RE: Desi Sex Kahani होता है जो वो हो जाने दो
अपनी मां को नंगी लेटे हुए देखकर राहुल का दिमाग सन्न रह गया था उसके होश उड़ चुके थे। वह अपनी मां के कामुकं बदन को एक टक देखते ही रह गया' उसकी मां भी बड़े ही कामुक अंदाज में अपने पैरों को थोड़ा सिकोड़कर लेटी हुई थी जिसकी वजह से उसकी भारी भरकम गांड अपनी गोलाइयां लिए हुए उभर कर सामने आ रही थी । जिसे देखते ही राहुल तो क्या दुनिया के किसी भी मर्द के होश उड़ जावे।
वीनीत की भाभी के साथ बिताए हुए पल के बाद राहुल को हर औरत अब सेक्सी लगने लगी थी वह हर औरत को अपने अलग नजरिए से देखने लगा था। अपनी मम्मी को नग्नावस्था में देख कर आज पहली बार राहुल को लगने लगा था कि उसकी मम्मी बहुत ज्यादा ही खूबसूरत और बहुत ही सेक्सी है। राहुल का गला शुर्ख हो चला था उसकी आंखों की चमक उसकी ही मां की भरपुर गांड को देखकर बढ़ चुकी थी। उसका लंड अपनी ही मां को नंगी देखकर तुरंत हरकत में आ गया था और उसका लंड पूरी तरह से फुल टाइट होकर पेंट में तनकर तंबू बनाया हुआ था। जिस दिन से उसने विनीत की भाभी को चोदा था उसके बाद से उसे चोदने की इच्छा बहुत ज्यादा होने लगी थी और इस वक्त अपनी मम्मी को संपूर्ण नग्नावस्था में देखकर उसके चोदने की इच्छा और भी ज्यादा प्रज्वलित हो चुकी थी।
वह क्या करे उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था, एक मन तो कह रहा था कि जाकर उसे जगा दे इसी बहाने वह अपनी मां के कामुक ओर मादक बदन को स्पर्श कर सकेगा लेकिन इस तरह से जगाना ठीक नहीं था ' क्योंकि उसे डर था कि मेरे इस तरह से जगाने पर उसकी मां अगर उठेगी तो अपनी नग्न हालत को देखकर शर्मसार हो जाएगी. और उसे भी भला बुरा कह सकती है। उसकी यह भी इच्छा हो रही थी कि बिना कुछ बोले बिस्तर पर जाकर मम्मी की बड़ी बड़ी गांड को पकड़कर पूरा लंड उसकी बुर में पेल कर चोदना शुरू कर दे जिस तरह से वीनीत की भाभी की बुर में लंड पेल कर चोदा था। यही मन में सोचते हुए राहुल पेंट के ऊपर से ही अपने टनटनाए हुए लंड को मसलना शुरु कर दिया। उसके मन में यह विचार आ रहा था कि ज्यादा कुछ नहीं तो पेंट को नीचे सरका कर टनटनाए हुए लंड को बाहर निकाल कर अपनी मां की खूबसूरत नंगे बदन को देखते हुए ही मुठ मार लूं, और उसने ऐसा किया भी अपनी पेंट की जीप खोला और अब उठे और उंगली का सहारा लेकर अपने मोटे ताजे लंड को बाहर निकालने की कोशिश करने लगा लेकिन उसका लंड इतना ज्यादा मोटा और टाइट हो चुका था कि इस तरह से जीप के रास्ते बाहर आ पाना मुश्किल हो रहा था। इसलिए उसने पेंट की बटन खोलकर पेंट को ही नीचे जांघो तक सरका दिया। उसका लंड अपनी मां के नंगे बदन को देख कर और भी ज्यादा मोटा ताजा हो गया था और खुशी के मारे हवा में झूल रहा था। राहुल एकदम चुदवासा हो चुका था इसलिए वह अपने मोटे लंड को अपने मुठ में दबा लिया और आगे पीछे करके मुठ मारना शुरू कर दिया उसकी नशीली और चुदवासी आंखें अपनी मां के पुरे नंगे बदन पर ऊपर से नीचे तक घूम रही थी। वह दो-चार बार ही लंड को मुट्ठी में भर कर हिलाया ही था कि उसकी मां के बदन में हल्की सी हलचल हुई। हलचल होते ही राहुल तुरंत उल्टे पाव कमरे से बाहर आ गया उसने यह देखना भी ठीक नहीं समझा कि उसकी मम्मी जाग गई है या अभी भी सो ही रही है। राहुल अपने कमरे में खड़ा था उसका लंड अभी भी फूल टाइट था। कुछ पल पहले जो नजारा उसने अपनी मम्मी के कमरे में देखा था वह नजारा पूरी तरह से राहुल के दिमाग पर हावी हो चुका था, उस नजारे से पूरी तरह से निकल पाना तो बहुत मुश्किल था लेकिन उससे कुछ पल के लिए पीछा छुड़ाने का एक ही तरीका था। और राहुल ने भी वही किया उसने फिर से अपनी पेंट को नीचे जांघो तक सरका दिया , उसकी नज़र जैसे ही अपने टनटनाए हुए लंड पर पड़ी तो उसके चेहरे पर कामुक मुस्कान फैल गई। उसने तुरंत अपने मोटे लंड को अपनी मुट्ठी में लेकर कस लिया और आगे पीछे करके अपने लंड काे मुठीयाने लगा। राहुल की ऊत्तेजना पल पल बढ़ती जा रही थी। क्योंकि उसके जेहन में उसकी मां की बड़ी बड़ी गांड कि वह छवी बसी हुई थी जिसे देख कर वह उन्माद से भर चुका था।
वह अपने लंड को कसकर के मुट्ठीयाने लगा उसकी आंखें बंद थी और हाथ बड़ी ही तीव्र गति से आगे पीछे चल रहे थे। लंड तो उसका हथेली मे कसा हुआ था लेकीन ऊसकी कल्पना मे उसका लंड उसकी मम्मी की नमकीन बुर मे घुसकर कमर आगे पीछे कर रहा था।
इसलिए उस की उत्तेजना परम शिखर पर पहुंच चुकी थी। राहुल के सर पर इस समय वासना सवार थी आज अगर जरा सा भी मौका मिलता तो वह अपनी मां की बुर लंड कर चोद दिया होता। लेकिन फिर भी वह यहां पर मुठ मारते हुए कल्पना मे ही अपनी मां को चोद रहा था। राहुल मुठ मारते हुए चरमसीमा के बिल्कुल करीब पहुंच चुका था कि अगले ही उसके मुंह से हल्की चीख निकल गई और लंड से फुवारा छुट़कर नीचे फ़र्श पर गिरने लगा। राहुल पूर्ण रुप से संतुष्ट हो चुका था।
वह कपड़े व्यवस्थित कर के कुछ देर वहीं बैठ गया बासना का तूफान शांत हो चुका था,कुछ देर पहले उस की जो मनोस्तिथि थी उस से उबर चुका था'
वासना का तूफान शांत होने पर उसे अपनी हरकत पर क्रोध आने लगा उसका मन ग्लानीे से भर गया' वह अपने आप को ही कोसने लगा की उसने ऐसी गंदी हरकत कैसे कर दी अपनी ही मम्मी के बारे में इतना गंदा गंदा सोच कर हस्तमैथुन कैसे कर लिया। उसका मन पछतावे से भर गया और आइंदा ऐसी गंदी हरकत कभी भी नहीं करेगा इसकी कसम भी खा लिया।
और वहीं दूसरी तरफ अलका की आंख खुल चुकी थी और अपनी हालत पर गौर करते ही शर्म की लाली उसके चेहरे पर बिखर गई, अपने बिस्तर पर अपने आप को नंगी पाकर भी वह अपने बदन को चादर से ढंक लेने की जरूरत नहीं समझी क्योंकि वह जानती थी कि कमरे में उसे कौन देखने वाला है , लेकिन वह यह कहां जानती थी कि देखने वाले ने तो उसका सब कुछ देख चुका है, और उसके नग्न बदन रुपी खजाने को देखने वाला दूसरा कोई और नहीं बल्कि उस का अपना ही बेटा था जो कि उस के नंगे बदन को देखकर इतना उत्तेजित हो गया था कि मुठ मारकर अपने आप को शांत करना पड़ा।
अलका एकदम बिंदास होकर एकदम नंगी बिस्तर पर बैठी हुई थी और अपनी बाहें फैलाकर अंगड़ाई लेते हुए अपने आलस को मरोड़ रही थी, उसके चेहरे पर संतुष्टि के भाव थे के चेहरे पर जरा सा भी कल जो हुआ था उसको लेकर बिल्कुल भी तनाव नहीं था। खुश नजर आ रही थी आज अलका और खुश हो भी क्यों ना आज पहली बार उसने अपने लिए अपने मन की सुनी थी, आज बरसो बाद उसने वह की थी जो उसके मन ने कहा था और जो उसके बदन की जरूरत थी। अलका आरस मरोड़ कर बिस्तर से नीचे उतर कर खड़ी हुई नीचे जमीन पर उस का गाउन पड़ा हुआ था अपने गाउन को देख कर वो फिर से मुस्कुराएं क्योंकि उसे तुरंत याद आ गया कि रात को इतनी ज्यादा उत्तेजित और उन्माद से भर चुकी थी कि कब उसने अपने बदन से एक-एक करके सारे कपड़ों को उतार के नीचे फेंक दी उसे पता ही नहीं चला। अलका ने अपना काउंट उठा कर कैसे अपने बदन पर डाल ली और कमरे के बाहर आ गई।
कमरे में बैठे बैठे काफी समय बीत चुका था वह कमरे से बाहर आया तो देखा कि उसकी मम्मी रसोई घर में नाश्ता तैयार कर रही थी, राहुल को सब कुछ नॉर्मल ही लग रहा था वह रसोई घर में प्रवेश किया और अपनी मम्मी से बोला।
गुड मॉर्निंग मम्मी।
गुड मॉर्निंग बेटा( कढ़ाई में चमची चलाते हुए बोली)
आज इतनी लेट तक सोए रहे मम्मी तबीयत तो ठीक है ना। ( इतना कहने के साथ ही वह मटके से पानी निकाल कर पीने लगा। उसकी मम्मी भी जवाब देते हुए बोली।)
हां बेटा थोड़ी थकान सी महसूस हो रही थी और वैसे भी कल भीगने की वजह से थोड़ी सर्दी हो गई है इसलिए आज आंख लग गई थी। ( इतना कहने के साथ ही वह हरी मिर्ची को काटने लगी और राहुल अपनी मम्मी के जवाब से संतुष्ट होकर रसोई घर से बाहर आ गया। राहुल के जाते ही अलका को फीर से कल की और रात की बाते याद आने लगी, उत्तेजनात्मक पल को याद करके एक बार फिर से उसकी पेंटी गीली होने लगी।
उसे बीते पल को याद करने में बड़ा ही रोमांच लग रहा था और मजा भी आ रहा था। बातों ही बातों में अलका ने नाश्ता तैयार कर ले और राहुल और सोनू को नाश्ता दे कर खुद अपने कमरे में जाकर ऑफिस के लिए तैयार होने लगी। सज धज कर तैयार होते ही अलका फिर से आसमान से उतरी कोई हूर लगने लगी।
हाथ में पर्श़ लिए अलका अपने कमरे से बाहर आई राहुल की नजर अपनी मम्मी पर पड़ी तो वह देखता ही रह गया, पहले भी हो इसी तरह से तैयार होकर सुंदर लगती थी लेकिन राहुल के लिए आज देखने का रवैया कुछ और था। विनीत की भाभी के साथ शारीरिक संबंध के बाद कहीं और तो को देखने का उसका नजरिया बदल गया था जो कुछ भी बचा था आज सुबह अपने ही मम्मी को संपूर्ण रुप से नग्नावस्था में देखकर वह भी बदल गया।
( अलका आज कुछ जल्दी मे हीं थी' इसलिए वह राहुल को हिदायत देते हुए बोली।)
बेटा आज मुझे देर हो रही है तुम और सोनू ठीक से स्कूल चले जाना और जाते जाते दरवाजे पर लोक मारते जाना' ठीक है ना।
ठीक है मम्मी आप चिंता मत करिए आप आराम से जाइए।( राहुल जवाब देते हुए बोला और राहुल कि मम्मी राहुल के जवाब से संतुष्ट होकर प्यार से दोनों बच्चों पर अपना हाथ फेरते हुए कमरे से बाहर चलीे गई। ना चाहते हुए भी राहुल की नजर की मम्मी की बडी़े-बड़ेी मटकती हुई गांड पर चली गई जो की चलते समय गजब की थिरकन लिए हुए थी। अपनी मम्मी की मटकती हुई गांड को देखकर राहुल के लंड ने फिर से अंगड़ाई लेना शुरु कर दिया। राहुल इससे ज्यादा और कुछ सोच पाता इसके पहले ही उसकी मम्मी उसकी आंखों से दूर होती चली गई। लेकिन जब तक उसकी मम्मी उसकी आंखों से ओझल होती तब तक उसकी मटकती गांड ने अपना कमाल दिखा चुकी थी और तुरंत राहुल के लंड में पूर्ण रुप से तनाव आ चुका था।
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