Desi Sex Kahani होता है जो वो हो जाने दो
10-09-2018, 03:34 PM,
#63
RE: Desi Sex Kahani होता है जो वो हो जाने दो
अपनी मां के द्वारा लंड को इस तरह से अपनी बुर पर रगड़ना राहुल से भी बर्दाश्त नहीं हो रहा था। राहुल के बदलने और ज्यादा आग तब लग जाती है जब उसकी मां लंड के सुपाड़े को अपनी बुर के दरार के बीचोबीच रखकर ऊपर से नीचे की तरफ रगड़ती। राहुल के बदन में एकदम से झनझनाहट सी फैल जाती। कामोत्तेजना की आग में दोनों पल पल जल रहे थे दोनों के बदल पसीने में तर बतर हो चुके थे। अलका अपनी कामुक बदन की कामुक हरकतों से राहुल को परेशान कर रही थी। और राहुल अपनी परेशानी का इलाज अपनी मां की चुचियों में ढूंढ रहा था वह लगातार अपनी मां की चुचीयो को मुंह में भर कर चूस रहा था राहुल के इस तरह के स्तन मर्दन करने से अलका की चुचीया एकदम लाल लाल होकर उत्तेजित अवस्था में तन गई थी।
दोनों को असीम आनंद की प्राप्ति हो रही थी बाहर बारिश जोरों पर अपना काम कर रही थी। 
अलका का बदन रह-रहकर झटके खा रहा था और हर झटके के साथ उसकी बुर मदन रस फेंक रही थी।

स्स्सहहहहहहहह.....राहुल बहुत मजा आ रहा है। आहहहहहहहह......एेसे ही.......।हां........ बस चूसता रह मेरी चूचियों को। निचोड़ डाल ईसका सारा रस दबा दबा कर पी जा। ओहहहहहह....राहुल.....

( अलका की आंखों पर वासना की पट्टी चढ़ चुकी थी वह अपने बेटे को ही उकसा रही थी उसके बदन से खेलने के लिए, और राहुल का क्या था वह तो पहले से ही तड़प रहा था अपनी मां के रसीले बदन का लुफ्त उठाने के लिए, ना जाने कितनी बार उसने अपनी मां के बारे में सोच-सोच कर मुट्ठ मार चुका है कल्पना मे उसकी चुदाई भी कर चुका है। पर यहां तो खुद उसकी मा ही उसे आमंत्रण दे रही थी उसके बदन से खेलने के लिए । राहुल भी इस आमंत्रण को स्वीकार करते हुए अपनी मां की दोनों बड़ी बड़ी चुचियों को गेंद की तरह हाथों में लेकर दबा दबा कर मजा ले रहा था। अलका जैसी खूबसूरत औरत के बारे में सोच कर भी ना जाने कितनों का लंड पानी छोड़ देता होगा। और यहां तो राहुल अपनी मां के नंगे बदन पर लेट कर उसके अंगों से खेलता हुआ मजा ले रहा था अलका से अपनी कामुकता बर्दाश्त नहीं हो रही थी वह बार-बार अपने बेटे के लंड को अपनी बुर पर रगड़कर और ज्यादा गरम होती जा रही थी।
दोनों पर अब उन दोनों के खुद का बस नहीं चल रहा था। रिश्तो के मायने बदल चुके थे। बिस्तर पर दोनों मां-बेटे संपूर्णता नग्नावस्था में एक दूसरे के अंगों से खेलते हुए मजा लूट रहे थे। राहुल काफी देर से अपनी मां की चुचियों से खेल रहा था और अलका थी कि अपने बेटे के लंड को अपनी बुर पर रगड़ रगड़ कर राहुल को और ज्यादा गर्म कर रहीे थी उस से अब बर्दाश्त नहीं हो रहा था और अलका भी यही चाहती थी। राहुल का लंड इतना ज्यादा सख्त और कड़क हो चुका था कि अलका को अपने बेटे का लंड अपनी जांघों के बीच चुभता सा महसूस हो रहा था। लंड की चुभन से ही अलका को अंदाजा लग गया था कि उसकी बुर की जमकर कुटाई होने वाली है। 
राहुल को अब कुछ और चाहिए था राहुल धीरे-धीरे चूचियों को दबाता हुआ नीचे की तरफ सरक रहा था और अलका एक हाथ से उसके बाल को भींच कर अपने बदन से दबा रही थी। अपनी मां के बदन पर नीचे की तरफ सरकते हुए राहुल हर जगह चुम्मा-चाटी करते हुए धीरे-धीरे पेट तक पहुंच गया। जैसे-जैसे राहुल के होठ अलका के बदन पर होते हुए नीचे की तरफ जा रहा था वैसे वैसे उसका बदन झनझना जा रहा था। तभी राहुल के होठ अलका की नाभि पर आकर अटक गए , राहुल के होठ अलका की गहरी नाभि पर टिके हुए थे।
अपने बेटे के होंठ का स्पर्श अपनी नाभि पर पाकर उत्तेजना के मारे अलका की सांसे और तेज हो चुकी थी वह गहरी सांसे लेते हुए ं मन ही मन में सोच रही थी कि यह राहुल क्या करने वाला है। राहुल को अपनी मां की नाभि में से आती मादक खुशबू और ज्यादा चुदवासा कर रही थी। राहुल अपने नथुनो से नाभी से आती मादक खुशबू को खींच कर अपने सीने के अंदर उन्माद की लहर भर रहा था और नाभी की मादक खुशबू से उत्तेजित होते हुए वह अपनी जीभ को उस गहरी नाभि में उतार दिया। अपने बेटे के इस हरकत पर अलका तो एकदम से गनगना गई। उसे यकीन नहीं हो रहा था कि राहुल ऐसा करेगा। लेकिन अपने बेटे की इस हरकत की वजह से उसकी उत्तेजना में पल-पल बढ़ोतरी होती जा रही थी उसकी सांसे तीव्र गति से चल रहे थे और सांसो के अंदर बाहर होने के साथ साथ ही उसकी बड़ी बड़ी चूचियां मादकता लिए हुए ऊपर नीचे हो रही थी। राहुल जैसे जैसे अपनी जीभ को नाभि के अंदर गोल-गोल घुमाता वैसे-वैसे अलका सिसकारी लेते हुए कसमसाने लगती। अलका के बदन में इतना ज्यादा उत्तेजना का संचार हो रहा था कि उसकी गरम बुर फूल पिचक रही थी। अलका के बदन में उत्तेजना के कारण जिस तरह से कंपन हो रहा था ऐसा लग रहा था कि जैसे आज उस की सुहागरात है और आज पहली बार ही किसी मर्द के साथ बिस्तर पर मजा ले रही है। राहुल तो अपनी मां की नाभि को ही बुर समझ कर उसे चाटने का लुत्फ उठा रहा था और अलका भी मदमस्त हुए जा रही थी। तभी राहुल नाभि के अंदर अपनी जीभ को गोल-गोल घुमाते हुए एक हाथ से जैसे ही अपनी मां की बुर को मसला वैसे ही अलका के मुंह से सिसकारी छूट गई। 

स्स्स्स्हहहहहहहहहह......आहहहहहहहहहहह.....राहुल
ओहहहहहहहह......राहुल..( राहुल का हाथ अपनी बुर पर महसूस करते ही अलका एकदम से चुदवासी हो गई और उत्तेजना के मारे अपना सिर दाएं बाएं पटकने लगी उससे अपनी उत्तेजना को दबाया नहीं जा रहा था इसलिए वह खुद ही अपनी चूचियों को अपने हाथ से ही दबाने लगी।

यह देखकर राहुल का जोश बढ़ गया और वह अपना में नाभि पर के हटाकर धीरे धीरे नीचे की तरफ बढ़ने लगा जैसे जैसे नीचे बढ़ रहा था अलका के बदन में कंपकपी सी फेल जा रही थी राहुल के बदन के नीचे उसका बदन कसमसा रहा था। और कसमसाते हुए वह अपनी चूचियों को खुद ही जोर जोर से दबा रही थी और अपने मुंह से गर्म सिसकारी छोड़ रही थी। अलका का आज एक नया रूप नजर आ रहा था। शर्मो हया की चादर ओढ़े जो हमेशा रहती थी वह खुद आज वासना के अंधेपन में अपनै बदन से शर्मो लिहाज की चादर को उतार फेंकी थी। अपने बच्चों को संस्कार संस्कार रिश्ते मर्यादाओं का पाठ पढ़ाने वाली आज खुद अपने ही बिस्तर पर अपने बेटे के साथ काम क्रिडा का पाठ पढ़ रही थी। राहुल धीरे धीरे नीचे की तरफ बढ़ रहा था अब वह द्वार जिसमे हर इंसान को बेतहाशा मजा मिलता है बस दो चार अंगुल हिं दूर रह गए थे। उस द्वार के करीब पहुंचते-पहुंचते राहुल की दिल की धड़कन तेज हो गई उसकी सांसे चल नहीं बल्कि दौड़ रही थी और अलका का भी यही हाल था जैसे जैसे राहुल उसर्की बुरके नजदीक आता जा रहा था, वैसे-वैसे अलका के बदलने उत्तेजना की लहर बढ़ती जा रही थी। कुछ ही पल में वह घड़ी भी आ गई जब राहुल कि नजरे ठीक उसकी मां की बुर के दो चार अंगूल ही दूर थी। राहुल फटी आंखों से अपनी मां की बुर की तरफ देख रहा था वह बुर की खूबसूरती में खो सा गया था। उसका गला सुख होने लगा था लंड का तनाव एका एक दुगना हो गया था। एक तरह से बुर पूरी तरह से चिकनी थी बस उसके ऊपर हलके हलके रोए नजर आ रहे थे ऐसा लग रहा था कि मानो अलका ने दो चार दिन पहले ही क्रीम लगाकर अपनी बुर साफ की हो। अपने बेटे को अपनी बुर की तरफ इस तरफ से प्यासी नजरों से देखता हुआ पाकर अलका शरमा गई। और शर्म के मारे दूसरी तरफ अपनी नजरों को फेर ली। दोनों की सांसे तेज चल रही थी राहुल के मन में अजीब सी खुशी का एहसास हो रहा था। 
राहुल के लिए यह पल बहुत अनमोल था क्योंकि जिस दिन से उसने अनजाने में ही अपनी मां को नंगी देखा था तब से ही बात हमेशा अपनी मां को नंगी देखने का मौका ढूंढता रहता था वैसे भी उसे अपनी मां का गुदाज नंगा बदन बहुत ही ज्यादा आकर्षित करता था खास करके उसकी मदमस्त उभरी हुई गांड जिसे देख कर ओर जिसके बारे में कल्पना कर कर वह ना जाने कितनी बार मुठ मार चुका था। लेकिन हर बार उसके मन में अपनी मां की बुर देखने की ललक रहती थी। लेकिन कभी भी ठीक से देख नहीं पाया था। लेकिन आज उसे भरपूर मौका मिला था अपने मन की आस पूरी करने की, जिसे देखने के लिए वह रात दिन तड़पता रहता था। आज वह रसीली बुरर उसकी आंखों के सामने थी। इसलिए तो वह लार टपकाए बुर को देखे जा रहा था। दो दो औरतों की बुर को चोदने के बाद भी उन दोनों से ज्यादा उसे अपनी मां की बुर आकर्षित कर रही थी। जो की उत्तेजना की वजह से गर्म रोटी की तरह फूल चुकी थी राहुल उसे छु़ने की अपनी लालच को रोक नहीं पाया और अपने कांपते हाथों की कांपते उंगलियों को अपनी मां की बुर पर रख दिया। जैसे ही अलका को अपनी बुर पर अपने बेटे की उंगली का स्पर्श महसूस हुआ वह अंदर तक सिहर उठी। राहुल अपनी उंगलियों को हल्के हल्के बुर की दरार के ईद गिर्द फिराने लगा अपने बेटे की इस हरकत की वजह से अलका का बदन कसमसाने लगा। अलका मन ही मन सोच रही थी कि इस तरह से तो वहअपनी सुहागरात पर भी नहीं कांप रही थी और ना ही इतनी ज्यादा उत्तेजना महसूस कर रही थी। तो आज अपने बेटे के साथ मुझे ऐसा क्यों महसूस हो रहा है। अलका कुछ और विचार कर पाती इससे पहले ही उसका बदन असीम सुख के कारण एकदम से गंनगना गया। और एकाएक ना चाहते हुए भी उसके मुंह से गर्म सिसकारी फूट पड़ी। करती थी क्या वह राहुल ने जो हरकत किया था उसकी वजह से हल्का अपने बदन पर और मन पर बिल्कुल भी काबू नहीं रख पाई क्योंकि राहुल ने उसकी बुर पर अपने होंठ रख दिए थे। उसकी बुर से मदन रस का फुवार फूट पड़ा जब राहुल ने अपनी मां की बुर पर होठ रखने के साथ ही अपनी जीभ को भी लस लसी दरार में प्रवेश करा दिया। और उसकी बुर की नमकीन रस को जीभ से चाटने लगा। अलका कभी यकीन भी नहीं कर सकती थी थी कोई इस तरह से भी प्यार करता है । इतनी गंदी जगह पर कोई अपना मूह भी लगा सकता है उसे इस बात पर यकीन नहीं हो रहा था।। राहुल अपनी मां की बुर को लगातार जीभ से चाटे जा रहा था। और अलका मदहोश हुए जा रही थी उत्तेजना के मारे वह अपने सिर को दाएं-बाएं पटक रही थी वह अपनी उत्तेजना को दबाने के लिए अपने होंठ को अपने दांत से ही काट रहे थे लेकिन फिर भी उसके मुख से गर्म सिसकारी निकल ही जा रही थी। अलका को बहुत ही मजा आ रहा था लेकिन उसे इस बात पर शर्म भी आ रही थी कि उसका बेटा कितना गंदा काम कर रहा था।
अलका को आज बहुत ही गंदा लग रहा था क्योंकि इससे पहले उसे मालूम ही नहीं था कि कोई मर्द औरत की बुर भी चाटता है और इस क्रिया में औरत को इतना बेहद आनंद की प्राप्ति होती है। क्योंकि उसके पति ने आज तक कभी भी उसके साथ यह क्रिया नहीं की थी इसीलिए उसको इस बारे में कुछ भी ज्ञात नहीं था। थोड़ी ही देर में अलका को बेहद और असीम आनंद की प्राप्ति होने लगी वह अपने बेटे के सिर पर अपना दोनों हाथ रखकर उसे जोर-जोर से अपनी बुर पर दबाने लगी। 

सससससससससहहहहहहहहह.......राहुल ...... तू यह क्या कर .......रहा है ......क्या कोई इस तरह .....भी करता है( उत्तेजना की वजह से अलका की आवाज भी ठीक से नहीं निकल पा रही थी वह अटक- अटक कर बोल रही थी। अपनी मां के सवाल पर थोड़ी देर के लिए वह अपनी मां की बुर पर से अपने होंठ हटाकर अपनी मां की तरफ देखते हुए बोला। )

मम्मी मुझे तो बहुत मजा आ रहा है। मुझे यकीन ही नहीं हो रहा है कि बुर चाटने मे ईतना आनंद मिलता है। ( राहुल यह बात झूठ बोल गया था क्योंकि इससे पहले भी उसने नीलू और वीनीत की भाभी के बुर चाटने का स्वाद चख चुका था। ) 
मम्मी सच सच बताना क्या तुम्हें बुर चटवाने में मजा नहीं आ रहा है। ( अपने बेटे के खुले शब्दों में यह सवाल सुनकर अलका दंग रह गई वह समझ गई कि जितना भोला और नादान वह अपने बेटे को समझती है इतना भोला और नादान वह है नहीं। लेकिन वह अच्छी तरह से जानते थे कि मजा लेना है तो बेशर्मं बनना ही होगा। ईसलिए वह अपने बेटे की बात को ज्यादा तुलना देते हुए वह भी अपने बेटे के खुले शब्दों की तरह ही जवाब देते हुए बोली।)

( अपने हाथ से ही अपनी चूचियों को मसलते हुए) मुझे भी बेहद आनंद प्राप्त हो रहा है लेकिन तुझे कैसे मालूम कि औरतों की बुर चाटने में इतना ज्यादा आनंद आता है। 

( अपनी मां के इस सवाल पर राहुल एकदम से हड़बड़ा गया उसे समझ में नहीं आ रहा था कि क्या जवाब दे लेकीन फिर भी नमक मिर्च लगाते हुए वह बोला।)

मम्मी क्या करूं मुझे आपकी बुर देखकर रहा नहीं गया।आपकी बुर में ढेर सारा नमकीन रस भरा हुआ है और उस रस को देखकर मुझसे अपने आप को रोका नहीं गया और मैं मुंह लगाकर आप की बुर का रस चाटने लगा। ( राहुल की बात सुनकर कल का मन ही मन प्रसन्न होने लगी उसे यकीन नहीं आ रहा था कि इतने गंदी जगह को भी कोई इतनी चाव से जीभ लगा-लगाकर चाटेगा। अलका के चेहरे पर उत्तेजनाओं प्रसन्नता के भाव देखकर राहुल उसकी मां और कुछ पूछती इससे पहले ही अपना मुंह वापस बुक में डाल दिया। दोनों तरफ आग बराबर लगी हुई थी अलका को बुर चटवाने मे मजा आ रहा था और राहुल को चाटने में
थोड़ी ही देर में बुर चटाई का आनंद लेते हुए अलका के मुख से हल्की-हल्की चीख के साथ सिसकारी की आवाज तेज होने लगी पूरे कमरे में उसकी गर्म सिसकारी गूंजने लगी, अगर बाहर बारिश और बादलों की गड़गड़ाहट का शोर ना होता तो अलका की शिसकारियों की आवाज जरूर कमरे के बाहर पहुंच रही होती। 

आहहहहहहहहहह......।राहुल.......ऊम्म्म्म्म्म्म्......स्स्स्हहहहहहहहहहहह......ओहहहहहहहहह.....राहुल..... मुझसे रहा नहीं जा रहा है...... मेरी बुर में आग लगी हुई है राहुल....... बुझा दे बुझा दे इसे.......राहुल। ठंडी कर दे मेरी बुर को अपना लंड डाल कर...... चोद मुझे राहुल...... चोद अपनी मां को ......बुझा दे मेरी प्यास को राहुल.....

अलका एकदम से चुदवासी हो चुकी थी।वह इतनी गरम हो चुकी थी कि उसे अब आपनी बुर मे लंड की जरूरत महसूस होने लगी थी। उसकी बुर में खुजली मच रही थी वह अपने बेटे से मिन्नते कर रही थी चुदवाने के लिए। अपनी मां की गरम सिस्कारियों को सुनकर वह समझ गया था कि अब उसकी बुर में लंड डाल देना चाहिए। वह अपनी मां की दूरी से अपने मुंह को हटाया उस की सांसे बड़ी तीव्र गति से चल रही थी वहां हांफते हुए अपनी मां को देख रहा था, और उसकी मां प्यासी नजरों से अपने बेटे को देख रही थी उसकी आंखों में लंड की प्यास साफ झलक रही थी। अलका एकदम कामातूर हो चुकी थी। अपने बेटे के लंड को अपनी बुर में लेने के लिए वह पूरी तरह से तैयार हो चुकी थी इसलिए तो बुर परसे अपने मुंह को हटाते हैं अलका ने अपनी टांगो को फैला दी। राहुल अपनी मां की जल्दबाजी को देख कर समझ गया था कि तवा पूरी तरह से गर्म हो चुका है और इस पर रोटी सेक ही लेनी चाहिए। इसलिए वह भी अपनी मां की जांघों के बीच घुटनों के बल बैठ कर अपने लिए जगह बनाने लगा अपने बेटे को इस तरह से जगह बनाते हुए दोख अलका की कामोत्तेजना बढ़ गई। और वह अपने देखते को देखते हो खुद ही अपनी चूचियों को मसलने लगी।
राहुल अपने लिए जगह बना चुका था उसने अपनी मां की जांघों को दोनों हाथों से पकड़कर अपनी तरफ खींच कर अपनी जांघ पर अपनी मां की जांघ को चढ़ा लिया।
क्या गर्म नजारा लग रहा था जांघ से जाघ का स्पर्श होते ही दोनों की उत्तेजना बढ़ गई। राहुल ने अपने टनटनाए हुए लंड को अपने हाथ में लेकर उसके सुपाड़े को अपनी मां की बुर पर रगड़ने लगा। उत्तेजना के मारे अलका का गला सूख रहा था। बुर पहले से ही एकदम गीली थी जिसकी वजह से उस पर सुपाड़ा रगड़ने से सुपाड़ा भी पूरी तरह से गीला हो गया। थोड़ा सा अपनी मां पर झुकते हुए एक हाथ से लंड को पकड़ के बुर के गुलाबी छेद पर टिकाया और हल्के से आगे की तरफ अपनी कमर को धक्का दिया बुर एकदम गीली होने की वजह से लंड का मोटा सुपाड़ा बुर की गुलाबी पत्तियों को को फैलाते हुए अंदर की तरफ से सरकने लगा। जैसे-जैसे सुपाड़ा बुर के अंदर सरकने लगा वैसे वेसे अलका की सांस अटकने लगी उसे हल्का हल्का दर्द महसूस होने लगा। दर्द के मारे उसका मुंह खुला का खुला रह गया। राहुल की उत्तेजना इस बात से और ज्यादा बढ़ चुकी थी कि जिस बारे में वह सपना देख रहा था आज वो एकदम हकीकत हो रहा था। उसे यकीन नहीं हो रहा था कि वह वास्तव में अपनी मां की चुदाई कर रहा था और उसकी मां उसके चुदवा रही थी। धीरे धीरे कर के लंड का पूरा सुपाड़ा अलका की बुर में उतर चुका था। उसकी सांसे टूट रहीे थी। सुपाड़ा घुसते हैं दर्द के मारे उसकी आंखों से आंसू छलक उठे पता नहीं है आंसू दर्द के थे या बरसों के बाद उसके बदन की प्यास बुझाने की खुशी के आंसू थे या पता लगा पाना बड़ा मुश्किल था कि तभी राहुल ने फिर से अपनी कमर को आगे की तरफ झटका और इस बार उसका लंड आधा बुर में घुस गया। अलका को ज्यादा दर्द महसूस होने लगा। अलका को यह समझ में आ गया था कि उसके बेटे का लंड वाकई में उसके पति से कुछ ज्यादा मोटा और लंबा है। अलका अपने दर्द को दबाने के लिए जैसे ही अपने होंठ को अपने दांतों तले दबाई तभी राहुल ने यह जोरदार झटका लगाया ओर पूरा का पूरा समूचा लंड बुर के सारे अवरोधों को धकेलते हुए सीधे बच्चेदानी से जा टकराया। और जैसे ही लंड का नुकीला सुपाड़ा अलका की बच्चेदानी से टकराया उसके मुंह से एक जोरदार चीख निकल गई। वह तो अच्छा हुआ कि बारिश का शोर इतना ज्यादा था वरना अपनी मां की चीख सुनकर सोनू जरूर कमरे तक आ जाता। अपनी मां की दर्द भरी चीख सुनकर राहुल अपने लंड को बुर की जड़ में डाले हुए बस ऊपर लेटा रहा। और दोनों चूचियों को धीरे-धीरे दबाने लगा अलका हाफं रही थी। उसे इसकी उम्मीद कतई नहीं थी कि इतना ज्यादा दर्द करेगा लेकिन धीरे-धीरे वह सामानय होती नजर आने लगी और राहुल फिर से लंड को धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा। थोड़ी ही देर में अलका की चीख की जगह उसकी गरम सिसकारियां ने ले लिया। वह अब सिसकारी लेते हुए चुदाई का मजा लेने लगी। राहुल को बेहद आनंद आ रहा था अपनी मां को चोदने ने उसे उसकी मां विनीत की भाभी ओर नीलू से भी ज्यादा मजा देनेवाली लग रही थी। 
पूरे कमरे में पुच्च पुच्च की आवाज गूंज रही थी और राहुल अपनी मां को अपनी बाहों में भर कर जोर जोर से कमर हिला रहा था। अलका भी अपने बेटे को बाहों में भर कर चुदाई का भरपूर मजा लेने लगेी। अलका ने ऐसी दमदार चुदाई का मजा कभी भी नहीं ली थी े इसलिए वह आज एक दम मस्त हो चुकी थी बार बार अपने बेटे का लंड उसे अपने बच्चे दानी पर महसूस हो रहा था जब की यहां तक उसके पति का भी लंड पहुंच नहीं पाया था। अलका इतनी ज्यादा उत्तेजित हो चुकी थी कि वह नीचे से या अपनी गांड को ऊपर उठा उठाकर अपने बेटे का लंड लेने की पूरी कोशिश कर रही थी और राहुल था की रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था।
करीब 30 मिनट के बाद हल्का की सिसकारियां बढ़ने लगी। और वह एकाएक अपने बेटे को अपनी बाहों में कस कर भलभला कर झड़ने लगी। अलका पहली बार जिंदगी में ऐसे चरमोत्कर्ष का अनुभव करते हुए झड़ी थी। थोड़ी ही देर में राहुल ने भी अपने गर्म ्रस को अपने मां की बुर में छोड़ने लगा। दोनों झड़ चुके थे अलका को लग रहा था कि बस अब पूरा हो चुका है लेकिन अभी तो पूरी रात बाकी थी।
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