Desi Sex Kahani होता है जो वो हो जाने दो
10-09-2018, 03:26 PM,
#23
RE: Desi Sex Kahani होता है जो वो हो जाने दो
राहुल के लिए तो हर रोज अपनी उत्तेजना बढ़ाने के लिए टोपीक तैयार ही रहता था। वैसे भी विनीत की भाभी ने उसे कुछ ज्यादा ही अपने गठीले बदन का दर्शन करा दी थी। इसलिए तो वह रोज ही हस्तमैथुन की कला में पारंगत हु आ जा रहा था। 
और वहीं दूसरी तरफ अलका सोच में पड़ गई थी।
अपने आप से ही बोल रही थी। कैसा लड़का है कितना जिद करता है। उसका चेहरा उसकी बोलने की अदा उसका गठीला बदन सब कुछ अलका को लुभा गया था
खास करके उसका जिद करना। वह उस पल को याद कर रही थी जब उसने बिना कुछ बोले ही उसकी कलाई पकड़ कर कुर्सी पर बिठा दिया और कैसे जल्दी-जल्दी सफेद रसगुल्ले की कटोरिया उसके सामने रख दिया। 
अलका यह सब सोचकर आईने में अपने रुप को देखते हुए अपनी साड़ी खोल रही थी। कभी अपने खूबसूरत गठीले बदन को को तो कभी इस उम्र में भी गुलाब सा खिला हुआ खूबसूरत चेहरे को देखते हुए शाम की बात को याद किए जा रही थी। और तब तक उसने अपने बदन से साड़ी को उतार कर पलंग पर फेंक दी। 
ब्लाउज के बटन को खोलते समय उसे उस लड़के की
उस हरकत पर ध्यान गया जब उसने सैंडल के लिए उसकी साड़ी को हल्के से उठाया था।। 
उफफफफफ सोच कर ही उसके बदन में सिहरन सी दौड़ जा रही थी। कैसा है वह लड़का बिल्कुल भी नहीं डरा की उसकी इस हरकत पर मैं कुछ बोल दूंगी। उसका जबरदस्ती मेरे पास से सेंडल निकाल कर ले जाना और उसे ठीक करवाकर बड़ी रोमांटिक अदा से मेरे पैरों में पहनाना बिल्कुल राहुल के पापा की तरह।
राहुल के पापा का ख्याल आते हैं अलका अचंभित हो गई की आाज बरसों के बाद कैसे राहुल के पापा याद आ गए। ( अलका तब-तक ब्लाउज को भी उतार चुकी थी और उसकी नाजुक उंगलियां पेटिकोट की डोरी से उलझ रही थी। वह मन में ही सोच रही थी कि) हां बिल्कुल ऐसे ही तो थे राहुल के पापा ऐसे ही वो भी बोलते थे एकदम फिल्मी डायलॉग और जिद भी ऐसे ही करते थे। ( तब तक पेटीकोट की दूरी को भी खोल कर पेटीकोट को नीचे सरका दी। उसके बदन पर सिर्फ ब्रा और पेंटी ही रह गई थी जो की ट्यूब लाइट के उजाले में चमक रही थी। आईने में अपने बदन को देख कर वो खुद ही शर्मा जा रही थी। बड़ी-बड़ी उन्नत चूचियां आज भी अपनी गोलाइयां लिए हुए तन कर खड़ी थी।। अपनी चुचियों को देखकर जोकी ब्रा मे ठीक से समा भी नहीं पा रही थी उन गोलाईयो पर अनायास ही अपनी दोनों हथेलियां रखकर हथेली से गोलाईयों को दबाई । और जैसे ही चुचियों पर हथेली का दबाव बढा़ई अलका के मुंह से हल्की सी शिसकारी फूट पड़ी। अलका ने ईससे पहले ऐसा कभी भी नहीं की थी। लेकिन आज उस लड़के की हरकत खास करके उस लड़के के द्बारा साड़ी उठाना इस बात को याद कर करके थोड़ी उत्तेजित हो गई थी। उसे खुद ही अजीब सा लगा कि यह कैसे हो गया तभी उसकी जाँघो के बीच उसे कुछ रिश्ता हुआ महसूस हुआ। अलका ने आश्चर्य के साथ अपनी पैंटी में अपनी हथेली को डाली और उंगलियों से टटोलते हुए
अपनी बुर जोकी उत्तेजना के कारण रोटी की तरह फुल चुकी थी उसकी दरार पर अपनी उंगली लगा कर स्पर्श की तो उसमें से लिसलिसा रस टपक रहा था अलका को समझते देर नहीं लगी कि वह क्या है। उसे अपने ऊपर गुस्सा आने लगा क्योंकि उसकी बुर से रीस रहा मधुर जला जो की उत्तेजना के कारण ही निकल रहा था। 
आज ना जाने कितने सालों बाद उसकी बुर से यह नमकीन पानी रिस रहा था इससे पहले उसकी बूर सुखी ही पड़ी थी।
छी...... यह मुझे क्या हो गया है एक लड़के के बारे में सोच कर मुझे यह सब छी.....छी......

और झट से अलमारी में से गाऊन निकालि और उसे पहन कर अपने बिस्तर पर चलीे गई। और लाइट बंद करके सो गई।
दूसरे दिन राहुल स्कूल गया लेकिन क्लास में विनीत को ना देखकर वह समझ गया कि आज भी वीनीत स्कूल नहीं आया है और अब उसे नोट बुक लेने वीनीत के घर जाना ही होगा। विनीत के घर जाने के बारे में सोच कर ही राहुल की धड़कने बढ़ने लगी थी। क्योंकि जब भी वह वीनीत के घर के बारे में सोचता तब उसे विनीत की भाभी का गदराया हुआ बदन उसकी आंखों के सामने तेर जाता था। मुझसे अब छुट्टी की घंटी बजने का इंतजार था और उसका इंतजार समय पर खत्म भी हो गया।
राहुल सीधे वीनीत के घर पहुंच गया और दरवाजे पर दस्तक दिया दस्तक देने के कुछ देर तक कमरे के अंदर से कोई भी हलचल नहीं हुई तो राहुल ने फिर से दरवाजे को खटखटाया इस बार दरवाजा खुला और राहुल की धड़कनै फिर से तेज होने लगी। दरवाजा राहुल के सोचने के मुताबिक विनीत की भाभी ने खोला था।
वीनीत की भाभी ने मुस्कुराकर राहुल का स्वागत किया और उसे अंदर आने को कहा और राहुल भी मंत्रमुग्ध सा वीनीत की भाभी को निहारते हुए कमरे में प्रवेश किया। कमरे में प्रवेश करते ही वीनीत की भाभी ने दरवाजे को बंद कर दी दरवाजे के बंद होते ही राहुल की धड़कने तेज होने लगी। विनीत की भाभी के बदन से आ रही महंगीे और मादक परफ्यूम की खुशबू राहुल के उत्तेजना को बढ़ा रही थी जिसका असर राहुल के पेंट में साफ दिखाई दे रहा था। विनीत की भाभी ने ट्रांसपेरेंट साड़ी और स्लीव लेश ब्लाउज पहन रखी थी और ब्लाउज भी एकदम लो कट जिसमें से चुचियों के बीच की गहरी और लंबी लाइन साफ साफ दिखाई दे रही थी। जिस पर नजर पड़ते ही मारे उत्तेजना के राहुल का गला ही सूखने लगा। 
अपने पहनावे का असर राहुल पर पूरी तरह से हो रहा है इसका अंदाजा विनीत की भाभी को हो गया था। वह मन ही मन बहुत खुश हो रही थी। और मंद मंद मुस्कुराते हुए बोली।

बैठो राहुल......

( वीनीत की भाभी के मुंह से इतना सुनते ही राहुल को कुछ समझ में नहीं आया कि वह क्या बोले और वह हड़बड़ाते हुए बोला।)

ववववो .....भाभी ...... वीनीत आज भी स्कूल नहीं आया। 


अरे हां......... पहले बैठो तो फिर बतातीे हूं।

( विनीत की भाभी के कहने के साथ ही राहुल सोफे पर बैठ गया।)

हां मैं जानती हूं कि विनीत आज भी स्कूल नहीं गया है।
लेकिन आज भी वह घर पर नहीं है किसी काम से बाहर गया है। 
( इतना सुनते ही राहुल के हावभाव बदल गए। 
राहुल के बदलते हावभाव को देख कर वीनीत की भाभी तुरंत बोली।)

तुम टेंशन मत लो मैंने तुम्हारी नोटबुक वीनीत से मांग कर रख ली है। ( वीनीत की भाभी का जवाब सुनकर राहुल के चेहरे पर सुकून के भाव नजर आने लगे।)

लेकिन भाभी विनीत आएगा कब बहुत दिन हो गए उससे मुलाकात हुए। 

कुछ कह के तो नहीं गया है हां लेकिन तीन-चार घंटे लग सकते हैं। ( विनीत की भाभी यह अच्छी तरह से जानती थी कि विनीत अपने मन से नहीं बल्कि उसने खुद ही विनीत को तीन चार घंटे के लिए बाहर जानबूझकर भेज दी थी। उसने जो कल अपने हुस्न का राहुल को जलवा दीखाई उससे उसे पूरा यकीन था कि राहुल घर पर जरुर आएगा और अपनी नोट बुक लेने नहीं बल्कि उसके बदन को देख कर अपनी आंखे सेकने बाकी नोटबुक तो एक बहाना ही है। राहुल कुछ सोच कर बोला) 

फिर तो आज भी वीनीत से मुलाकात नहीं हो पाएगी।


हां वो तो है। चलो कोई बात नहीं फिर कभी मुलाकात कर लेना। 
( राहुल की नजर बार बार वीनीत की भाभी के वछस्थल पर चली जा रही थी। जोकि ट्रांसपेरेंट साड़ी होने की वजह से उसका उठान साफ साफ दिखाई दे रहा था। साड़ी में से उसके वक्ष स्थल के साथ-साथ उसका चिकना पेट और उसकी गहरी नाभि साफ-साफ झलक रही थी। जिसे देख कर वह उत्तेजित हुआ जा रहा था।
विनीत की भाभी उसी जगह पर खड़ी थी जहां पर कल खड़ी थी। उसका गोरा बदन पारदर्शक साडी की वजह से और भी ज्यादा निखर गया था। विनीत की भाभी बातों के दरमियान अपनी कमर को इस तरह से कामुक अदा से झटकती थी की राहुल की साँसे से ऊपर नीचे हो जाती थी। 
विनीत की भाभी को आगे क्या करना है यह उसने पहले से ही सोच रखी थी। इसलिए वह बोली।
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RE: Desi Sex Kahani होता है जो वो हो जाने दो - by sexstories - 10-09-2018, 03:26 PM

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