RE: Desi Sex Kahani होता है जो वो हो जाने दो
स्स्स्स्सहहहहहह.....आहहहहहहहहहह......राहुल ..... ऊम्म्म्म्म्म्......( उत्तेजना में नीलू की आंखें बंद हो गई।)
चाटो मेरी बुर......आहहहहहहहहह....राहुल....
नीलू की खुमारी देखकर राहुल का जोश दुगना हो गया वैसे भी वीनीत की भाभी की बुर चाटने के बाद उसे नशा सा हो गया था उसका मन हमेशा बुर चाटने को करता था और आज उसे भरपूर मौका मिला था इसलिए उसने अपनी जीभ को नीलू की बुर पर फीराना शुरु कर दिया। नीलू तो राहुल की नुकीली जीभ को अपनी बुर पर महसूस करते ही एकदम गदगद हुए जा रहीे थीे उसके बदन में रोमांच बढ़ता चला जा रहा था।
नीलू की सांसें अटकने लगी थी। राहुल दोनों हाथों से नीलु की गांड को थामे बुर की दरार में ऊपर से नीचे तक अपनी जीभ घुमाए जा रहा था। बुर से रिस रहा कामरस कसैला होने के बावजूद भी राहुल को मदन रस लग रहा था। तभी राहुल ने अपनी जीभ को गुलाबी छेद के अंदर प्रवेश करा दिया और जैसे ही बुर के गुलाबी छेद में राहुल की जीभ प्रवेश की नीलू बुरी तरह से गंनगना गई उसकी टांगों में कंपकंपी सी फेल गई।
राहुल ने नीलू की गांड को कस के थामे हुए था और बुर को चाटते हुए गांड को मसल भी रहा था जिससे उसको दुगना मजा मिल रहा था।
राहुल ने इससे पहले वीनीत की भाभी की ही बुर को चाटा था हालांकि उसकी बुर को चाटने में भी बहुत मजा आया था लेकिन जो मजा उसे नीलू की बुर को चाटने में मिल रहा था वैसा मजा विनीत की भाभी की बुर से नहीं मिला था। राहुल पागलों की तरह अपने काम में जुटा हुआ था। नीलु एकदम उत्तेजित होकर के अपनी गांड को गोल-गोल घुमाते हुए उसके मुंह पर रगड़ रही थी।
उसके मुंह से लगातार गरम सरकारी की आवाज आ रही थी जो कि पूरे कमरे में गुंज रही थी।
नीलू भी मन ही मन में यह सोच रही थी कि उसने बहुतो को अपनी बुर चटवाई थी लेकिन जिस तरह से राहुल उसकी बुर को मजे लेकर चाट रहा था , जिस तरह से उसकी जीभ का नुकीला हिस्सा उसकी की बुर के कोने कोने में पहुंच रहा था और बुर चटाई का जो उसने आह्ललादक आनंद दे रहा था। वैसा आनंद और मजा आज तक किसी ने नहीं दिया और ना ही किसी के साथ आया।
राहुल पागलों की तरह नीलु की बुर में जुटा हुआ था। नीलू अपने गर्म सिसकारी से माहौल को और भी ज्यादा गर्म कर रही थी।
स्स्स्स्स्सहहहहह.....।आहहहहहहहहहह.....राहुल...
ऊऊहहहहहहहहहह......ऊम्म्म्म्म्म्म्म....:.हीस्स्स्स्स
चाटो राहुल..:-) ओर....चाटो.....चाट चाट कर लाल कर दो मेरी बुर को......
नीलू बुरी तरह से तड़प रही थी और बुर चटाई का पूरा का पूरा लुफ्त उठा रही थी। नीलू की तड़प बढ़ती जा रही थी। जिस काम के लिए उसने राहुल को लेकर आई थी, राहुल उस काम को बखूबी निभा रहा था। राहुल का पूरा मुंह नीलू के बुर के कामरस मे सन गया था। राहुल ने तो नीलू की बुर के साथ साथ नीलू की गांड को भी मसल मसल कर लाल कर दिया था। दोनों की सांसे तीव्र गति से चल रही थी। कुछ देर तक यूं ही नहीं नीलू राहुल से अपनी बुर चटवाती रही। लेकिन यूंही झुके-झुके बुर चटवाने से उसकी कमर दुखने लगी थी, लेकिन बुर चटाई का आनंद कमर के दर्द को दबा दे रहा था। लेकिन कब तक वह इसी तरह से झुकी रहती उसकी कमर अकड़ चुकी थी उसके घुटनो में अभी भी उसकी गीली पैंटी फंसी हुई थी। उसने बिना हाथ लगाए सिर्फ पैरों का सहारा लेकर के अपनी पैंटी को टांगो से निकाल फैंकी। वह सीधी खड़ी होना चाहती थी कि तभी राहुल की जीभ उस जगह पर गश्त लगा दी जहां पर नीलू को जरा भी उम्मीद नहीं थी। और ना ही आज तक किसी ने भी वहां तक पहुंचने की जुर्रत की थी। नीलू का बदन एकाएक अकड़ सा गया ऐसा लग रहा था जैसे कि उसके ऊपर बिजली गिरी हो, आखिर नीलू करती भी क्या राहुल ने हरकत ही ऐसी कर दी थी। राहुल नीलू की बुर को चाटते चाटते अपनी जीभ को बुर के नीचे वाले छेंद पर चुदवासा होकर फिरा दिया। नीलू ने कभी सोची भी नहीं थी कि राहुल ऐसी हरकत कर सकता है। लेकिन राहुल की ऐसी हरकत में नीलू को एकदम से बदहवास बना दिया, उसने अपना होश खो बैठी , और उसने उन्माद और उत्तेजना में एक हाथ पीछे ले जाकर राहुल के बालों को कसके अपनी हथेली में दबोच ली, और राहुल के मुंह का दबाव अपनी गांड के बीचोबीच बढ़ाने लगी, राहुल तो उस छेंद पर सिर्फ अपनी जीभ का स्पर्श ही करा रहा था। लेकीन नीलू के इस तरह से उसके बाल को पकड़कर अपनी गांड पर दबाव बढ़ाने की वजह से राहुल की जीभ का आगे वाला हिस्सा हलके से नीलूं के उस भूरे रंग के छेद में प्रवेश कर गया, ऊफ्फ्फ........ नीलु तो सिर कटी मुर्गी की तरह तड़प उठी। उसका बदन देखने लगा और उसने और जोरों से राहुल के बालों को भींेजते हुए उसके मुंह को अपनी छेंद से चिपका दी। और भल भला कर झड़ने लगी।
नीलू की बुर से निकल रहा नमकीन पानी का फव्वारा बुर से होते हुए उस छोटे से भूरे रंग के छेद से गुजर रहा था जिधर से राहुल जल्दी-जल्दी जीभ से चाटते हुए झपट रहा था।
नीलू पूरी तरह से अचंबित थी और हैरान भी। क्योंकि आज तक किसी ने भी सिर्फ चाट कर उसकी बुर को नहीं झाड़ा था। लेकिन राहुल ने वह कर दिखाया था उसकी जीभ के कमाल से नीलू पूरी तरह से वाकिफ हो चुकी थी। धीरे-धीरे चाटते हुए राहुल ने नीलू के काम रस को गले के अंदर उतार चुका था। नीलू सीधे खड़ी हुई
उसकी सांसे अभी भी तेज चल रही थी। नीलू के काम रस से राहुल का पूरा मुंह सना हुआ था। राहुल भी हांफ रहा था। नीलू राहुल की तरफ देख कर मुस्कुराई और बोली।
वाह राहुल तुम तो कमाल कर दिए असली मर्द हो यार तुम तो। सिर्फ अपनी जीभ से चाट चाट कर ही तुमने मुझे झाड़ दिया।ऊफ्फ्फ.....गजब के हो यार तुम मान गई तुम्हे। ( इतना कहते हुए उसने अपनी हथेली को थोड़ी सी टांगे फैलाकर अपनी बुर पर रखकर मसलते हुए एक लंबी सांस खींची और फिर बोली।)
यार यह गलत है।
क्या... क्या गलत है?( राहुल को लगा कि जैसे उसने कोई गलती कर दिया)
अरे यार राहुल मुझे तो पूरी नंगी कर दीए और खुद अभी तक कपड़े में ही ं हो। ऐसा नहीं चलेगा यार तुम भी मेरी तरह पूरे कपड़े निकाल कर नंगे हो जाओ तभी यह खेल खेलने में मजा आएगा।( तभी नीलू की नजर राहुल के टनटनाए हुए लंड पर पड़ी जो कि अभी भी पूरी औकात में खड़ा ही था। उसे देखते ही नीलू बोली।)
वाह..ईसे कहते हैं ताकतवर लंड देखो तो सही अभी भी पूरी तरह से टन्ना के खड़ा है। चलो राहुल अब जल्दी से अपने कपड़े उतार दो मुझ से रहा नहीं जा रहा है।
( राहुल खुद अपने कपड़े उतार कर नंगा होना चाहता था लेकिन उसे शर्म महसूस हो रही थी लेकिन फिर भी उसे मजा तो लेना ही था इसलिए शरमाते शरमाते ही उसने पूरे कपड़े निकाल कर बिल्कुल नंगा हो गया। नीलु तो उसके नंगे बदन को एकटक देखे जा रही थी। उसका गठीला बदन देखकर मन ही मन खुश भी हो रही थी।
नीलु की नजर खासकरके राहुल के खड़े लंड पर ही घुम रही थी। नीलु से रहा नही गया ओर वह राहुल के करीब
जाकर राहुल को धक्का देकर बिस्तर पर गिरा दी ओर खुद भी बिस्तर पर चढ़ गई। नीलु पर खुमारी छाई हुई थी। बिस्तर पर चढ़ते ही उसने राहुल के लंड को अपनी हथेली में भर ली।
और उसे ऊपर नीचे करके मुठीयाने लगी। राहुल भी नीलु को बड़ी गौर से देख रहा था। तभी दखते ही देखते नीलू ने लंड के सुपाड़े को अपने मुंह में भर ली। राहुल तो जैसे हवा में उड़ रहा हो ऐसा एहसास होने लगा। एक बार फिर नीलू राहुल के ऊपर पूरी तरह से छा चुकी थी। नीलू राहुल के लंड को पुरा गले तक ऊतार ले रही थी।
वैसे भी नीलु लंड चुसने मे माहीर थी इसका नमुना वह क्लास रूम में देख ही चुका था। कुछ ही देर में अनुभवी नीलू ने राहुल के लंड को चूस चूस कर उसे मस्त कर दि।
लोहा पूरी तरह से गर्म हो चुका था क्योंकि राहुल नीचे से कमर उचका उचकाकर धक्के लगा रहा था। नीरु समझ गई थी कि आप ज्यादा देर रुकना ठीक नहीं है। वैसे भी वह मन ही मन राहुल के लंड को दाद दे रही थी क्योंकि वह जानती थी कि इतनी देर में तो कोई भी होता दो बार झड़ चुका होता। वह अपने मुंह में से राहुल के लंड को बाहर निकाली , राहुल का लंड उसके लार से पुरी तरह से सना हुआ था। नीलु की सांसे भारी चल रही थी। वह राहुल से बोली ।
बस राहुल अब तुम अपने लंड का कमाल दीखाओ ताकी मै जिंदगी भर याद रखुं. मेरी बुर तुम्हारे लंड को अपने अंदर लेने के लिए तड़प रही है।( इतना कहने के साथ ही नीलू बिस्तर पर पीठ के बल लेट गई अब राहुल की बारी थी राहुल बिस्तर पर से उठा और सीधे जाकर नीलू के टांगों के बीच घुटनों के बल बैठ गया। विनीत की भाभी से वह चुदाई का सारा गुण सीख चुका था। इसने उसे ज्यादा दिक्कत नहीं हुई। नीलू तरसी आंखों से राहुल की तरफ ही देख रही थी और राहुल नीलू की जांघो को पकड़कर अपनी जांघों पर चढ़ा दिया जिससे
नीलु की बुर ठीक राहुल के लंड के सामने आ गइ। नीलू के बदन में गुदगुदी सी मच रही थी आने वाले पल के इंतजार है मैं उसका बदन का कसा रहा था । की तभी लगने लगा कि उसकी इंतजार की घड़ियां अब खत्म हो जाएगी, और राहुल ने अपने लंड़ को पकड़कर नीलू की गुलाबी बुर पर सुपाड़े को रगड़ने लगा। जैसे ही सुपाड़ा बुर पर स्पर्श हुआ नीलू पूरी तरह से गनगना गई। जिस पल के इंतजार में उसने तड़प-तड़प कर महीनों गुजार दी थी वह पल आ चुका था उसका ख्वाब सच होने जा रहा था। राहुल के ऊपर तोे चुदाई का भूत सवार था। उसने तुरंत लंड के सुपाड़े से ही टटोलकर बुर के गुलाबी छेद को ढूंढ लिया और सुपाड़े को उस जगह पर टिका कर कमर को आगे की तरफ धकेला, बुर पहले से ही पानीयाई होने के कारण पूरी तरह से चिकनी हो चुकी थी इसलिए राहुल का मोटा सुपाड़ा धीरे-धीरे सरकते हुए नीलू की बुर में उतर गया। नीलू को अपने बुर में दर्द महसूस होने लगा था की तभी राहुल ने दूसरा भी धक्का लगा दिया इस बार लंड एकाद ईन्च ओर अंदर घुस गया लेकिन इस बार दर्द थोड़ा बढ़ गया और नीलू ने अपने होठो को दांत से दबाते हुए दर्द को पी जाने की पूरी कोशिश की लेकीन जवान बुर देखकर राहुल मदहोश हो चुका था और इस बार उसने पुरी ताकत से लंड को अंदर ठेला और इस बार राहुल का तगड़ा लंड बुर की अंदरूनी सभी अड़चनों को धकेलते हुए सीधे बुर की जड़ मे जाकर धंस गया। नीलू अपने आपको संभाल ना सकी और उसके मुंह से चीख निकल गई।
ऊईईईईईई....मां....मर गई रे.....आहहहहह.....बहुत मोटा है रे तेरा....आहहहहहह....
राहुल नीलू को दर्द से छटपटाते हुए देख रहा था नीलू को दर्द हो रहा था राहुल को लगता था कि वह लंड को बाहर निकालने के लिए कहेगी. लेकिन वह दर्द को दांतों को भींचकर दबाती रही। और लंड को निकालने का एक बार भी जिक्र नहीं की तो राहुल की हिम्मत बढ़ने लगी।
राहुल ने बुर की जड़ तक घुसा हुआ लंड बाहर की तरफ खींचा और सिर्फ लंड के सुपाड़े को ही बुर में फंसे रहने दिया, और फिर से वापस पूरी ताकत से लंड को बुर में पेल दिया। इस बार फिर से नीलू के मुंह से हल्की सी चीख निकली लेकिन तब तक राहुल नीलू की पतली कमर को थाम चुका था। अब राहुल ने नीलू को चोदना शुरू किया उसका लंड सटा सट नीलू की बुर के अंदर बाहर हो रहा था। नीलू ने ना जाने कितनों से चुदवाई थी। लेकिन आज तक कोई भी ऐसा नहीं मिला था जो उसकी चीख निकाल सके। राहुल के लंड की बात ही कुछ और थी चुदवा चुदवा कर चोड़ी हो चुकी बुर में भी राहुल का लंड एकदम रगड़ कर जा रहा था। नीलु मदहोश हुएे जा रही थी वह अपने हाथों से ही अपनी चुचियों को मसल रही थी। राहुल धड़ाधड़ नीलू को चोद रहा था पंखा चालू होने के बावजूद भी दोनों का बदन से पसीने से तरबतर हो चुका था। राहुल के हर धक्के पर पूरा पलंग हच मचा जा रहा था। नीलू ने आज तक ऐसी चुदाई करने वाला मर्द नहीं देखी थी। विनीत की भाभी की चुदाई राहुल को याद आ रही थी इसलिए उसने नीलू की कमर पर से हाथ हटाकर नीलू की चूचियों पर रख दिया था और धक्के लगाते हुए जोर जोर से चूचियों को मसल रहा था। नीलू की गरम सिसकारी पूरे कमरे में गुँज रही थी।
राहुल चुदाई का पूरा मजा ले रहा था वह कभी चुचीयों को मसलता तो कभी चूचियों पर अपना मुंह रख देता ओर चूची को पीने लगता। इससे वीरू भी मस्त हुए जा रही थी। थोड़ी ही देर में राहुल ने उसे हवा की सैर कराने लगा। पुच्च पुच्च की आवाज से पूरा कमरा गूंज रहा था। करीब आधे घंटे की चु दाई के बाद नीलू की सिसकारी बढ़ने लगी।
स्स्स्स्स्सहहहहहहह......आहहहहहहहहहह....।राहुल.... और तेज .....और तेज .......राहुल चोद मुझे..... फाड़ दे मेरी बुर को घुस जा मेरी बुर मे.....आहहहहहहह......( वह गरम सिसकारी ले रही थी कि तभी राहुल ने जोरदार धक्के लगाना शुरु कर दिया।)
आहहहहहहहह.......आहहहहहहहहहहह......आहहहहहहहहह....:-) राहुल......ओहहहहहह....।राहुल....
( तभी नीलू का बदन एकाएक अकड़ने लगा वह चरम सुख के करीब थी।)
ओहहहह।।राहुल..... मै गई ....।मै गई....।आहहहहहहहहह......राहुल..( और नीलू हल्की चीख के साथ ही भलभलाकर पानी का फुआरा छोड़ने लगी नीलू ने कस के राहुल को अपनी बाहों में जकड़ लिया था और अपना मदन रस छोड़ते हुए झड़ने लगी थी। दो-चार तेज धक्को मे राहुल भी अपना गरम फुवारा नीलू की बुर मे छोड़ते हुए झड़ने लगा और नीलू के ऊपर ही पसर गया।
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