Desi Sex Kahani होता है जो वो हो जाने दो
10-09-2018, 03:35 PM,
#67
RE: Desi Sex Kahani होता है जो वो हो जाने दो
क्या बात है बेटा आज सुबह-सुबह दूध पीएगा।तु रूक अभी गर्म कर देती हुं, पहले मसाला तो पीस लु।( इतना कहकर वह फिर से मसाला पीसने लगी। राहुल अपने जवाब से हक्का-बक्का रह गया था लेकिन साथ ही साथ रोमांचित भी था। दोनों एक दूसरे के साथ सब कुछ कर चुके थे कुछ भी बाकी नहीं था फिर भी दोनों आपस में थोड़ा थोड़ा शर्म लिहाज कर रहे थे अलका तो पूरी तरह से तैयार थी। अपने आप को फिर से राहुल को सौंपने के लिए। लेकीन सब कुछ होने के बावजूद भी दोनो अभी पूरी तरह से खुले नहीं थे। राहुल पूरी तरह से गर्म होने लगा था अलका तो पहले से ही गर्म थी। राहुल की आंखों के सामने अलका की चूचियां नाच रही थी। उससे रहा नहीं जा रहा था और उसकी मां उसे तड़पाकर मसाला पीसने में लगी थी। मसाला पीसने में क्या मसाला पीसना तो एक बहाना था वह खुद राहुल की पहल का इंतजार कर रही थी। राहुल वहीं खड़े-खड़े अपनी मां के बदन की थिरकन को देखकर मचल रहा था। रात वाला सारा नजारा उसकी आंखों के सामने नाच जा रहा था। उसे सब कुछ याद आ रहा था कि किस तरह से उसकी मां उसे से चुदवा रही थी और वह भी मजे ले लेकर सारी रात अपनी मां को चोदता रहा था। राहुल अपने अंदर थोड़ी हिम्मत जुटा रहा था क्योंकि उसे इस समय मजा लेना था। वह मन ही मन में अपने आपको तैयार कर रहा था अपने आपको समझा रहा था कि जो काम कल रात को हो चुका तो उसे अभी करने में हर्ज क्या है। यही सोचते हुए धीरे-धीरे रसोई घर के बाहर आ कर इधर उधर नजरें घुमा कर सोनु को देखने लगा कि कहीं सोनू तो उठ नहा गया है। पुऱी तसल्ली कर लेने के बाद, वह फिर से दरवाजे को बंद करता हुआ रसोई घर में प्रवेश कीया। दरवाजे के बंद होने की आवाज को सुनते ही अलका की बुर फूलने पिचकने लगी। वह समझ गई कि राहुल उसे पाने के लिए फिर से तड़प रहा है इसलिए वह खुद भी अपनी भरावदार गांड को कुछ ज्यादा ही बाहर निकालते हुए मटकाने लगी' यह देखकर राहुल से बिल्कुल भी रहा नहीं गया अपनी मां की मटकती गांड को देखकर उसका लंड टन टनाकर खड़ा हो गया। वह जिस तरह से खड़ी थी राहुल अच्छी तरह से जानता था कि उसके मन में क्या चल रहा है इसलिए ज्यादा देर ना करते हुए पीछे से जाकर अपनी मां को पकड़ लिया जैसे ही अपनी मां को पीछे से पकड़ा उसका तंबू अलका की भरावदार गांड में चुभ गया और अलका के मुंह से तुरंत गर्म सिसकारी फूट पड़ी।
सससससहहहहहहह.....।राहुल......( इतना कहने के साथ ही जल बिन मछली की तरह अपनी भरावदार गांड को राहुल की तरफ ऊचकाते हुए तड़प ऊठी। राहुल की सांसे तेज हो चली। उससे अब रुक पाना बड़ा मुशकिल हुए जा रहा था। उसने तुरंत अपनी मां की पेटीकोट को पकड़कर ऊपर की तरफ सरकाने लगा। अलका की भी सांसे तीव्र गति से चलने लगी। धीरे धीरे करके राहुल ने अपनी मां की पेटीकोट को कमर तक उठा दिया, राहुल बहुत ही उतावला हुआ जा रहा था। पेटीकोट के कमर तक ऊठने पर अलका खुद दोनों हाथों से अपनी पेटीकोट को थाम ली और राहुल अपनी मां की गुलाबी पेंटि को दोनों हाथों की उंगलियों में फंसा कर धड़कते दिल से धीरे धीरे नीचे सरकाने लगा जैसे-जैसे पेंटी नीचे सरक रही थी अलका की गोरी गोरी भरावदार गांड दिन के उजाले में चमक रही थी। राहुल की तो हालत ही खराब होनै लगीे थी अपनी मां की गोरी गोरी गांड को देखकर उसका गला सूखने लगा था उसका पूरा बदन उत्तेजना में सराबोर हो चुका था। राहुल धीरे धीरे कर के पेंटी को भी पैरों के नीचे तक पहुंचा दिया। जहां से खुद अलका ही पैरों का सहारा ले कर पैंटी को उतार फेंकी। यह नजारा देखकर राहुल से रुक पाना नामुमकिन सा हो गया था। ओर वह अपनी पेंट उतार ने लगा राहुल को पेंट उतारता देख अलका के बदन में गुदगुदी सी होने लगी और वह राहुल से बोली।


बेटा अगर सोनू आ गया तो। 
(राहुल अपनी पेंट उतारतेे हुए ) इसलिए तो दरवाजा बंद कर दिया हुं अगर आएगा भी तो देख नहीं पायेगा। 
( इतना कहने के साथ ही राहुल अलका के पीछे आकर एक हाथ से उसकी टांग को पकड़ कर उठाते हुए किचन पर रख दिया और अलका की पीठ पर दबाव बनाते हुए उसे आगे की तरफ झुका दिया। अलका आश्चर्यचकित होते हुए राहुल के निर्देश का पालन कर रही थी उसे तो इस पोजीशन के बारे में पता ही नहीं था और राहुल कुछ बोले बिना ही अपने लंड के सुपाड़े को उसकी बुर के गुलाबी छेद पर टीका कर एक करारा थक्का लगाया और पूरा का पूरा लंड बुर के अंदर समा गया। एक बार लंड के घुसने के बाद राहुल कहां रुकने वाला था बस धक्के पर धक्का लगाता रहा। अलका की गरम सिसकारियां पुरे रसोईघर को और भी ज्यादा गर्म कर रही थी। दोनों आनंद के सागर में गोते लगा रहे थे राहुल की कमर बड़ी तेजी से आगे पीछे हो रही थी अलका की भारी सांसे माहौल को और ज्यादा उत्तेजित कर रही थी। सब कुछ बड़ी तेजी से हो रहा था राहुल रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था बस अपनी मां की कमर को दोनों हाथों से थामे लंड को बुर के अंदर धकाधक डाल रहा था। करीब 15 मिनट की घमासान चुदाई के बाद अलका की सांसे और ज्यादा तीव्र गति से चलने लगी उसकी सिसकारियां बढ़ने लगी। और एक जबरदस्त धक्के के साथ दोनों झड़ गए। राहुल अपनी मां की बुर में झड़ ही रहा था कि दरवाजे पर दस्तक होने लगी।

दरवाजे पर दस्तक होते ही दोनों हड़बड़ा गए, दोनों को समझते देर नहीं लगी की रसोई घर के बाहर सोनू खड़ा है। अलका जोकि राहुल के साथ ही झड़ रही थी वह अपने पैर को किचन पर से उतार कर हटने को हुई ही थी की राहुल ने उसकी कमर को कसके दबोच लिया क्योंकि वह अपने लंड की हर एक बूंद को बुर में उतार देना चाहता था इसलिए दरवाजे पर दस्तक होते हुए भी वह झटके खाते हुए रह रहकर झड़ रहा था। अलका बार-बार उसके कानों में फुसफुसाते हुए उसे छोड़ने के लिए कह रही थी लेकिन राहुल तब तक नहीं छोड़ा कि जब तक उसके लंड की हर एक बुंद बुर में न उतर गई।
जैसे ही राहुल पूरी तरह से झड़ गया वह हांफते हुए अपने लंड को अपनी मां की बुर से बाहर खींचा। दोनों के कपड़े अस्तव्यस्त थे। अलका के ब्लाउज के बटन पूरी तरह से खुले हुए थे हालांकि राहुल ने नहीं खोला था अलका खुद ही अपने हाथों से अपने ब्लाउज के बटन खोल दी थी। उसकी बड़ी बड़ी चूचियां ब्लाउज से बाहर तनी हुई खड़ी थी और उसका पेटिकोट कमर के ऊपर तक चढ़ा हुआ था बाहर लगातार दस्तक हो रही थी। 

रुक जा बेटा खोलती हूं (इतना कहकर अलका नीचे जमीन पर पड़ी अपनी पेंटी को जल्दी से उठाकर उसे पहनने लगीे राहुल तब तक अपनी पैंट पहन चुका था और जल्दी से जाकर रस्सी पर टंगी साड़ी और ब्रा लाकर अपनी मां को थमाया। अलका झट से राहुल के हाथों से साड़ी लेकर पहनने लगी थोड़ी ही देर में अलका अपने अस्तव्यस्त कपड़ों को व्यवस्थित करते हुए , दरवाजा खोली तो दरवाजे के बाहर सोनू खड़े होकर आश्चर्य के साथ अलका को ही देख रहा था और दोनों को देखते हुए बोला।

क्या कर रही थी मम्मी इतनी देर से मैं कब से दरवाजे को खटखटा रहा हूं।

बेटा कुछ नहीं दरवाजे का लोक ठीक से बंद नहीं हो रहा था यही ठीक कर रहे थे हम दोनों( अलका हड़बड़ाते हुए बोली और तुरंत बातों का रुख मोड़ ते हुए।) 
अच्छा हुआ तू नहा कर आ गया तु बाहर ही बैठ में जल्दी से गरमा गरम नाश्ता तैयार करके तुझे देती हूं। (इतना कहने के साथ हुई अलका वापस रसोई घर की तरफ चली गई और राहुल भी बाहर आ गया।)
सोनू के जाते ही अलका ने राहत की सांस ली। वैसे भी अलका अच्छी तरह से जानती थी की सोनु अभी ईतना बड़ा नही हुआ था की उसे औरत और मर्द के बीच के संबंधों के बारे में कुछ मालूम पड़े इसलिए उसे शक भी नहीं हुआ था उसे यही लग रहा था की उसकी मम्मी दरवाजा ही ठीक कर रही थी।
थोड़ी देर में नाश्ता तैयार हो चुका था और तीनों साथ में बैठकर नाश्ता किए इसके बाद दोनों अपने अपने स्कूल चले गए अलका को ऑफिस जाना था अलका आज बहुत खुश नजर आ रही थी। और खुश हो भी क्यों नहीं उसकी सुनी जिंदगी में बाहर आ गई थी। रात से लेकर अब तक चार बार जम कर चुदवा चुकी थी लेकिन यह प्यास ऐसी थी की बार-बार बढ़ती ही जा रही थी वह अपने कमरे में तैयार होते हुए अपने बेटे के बारे में हीं सोच रही थी। अपने बेटे के मोटे लंड के बारे मे सोच कर तो कभी अपने बेटे के हर एक धक्के के बारे में याद करके उसके चेहरे पर मंद मंद मुस्कान बिखर जा रही थी। अपनी बुर पर पड़ने वाले हर एक धक्के का एहसास उसकी बुर को फिर से गीला कर रहा था। कुछ देर पहले ही अपने बेटे का लंट डलवाकर चुद चुकी थी लेकिन फिर से उसका मन चुदवाने को करने लगा था।
जैसे तैसे करके उसने अपने मन को शांत की को तैयार होकर ऑफिस चली गई। राहुल भी बहुत खुश था क्योंकि उसका जुगाड़ अब घर में ही हो गया था। 

ऑफिस से शाम को छूटते ही अलका खुशी खुशी अपने घर की तरफ गई वह रात को फिर से पूरा प्रोग्राम फिट करना चाहती थी लेकिन ना जाने क्यों रात होते ही उसके मन को शर्म ने घेर लिया। उसे रात और सुबह वाली घटना के बारे मे सोचकर शर्मिंदगी का एहसास होने लगा। प्रताप एक मन कह रहा था कि यह सब जो हुआ वह ठीक नहीं था मां और बेटे के रिश्ते को कलंकित कर दी थी उसने यह बात का एहसास उसे अंदर तक हचमचा दे रहा था। रिश्ते और मर्यादाओं की डोर को उसने तोड़ चुकी थी , इस बात को लेकर वह परेशान हुएे जा रही थी। 
उसे रात वाली सारी घटनाओं के बारे में सोच कर पूरी तरह से शर्मिंदगी का एहसास होने लगा उसे अपने आप पर विश्वास नहीं हो रहा था कि वह खुद अपने बेटे के सामने भरी बारिश में उसे उकसाने के लिए अपने अंगों को उसे दिखाएं ताकि वह वह सब करने पर मजबूर हो जाए जो एक औरत और मर्द के बीच होता है ऐसी हरकत तो उसने अपने पति को भी उकसाने के लिए कभी नहीं की थी। 
उसे इस समय बिल्कुल भी यकीन नहीं हो पा रहा था कि वह अपने बेटे के सामने पूरी तरह से नंगी होकर उस से चूदवाई उसके लंड को अपने मुंह में लेकर चूसी और राहुल को भी अपनी बुर चटवाई जो कि आज तक उसके पति ने भी कभी नहीं चाटा था। उसका एक मन उसे धिक्कार रहा था लेकिन दूसरी तरफ उसका एक मन यह सारी घटनाओं को सही ठहरा रहा था। उसका एक मन यह समझा रहा था कि यह जो कुछ भी हुआ उसमें ना तो उसकी गलती है ना तो राहुल की यह दोनों की जरूरत है जिसको पूरा करना एक दूसरे का फर्ज था। अलका दोनों में से किसकी बात माने उसके लिए यह तय कर पाना बड़ा मुश्किल हुए जा रहा था। 
आखिरकार रिश्तो की समझदारी के आगे वासना का तूफान हावी हो गया। अलका को भी यह सब सही लगने लगा क्योंकि इस समय फिर से उसकी बुर में चीटियां रेंग रही थी। और वह अपनी बुर की प्यास बुझाने के लिए बिस्तर पर से उठी और सीधे अपने बेटे के कमरे की तरफ चली गई जहां पर राहुल पजामे के ऊपर से अपने लंड को मसलते हुए उसका इंतजार कर रहा था। वह पहले से ही दरवाजा खुला छोड़ दिया था उसे यकीन था कि उसकी मां जरूर आएगी। उसकी मां को कमरे में प्रवेश करते देख राहुल खुशी से झूम उठा ओर अलका भी कामुक मुस्कान बिखेरते हुए बिस्तर पर लेट गई और राहुल को अपनी बाहों में कश्मीर दोनों के हाथ एक दूसरे के बदन पर चारों तरफ फिरना शुरु कर दिए थोड़ी देर में दोनों एक दूसरे के कपड़ों को उतारकर बिल्कुल नंगे हो गए । और फिर से दोनों के बीच घमासान चुदाई का युद्ध शुरू हो गया जिसमें ना तो कोई भी एक दूसरे से हार मानने वाला था न पस्त होने वाला था। इस तरह से पूरी रात ना अलका सोई और ना राहुल को सोने दी।
दोनों के बीच अब इसी तरह का संबंध स्थापित हो चुका था। रोज रात को या जब भी मौका मिलता दोनों एक दूसरे से अपनी प्यास बुझाने में जुट जाते महीनों तक ऐसा चलता रहा।

एक दिन बाजार में अचानक राहुल की मुलाकात वीनीत की भाभी से हो गई। राहुल को देखकर विनीत की भाभी बहुत खुश हुई राहुल भी वीनीेत की भाभी से मिलकर प्रसन्न दिखाई दे रहा था। दोनों की मुलाकात कपड़े की दुकान में हुई थी जहां पर राहुल अपने लिए टी शर्ट खरीदने गया था। 

क्या बात है राहुल तुम तो उस दिन के बाद से कभी दिखाई भी नहीं दिए। मैं तो बड़ी बेशब्र होकर तुम्हारा और तुम्हारे फोन का इंतजार करती रही और तुम हो कि मुझे बस तड़पाते रहे। उस दिन के बाद से ना तो एक बार भी मिलने आए और ना ही फोन किए क्या मेरे प्यार में कोई कमी रह गई थी राहुल।( विनीत की भाभी बड़े ही कामुक अंदाज में अपनी आंखों को नचा नचा कर राहुल से बातें कर रही थी। राहुल विनीत की भाभी की यह अदा को देखकर पानी पानी हुए जा रहा था उसे समझ में ही नहीं आ रहा था कि क्या कहे। अलका अच्छी तरह से समझ रही थी कि राहुल शर्मा रहा है इसलिए बातों का रुख बदलते हुए वह बोली।

अच्छा आप मुझे कुछ मेरे लिए कपड़े खरीदने हैं उसे पसंद करने में मेरी मदद तो करो।( इतना कह कर डिलीट की भाभी कपड़े की शॉप में अंदर जाने लगी लेकिन राहुल वहीं खड़ा रहा राहुल को वहीं खड़ा देख कर विनीत की भाभी उसे फिर से अंदर आने को कहीं ईस बार राहुल उसके कहने पर शोप में उसके पीछे पीछे जाने लगा। कपड़े की अशोक बड़े ही लेटेस्ट डिजाइन के कपड़ों से भरी सोई थी राहुल को समझते देर नहीं लगी थी यह बहुत महंगे कपड़े की दुकान है।
अंदर बहुत ही महंगे काउंटर बने हुए थे । एक से एक लेटेस्ट डिजाइन के कपड़े काचों के भीतर सजाए हुए थे। राहुल की तो आंखें ही चौंधिया जा रही थी। 
वीनीत की भाभी उसे-सीधे अंदर के काउंटर पर ले गई।
इस काउंटर पर सिर्फ औरतों के अंतरवस्त्र ही सजाए हुए थे। जिस पर नजर पड़ते ही राहुल के बदन में सुरसुरी मचने लगी । इस काउंटर पर दूसरा कोई कस्टमर नहीं था काउंटर को मैनेज करने के लिए एक लेडीज थी। काउंटर पर पहुंचते ही वीनीत की भाभी ने उस लेडी को कुछ दिखाने को बोली क्या ,बोली राहुल ठीक से सुन नहीं पाया। राहुल को थोड़ी दूरी पर खड़ा हुआ देखकर वीनीत की भाभी ने उसे अपने पास बुलाई। राहुल उसके पास जाता तब तक उस लेडी ने मरून रंग की ब्रा और पेंटी की जोड़ी उसे दिखाने लगे जिस पर नजर पड़ते ही राहुल के पजामे में तंबू बनना शुरू हो गया। वीनीत की भाभी ने उस मरून रंग की ब्रा और पेंटी को राहुल की ओर दिखाते हुए बोली। 

कैसी लग रही है राहुल।
( उसके इस सवाल पर राहुल एकदम से सकपका गया उसे इस की कतई उम्मीद नहीं थी कि वह ब्रा पेंटी के बारे में उसकी राय पूछेगी। राहुल क्या कहता उसे तो इस समय दोनों औरतों के सामने ब्रा और पेंटी को देखने में भी शर्म महसूस हो रही थी। लेकिन वह बार बार जानबूझकर उस की राय जानने की कोशिश कर रही थी। जब काउंटर वाली लेडी ने भी उसकी राय जानने के लिए बोली।)

बोल दो ना राहुल इतना भाव क्यों खा रहे हो आपकी भाभी आप से बार बार पूछे जा रहीे हैं और आप हो कि कुछ भी जवाब नहीं दे रहे हो ।(इतना कह कर वह मंद मंद मुस्कुराने लगी। तो इस बार राहुल शरमाते हुए बस इतना ही बोला।)

बहुत अच्छी है भाभी। 

( राहुल का जवाब सुनकर दोनों औरतें मुस्कुराने लगे इसके बाद विनीत की भाभी ने ऐसे ही ब्रा पैंटी की दो चार और जोड़ी खरीद ली। और एक छोटी सी गांऊन जौकी एकदम पारदर्शक थी गाउन क्या थी वह छोटी सी ड्रेस ही थी उसे भी खरीद ली। इतनी देर में तो राहुल का लंड फूल टाईट हो चुका था। विनीत की भाभी ने राहुल को भी जबरदस्ती एक मेहंगी टी-शर्ट दिला दी। और जाते-जाते उसे रवि दिन में 3:00 बजे अपने घर पर आने का आमंत्रण दे गई
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RE: Desi Sex Kahani होता है जो वो हो जाने दो - by sexstories - 10-09-2018, 03:35 PM

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