Desi Sex Kahani होता है जो वो हो जाने दो
10-09-2018, 03:18 PM,
#8
RE: Desi Sex Kahani होता है जो वो हो जाने दो
शाम ढल चुकी थी अंधेरा गहरा रहा था। राहुल अपने घर पर पहुंच चुका था। उसकी मम्मी खाना परोस कर खाने की तैयारी कर रही थी। 
राहुल भी जल्दी से हाथ पैर धोकर खाने बैठ गया । उसकी मम्मी राहुल और सोनू दोनों से खाते समय उन दोनों की पढ़ाई के बारे में पूछताछ करने लगी ।
राहुल और सोनू दोनों ने अपनी मम्मी के सवालो का जवाब ठीक ठाक दिया। कुछ देर में खाना ख़त्म करके सभी लोग अपने कमरे में चले गए। राहुल अपने बिस्तर पर लेटा हुआ था उसे एकाएक कल इसी वक्त हुए वाक्ये
के बारे में याद आ गया। उस वाक्ये के बारे में याद आते ही उसके लंड में तनाव आना शुरु हो गया। राहुल को उसकी मां का पिछ्वाड़ा याद आ गया। गोरी गोरी एकदम बड़ी बड़ी गांड को याद करके उसका लंड एक दम से टन्ना गया। कल का पूरा नजारा उसकी आंखों के सामने तैरने लगा उसे तुरंत याद आ गया कि वह कैसे दरवाजे को खोला ही था की सामने उसकी मां गाउन को पहन रही थी और अपनी गोरी गोरी मस्त गांड को ढक पाती उससे पहले ही उसकी नजर उसकी मम्मी की नंगी गांड पर पड़ गई। 
राहुल अपनी मां को याद करके एक दम गरम होने लगा उसे समझ में नहीं आ रहा था कि क्या हो रहा है लेकिन जो भी हो रहा था उससे उसके बदन में एक अजब सी हलचल मची हुई थी जिसमे उसे मजा भी आ रहा था।
राहुल का हांथ एकाएक अपनेपजामे में बने तंबू पर चला गया। वह जब-जब पजामे के ऊपर से ही अपने लंड के सुपारे को उंगली और अंगूठे के बीच में लेकर दबाता उसके बदन में झुरझुरी सी फेैल जाती। उसको बहुत मजा आता उसका मजा दोगुना हो जाता। 
इस समय वह नीलू को बिल्कुल ही भूल चुका था। उसकी आंखों के सामने बार बार उसकी मां की बड़ी-बड़ी गोरी गांड ही दिखाई दे रही थी। अपनी मां की गोरी गांड के बारे में सोच सोच कर उसके लंड का तनाव और भी ज्यादा बढ़ चुका था। आज तक उसने कभी भी अपनी मां के बारे में इतना गंदा नहीं सोचा था और ना ही कभी इस तरह की गंदी बातें सोचने के बारे मे सोच भी सकता था। लेकिन कल रात को उसने जो नजारा देखा था उसके बारे में भी कभी सोचा नहीं था। साड़ी ब्लाउज में तो बहुत बार देखा था कपड़े बदलते हुए नहाते हुए लेकिन कभी भी कपड़ों के अंदर का अंग नहीं देखा था इसलिए के बारे में कभी सोचा ही नहीं था लेकिन जब से उसने अपनी मां को उस अवस्था में देखा तब से राहुल के दिमाग में बार-बार वही छबी नजर आ रही थी। वैसे भी राहुल की मां की मादक और सुडोल गांड का उभार कुछ ज्यादा ही था। इसलिए उसकी गांड काउभार राहुल के मन-मस्तिष्क पर ज्यादा ही असर कर रहा था।।
राहुल की सांसे भारी होती जा रही थी। लंड में आए ज्यादा तनाव की वजह से अब उस में दर्द होना शुरु हो गया था। लेकिन राहुल को उस दर्द में भी मीठा मजा मिल रहा था। राहुल का मन एकदम बेचैन हुआ जा रहा था उसके बदन में रह रह कर झुरझुरी फेल जा रही थी।
वह अपनी मां के बारे में ही सोच रहा था तभी से का एकाएक सुझा की क्यों ना आज भी मम्मी के कमरे में
चलकर देखा जाए हो सकता है कि आज कुछ ज्यादा ही देखने को मिल जाए यही सोचकर बिस्तर से उठा और दरवाजे तक आ गया दरवाजे को खोलने ही वाला था कि उसका मन ग्लानी से भर गया । बस एकदम से उसके मन मेंअपनी ही मां को नंगी देखने के लिए कैसा बेचैन हुआ जा रहा है । उसे खुद पर गुस्सा आने लगा कि वह अपनी मां के बारे में कैसे इतना गंदा सोच सकता है। वह भारी मन से वापस अपने बिस्तर पर आकर बैठ गया। और सोचने लगा कि मैं कितना गंदा कामकरनेजा रहा था अगर इस बारे में की मां को जरा भी पता चलेगा तो कितना दुख पहुंचेगा और उस पर गुस्सा भी बहुत करेगी। यह सब सोचते हुए वह फिर से बिस्तर पर लेट गया। उसके लंड में आया तनाव धीरे धीरे कम होने लगा। राहुल मन में आए पछतावे के साथ
कब सो गया उसे पता ही नहीं चला।

सुबह 5:00 बजे का अलार्म बजते हैं राहुल की नींद खुल गई । राहुल अलार्म को बंद किया और थोड़ी देर यूं ही बिस्तर पर आंखें बंद करके लेटा रहा वह सोचा अभी 5 मिनट में उठता हूं। लेकिन जब दोबारा आंख खुली तो घड़ी में 7:00 बज रहे थे। वह हड़बड़ा के बिस्तर पर से उठा और तुरंत बाथरूम की और भागा । जल्दी-जल्दी ब्रस करके नहा धोकर तैयार हो गया। उसे आज नीलू से मिलने जाना था आज बहुत खुश लग रहा था। किचन में गया तो वहां खाना नाश्ता दोनों तैयार हो चुका था कि मम्मी आदत के अनुसार मंदिर जा चुकी थी राहुल ने अपने हाथों से चाय नाश्ता लेकर किचन के बाहर आकर नाश्ता करने लगा। रविवार के दिन वैसे भी उसे कुछ ज्यादा टेंशन नहीं रहता आज के दिन वह यहां-वहां घूम कर अपना समय व्यतीत करता था। वैसे भी वह हर संडे को विनीत के साथ ही होता था लेकिन आज वह नीलू के साथ घूमने जाने का प्रोग्राम बना चुका था। तैयार हो चुका था राहुल अभी भी उसे 2 घंटे का समय था लेकिन फिर भी वह अंदर ही अंदर बेचैन ,हुआजा रहा था उसे जल्दी थी नीलू से मिलने की। वह बस अपनी मां का इंतजार कर रहा था जोकि मंदिर गई हुई थी। 
नीलु से वह क्या कहेेगा। कैसे कहेगा वह क्या करेगी कहां चलेगी घूमने यही सब बातें । उसके मन में चल रही थी चाय नाश्ता कर चुका था बस इंतजार था उसको अपनी मम्मी का। थोड़ी ही देर में पूजा की थाली लिए हमें उसकी मां घर में प्रवेश करी। अपनी मां को देखते ही राहुल बहुत खुश हुआ। राहुल को खुश होता हुआ देखकर उसकी मां बोली।
राहुल की मां :क्या बात है बेटा आज बहुत खुश नजर आ रहे हो।( पूजा की थाली लिए हुए सीधे रसोई घर मे चली गई पीछे-पीछे राहुल भी रसोईघर में चला गया और पीछे से ही बोला।)

राहुल: बस ऐसे ही मम्मी। वह क्या है कि आज है दोस्तों के साथ कहीं घूमने जाने का प्रोग्राम था इसलिए। वह क्या है कि।( राहुल कुछ बोलना चाह रहा था लेकिन हीचकीचा रहा था। । उसके हिचकिचाहट को उसकी मा समझ गई थी। और वह पूजा की थाली रखकर अपनी कमर पर हाथ रखते हुए राहुल की तरफ देखते हुए बोली।)
राहुल की मां :अच्छा तो तुम्हे पैसे चाहिए तो सीधे-सीधे क्यों नहीं बोल देते इतना हड़बड़ा क्यों रहे हो।( इतना कहते ही वह किचन पर पड़ा हुआ पर्स उठाई और उसे खोलकर उसमें से 50 का नोट निकाल कर राहुल को पकड़ाते हुए बोली।)
राहुल की मां: ले बेटा मैं जानती हूं कि मैं तुम दोनों की सारी ख्वाहिशें नहीं पूरी कर पाती तुम तो जानते ही हो
हम लोगों की माली हालत ठीक नहीं है जैसे तैसे करके घर का खर्चा चलता है। फीर भी में पूरी कोशिश करती हूं कि तुम लोगों की थोड़ी बहुत ख्वाहिशै जरूर पूरी करती रहुँ। 
( राहुल उस 50 की नोट को हाथ में पकड़ते हुए बोला)
राहुल: आप बहुत अच्छी हो मम्मी। आप हम लोगों की सारी ख्वाहिशें पूरी करती हो आई लव यू मम्मी। ( इतना कहने के साथ ही अपनी मम्मी के गले लगते हुए थैंक्यू बोला।)
राहुल की मम्मी; वेसे बेटा तुम कब लौटोगे।
(
अपनी मम्मी से अलग होता हुआ बोला)
राहुल; मम्मी कोई नक्की तो नहीं है कब लौटूंगा। कुछ काम था क्या मम्मी।

राहुल की मम्मी; वेसे कुछ खास नहीं बस थोड़ा मार्केट जाना था राशन लेने। कोई बात नहीं मैं खुद चली जाऊंगी।
राहुल; अगर मैं टाइम पर आ गया तो जरुर चलूंगा और नहीं आ पाया तो आप खुद चली जाना। 

राहुल की मम्मी: ( अपनी साड़ी के किनारी को अपनी कमर मे ठुंसते हुए) कोई बात नहीं बेटा मैं कह रही हुँ न मै चली जाऊंगी तुम बेफिक्र रहो। 
( राहुल की मम्मी जब अपनी साड़ी की किनारी को अपनी कमर में ठूंस रही थी तो राहुल की नजर एकाएक उसकी मम्मी के गोरी गोरी एकदम चिकनी और मांसल कमर पर पड़ी । और वह अपनी मम्मी की कमर को देखता ही रह गया । उसकी मम्मी थी की रसोई का काम किए जा रही थी कभी बर्तन को गैस पर रखती तो कभी जूठे बर्तन को धोने लग जाती । राहुल की नजर बार-बार उसकी मम्मी के अंगो उपांगो पर तैरने लग जा रही थी। उसकी मां के बदन की बनावट उसके अंगों का कटाव था ही ऐसा की कोई भी उसे एक बार देख ले तो देखता रह जाए। 
राहुल की मां राहुल के आगे खड़ी थी राहुल उसके पीछे खड़ा था। उसकी मां की पीठ राहुल के सामने थी। राहुल अपनी मां के अंगउपांगो को निहार रहा था। कुछ देर पहले ही जहां राहुल अपनी मां के मार्तत्व और वात्सल्य से खुश होकर अपनी मां को गले से लगा लिया था और अब उर्सी मां के खूबसूरत बदन को देखकर उसका मन मचलने लगा था। राहुल अपनी आंखों की पहुंच को जहां-जहां हो सकता था वहां वहां अपनी मां के बदन तक पहुँचा रहा था। . फिर से उसकी जाँघों के बीच के अंग में तनाव आना शुरु हो गया था।
उसकी मां सब्जी काट रही थी और सब्जी काटते हुए बोली।

राहुल की मां : खाना तैयार हो गया था बेटा बस सब्जी बनाना रह गया था। तुम जरा उस थेली में से आलु निकाल कर दो। (
राहुल की मम्मी पीछे देखे बिना ही बोली थी। सब्जी से भरा हुआ थेला वही राहुल के पैर के पास पड़ा हुआ था राहुल जैसे ही नीचे बैठ कर थेलें मैं से आलू निकालने लगा वैसे ही उसकी मां के हाथों से चाकू छुट़कर नीचे गिर गया। उसकी मां चाक़ू उठाने के लिए नीचे झुकी और जैसे ही वह झुकी उसकी बड़ी बड़ी मतवाली और चौड़ी गांड ठीक राहुल की आंखों के सामने उभर के सामने आ गई। नीचे बैठे होने की वजह से उसकी मां की बड़ी बड़ी गांड और भी ज्यादा बड़ी लगने लगी। 
राहुल एकटक अपनी मां की गांड को ही देखते रह गया । उसे एकाएक रात वाला नजारा याद आ गया जब उसने अपनी मां की नंगी गांड को देखा था। वह सोचने लगा की सच में मम्मी की गांड बहुत बड़ी-बड़ी और बहुत मस्त है। साड़ी में जब इस तरह की दीखाई दे रही है। तो उस रात को तो मै मम्मी की गांड को एकदम नंगी देखा था। मम्मी की गांड सच में बहुत खूबसूरत है। तभी तो मेरे मन से मम्मी की गांड की छवी हट नहीं रही है।
राहुल ये सब सोच ही रहा था तब तक उसकी मां चाकु उठा कर फिर से सब्जी काटते हुए बोली।

राहुल कीमाँ: क्या हुआ बेटा इतनी देर क्यों लग रही है आलू देने में।( अपने मम्मी की बात सुनते ही राहुल हड़बड़ा गया और हड़ बड़ाते हुए बोला।)
राहुल; हहहहहह हाँ मममम्मी दे रहा हुँ। ( इतना कह कर झट से थैले मे से आलू नीकालकर अपनी मां को थमाते हुए बोला।)
लो मम्मी यह रहे आलू। 
( राहुल की मां राहुल के हाथों से आलू थाम ली और आलू को काटते हुए बोली)
राहुल की मां: बेटा तुम नाश्ता तो किए हो ना। 
राहुल: ( अपनी मां के पिछवाड़े पर नजर गड़ाए हुए) हां मैं नाश्ता कर लिया हूं।
राहुल की मां ;एक काम करो बेटा थोड़ी देर में सब्जी भी तैयार हो जाएगी तो खाना खा कर जाना पता नहीं कब लौटोगे वहाँ से।

राहुल: ठीक है मम्मी मैं खाना खा कर जाऊंगा वैसे भी अभी मेरे पास टाइम समय बहोत है।
( राहुल की बात सुनकर उसकी मां राहुल की तरफ घूमते हुए बोली।)
राहुल की मां ;तब तक जाओ बेटा बाहर बैठो थोड़ी देर में सब्जी तैयार हो जाती है तो मैं परोस कर लाती हुँ।

राहुल; ठीक है मम्मी( इतना कह कर राहुल रसोई घर के बाहर चला गया)
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RE: Desi Sex Kahani होता है जो वो हो जाने दो - by sexstories - 10-09-2018, 03:18 PM

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