Desi Sex Kahani होता है जो वो हो जाने दो
10-09-2018, 03:32 PM,
#56
RE: Desi Sex Kahani होता है जो वो हो जाने दो
राहुल तो एक दम मस्त हो चुका था उसका मन अंदर ही अंदर बेताब हुए जा रहा था। वह इस समय का नजारा देखकर अपनी मां को चोदना चाहता था। लेकिन कैसे वह डर भी रहा था कि कहीं उसकी मां बुरा मान गई तो और इस की ऐसी हरकत पर इसकी मां क्या सोचेगी। शर्मिंदा होने पर वह कैसे अपनी मां से आंख मिला पाएगा। राहुल इसी उधेड़बुन में लगा हुआ था । पूरे बदन में उसके उत्तेजना का प्रसार हो चुका था उसके लंड में मीठा मीठा दर्द होने लगा था। टावल में उठे हुए तंबू को देख कर राहुल खुद हैरान था क्योंकि आज तंबू की ऊंचाई कुछ ज्यादा ही लग रही थी। 
और उसकी मा थी की उत्तेजना में डूबी जा रही थी उसकी बुर धीरे-धीरे करके मदन रस बहा रही थी। उस की उत्तेजना और भी ज्यादा पर जा रही थी जब वह मन ही मन यह सोच रही थी कि पीछे से उसकी गांड पूरी तरह से निर्वस्त्र और नंगी थी जिसे उसका ही बेटा आंखें फाड़ कर देखे जा रहा था। वाकई में यह नजारा क्या खूब था जब एक मां अपने नंगे बदन को याद करके उसकी बड़ी बड़ी मस्त गांड को अपने ही बेटे को उकसाने के लिए उसे कामुक अदा से दिखा रही हो और उसका बेटा भी उत्तेजना में सराबोर होकर अपनी मां की मस्त बड़ी बड़ी गांड देखकर अपना लंड टाइट किए हुए हो तो वाकई में यह नजारा कामुक की दृष्टि से एकदम अतुल्य हो जाता है। 
मां बेटे दोनों एक दूसरे के लिए तड़प रहे थे दोनों के बदन में कामाग्नि अपना असर दिखा रही थी राहुल अपनी मां के बदन को देख कर उत्तेजित हो चुका था तो अलका अपने बेटे को अपने अंग का प्रदर्शन करके उसके उठे हुए टॉवल को देखकर मस्त हुए जा रही थी

दोनों आगे बढ़ना चाहते थे एक दूसरे में खो जाना चाहते थे। अपने बदन में भड़की जिस्म की प्यास को एक दूसरे से बुझाना चाहते थे लेकिन दोनों अनजान थे दोनों एक दूसरे की हसरत को समझ नहीं पा रहे थे। राहुल भी पूरी तरह से तैयार था अपनी मां को चोदने के लिए और अलका भी पूरी तरह से तैयार थी अपने बेटे के लंड को अपनी बुर में लेने के लिए। लेकिन दोनों के बीच पतली सी असमंजसता की चादर थी जो पहल करने में घबरा रही थी। दोनों के बीच मां बेटे की रिश्तो की मर्यादा ने दोनों को रोके हुए था। रिश्तो का उल्लंघन कर पाने मैं दोनों संकोच कर रहे थे । पूरे कमरे का माहौल गर्म हो चुका था। वातावरण की गर्मी और दोनों के बदन की गर्मी कहर बरसा रही थी। दोनों ईस आग को बुझा कर ठंडा करना चाहते थे। लेकिन कैसे दोनों के समझ के बाहर था अलका से अब सहन कर पाना बड़ा मुश्किल हुआ जा रहा था। बदन में आए जरा सी हलचल से हलका का पूरा बदन कसमसा उठता जिससे उसके नितंबों की थिरकन बढ़ जाती जिसे देख कर राहुल का लंड अकड़ने लगता । अलका से बर्दाश्त कर पाना बड़ा मुश्किल हुए जा रहा था और आगे बढ़ने में उसे डर भी लग रहा था कि अगर कहीं उसका बेटा उसके बारे में गलत धारणा बांध लिया तो जीते जी मर जाएगी कैसे मुह दीखाएगी, कैसे अपने बच्चों से आंख में आंख मिलाकर बात कर पाएगी। यही सोचकर वह तुरंत उठ गई और उसे उठता हुआ देखकर राहुल में तुरंत दूसरी तरफ करवट कर लिया। अलका की नजर जब राहुल पर पड़ी तो वह दूसरी तरफ करवट किए हुए था। उसे कुछ समझ में नहीं आया क्या वाकई में राहुल उसके नंगे बदन को नहीं देखा या देख कर भी ना देखने का नाटक कर रहा है अलका के लिए यह समझ पाना बड़ा मुश्किल हुए जा रहा था। 
अलका वहां से तुरंत बाथरूम में चली गई और बाथरूम में जाते ही उसने अपने गांऊन को उतार फेंकी, गांऊन के उतारते हैं अल्का पुरी तरह से नंगी हो गई। 
नीचे लेटे लेटे राहुल से भी रहा नहीं जा रहा था अपनी मां की नंगी गांड को देख कर जिस तरह से वह उत्तेजित हुआ था उसे अपने आप को शांत करना था इसलिए वह भी अपनी जगह से उठा और अपनी मां के पीछे पीछे बाथरूम की तरफ आ गया। राहुल मन में यह उम्मीद लेकर आया था कि शायद उस दिन की तरह आज भी बाथरूम में उसे अपनी मां नंगी देखने को मिल जाए और उसकी यह उम्मीद खरी भी उतर गई। बाथरूम के दरवाजे पर पहुंचते ही उसे पता चला कि बाथरूम का दरवाजा हल्का सा खुला हुआ था। उस हल्के से खुले हुए दरवाजे के अंदर नजर ़ दौड़ाते ही राहुल के लँड ने ठुनकी मारना शुरू कर दिया। बाथरूम के अंदर उसकी मां पूरी तरह से नंगी थी। राहुल की आंखों के सामने उसकी मां की नंगी पीठ बड़ी बड़ी गांड जो कि हल्के उजाले में चमक रही थी। राहुल दीवार की वोट लेकर अपने आप को छुपा कर चोर नजरों से अपनी मां के नंगे बदन के रस को अपनी नजरों से पीने लगा। आगे से उसका टावल उठ चुका था। 
अंदर उसकी मां खड़े-खड़े ही पानी के पीप में से मग भर भर के पानी अपने बदन पर डाल रही थी। पानी अपने सर पर डालते ही उसकीे गर्मी शांत होने लगी। कुछ देर पहले उसके सर पर जो वासना की गर्मी छाई हुई थी ठंडा पानी पड़ते ही सारी गर्मी ठंडे पानी के साथ पिघलने लगी। वह कुछ देर तक अपने बदन पर ठंडा पानी डालती ही रही। और बाथरूम के बाहर खड़ा होकर अपनी मां के नंगे बदन को देख कर राहुल मुठ मारना शुरु कर दिया था। अलका का दिमाग शांत होते ही उसे अपनी हरकत पर पछतावा होने लगा। उसे इसका एहसास होने लगा कि उससे बहुत बड़ी गलती होने जा रही थी। अगर आज वाकई में कुछ गलत हो गया होता तो वह अपने आप को ही कैसे मुंह दीखाती।
ठंडा पानी पड़ते ही अलका के सर से वासना का बुखार ऊतर चुका था। बाथरुम के अंदर अलका अपने नंगे बदन पर ठंडा पानी डाल कर शांत हो चुकी थी लेकिन बाहर राहुल अपनी मां के नंगे बदन को देख कर अपने आप को शांत करने के लिए जोर जोर से मुठ मारे जा रहा था अपने मां की गांड की थिर कन को देखते ही उसका जोश दुगना होता जा रहा था। और वह जोर जोर से लंड को मुठीयाने मे लगा हुआ था। अपनी मां को चोदने की कल्पना करते हुए वह थोड़ी ही देर में लंड से गर्म फुवारा फर्श पर दे मारा। 
अलका अंदर नहा चुकी थी। इसलिए किसी भी वक्त वह बाथरुम से बाहर आ सकती थी। इसलिए राहुल का वहां देर तक खड़े रहना ठीक नहीं था इसलिए वह अपने आप को शांत कर के वहां से आ कर वापस नीचे चटाई पर लेट गया।

बासना का तूफान गुजर चुका था। मां बेटे दोनों इस वासना के तूफान में तहस-नहस होने से बच तो गए थे,
लेकिन यह तूफान दोनों के अंतर्मन में अपनी निशान चिन्हित कर गया था। मन में जब किसी के प्रति आकर्षण जन्म लेता है तो आकर्षण से अपने नजरअंदाज कर पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन सा हो जाता है। भले ही मन अपने आप को संभालने की पूरी कोशिश करें लाख दुहाई दे फिर भी या आकर्षण नहीं जाता। वासना का तूफान इस वक्त के लिए तो शांत हो चुका था लेकिन खत्म नहीं हुआ था। अलका और राहुल जिस दौर से गुजर रहे थे' ऐसे नहीं ज्यादा दिन तक अपने आप को संभाल पाना नामुमकिन सा था। राहुल अभी अभी जवान हो रहा था उसके अंदर किसी औरत के प्रति आकर्षण जन्म लेना कुदरती था। ऐसे में उसकी निगाह अपनी ही मां के बदन पर फीरने लगी थी। अलका एकदम मैच्योर थी लेकिन बरसों से प्यासी एेसे में विनीत के द्वारा प्रेम का इजहार करना और अपने ही बेटे के दमदार लंड के प्रति आकर्षित होना , अलका अपने आप को ज्यादा दिन बहकने से रोक नहीं सकती थी। 
राहुल अपनी गर्मी शांत करके वापस आकर लेट चुका था और अलका भी ठंडे पानी से नहा कर अपने बहकते मन पर रोक लगा चुकी थी। 


तनख्वाह की तारीख आ चुकी थी ।अलका बहुत खुश नजर आ रही थी। ओर खुश हो भी क्यों न महीने भर तो ऐसे ही हाथ तंग रहते हैं। बस एक ही दिन मिलता है जिसमें थोड़ा अपने पसंद का और बच्चों के पसंद का कुछ खरीद सकती हो। इसलिए तो तनख्वाह कर दिन अलका के साथ साथ दोनों बच्चे भी खुश नजर आते हैं।
तनख्वाह के एक दिन पहले ही अलका सारी लिस्ट तैयार कर लेती थी किसको कितना देना है दूधवाला राशन वाला जैसे छोटे बड़े खर्चे सभी को लिस्ट में समाहित कर लेती थी लेकिन इस बार 2000 का अलग का खर्चा था जोकि विनीत को देना था। यह 2000 की रकम विनीत को चुकाने के बाद हाथ में ज्यादा रकम नहीं बच पा रही थी। और ऐसे में तो 15 दिन में ही घर खर्च के सारे पैसे खत्म हो जाएंगे और फिर तनख्वाह तक घर का खर्चा उठा पाना बड़ा मुश्किल हो जाएगा। अलका के चेहरे पर आई मुस्कान तुरंत गायब हो गई उसे 2000 की चिंता सताए जा रही थी। लेकिन फिर मन में यही सोच कर अपने आप को तसल्ली देती की देना तो है ही, और वैसे भी विनीत ने बहुत ही मुश्किल के समय उसकी मदद की थी इसलिए समय पर उसका पैसा चुकाना बहुत जरूरी है। 
फिर मन मे वह सोची की 2000 हो चुका देगी और अपने बॉस से कुछ पैसे अडवांस ले लेगी ताकि महीने भर का खर्चा चल सके। यही सोचकर वह राहुल और सोनू को स्कूल भेज कर ऑफिस चली गई।

काम करते-करते शाम हो गई लेकिन ऑफिस में काम कुछ ज्यादा था इसलिए बॉस ने 2 घंटे ओवरटाइम करने को कहा। 
तनख्वाह मिल चुकी थी, एडवांस के लिए कहने पर बॉस ने इनकार कर दिया जिससे अलका दुखी हो गई लेकिन उसके लिए खुशी वाली बात यह थी की उसकी मेहनत और लगन उसके काम को देखते हुए बॉस ने उसकी तनख्वाह में १५०० का ईजाफा कर दिया था लेकिन यह रकम उसे अगले महीने की तनख्वाह से मिलने वाला था दुखी होने के बावजूद भी उसे इस बात की खुशी थी कि अगले महीने से उसकी मुसीबते कुछ हद तक कम हो जाएंगी। 
२ घंटे के ओवर टाइम के बाद समय कुछ ज्यादा हो चुका था ऑफिस से छूटते ही अलका जल्दी-जल्दी अपने घर की तरफ जाने लगी। तनख्वाह वाले दिन वह घर पर कुछ स्पेशल खाने को जरूर ले जातीे थी इसलिए वह तेज कदमों से मार्केट की तरफ बढ़ रही थी। कि अचानक एक मोटरसाइकिल उसके आगे आकर रुक गई अलका एकदम से घबरा गई उसे यू लगा कि मोटरसाइकिल से टकरा जाएगी तभी मोटरसाइकिल वाले ने अपना हेलमेट निकाला तो अलका को थोड़ी राहत हुई' क्योंकि वह वीनीत था, हेलमेट उतारते ही विनीत बोला आईए आंटी जी मैं आपको छोड़ देता हूं।
अलका इंकार ना कर सकी क्योंकि वैसे भी उसे देर हो रही थी और वह मोटरसाइकिल पर वीनीत के पीछे बैठ गई। मोटरसाइकिल मर्यादीत रफ्तार में सड़क पर भागी चली जा रही थी। अपनी मोटरसाइकल पर अलका को बिठा कर मन ही मन बहुत प्रसन्न हो रहा था। तभी विनीत के गंदे दिमाग में एक युक्ती सूझी। उसने रह-रहकर ब्रेक मारना शुरू कर दिया जिससे अलका का मदमस्त बदन उसके बदन से टकरा जा रहा था और जब-जब अलका का खूबसूरत बदन विनीत के बदन से टकराता विनीत के पूरे बदन में हलचल सी मच जाती। बार बार वीनीत के ब्रेक मारने पर अलका परेशान हो जा रही थी। उसका कंधा बार-बार विनीत की पीठ पर टकरा जाता था। विनीत जानता था कि इस तरह से अलका को परेशानी हो रही है लेकिन वह भी ट्राफिक का बहाना बना देता था। मोटरसाइकिल का एक्सीलेटर बढ़ाते हुए विनीत बोला आंटी जी परेशानी हो रही है तो एक हाथ मेरे कंधे पर रख दीजिए इससे आपका बैलेंस बना रहेगा। वैसे भी विनीत के मोटरसाइकिल चलाने पर अलका हचमचा जा रही थी , इसलिए वह भी अपने बैलेंस को बनाने के लिए एक हाथ वीनीत के कंधे पर रखकर उस का सहारा ले ली। अपने कंधे पर अलका का हाथ रखवा कर विनीत ने चालाकी करी थी। क्योंकि अब वह जब भी ब्रेक लगाता तो अलका की दाहिनी चूची सीधे विनीत की पीठ पर टकराकर दब जाती जिससे विनीत के साथ-साथ अलका के बदन में ऐसा रोमांच उठ़ता कि पूछो मत। विनीत के जांघों के बीच तुरंत सोया हुआ लंड फुफकारने लगा।वीनीत को बहुत मजा आ रहा था, औरअलका शर्मसार हुए जा रही थी। वह अपने आप को संभाले भी तो कैसे क्योंकि विनीत इतनी तेज ब्रेक लगाता कि संभल पाना बड़ा मुश्किल था। और ना चाहते हुए भी अलका विनीत के बदन से टकरा जाती। पराए मर्द के बदन की रगड़ से अलका भी पूरी तरह से गंनगना जा रही थी। यह रगड़ और आगे बढ़ती इससे पहले ही बाजार आ गया। विनीत ने झट से सरबत की दुकान के आगे मोटरसाइकिल को खड़ी कर दिया, और अलका को ऊतरने को कहा। अरे कभी मन में सवाल लिए उतर गई।वीनीत भी मोटरसाइकिल को स्टैंड पर लगाते हैं सरबत वाले को दो मैंगो ज्युस का आर्डर दे दिया। अलका कुछ कह पाती इससे पहले ही विनीत ने कुर्सी उसकी आंखें बढ़ा दिया और अलका को बैठना ही पड़ा। 
शाम ढल रही थी अलका को घर जाने की भी चिंता सताए जा रही थी। वीनीत बहुत खुश नजर आ रहा था वह अलका के पास ही कुर्सी पर बैठ गया। थोड़ी ही देर में मैंगो जूस भी आ गया। वीनीत झट से शरबत वाले के हाथ से दोनों गिलास थाम कर एक गिलास अलका को थमा दिया। अलका भी गर्मी से बेहाल थी इसलिए वह भी झट से जूस का गिलास थाम ली, और गिलास को अपने गुलाबी होठों से लगाकर पीने लगी। 
विनीत अलका को जुस पीते हुए देख रहा था। उसके गुलाबी गुलाबी होठों से आम का जूस घुंट घुंट अंदर जा रहा था जिसे देख कर वीनीत के शैतानी दिमाग ने कल्पना करना शुरू कर दिया कि जिस तरह से अलका आम का जूस धीरे धीरे करके होठों से चूस रही है, एक दिन मैं भी उसकी बड़ी बड़ी चूचियों को मुंह में भरकर धीरे धीरे से उसका रस पियूंगा। इतना सोचते ही वीनीत का पूरा बदन झनझना गया। उसका लंड फिर से टनटना कर खड़ा हो गया। अलका जूस पीते पीते 2000रु के बारे में सोचने लगी वह मन ही मन सोच रही थी कि यह 2000रु विनीत को दे की नहीं। क्योंकि अगर वह 2000रु भी नहीं तो को लौटा देती है तो महीने का खर्च चलाना बड़ा मुश्किल हो जाएगा लेकिन अगर नहीं देती है तो भी अच्छी बात नहीं थी उसका मन बड़ा असमंजस में था। इसी सोचने जूस का गिलास भी खत्म हो गया। धीरे-धीरे अंधेरा छाने लगा था उसे घर जाने की भी चिंता सताए जा रही थी। घर जाकर उसे खाना बनाना था। और यही बाजार में ही देर हो जाने की वजह से खाना बनाने का मूड. नही कर रहा था। 
2000रुपए के चलते अलका विनीत से नजरें मिलाने में कतरा रही थी वह उसे कहना चाह रही थी कि 2000रु के लिए उसे कुछ दिन की मोहलत और दे दे, लेकिन कह भी नहीं पा रही थी। इसी उधेड़बुन में विनीत में शरबत वाले को उसके पैसे चूका दिए और पैसे चुकाने के बाद
वह अलका से बोला। 
आंटी जी आपको और कुछ चाहिए।( वीनीत के सवाल से अलका एकाएक हड़बड़ा गई. और हड़बड़ाते हुए बोली।) 

हंहंहं.... हां आज मुझे देर हो चुकी है इसलिए मुझे अपने बच्चों के लिए कुछ नाश्ता ले जाना पड़ेगा ताकि खाना ना बना सकूं क्योंकि मेरा आज खाना बनाने का मूड नहीं है।

तो चलिए कुछ ले लीजिए। 
( अलका सामने की हलवाई की दुकान पर जाने लगी और पीछे पीछे विनीत भी आगे बढ़ने लगा दुकान पर पहुंच गए अलका ने हलवाई से कुछ मिठाईयां और समोसे पेक करवाए, विनीत ने आगे बढ़कर रसमलाई का पैकेट भी पैक करवा लीया, अलका समझी की विनीत ने अपने लिए रसमलाई पैक करवाया है और दुकानदार ने साथ में ही सबका बिल बना दिया, अलका ने जैसे ही दुकानदार के पैसे चुकाने के लिए अपना पर्स खोली उससे पहले ही वीनीत ने अपने पर्श से 500का नोट निकालकर दुकानदार को थमाते हुए बोला। 
Reply


Messages In This Thread
RE: Desi Sex Kahani होता है जो वो हो जाने दो - by sexstories - 10-09-2018, 03:32 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,579,640 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 553,326 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,266,795 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 957,696 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,698,456 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,118,423 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,016,592 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,278,773 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,108,962 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 292,494 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 9 Guest(s)