Desi Sex Kahani होता है जो वो हो जाने दो
10-09-2018, 03:27 PM,
#32
RE: Desi Sex Kahani होता है जो वो हो जाने दो
राहुल तुम्हें मेरी (अपने हाथ को पीछे ले जाकर अपनी बुर की तरफ इशारा करके)बुर दिखाई दे रही है ना।( राहुल भी अपनी नजरों को थोड़ा सा नीचे की तरफ झुका कर उसकी बुर को देखते हुए हां मैं सिर हिलाया)
इसी में तुम्हें मेरे पीछे ं आकर खड़े खड़े ही लंड डालकर मेरी चुदाई करनी है। ( यह सब देखकर राहुल तो पहले से उतावला हो चुका था वह तुरंत उसके पीछे आकर खड़ा हो गया , राहुल को पीछे से उसकी गदराई हुई और ऊभरी हुई गांड और भी ज्यादा बड़ी लग रही थी । यह देखकर राहुल से रहा नहीं गया और उसने अपने दोनों हथेली को उसके बड़े बड़े खरबूजों पर रखकर दबाने लगा। राहुल का लंड एकदम टाइट खड़ा था इसलिए उसका सुपाड़ा उसकी गांड की दरार के ईर्द गिर्द रगड़ खा रहा था। जिससे वीनीत की भाभी और ज्यादा चुदवासी हुई जा रही थी। वीनीत की भाभी से रहा नही गया ओर उसने खुद अपना हांथ पीछे ले जाकर लंड को थामी ओर उसके सुपाड़े को बुर के छेंद पर टीकाकर राहुल को धक्का लगाने के लिए बोली। राहुल तो पहले से ही उतावला था। उसने भी अपनी कमर को आगे की तरफ धक्का लगाया ओक उसका लंड पहले से ही पनियायी बुर में घुसता चला गया। दोनों थोड़ी देर में फिर से एकाकार हो गए। । विनीत की भाभी की गरम सिस्कारियों से फीर से पूरा कमरा गूंज उठा। जांघो से जाँघ टकरा रही थी जिसकी ठाप से कमरे का पुरा माहोल मादक हो गया था। राहुल तो बस बिना रुके ही अपना मुसल जेसा लंड वीनीत की भाभी की बुर मे पेले जा रहा था। दोनो चुदाई का मजा लुट रहे थे। कभी कभी धक्के ईतने तेज लग जा रहे थे की वीनीत की भाभी आगे की तरफ लुढक जा रही थी लेकीन राहुल उसकी कमर को थाम कर धक्के लगाते हुए चोद रहा था। करीब बीस मिनट की घमासान चुदाई के बाद दोनो की सांसे तेज चलने लगी ' ओर कुछ ही धक्को मे दोनो अपना कामरस बहाते हुए हांफ रहे थे। ।
वीनीत की भाभी ओर राहुल दोनो बहोत खुश थे। राहुल तो आज पहली बार ईस अद्भुत सुख से परीचीत हो रहा था। 
दोनो कपड़े पहन चुके थे 'राहुल अपनी नोटबुक ले लिया था। वीनीत की भाभी ने उसकी नोटबुक पर अपना नम्बर लिख कर दी थी। राहुल वीनीत के घर से बाहर निकल आया।

राहुल जा चुका था वीनीत की भाभी ने दरवाजे को बंद करके सोफे पर आकर धम्म से बैठ गई। उसके रोम रोम मे पूरे बदन में मीठा मीठा दर्द हो रहा था। उसे साफ-साफ एहसास हो रहा था कि उसकी बुर की फाँके कुछ ज्यादा ही खुल चुकी थी। वह जानती थी की राहुल का लंड कुछ ज्यादा ही मोटा तगड़ा था। उसके लंड के बारे में सोचते ही विनीत की भाभी का पूरा बदन अजीब से सुख की अनुभूति करता हूंआ गनगना जा रहा था। आज पूरे तीन चार घंटे तक राहुल से चुदवाकर पूरी तरह से तृप्त हो चुकी थी।
आज पहली बार ही उसके साथ चुदवाकर चुदाई का सुख ली थी लेकिन अगली मुलाकात के लिए अभी से तड़पने लगी थी मन ही मन मे सोच रही थी कि अच्छा हुआ कि उसने वीनीत को तीन चार घंटे के लिए बाहर भेज दी थी वरना आज ऐसा अतुल् एहसास का अनुभव कभी नहीं कर पातेी। आज वह बहुत खुश थी। 

शाम ढल चुकी थी रात गहरा रही थी राहुल खाना खाकर अपने कमरे में लेटा हुआ था आज उसका कुंवारापन खो चुका था लेकिन इस कुंवारेपन के खोने का जरा सा भी गम राहुल को नहीं था े । राहुल को ही क्यों सारी दुनिया के मर्दो को इस को खोने का जरा सा भी ग़म नहीं होता बल्कि दुनिया का हर मर्द अपना कुंवारापन लूटाने के लिए हमेशा बेताब रहता है।
वीनीत की भाभी को याद करके राहुल का लंड खड़ा होने लगा था। आज उसे एहसास हो गया था कि बुर में जो मजा आता है वह दुनिया की किसी चीज में नहीं आता*। 
राहुल संभोग के सुख को प्राप्त करके आनंदित हो चुका था आज पहली बार उसने अपने लंड का सदुपयोग किया था वरना अब तक सिर्फ मुत्र त्याग और हिलाने के ही काम में आता था। कसी हुई बुर की गर्मी अब तक उसे अपने लंड पर महसूस हो रही थी। जिस तरह से वीनीत की भाभी राहुल से दोबारा मुलाकात के लिए तड़प रही थी ठीक उसी तरह राहुल भी वीनीत की भाभी के साथ दूसरी मुलाकात के लिए तड़प रहा था वह मन ही मन में सोच रहा था कि ना जाने कब भाभी से कब मुलाकात होगी।
विनीत की भाभी के बारे में सोचते हुए राहुल का हाथ कब उसके पजामे में जाकर टनटनाए हुए लंड को थाम लिया उसे पता ही नहीं चला। उसने अपनी मुट्ठी को लंड पर एकदम भींच लिया और आंखों को बंद करके हिलाते हुए विनीत की भाभी की कसी हुई बुर के बारो मे सोचते हुए मुठ मारने लगा। और कुछ ही देर में हांफते हुए लंड का पानी पजामे में ही गिरा दिया। 


कुछ दिन तक यूं ही चलता रहा राहुल हमेशा विनीत की भाभी के ख्यालों में ही खोया रहता था। पढ़ाई में उसका मन नहीं लगता था और दूसरी तरफ नीलू थी जो कि राहुल के आगे पीछे लट्टु बनकर फिरा करतीे थी। लेकिन कुछ दिनों से उसे भी मौका नहीं मिला था कि राहुल से संबंधों को आगे बढ़ाया जा सके। सब अपनी अपनी धुन में मस्त थे। 

एक दिन अलका अपनी ऑफिस में बैठकर कंप्यूटर पर कुछ फाइले सबमिट कर रही थी। बाहर का मौसम खराब हो रहा था। हल्की फुल्की बूंदाबांदी हो रही थी,
अलका के मन में घबराहट सी हो रही थी क्या कल बारिश तेज होने लगी तो घर कैसे पहुंचेगी क्योंकि रास्ते में घुटनों तक पानी भर जाता था ऐसे में चल पाना बड़ा मुश्किल होता था और तो और पानी में अलका को डर भी लगता था' उनका यही सब सोचते हुए कंप्यूटर के बटन को बड़ी तेजी से दबाए जा रही थी ताकि काम जल्द से जल्द खत्म हो। 
अभी अलका एक मुसीबत के बारे में सोच ही रही थी कि तब तक दूसरी मुसीबत भी सामने कुर्सी पर आकर बैठ गई। 
और बताइए मैडम जी क्या हाल है( हाथ में कॉफी का मग पकड़े शर्मा जी कुर्सी पर बैठते हुए बोले।) 

ठीक है शर्मा जी।( अलका भी औपचारिक वश शर्मा जी की तरफ बिना देखे ही कंप्यूटर पर बटन दबाते हुए बोली।) 

आजकल आप हमारी तरफ जरा भी गौर नहीं कर रही है मैडम जी। ( कॉफी की चुस्की लेते हुए शर्मा जी बोले)

( अलका वैसे ही अपने काम में मग्न होते हुए बोली।) 

शर्मा जी हम सिर्फ यहां अपने काम पर गौर करने आते हैं किसी आलतू फालतू चीज पर नहीं।
( अलका का जवाब सुनकर शर्मा जी बुरा सा मुंह बनाने लगे । लेकिन अपनी वासनामई नजरों को अलका के मधुशाला की दोनों छलकते हुए पैमानो पर बराबर गड़ाए हुए थे। इस बात से अलका बिल्कुल अंजान थी क्योंकि वह शर्मा की तरफ ज्यादा ध्यान दे ही नहीं रही थी पर वह अपने काम में इतनी ज्यादा खो गई थी कि उसका आंचल के कंधे से लड़ा कर कब नहीं चाहिए आ गया इसका पता ही नहीं चला। और इसी बात का फायदा शर्मा जी उठाते हुए अलका की पड़ी पड़ी चूचियों के बीच की गहराई को आंखों से ही नाप रहे थे।
बड़ी बड़ी चुचियों को अधनंगी देखकर शर्मा जी के बुढ़े लंड में भी तनाव आना शुरु हो गया। अलका तो पूरी तरह से अपने काम मे खोई हुई थी उसे यह कहां पता था कि उसके दोनों छलकते हुए पैमानों को कोई अपनी आंखों से ही पी रहा है। शर्मा जी के मुंह में पानी भर आया था अलका के मदमस्त बदन उसकी बड़ी बड़ी चूचियां और मटकती हुई गांड को देख देखकर वह तड़पता रहता था और उसकी याद में घर जाकर रोज मुठ मारा करता था। 
शर्मा जी अभी भी बेशर्मों की तरह कॉफी की चुस्की लेते हुए अलका की छातियों को ही निहारे जा रहा था। 
लास्ट फाइल सबमिट करने के बाद जैसे ही अलका का ध्यान अपनी छातियों पर गयी और उसने अपने छातियों को खुला पाई तो उसकी नजर सामने बैठे शर्मा जी पर पड़ी जो की ललचाई आंखों से उसकी चूचियों को ही घूर रहा था'अलका ने झट से अपने पल्लू को दिल तो करते हुए अपनी छातियों को ढकते हुए गुस्से मे बोली।

शर्मा जी आप जाकर अपना काम कीजिए युं दूसरों को परेशान करने मत चला आया करिए। ( अलका का गुस्सा देखकर शर्मा जी झट से कुर्सी से उठ गए और बिना कुछ बोले वहां से हाथ मलते हुए अपनी केबिन में चले गए। अल्का का काम खत्म हो चुका था उसे घर जल्दी भी जाना था क्योंकि बाहर बारिश शुरु हो चुकी थी इसलिए उसने मैनेजर पर घर जाने की अनुमति मांगी और मैनेजर भी हवामान को देखते है उसे घर जाने की इजाजत दे दिया। अलका भी जल्दी-जल्दी अपना पर्स उठाई और ऑफिस के बाहर आ गई, हल्की हल्की बारिश शुरु हो चुकी थी। वह जानती थी कि वह भीग जाएगी लेकिन किया भी क्या जा सकता था इस मौसम का ठिकाना होता तो छतरी भी ले कर घर से बाहर आती लेकिन अब तो बिन मौसम ही बारिश होने लगती है। 
अलका मन में ही बड़बड़ाते हुए अपने कदम बढ़ा रही थी। बारिश की हाल्की ठंडी ठंडी बूदे धीरे धीरे करके उसके बदन को भिगोने लगी थी। वह कुछ दूर ही चली थी कि धीरे-धीरे करके उसके सारे कपड़े भीग गए।
रह-रहकर पवन का तेज झोंका उसके बदन मे सुरसराहट फैला जाता। अलका को मार्केट पहुंचते-पहुंचते वह बारिश के पानी में पूरी तरह से तरबतर हो चुकी थी और बारिश थी कि रुकने का नाम नहीं ले रही थी । सड़को पर पानी धीरे धीरे करकेे घुटनों से नीचे तक बहने लगा था । अलका की परेशानी बढ़ते जा रही थी। 
साड़ी गीली हो कर उसके मादक बदन पर चिपकी हुई थी जहां से हल्के हल्के उसके अंग का प्रदर्शन हो रहा था। पूरी तरह से ब्लाउज के लिए होने की वजह से ब्लाउज के अंदर की काले रंग की ब्रा साफ साफ नजर आ रही थी पीठ की तरफ उसकी काली पट्टीी देखकर आने जाने वालों का लंड टाइट हो जा रहा था। साड़ी गीली होकर उसके बदन से एेसे चिपकी हुई थी की उसकी भरपुर मादक गांड का उभार और कटाव साफ साफ दीखाई दे रहा था। और वास्तव में अलका को बदन की प्राकृतिक सुंदरता को देख कर आने जाने वालों की नजरें एक पल के लिए उसके बदन पर ही चिपक जाती थी। अलका भीगे बदन में और भी ज्यादा खूबसूरत लगने लगी थी। घर पहुंचने की जल्दी में बिना आगे पीछे देखे झटाझट अपने कदमों को बढ़ाते हुए चली जा रही थी लेकिन रास्ते पर पानी घुटनों तक आ गया था जिसकी वजह से पैर को आगे बढ़ाने में तकलीफ हो रही थी। 
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RE: Desi Sex Kahani होता है जो वो हो जाने दो - by sexstories - 10-09-2018, 03:27 PM

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