RE: Desi Sex Kahani होता है जो वो हो जाने दो
अब इसमे राहुल क्या कर सकता था उसे पीठ में कुछ काट रहा था और वह ऐसे में कर भी क्या सकता था वह बस बेवजह हवा में हाथ पैर मार रहा था कोई चालाक और होशियार लड़का होता तो इतने से भी फायदा उठाते हुए नीलु को उसकी कमीज उतार देने के लिए कहता, लेकिन शर्मिले राहुल से इतना सा भी नहीं कहा गया। नीलू उसके भोलेपन पर खूब नाराज हुई वह उसे खुलकर डांटना चाहती थी लेकिन मजबूरीवश डांट ना सकी। लेकिन तभी वह वक्त गंवाना नहीं चाहती थी इसलिए खुद ही अपनी कमीज को नीचे से पकड़कर ऊपर की तरफ सरकाने लगी जैसे कि वह उतार रही हो राहुल को तो कुछ समझ में नहीं आया क्योंकि जैसे जैसे कमीज ऊपर की तरफ सरकती गई वैसे वैसे नीलू की दूधिया नंगी पीठ राहुल की आंखों के सामने नंगी होती चली गई। राहुल ने सोचा कि नीलू बस पीठ तक की ही कमीज को उठाएगी ताकि मैं देख सकूं कि उसे पीठ पर क्या काट रहा है। लेकिन तभी राहुल की आंखें आश्चर्य से फटी की फटी रह गई जब उसने अपनी कमीज को पूरी तरह से अपने बदन से अलग कर दी। राहुल की तो सांसे थम गई उसे समझ में नहीं आया कि यह नीलू उसकी आंखों के सामने इस क्लास में इस तरह की हरकत क्यों कर रही है। पूरी कमीज़ उतारने की क्या जरूरत थी लेकिन राहुल थोड़ा बुद्धू का बुद्धू ही था उसे यह समझ में नहीं आ रहा था कि जवान लड़की किसी लड़के के सामने ऐसी हरकतें
और अपनी कमीज क्यों उतारती है? जबकि उसने विनीत की भाभी के संग औरत के बदन की खुशबू क्या होती है औरत की चुदाई का मजा क्या होता है सब कुछ ले चुका था फिर भी अभी वह नादान ही था। नीलु काली रंग की ब्रा पहने हुए थीे उसकी दूधिया नंगी पीठ राहुल की तरफ ही थी और वह उंगली के इशारे से राहुल को दिखाने लगी थी की किस जगह पर उसे कुछ काट रहा है वह जिस जगह पर दिखा रही थी वह ब्रा की पट्टी के ठीक नीचे आ रही थी। जिसे देखने के लिए राहुल को या तो ब्रा का हुक खोलना पड़ता या तो पट्टी थोड़ा ऊपर सरका कर देखना पड़ता, वह जानबूझकर बार-बार राहुल से आग्रह कर रहे थे कि देखो राहुल कौन सी कीड़ी काट रही है जो मुझे इतना दर्द हो रहा है।
नीलू की नंगी पीठ और उसकी काली रंग की ब्रा की पट्टी को देख कर ही राहुल का लंड तनकर पेंट में तंबू बना चुका था। नीलू को इस रुप में देख कर राहुल उन्माद से भर चुका था , वॉइस शर्मा भी रहा था लेकिन नीलू के बार-बार आग्रह करने पर वह नीलू की तरफ बढ़ा नीलू गर्दन घुमा कर राहुल की तरफ ही देख रही थी वह देखना चाहती थी कि अब राहुल क्या करता है।
राहुल नीलू के ठीक पीछे खड़ा था और कांपते हाथों से नीलू की पीठ पर अपनी हथेली रखा ही था की नंगी पीठ पर हथेली रखते हैं उसका बदन उत्तेजना से झनझना गया, नीलू का भी यही हाल था स्कूल के इस खाली क्लास में नीलू राहुल की हथेली का अपनी नंगी पीठ पर स्पर्श पाते ही वह भी पूरी तरह से चुदवासी हो गई। समय बहुत कम था और आज इतने कम समय में उसे थोड़ा बहुत लुफ्त उठाना ही था। इसलिए वह राहुल को निर्देश देते हुए बोली, राहुल यहां ( उंगली से रगड़कर दिखाते हुए) पिक्चर का पर देखो पट्टी के नीचे कुछ काट रहा है।
राहुल भी उस काले रंग की ब्रा की पट्टी को उंगली से ऊपर की तरफ सरकाने की कोशिश करने लगा लेकिन ब्रा इतनी टाइट थीै कि उसकी पट्टी ऊपर की तरफ खसक नहीं रही थी। नीलू राहुल की मनोदशा को भांप गई इसलिए वह बोली।
राहुल पट्टी बहुत टाईट है इसलिए शायद खसक नहीं रही है तुम पट्टी के हुक को खोल दो मुझे उस जगह पर बहुत ज्यादा जलन हो रही है,
राहुल को लगने लगा था कि नीलू को वाकई में बहुत ज्यादा जलन हो रही होगी तभी तो वह इतना तडप रही है। इसलिए अब आपने कांपते हाथों से ब्रा की हुक को खोलने की कोशिश करने लगा। ब्रा का हुक दोनों हाथों से पकड़कर आमने-सामने खींचने लगा, वाकई में ब्रा की पट्टी बहुत ज्यादा टाइट थी वैसे भी नीलु की आदत थी की वह अपनी चुचियों के कप की साइज से कम नाप की ब्रा पहनती थी, ताकि उसकी पड़ी-पड़ी गोल चुचीयां टाइट रह सके। आखिरकार राहुल की मेहनत रंग लाई और अगले ही पल उसने ब्रा के हुक को खोल दिया। हुक के खुलते ही ब्रा कि दोनों पत्तियां साइड में हो गई और पीछे की पूरी पीठ एकदम नंगी हो गई। राहुल की आंखों में कई बोतलों का नशा चढ़ने लगा उसका लंड पेंट के अंदर गदर मचाए हुए था।
नीलू भी ऐसे माहौल में कम उत्तेजित नहीं थी उसे साफ महसूस हो रहा था कि उसकी पैंटि गीली होने लगी थी। उसकी बुर में भी खुजली मची हुई थी, नीलु गर्दन को पीछे की तरफ घुमाकर राहुल की तरफ देख भी रही थी वह देखना चाहती थी कि राहुल क्या करता है उसकी नंगी पीठ को देखकर राहुल में किस तरह का बदलाव आता है।
राहुल का मुंह खुला का खुला रह गया था वह नजरें झुकाए अपनी नजरों को नीलू की नंगी पीठ पर ही टीकाए हुए था कभी कभार उसकी नजर पीठ से होते हुए कमर के नीचे भरावदार नितंब पर भी चली जा रही थी जिससे राहुल की उत्तेजना में पल पल बढ़ोतरी हो रही थी। राहुल की उत्तेजना देख कर नीलू को बहुत खुशी हो रही थी। तभी राहुल के अंदर कामोत्तेजना ने अपना असर दिखाना शुरू किया और वह हल्के से अपनी हथेली को नीलू की नंगी पीठ पर फिराने लगा। जैसे ही राहुल ने नीलु की नंगी पि ठ पर अपनी हथेली को फिराया वैसे ही तुरंत उत्तेजना से सराबोर होकर नीलू अपनी आंखों को मूंद ली। कामातूर नीलू जो कि ना जाने कितने ही लड़कों के साथ हमबिस्तर हो चुकी थी। उसके लिए इतनी सी बात कोई बडे मायने नहीं रखती थी । ना जाने कितने लड़कों ने उसकी चुदाई कर चुके थे ना जाने उसके बदन पर कहां कहां हाथ और मुंह दोनों लगा चुके थे लेकिन फिर भी आज राहुल के मात्र हथेली के छुअन से नीलु का पूरा वजूद कांप गया था राहुल में जरूर कोई अनोखी बात थी जिसे नीलू की अनुभवी आंखों ने पहचान ली थी। राहुल हल्के-हल्के उसकी पीठ पर अपनी हथेली को फेरने लगा दूधिया नंगी पिठ का रेशमी मुलायम अहसास का असर राहुल को उसकी जांघो के बीच टनटनाए हुए लंड में दिखने लगा था।
सनी लियोन को भी मजा आने लगा था लेकिन वह जानती थी कि समय बहुत ही कम है और अगर ऐसे ही केवल हांथ फिराने में समय निकल गया तो इसका यहां आना व्यर्थ होगा। इसलिए वह खुदही झट से अपनी ब्रा को निकाल दी, और इस तरह से झटकने लगी जैसे कि कपड़े में चींटी हो, इसलिए नीलू के इस तरीके पर राहुल को बिल्कुल भी शक नहीं हुआ। और नीलू वही उछलकूद मचाते हुए अपनी ब्रा को झटकने लगी। राहुल उसे देखने लगा ' नीलू का युं उछल-कूद मचाना राहुल को अच्छा लग रहा था राहुल उसके पीछे के भाग पर पूरी तरह से अपनी नजर ऊपर से नीचे तक घुमा रहा था
उछलने पर उसकी गदराई हुई गांड कि थिरकन देखकर राहुल का मन डोलने लगा था। उसके लंड में एेंठन आना शुरु हो गया था की तभी नीलू ब्रा को झटकते हुए राहुल की तरफ घूम गई, नीलू काे उसकी तरफ घूमते ही राहुल के तो जेसे होश ही उड़ गए उसका दिमाग सुन्न हो गया। राहुल की नजर सीधे ऊपर नीचे हो रही नीलू की दोनों गोलाइयों पर चली गई, एक बार नजर उस पर पड़ी तो बस राहुल की नजरे गड़ी की गड़ी रह गई और नीलू थी की राहुल की तरफ ध्यान दिए बिना ही जानबूझकर ब्रा को झटकते ही जा रही थी ' लेकिन नीलू यह अच्छी तरह से जानती थी कि राहुल की नजर कहां है? उसकी गोल गोल चुचियां कुछ ज्यादा ही उछाल मार रही थी। राहुल उत्तेजना से सरो बोर हो चुका था। तभी नीलू की नजर राहुल पर पड़ी और ऐसे बर्ताव करने लगी कि जैसे कि यह सब अनजाने में ही हुआ है और वही शर्मिंदा होकर ठिठक गई, वह झट से ब्रा का साहारा लेकर अपनी चुचियों को ढंकने की नाकाम कोशिश करने लगी। ढंक क्या रही थी बल्कि वह और भी ज्यादा राहुल का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित करने में लगीे थी। राहुल एकटक नीलू के नंगे बदन को निहारे जा रहा था तभी नीलू और राहुल की नजरे में आपस में टकराई, दोनों एक दूसरे की आंखों में खोने लगे दोनों की आंखों में अजब सा नशा छाने लगा था। नीलू हाथों में ब्रा पकड़े और उससे चुचियों को ढकने की नाकाम कोशिश करते हुए राहुल की तरफ बढ़ी दोनों की नजरें एक दूसरे के ऊपर से हट नहीं रही थी। नीलू राहुल के बिल्कुल करीब पहुंच गई दोनों अजीब से आकर्षण में बंध चुके थे। तभी नीलू ने अपने होठों को राहुल के होठों की तरफ बढ़ाई राहुल मे भी जैसे हिम्मत आ गई हो ऐसे वह भी अपने होंठ को नीलु के होठो की तरफ बढ़ाया, नीलू यह मौका नहीं खोना चाहती थी इसलिए उसने तुरंत अपने तपते हुए होंठ को राहुल के होंठ पर रखकर चूमने लगी। राहुल तो खुशी से एकदम गदगद हो गया।
नीलू खुद राहुल के होठों को अपने होठों के बीच भरकर चुसे जा रही थी। नीलू की एक दम उत्तेजित हो चुकी थी उसके हाथों से ब्रा छूट कर नीचे गिर गई। उत्तेजना की वजह से राहुल की आंखें मुंद चुकी थी। नीलू एक पल भी गांव आना ठीक नहीं समझी और उसने तुरंत राहुल के दोनों हाथों को पकड़ कर खुद ही अपनी चुचियों पर रख दी, राहुल का मन प्रसन्नता से भर गया उसके हाथों में भी ऐसे छुपा हुआ खजाना हाथ लग गया हो इस तरह से वह खुद ही उस खजाने को लूटने से अपने आप को रोक नहीं पाया और वह नीलू की दोनों को गोलाइयो को अपनी हथेली में हल्के हल्के भरकर दबाने लगा।
आाहहहहहहहह.... गजब का गरम और मुलायम अहसास था नीलू की चुचियों में, राहुल को तो जैसे सीजनल अाम मिल गया हो इस तरह से दबाना शुरु कर दिया। राहुल को तो मजा आ ही रहा था नीलू भी कम लुत्फ नहीं उठा रही थी। वेरावल के होठों से और उसकी हथेलियों से भरपूर आनंद ले रही थी। क्लासरूम में दोनों एक दूसरे में खोए हुए थे राहुल तो मदमस्त हुआ जा रहा था उसे बार बार वीनीत ं की भाभी याद आ जा रही थी जिससे कि उसके लंड में खून का दौरा काफी बढ़ जा रहा था। ऐसा लगने लगा था कि उसका लंड पेंट फाड़ कर बाहर ही चला आएगा।
राहुल पूरी तरह से आवेश में था उत्तेजना का नशा उसके सर पर हावी हो चुका था वह लगातार नीलू की चुचियों दवाई जा रहा था । नीलू भी उसके होठों को चुसते हुए उसके बदन के सटी जा रही थी। वह अपने दोनों हाथों को राहुल की पीठ पर सहलाते हुए अपनी दोनों हथेलियों के नीचे की तरफ ्लाई और कमर से नीचे राहुल के नितंब पर दोनों हथेलियों को रख कर उसे अपने बदन से सटाने के लिए अपनी तरफ दबाई ही थी की नीलू का खुद का बदन झनझना गया उसके बदन में जैसे चीटियां रेंगने लगी, उसकी सांसे ऊपर नीचे होने लगी क्योंकि जैसे ही नीलू ने राहुल के नितम्ब पर हथेली रखकर उसे अपनी तरफ दबाई थी। वैसे ही तुरंत राहुल के पेंट में बना तंबू सीधे जाकर नीलू की जांघेा के बीच बुर वाली जगह से टकरा गया' नीलू के तो होश ही उड़ गए क्योंकि तंबू का स्पर्श कुछ ज्यादा ही दमदार था जिसका असर सीधे उसकी बुर की गहराई में उतर गई।
नीलू की बुर ने छलछला के दो चार मदनरस की बुंदे पेंटी मे ही टपका दी।
राहुल भी जानता था की उसका लंड सलवार के ऊपर से ही कोन सी जगह ठोकर मार रहा था। इसलिए तो राहुल भी अपने आप को संभाल नहीं पाया और कस कस के नीलू की चूचियों को मसलने लगा।
नीलू राहुल के स्तन मरदन और लंड की ठोकर को अपनी बुर पर महसुस करते ही एकदम से चुदवासी हो गई,और कामातुर होकर पेंट के ऊपर से ही राहुल के लँड को अपनी हथेली मे दबोच ली।
आहहहहहहहहहह.......राहुल के मुंह से अनायास ही सीसकारी छुट गई। अजीब से सुख की अनुभुति के एहसास से गनगना गया। नीलु भी एेसे दमदार लंड को पेंट के ऊपर से दबोचते ही गदगद हो गई ,ऊसकी पनीयाई बुर भी खुशी से फुलने पिचकने लगी। पेंट के ऊपर से ही नीलु लंड की मजबुती को भांप गई। ऊसने एक पल भी गंवाए बिना ही पेंट की बटन को खोलकर चड्ढी सहीत एक झटके मे जांघो तक खींच दी। पेंट के नीचे सरकते ही जो नजारा आंखो के सामने था,वह नीलु के होश उड़ाने के लिए काफी था।
राहुल का टनटनाया हुआ लंड पेंट ऊतरते ही हवा मे लहराने लगा, जो की गजब का लग रहा था' नीलु तो बस देखते ही रह गई। ऊसने अब तक एसा जानदार ओर तगड़ा लंड नही देखी थी। नीलू का मुंह खुला का खुला रह गया था, लंड का बदामी रंग का सुपाडा ही गजब की गोलाई लिए हुए था नीलु मन ही मन सोचने लगी कि, हे भगवान इसके लंड का सुपाडा कितना मोटा है। और इसके सुपारी की मोटाई की तुलना में मेरी बुर का गुलाबी छेद कुछ ज्यादा ही छोटा है अगर उसका सुपाड़ा मेरी बुर में गया तब तो यह मेरी बुर फाड़ ही देगा। ऊफफफफफफफ..... गजब का दमदार लंड है इसका। नीलू मन हीं मन मे बड़बड़ाए जा रही थी।
राहुल तो अपनी सुध बुध पूरी तरह से खो चुका था। दोनों का प्रगाढ़ चुंबन टूट चुका था। नीलू धीरे धीरे नीचे घुटनों के बल बैठते जा रही थी। राहुल को तो कुछ समझ में नहीं आ रहा था और वह खाली मूकदर्शक बन कर नीलू की हरकतों को देखता जा रहा था। उसे अब डर लगने लगा था क्योंकि यह क्लास था वैसे तो किसी के यहां आने का डर बिल्कुल भी नहीं था फिर भी उसके मन में डर बना हुआ था। नीलु अब तक जिसके बारे में कल्पना करके बार-बार पनियां जाती थी वह जानदार ओर तगड़ा लंड उसके सामने सिर उठाए खड़ा था। नीलू अपने लालच को और ज्यादा रोक नहीं पाई और अपना हाथ बढ़ाकर राहुल के टनटनाए हुए लंड को थाम ली । जैसे ही नीलू ने राहुल के लंड को अपनी हथेली में दबोची, लंड की मोटाई और उसका गरम एहसास नीलू के रोम रोम को झनझना दिया, साथ ही राहुल का भी बुरा हाल होने लगा।
नीलू से अब अपने आप को रोक पाना बड़ा मुश्किल हुए जा रहा था और उसने तुरंत एक दो बार लंड को मुठीयाई ' राहुल की तरफ नजर उठाकर देखी तो राहुल गहरी सांस ले रहा था। राहुल की उत्तेजना देखकर नीलु बहुत प्रसन्न हुई और उसने तुरंत राहुल से नजरें मिलाते हुए ही लंड के सुपाड़े को अपने मुंह में भर ली।
आहहहहहहहह.....( जैसे ही नीलू ने लंड को मुंह में भरी राहुल के मुंह से सिसकारी छूट गई।)
नीलू चुदाई के हर एक खेल में माहिर थी इसलिए वह अपनी जीभ का कमाल राहुल के लंड पर दिखाने लगी।
वह अपनी जीभ को सुपाड़े पर गोल गोल फिराते हुए लंड को आइसक्रीम कोन की तरह चाट रही थी।
राहुल की तो सांसे ऊपर नीचे हुए जा रही थी उसे ऐसा महसूस हो रहा था कि उसका पूरा बदन हवा में झूल रहा है। आंखों को मुंद कर वह जन्नत के ईस परमसुख की अनुभूति करके मस्त हुआ जा रहा था।
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