस्त्र को देख रहा था और वह भी उसे दिखाते हुए विनीत की भाभी की ये हरकत उसके बदन में काम ज्वाला को भड़का चुकी थी और वीनीत की भाभी तो चाहती भीे यही थी इसलिए तो वह जानबूझकर उसे उस की राय जानने के लिए पेंटी दिखा रही थी। विनीत की भाभी ने उसे जानबूझकर हाथ में थमा दी थी और हाथ में लेते ही दिन की तो हालत पतली हो गई थी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि क्या कहे वह तो काउंटर वाले लेडी के कहने पर हामी भर दिया वरना उसके मुंह स शर्म के मारे े कुछ निकलता भी नहीं।

नई टी-शर्ट लेकर राहुल शाम को अपने घर पर पहुंच गया जो पैसे उसने टी शर्ट खरीदने के लिए लिए थे वह पूरा का पूरा बच गया और उस से भी ज्यादा कीमती टी शर्ट विनीत की भाभी ने उसे दिला दी थी। लेकिन यह बात उसने अपनी मां को नहीं बताई और बचे हुएे पेसे अपने पास ही रखे रहा यह सोचकर की जरूरत पड़ने पर काम आएगा। विनीत की भाभी के आमंत्रण को पाकर राहुल मन ही मन बहुत खुश हो रहा था क्योंकि एक बार फिर से उसे उसकी बुर चोदने को मिलने वाली थी। अभी तक अपनी मां के बिस्तर पर उसके साथ जो भी कला बाजिया दिखा रहा था वह सब वीनीत की भाभी की ही देन थी। नीलू ने भी उसे बहुत खूब सिखाई थी। लेकिन विनीत की भाभी ज्यादा ही मैच्योर थी। इसीलिए उससे राहुल को कुछ ज्यादा ही सीखने को मिला था और जो जो उसे सीखने को मिला था वह सारी कलाओ का उपयोग उसने अपनी मां पर कर दिखाया था। जिस दिन से दोनों ने अपना आपा खोया था उस दिन से लेकर अब तक, रोज रात को रिश्ते और मर्यादाएं चकनाचूर हो रहे थे। 
अलका को तो जैसे एक प्रेमी मिल गया था। राहुल को पाकर अलका सारे जग को भूल चुके थे हमेशा उसके आगे पीछे घूमने वाले वीनीत के बारे में तो वह सोचती भी नहीं थी। उसका जैसे नया जन्म हुआ था उसकि सुनी बगिया में बहार आ गई थी। अब उसे हमेशा रात का इंतजार रहता था जो मजा वह अपने जवानी के दिनों में नहीं लूट पाई अलका अब इस उम्र में अपनी सारी मुरादें पूरी कर रही थी। कुछ दिनों से संपूर्ण रूप से संतुष्टि का एहसास करके उसका खूबसूरत चेहरा और ज्यादा खिलने लगा था। 

सारे काम निपटा लेने के बाद रसोई घर की सफाई से निपटकर वह सीधे राहुल के कमरे की तरफ बढ़ गई जहां पर राहुल पहले से ही उसका इंतजार कर रहा था लेकिन देर होता देख अपने स्कूल की बुक निकालकर पढ़ने लगा था हमेशा की तरह राहुल का दरवाजा खुला ही था और अलका भी दरवाजे को धक्का देकर कमरे में प्रवेश कर गई और राहुल के बगल में जाकर बैठ गई।
राहुल के बदन से एकदम सट कर बैठीे थी। राहुल अपनी मां की तरफ देख कर मुस्कुरा दिया और वापस किताब पढ़ने लगा उसे किताब पढ़ता हुआ देखकर अलका अपना एक हाथ उसके कंधे पर रख दि। अलका से रहा नहीं जा रहा था फिर भी वह शांत होकर बैठी रही उसकी चूड़ियों की खनक से कमरे का माहौल मादक बनता जा रहा था वह अपने हाथ से राहुल की पीठ सहला रही थी। रात होते ही उसकी बुर तड़पने लगती थी लंड से मिलन के लिए। सजती संवरती तो वह पहले से ही थी लेकिन जब से राहुल से ऐसा रिश्ता कायम हुआ था तब से वह अपने बदन पर कुछ ज्यादा ही ध्यान देने लगी थी वह अब हमेशा टिपटॉप मे हीं रहती थी। खास करके वह अपने बदन के अंदरुनी भाग पर सफाई को लेकर ज्यादा सजाग हो चुकी थी। पहले तो उसकी बुर के ऊपर बालों का झुरमुट सा उग जाता था। लेकिन अब वह हमेशा तीसरे चौथे दिन ही क्रीम लगा कर बालों को साफ करके अपनी बुर को हमेशा चिकनी रखने लगी थी। 

अलका कुछ देर तक यू ही राहुल की पीठ को सहलाती रही , धीरे धीरे उसके बदन में उत्तेजना का संचार हो रहा था उसकी बुर गरम रोटी की तरह फूलना शुरू हो गई थी। वह इंतजार कर रही थी कि राहुल कुछ करें लेकिन इस समय राहुल ना जाने किताबों में क्या ढूंढ रहा था जबकि उसके बाजू में पूरी पुस्तकालय पड़ी हुई थी। 
अलका पल पल उत्तेजना की सागर में खिंची चली जा रही थी उसे इस समय राहुल की बहुत ज्यादा जरूरत थी। इसलिए जो हाथ पीठ पर फिर रहे थे वहां तब राहुल की जांघों पर रेंगना शुरु कर दिए थे। अपनी मम्मी की हरकत पर राहलु भी उत्तेजना का अनुभव कर रहा था। उसके पजामे में तंबू बनना शुरू हो गया था। जोकि अलका को साफ साफ दिखाई दे रहा था। राहुल की भी सांसे तेज चलने लगी थी। वह भी चाहता था कि अपनी मां के बदन से झट से लिपट जाए लेकिन ना जाने क्यों रुका हुआ था। और दूसरी तरफ अलका पल पल तड़प रही थी उसकी हालत खराब होती जा रही थी राहुल को उकसाने के लिए उसने खुद ही अपने कंधे से साड़ी का पल्लू धीरे से नीचे गिरा दी और उसकी बड़ी बड़ी चूचियां ब्लाउज मे कैद होने के बावजूद भी बहुत ही मादक और प्यारी लग रही थी। चूचियों के बीच की गहरी लकीर और भी ज्यादा मादकता फैला रही थी जिस पर बार-बार राहुल की तिरछी नजरें 
गस्त लगा ले रही थी। अलका कनखियों से देख रही थी की राहुल भी उत्तेजित होने लगा था क्योंकि उसके पजामे का उभार पूरी तरह से बढ़ चुका था और उस उभार को अपनी हथेली में दबोचने के लालच को अलका रोक नहीं पाई और तुरंत अपना हाथ पजामे की तरफ बढ़ा दी। जैसे ही अलका ने पजामे के ऊपर से ही राहुल के लंड को अपनी हथेली में दबोचीे राहुल अजीब सी उत्तेजना की अनुभूति करते हुए सिहर उठा। राहुल का मुंह उत्तेजना के मारे खुला का खुला रह गया। 
अलका लगातार पजामे के ऊपर से ही लंड को सहला रही थी और राहुल उत्तेजना के मारे लंबी लंबी सांसे भर रहा था वह लंबी लंबी सांस भरते हुए बोला।

सससससहहहहहहह......मम्मी ....( ऊत्तेजना के मारे राहुल की आंखे मुंद चली थी। ) क्या यह सही है? 

( राहुल की आंखें पूरी तरह उत्तेजना के मारे मुंद चुकी थी , राहुल कि यह बात अलका समझ नहीं पाई इसलिए वह बोली।)

क्या सही है? 

यही जो हम दोनों के बीच इतने दिनों से हो रहा है क्या यह दुनिया की नजर में सही है? ( राहुल की आंखें अभी भी मुंदी हुई थी अलका राहुल के इस सवाल का क्या जवाब दै उसे कुछ समझ में नहीं आया लेकिन उसके बदन में उत्तेजना पूरी तरह से घर कर चुकी थी। इसलिए वह धीरे-धीरे पजामे की चैन खोलकर राहुल की टनटनाए हुए लंड को पहचाने से बाहर निकालकर हिलाने लगी। ऐसा करने पर राहुल के मुंह से गरम सिसकारी छूट गई। सिसकारी लेते हुए ही वह एक बार फिर से अपने सवाल को दोहराया तो इस बार अलका अपनी बेटे के लंड को धीरे धीरे मुठीयाते हुए बोली।)

मैं नहीं जानती बेटा कि हम दोनों जो कर रहे हैं यह दोनों के बीच जो भी हो रहा है यह दुनिया की नज़रों में सही है या गलत लेकिन इसकी हम दोनों को बहुत ज्यादा जरूरत है इसलिए मैं यही समझती हूं कि सही गलत कुछ भी नहीं है बल्कि यह हम दोनों की हालात के मुताबिक बिल्कुल ठीक है। ( अपनी मां का जवाब सुनकर राहुल आंखें खोल कर अपनी मां को एकटक देखे जा रहा था। और उसकी मां धीरे धीरे सुरूर के साथ उसके खड़े लंड को मुठ्ठीयाए जा रही थी। राहुल का जोश बढ़ता जा रहा था धीरे-धीरे करके अलका लंड को मुठीयाते हुए अपने होंठ को राहुल के होंठों के नजदीक ले जा रही थी और जैसे ही अलका के होठ राहुल के होंठों के नजदीक पहुंचे अलका ने एक पल का भी विलंब किए बिना तुरंत अपने होंठ को राहुल के होठों से सटा दि, राहुल भी जैसे इसी पल का इंतजार कर रहा था वह भी तुरंत अपनी मां के होठों को अपने मुंह में भर कर चूसने लगा दोनों के होठों से चप्प-चप्प की आवाजें आना शुरू हो गई। अलका की हथेली अपने बेटे के लंड पर कसती जा रही थी और राहुल ब्लाउज के ऊपर से ही अपनी मां की चुचियों को दबाता हुआ उसे बिस्तर पर लेटाने लगा। अगले ही पल अलका बिस्तर पर चि्त लेटी हुई थी राहुल अपनी मां के ब्लाउज के बटन को खोलने लगा अलका ललचाई आंखों से अपने बेटे को ही देखे जा रही थी धीरे-धीरे करके राहुल ने अपनी मां के ब्लाउज के सारे बटन खोल दिए। ब्लाउज के खुलते ही अलका ने खुद बिस्तर से थोड़ा उचक कर अपने हाथों से ब्लाउज को निकालकर उतार फेंकी। ब्रा मे केद अलका के दोनों कबूतर आजाद होने के लिए फड़फड़ा रहे थे लेकिन राहुल ने अपनी मां के दोनों कबुतरों को आजाद किए बिना ही ब्रा के ऊपर से ही दोनों हाथों से दबाना ं लगा। अपने बेटे के हाथों से चूचियों के दबते ही अलका के मुंह से गरम सिसकारी छूटने लगी।

ससससससहहहहहहह....आहहहहहहहह.... बेटा और जोर से दबा नीचोड़ दे मेरी चूचियों को बहुत मजा आ रहा है राहुल .....आहहहहहहह.....ऐसे ही दबाते रहे इतना अच्छा तू दबाता है एैसे तो तेरे पापा ने भी कभी नहीं दबाया था मुझे यकीन ही नहीं हो रहा है की चूचियों को दबवाने में इतना आनंद प्राप्त होता है। 
राहुल अपनी मां की बातों को सुनकर अत्यधिक उत्तेजित हो गया उसे भी तो चूचियों को दबाने में आनंद प्राप्त हो रहा था इसलिए और ज्यादा जोर लगा लगा कर ब्रा के ऊपर से ही चूचियों को दबाने का आनंद लूट रहा था और अलका लगातार सिसकते हुए सिसकारी ले रही थी। राहुल बार-बार ब्रा के ऊपर से ही चुचियों पर अपना मुंह इरादा तो कभी ब्रा के ऊपर से ही चूची की कड़क निप्पल को दांतों से काट लेता और तो कभी चूचियों के बीच गहरी दरार में अपना मुंह डाल देता यह सब करने में राहुल को तो आनंद मिल ही रहा था अलका का भी मजा दोगुना होता जा रहा था वह खुद अपने हाथों से राहुल के बालों को पकड़कर अपनी चुचियों पर दबा रही थी। दोनों की सांसे तेज चल रही थी
राहुल अपनी मां के ऊपर लेटा हुआ था अलका मदहोश होकर अपना बदन कसमसाते हुए अपना पेऱ पटक रही थी कभी वह पैर को राहुल के ऊपर फेंकतीे तो कभी बिस्तर पर पटक देंती ऐसा करने पर उसकी साड़ी ऊपर की तरफ सरक कर जांघो तक आ गई थी। जिससे कमरे का नजारा और भी ज्यादा मादक हो गया था।
राहुल अपनी मां की चुचियों को चुमता हुआ धीरे धीरे नीचे की तरफ आ रहा था।
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RE: Desi Sex Kahani होता है जो वो हो जाने दो - by sexstories - 10-09-2018, 03:35 PM

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