Desi Sex Kahani होता है जो वो हो जाने दो
10-09-2018, 03:34 PM,
#64
RE: Desi Sex Kahani होता है जो वो हो जाने दो
राहुल अपनी मां की नारंगीयो पर डह चुका था। झटके खा-खाकर उसके लंड से गर्म पानी निकल कर उसकी मां की बुर को तर्र कर रहा था। अलका भी अपने बेटे को अपनी बाहों में भरकर गहरी गहरी सांसे छोड़ रही थी। बासना का तूफान शांत हो चुका था दोनों एक दूसरे की बाहों में खोए बिस्तर पर लेटे अपनी उखड़ी हुई सांसो को दुरुस्त कर रहे थे । अलका के चेहरे पर संतुष्टि के भाव साफ झलक रहे थे। उसके जीवन का यह अनमोल पल था। आज बरसों के बाद उसके चेहरे का गुलाबीपन वापस लौटा था। अलका के गोरे चेहरे पर पसीने की बूंदें मोतियों की तरह चमक रही थी। मां बेटे दोनों ने जमकर पसीने बाहाए थे इस अद्भुत अदम्य पल की प्राप्ति के लिए। 
अलका आंखों को मूंद कर इस अद्भुत पल का आनंद ले रही थी। वह अपनी बुर में अपने बेटे के लंड से निकलती एक एक बूंद को बराबर महसुस कर रहीे थी। अलका तो इतने वर्षों में बुर के अंदर लंड के गरम पानी की बौछार का अहसास भूल ही चुकी थी जो कि आज उसके बेटे ने उसे उस अमूल एहसास से परिपूर्ण कराया था। राहुल के भी चेहरे पर आज संतुष्टि के भाव कुछ ज्यादा ही नजर आ रहे थे ।ऊसकी खुशी का ठिकाना नहीं था' राहुल को ऐसा एहसास हो रहा था कि अपनी मां की चुदाई करके उसने जैसे किसी अमूल्य वस्तु को हासिल कर लिया हो। और वैसे भी अलका एकदम अमूल्य ही थी। उसकी खूबसूरती उसके बदन की बनावट देख कर किसी के भी मुंह से आहहहह निकल जाए।
काफी देर तक दोनों यूं ही लेटे रहे दोनों के बीच किसी भी प्रकार के वार्तालाप का आसार नजर नहीं आ रहा था। इस अद्भुत क्रिडा के पश्चात दोनों के मन में फिर से शर्म के भाव उभर रहे थे। यह पल दोनों को आनंदित कर गया था लेकिन अब दोनों एक दूसरे से नजर नहीं मिला पा रहे थे अलका बिस्तर पर लेटे हुए अपनीे ऊंगलियों को अपने बेटे के बालों में फिराते हुए मुंह दूसरी तरफ फेरी हुई थी। दोनों संपूर्णता नग्नावस्था में एक दूसरे की बाहों में बाहें डाले बिस्तर पर पड़े थे राहुल अपनी मां के बदन पर से उठने की कोशिश भी नहीं कर रहा था। उसे यह डर भी था कि अगर उसके बदन पर से उठ गया तो अपनी मा से नजरे केसे मिलाएगा। इसलिए वह लेटै ही रहा लेकिन थोड़ी ही देर में अलका की ऊपर नीचे हो रही सांसों के साथ साथ उसकी बड़ी बड़ी चूचियां भी जोकि राहुल के सीने से दबी हुई थी वह भी ऊपर नीचे हो रही थी। लेकिन ऊपर नीचे हो रही चूचियो की कड़ी निप्पल की चुभन से राहुल के बदन में फिर से उन्माद जगने लगा था । उसके लंड का तनाव कम हो चुका था लेकीन ढीला होकर अभी भी अलका की बुर. में ही समाया हुआ था, लेकिन अलका की ऊपर नीचे हो रही चुचीयो की वजह से राहुल का बदन उन्मादित हो रहा है , और अलका की बुक में ढीला पड़ चुका लंड धीरे-धीरे तनाव में आने लगा था जिसका एहसास अलका अपनी बुर में अच्छी तरह से कर रही थी। 
अपने बेटे के लंड को इतनी जल्दी फिर से टाइट होता देखकर अलका अचंभित हो गई। क्योंकि उसके पति ने जब भी उसकी चुदाई की तो लंड दुबारा टाइट हुआ ही नहीं। और राहुल का लंड था कि तुरंत टाइट होने लगा था जिसके कड़कपन का अहसास बुर में होते ही अलका की सांसे फिर से भारी होने लगी। और साथ ही राहुल को इस बात का एहसास हुआ कि उसकी मां की चूचियां कुछ ज्यादा ही उठ रही थी इसलिए वह अपना सिर उन चुचियों पर से हटाया और अपनी मां की तरफ देखा तो उसकी मां शर्मा कर आंखे मूंदे हुए दूसरी तरफ देख रही थी। राहुल अपनी मां का शर्माता हुआ चेहरा एकटक देखने लगा उसका लँड अभी भी उसकी मां की बुर में था। राहुल अलका- दोनों पसीने से तरबतर थे जबकि बरसात की वजह से मौसम का तापमान गिर चुका था। राहुल अपनी मां की बड़ी बड़ी चुचियों पर पसीने की बूंदे देखकर उत्तेजित होता हुआ दोनों चूचियों को अपनी हथेली में भर लिया और जैसे ही राहुल ने अपनी मां की चुचियों को अपनी हथेली में भरा अलका के मुंह से उन्माद भरी सिसकारी फूट पड़ी। पसीने की बूंद गालों से होती हुई अलका के होठों से टपक रही थी जिसे देख कर राम सराहने किया और वह अपने होठों को अपनी मां के होठों पर रखकर पसीना की बुंदो को जीत से चाटने लगा इतने में अलका भी मस्त हो गई और अपने बेटे के चुंबन का जवाब देते हुए अपने दोनों हाथ से राहुल का सिर पकड़ कर ऊसके बालो को भींचकर. होठो को चुसना सुरु कर दी । मां बेटे दोनों एक बार फिर से एक होने में लग गए लंड तो अभी भी अलका की बुर में धंसा हुआ था जो की पूरी तरह से अपने सबाब पर था। एक बार फिर से अलका की बुर की गुलाबी पत्तियां फेल चुकी थी अलका की सांसे तेज होती जा रही थी लेकिन अब तक राहुल ने जरा सा भी अपनी कमर को झटके नहीं लगाया था वह बस बुरमें लंड पेले अलका के बदन से खेल रहा था। और अलका अपने बेटे के लंड को इतनी जल्दी खड़ा होता देख हैरान थी लेकिन आनंदित भी हो रही थी क्योंकि तना हुआ लंड उसकी बुर में हलचल मचा रहा था जिससे अलका से बर्दाश्त कर पाना बड़ा मुश्किल हुए जा रहा था और वह कसमसाते हुए रह रह कर अपनी कमर को ऊपर की तरफ उछाल दे रहीे थी। अलका पूरी तरह से उत्तेजित हो चुकी थी उसे भी खुद पर यकीन नहीं हो रहा था कि इतनी जल्दी वह दुबारा उत्तेजित हो जाएगी।
राहुल खुद भी पसीने से तरबतर हो चुका था उससे अब गर्मी बर्दाश्त नहीं हो रही थी उसकी मां का भी यही हाल था सीलिंग फैन चलते हुए भी ठंडे मौसम के बावजूद दोनों को गरमी लग रही थी। वह अपनी मम्मी को राहत देना चाहता था इसलिए वह अपनी मम्मी के बदन के ऊपर से उठने लगा और उसे उठता हुआ देखकर अलका राहुल को एकटक देखने लगे कि तभी राहुल ने अपनी मां की बुक में से लंड को खींचकर बाहर निकल लिया , लेकिन जैसे ही राहुल ने अपने खड़े ल** दिखाओ अपनी मां की बुर में से खींचकर बाहर निकाला तो लंड की रगड़ से अलका एकदम से उन्मादित हो गई और उसकी फिर से सिसकारी निकल गई।
राहुल अपनी मां की गरम सिसकारी को सुनकर बिस्तर से उठता हुआ बोला। 

गर्मी बहुत है मम्मी दखो तो आपका पूरा बदन कैसे पसीने में भीग चुका है।

तू भी तो पूरी तरह से पसीने में तर बतर हो चुका है।


मेहनत करने पर तो पसीना निकलता है ना मम्मी (राहुल मुस्कुराते हुए बोला' )

( राहुल के तने हुए ल** पर नजर गड़ाते हुए) तू अब बच्चा नहीं रहा बड़ा हो गया है।

( राहुल जानता था कि उसकी मां की नजर उसके लंड पर है इसलिए मुस्कुराते हुए बोला।)

एक ना एक दिन तो बड़ा होना ही था' अच्छा रुको में खिड़की खोल दूं ताकि ठंडी हवा से कुछ राहत मिले।

( इतना कहने के साथ ही राहुल खिड़की की तरफ बड़ा और अलका उठ कर बैठ गई' अलका अपनी दोनों नंगी टांगों को बिस्तर पर लटकाकर देर गई और राहुल की तरफ देखने का है जहां से राहुल की सिर्फ नितम्ब ही दिख रहे थे। अलका ने आज अपने बेटे को पूरी तरह से नंगा देखा था हालांकि बचपन में तो हमेशा दिखती थी लेकिन जब से राहुल अपने आप से नहाना तैयार होना शुरू कर दिया था तब से लेकर आज ही उसने राहुल को नंगा देखी थी। राहुल खिड़की खोल चुका था और जैसे ही खिड़की खुली वैसे ही ठंडी हवा का झोंका बाहर से आकर कमरे में ठंडक फ़ैलाने लगा और उस हवा के झोंके से अलका के रेशमी बाल उड़ने लगे जिसकी वजह से उसकी खूबसूरती और ज्यादा बढ़ने लगी थी। बाहर का नजारा देखते ही राहुल प्रसन्न होते हुए अपनी मां को देखे बिना ही उसे बुलाते हुए बोला।)

जल्दी आओ मम्मी जल्दी आओ।

क्या हुआ।


अरे यहां आओ तो सही देखो तो सही बाहर का नजारा कितना खुशनुमा हो चुका है। ( राहुल की तरह से बुलाने पर हल्का अपने आप को रोक नहीं पाई और अपने बदन पर बिना कपड़े डालें वह बिल्कुल नंगी बिस्तर पर से उठी और खिड़की के पास आ गए दोनों बिल्कुल नंगे थे। बाहर का नजारा देखकर अलका भी प्रसन्न हो गई पसीने से तरबतर दोनों के बदन अब खिड़की खुलने से ठंडक का अहसास कर रहे थे। बाहर बारिश का जोर बिल्कुल कम हो चुका था स्ट्रीट लाइट में पूरा रोड जगमगा रहा था,लेकीन पुरे सड़क पर घुटनो तक पानी भरा हुआ था। सड़क के कीनारे लगे हुए पेड़ हवा मे एसा लग रहे थे की झुल रहे हो। सड़क की दूसरी ओर मंजुले दो मंजिला घर में नाइट लैंप जल रहा था पूरा शहर सो रहा था हां होंगे कुछ जो इन दोनों की तरह अपनी राते रंगीन कर रहे होंगे। अलका अपने बेटे से बिल्कुल सटकर खड़ी थी और खिड़की से बाहर का नजारा देख रही थी। राहुल अलंका दोनों बिल्कुल नंगे खिड़की पर खड़े थे। अलका की चूचियां बिल्कुल टट्टाार होकर खड़ी थी। खिड़की पर खड़े होकर वह अपने नंगे तन को छुपाने के बिल्कुल भी कोशिश कर रही थी क्योंकि वह जानती थी कि इतनी रात को कोई देखने वाला नहीं था और वैसे भी बाहर घने पेड़ की परछाई से खिड़की वाली जगह हमेशा अंधेरा ही रहता था इसलिए कोई देख भी नहीं सकता था। अलका की नजर बाहर का नज़ारा देखते देखते पास में खड़े राहुल के तने हुए लंड पर गई तो अलका अपने आप को रोक नहीं पाई और तुरंत अपने बेटे के लंड को पकड़ कर मुठीयाने लगी। राहुल से भी रहा नहीं गया और वह अपने हाथों से अपनी मां की बड़ी बड़ी गांड को पकड़ कर दबाने लगा। दोनो फीर से उत्तेजित होने लगे। राहुल से रहा नहीं गया तो उसने दूसरे हाथ से अपनी मां की एक चूची को थाम लिया उसे जोर जोर से दबाने लगा। दोनों एक दूसरे की आंखों में देखते हुए उन्मादित हुए जा रहे थे तभी राहुल अपने होंठ को आगे बढ़ा कर अपनी मां के होठ पर रख दिया और अपनी मां की गुलाबी होठोे को चूसने लगा। अलका बड़ी जल्दी उत्तेजित हो गई थी शर्मीली अलका एकदम बेशर्म हो चुकी थी। अपने बदन की प्यास दिखाने के चक्कर में उसने सारी हदें पार कर चुकी थी वैसे भी वासना की कोई हद नहीं होती वह जब भी होती है बेहद होती है। इसलिए तो अलका ने फिर से अपने बेटे के लंड को अपनी प्यासी और रसीली बुर की फांकों के बीच रगड़ना शुरु कर दी और खुद भी अपने बेटे के होंठ को मुंह में भर कर चूसने लगी राहुल एक हाथ से लगातार अपनी मां की बड़ी बड़ी गांड को उस पर चपत लगाते हुए मसले जा रहा था। जब भी वह अपनी मां की गांड पर चपत लगाता
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