Desi Sex Kahani होता है जो वो हो जाने दो
10-09-2018, 03:17 PM,
#2
RE: Desi Sex Kahani होता है जो वो हो जाने दो
वो जल्दी जल्दी अपने घने बालो को संवार कर ऊसमे क्लीप लगा कर व्यवस्थित कर ली। वो दो कदम बढाकर आलमारी की ओर बढ़ी । लेकीन ये दो कदम चलने मे उसकी बड़ी बड़ी गांड ने ऐसी थीरकन ली की अगर ईस समय कोई भी राहुल की मां की मटकती हुई गांड को देख लेता तो ऊसका लंड खड़े खड़े ही पानी छोड़ देता।
आलमारी को खोलकर उसमे से आसमानी रंग की साड़ी को बाहर निकालकर आलमारी को बंद कर दी। वैसे राहुल की मां के पास साड़ीयो मे ज्यादा पसंद करने जैसा कुछ खास नही था। कुल मीलाकर ५से ६ साड़ीया ही उसके पास थी ।जीसे बदल बदल कर वो पहना करती थी।लेकीन कीसी भी रंग की साड़ी मे वौ बहोत ही खुबसुरत लगती थी।
अपनी नरम नरम ऊंगलियो मे साड़ी की कीनारी को फसाकर वो अपनी कमर मे लपेटने लगी। राहुल की मां को साड़ी पहनते हुए भी देखने मे भी अपना एक अलग ही मजा है। लेकीन ये सदभाग्य अब तक सीफॅ राहुल के पापा को ही नसीब हो पाया था। 

साड़ी को बड़े सलीके से पहन कर राहुल की मां तैयार हो चुकी थी। आसमानी रंग की साड़ी मे राहुल की मां का गोरा रंग और ज्यादा फब रहा था। आईने मे अपना चेहरा देखकर मुस्कुरा दी। बिस्तर पर पड़े अपने पसॅ को उठाकर जैसे ही दरवाजे पर पहुंची उसे कुछ याद आ गया। ओर वो झट स अपने पसॅ को बिस्तर पर रख के अपने ब्लाऊज की तरफ देखी तो चौंक गई ।लेकीन अपनी ईस गलती पर मुस्कुराते हुए वो अपने ब्लाऊज के बटन को बंद करने लगी।जिसे उसने कमरे मे आते ही ऊपर के दो बटन को खोल दी थी। ओर बटन खुले होने की वजह से आधी चूची बाहर छलक रही थी। 
एक बार फीर से अपने कपड़ो पर नजर मार के अपने कमरे से बाहर आ गई। 


मम्मी:सोनु बेटा मै ऑफीस जा रही हुं । खाना खा लेना और टाईम से स्कुल चले जाना ।शरारत मत करना।
(सोनु अपने कमरे मे पढ़ाई कर रहा था उसकी मम्मी कमरे के बाहर से ही सोनु को हीदायते दे रही थी। ये रोज का ही था । उसकी मम्मी ऑफीस जानेे से पहले रोज सोनु को ईतनी बाते जरुर समझा के जाती थी।
सोनु भी रोज की तरह कमरे मे से ठीक है मम्मी कह के फीर से पढ़ाई करने लग जाता था। उसकी मम्मी भी पूरी तरह से ईत्मीनान कर लेने को बाद रोज की तरह ऑफीस चली गई।
राहुल की मम्मी को भी अगले चौराहे से ही ऑटो पकड़ के ऑफीस जाना था । उसे भी चौराहे तक हमेशा पैदल ही जाना पड़ता था। रोज की तरह आज भी सड़क से गुजरने वाले लोग की खुबसुरती और उसका गदराया बदन देखकर आंहे भर रहे थे।उसकी बड़ी बड़ी मटकती हुई गांड देखकर तो न जाने कीतने लोग अपने लंड को पजामे के ऊपर से ही मसलने लग जाते थे।
चौराहे पर पहुंच कर वौ ऑटो का ईन्तजार करने लगी की पीछे से एक बुजगॅ टकरा गया । और माफ करना बेटी कहकर चला गया। उसके जी मे तो आ रहा था की उसे जोर से थप्पड़ लगा दे।क्योकी उसने टकराते समय उसकी गांड पर चुटकी काट लिया था। लेकीन वो बात को बिगाड़ना नही चाहती थी। ईसलिए कुछ बोली नही।
कुछ ही देर मे ऑटो आ गई और वो उसमे बेठकर अपनी ऑफीस चली गई।
ऑफीस मे पहुंचते ही सबसे पहले शमॉ जी ने राहुल की मां को गुड मानिॅग कहा।

शमॉ जी; गुड मानिॅंग अलका जी ।(राहुल की मां औपचारीकता वश रुक गई। और वो भी मुस्कुरा के बोली)

राहुल की मां; गुड मानिॅंग शमॉ जी।
(राहुल की मां का जवाब सुनते ही शमॉ ने तुरन्त बोल दीया।)
शमॉ जी; आज बहुत खूबसूरत लग रही हो।
(शमॉ जी की बात को अनसुना करके आगे बढ़ी ही थी की।)

शमॉ जी: अरे सुनिए तो। अरे सुन लो ना।
(ईस बार रुक कर पीछे मुड़कर बोली)

राहुल की मां: क्या है?(गुस्से से बोली)

शमॉ जी: (गंदी हंसी चेहरे पर लाते हुए)अरे सुन तो लीजीए मेडम जी। सच मे आप बहोत खुबसुरत लग रही हो।

राहुल की मां गुस्से से आंख तरॉते हुए) मुझे आपकी कोई बात नही सुन्ना। 
(और ईतना कह के अपनी केबीन की तरफ चल दी।)

(साली मस्त माल है ईसकी बड़ी बड़ी गांड देखकर ही मेरा लंड खड़ा हो जाता है।काश ईसकी बुर को चोद पाता। शमॉ जी हांथ मलते हुए अपनी केबीन की तरफ चल दीया। 
शमॉ जी बड़े रंगीन मिजाज के थे पचास के करीब होने को आ गए हैं लेकीन औरतो को देखकर लार टपकाना आज तक नही छोड़े। जब से ऑफीस मे राहुल की मां आई है उस दीन से शमॉ जी उसके लार टपकाए पीछे पडे़ है। लेकीन आज तक यहां ईनकी दाल नही गली।
बस आहें भरकर रह जाते थे।
ऑफीस मे शमॉ जी जेसे और भी कई लोग थे ।
लेकीन राहुल की मां रोज उनकी गंदी नजरो को और उनके द्बारा कसी गई गंदी फब्तीयो को सुनकर भी अनसुना कर देना उसका रोज का काम हो गया था।
राहुल की मां अपने काम को बखुबी बेहद ईमानदारी से करती थी। क्योकी उसे बड़ी मुस्कील समय मे ये जॉब मीली थी । ओर वो इस जॉब को खोना नही चाहती थी।
ईसलिए अपनी केबीन मे एक बार घुसने के बाद सारा काम खत्म करने के बाद ही घर जाने के समय ही बाहर नीकलती थी।

वहां दुसरी तरफ स्कुल मे रीशेष का समय हो गया था।
कुछ ही देर मे रीशेष की घंटी भी बज गई। सब लोग क्लास से बाहर निकल गए। केवल क्लास मे राहुल और वीनीत ही रह गए। ये दोनो अक्सर रीशेष के समय क्लास मे ही रहकर ईधर उधर की बाते कीया करते थे:-) आज भी दोनो क्लास मे गप लड़ा रहे थे की तभी धपाक से क्लास का दरवाजा खुला और उन्ही के क्लास की एक लड़की ने प्बृेश की। और दरवाजे को बंद कर दी।राहुल को तो कुछ समझ मे नही आया लेकीन उसको देखकर वीनीत मुस्कुरा दिया।

वीनीत; आओ नीलु आज बहोत दीनो बाद दीख रही हो।कहां चली गई थी?
(ये उनकी ही सहपाठी थी ।जिसका नाम नीलु था।वीनीत और नीलु की आपस मे दोस्ती थी। राहुल ईसे जानता जरुर था लेकीन कभी बात नही कीया था। वैसे भी राहुल लड़कीयो से शरमाता बहोत था। उनसे न बात ही कभी कीया और न ही कभी दोस्ती कीया। यहां पर भी नीलु की उपस्थिति मे राहुल अपने आप को सहज नही कर पा रहा था। वो शरमाकर अपनी नजरे इधर उधर फेर ले रहा था। वीनीत के सवाल का जवाब देते हुए नीलु बोली।)

नीलु:क्या करु मेरी तबीयत ही कुछ दीनो से खराब चल रही थी जिस्से मे स्कुल नही आ पा रही थी।कल से बिल्कुल आराम हो गया तो आज आई हुं। (नीलु आगे वाली बेन्च पर बैठते हुए बोली। राहुल उसे बैठते हुए देख रहा था लेकीन जेसे ही राहुल पर नीलु की की नजर पड़ी तुरन्त राहुल ने अपनी नजर घुमा लीया। नीलु को देखते वीनीत के जांघो के बीच सरसराहट होना शुरु हो गया था।

वीनीत:कुछ काम था क्या?

नीलु: हां मुझे कुछ नोट्स चाहीए था। चार पांच चेप्टर मे पीछे हो गई हुं। ( ईतना कहते हुए नीलु बेन्च पर थोड़ा सा ओर झुक गई ताकी उसकी चुचीयो को बीच की लाईन ओर अच्क्षे से दीखके क्योकी वो वीनीत की नजरो को भांप गई थी। वीनीत उसकी छातीयो पर ही नजर गड़ाए हुए था।)दोगे न मुझे अपनी नोट्स। (नीलु के एक बार फीर से कहने पर जेसे वीनीत नींद से जागा हो ईस तरह से हकलाने लगा।

वीनीत:हहहहहहह हां हांं क् कक्यो नहीं दुंगा। जरुर दुंगा। तुम्हे केसे ईन्कार कर सकता हुं। आखिरकार तुम्ही तो मेरी (राहुल की तरफ देखते हुए)सबसे अच्छी दोस्त हो। । (नीलु भी राहुल की तरफ देखने लगी। अपनी तरफ नीलु को देखता हुआ पाकर राहुल शमॉकर नीचे नजरे झुका लिया। और नीलु ने ईसारे मे ही राहुल के बारे मे पुछी।)

वीनीत : ये।। ये तो मेरा सबसे अच्छा दोस्त है। राहुल।

(राहुल का परीचय जान्ने के बाद राहुल की तरफ हांथ बढा़ते हुए नीलु बोली।)

नीलु:हाय राहुल।
(यूं अपनी तरफ हांथ बढ़ा हुआ देखकर राहुल की तो हालत खराब हो गई।कीसी लड़की ने पहली बार उसकी तरफ दोस्ती का हांथ बढा़ई थी । राहुल का तो गला सुखने लगा। वो क्या करे ओर क्या न करे उसे कुछ समझ मे नही आ रहा था। वीनीत समझ गया की राहुल शमॉ रहा हे।राहुल की मनोस्थिती को भांप कर वीनीत बोल पड़ा।)

वीनीत:क्या यार राहुल ये लड़की होकर नही शमॉ रही हे और तु हे की लड़का होकर ईतना शमॉ रहा है। चल हाथ मिला।(ईतना कहते हुए वीनीत खुद राहुल का हांथ पकड़ के नीलु के हांथ मे थमाते हुए ) ईतना शमॉएगा तो केसे काम चलेगा।
नीलु खुद ही राहुल का हांथ अपने हांथ मे ली और राहुल की हथेली को अपनी हथेली मे कस के दबाते हुए गमॅजॉसी के साथ बोली।

नीलु:नाईस टु मीट यू राहुल।
(जवाब मे राहुल भी हकलाते हुए बोला।)

राहुल: मममममममम मुझे भी तततततुमसे मीलकर बबबबबहोत अच्छा लगा।
(राहुल को यूं घबराकर जवाब देता हुआ देखकर दोनो की हंसी छुट गई। राहुल अपने व्यवहार से बहोत शमॅिंदा हुआ। वीनीत उसका बीच बचाव करता हुआ बोला।)

वीनीत; ये लड़कीयो से बहोत शमॉता हे। ये शुरु से शमॅीला हे।ईसलिए थोड़ा घबरा गया। बाकी तो ये मेरा हीरा है। राहुल अभी भी अपनी नजरे नीचे कीए हुए था।ईतने नीलु बोल पड़ी।)

नीलु:तुम्हारा दोस्त वो भी शमॅीला ओर सीधा । हो ही नही सकता। जहां तक मे तुम्हारे सभी दोस्तो को जानती हुं सबके सब तुम्हारी ही तरह फ्लटॅी कीस्म के और हमेशा लड़कीयो के पीछे लार टपकाए घूमते रहते है।(ईतना कहते हूए नीलु अपने शटॅ के ऊपरी बटन को अंगुठे से ईधर उधर घुमाते हुए नीचे करने लगी। जिस्से चुचीयो के बीच की लकीर और उभर के सामने दीखने लगी। वीनीत की नजर नीलु की चुचीयो पर ही टीकी हुई थी।और नीलु के ईस तरह से अपनी शर्ट मे ऊंगली से थोड़ा सा सरकाने से वीनीत का लंड टनटना के खड़ा हो गया। ओर वानीत का मुंह खुला का खुला ही रह गया। राहुल नजर बचा कर नीलु की तरफ देख ले रहा था। नीलु की गोलाईयो के बीच की वो जानलेवा लकीर राहुल की नजर मे भी आ गई थी। उसके जांघो के बीच मे भी तनाव आना शुरु हो गया था। राहुल की तो ईतने मे ही सॉंसे तेज होने लगी थी। राहुल के पेन्ट मे तम्बु बनना शुरु हो गया था। राहुल की नजर कभी नीलु की चुचीयो पर तो कभी अपने पेन्ट मे बन रहे तम्बु पर जा रही थी। नीलु की नजर राहुल के पेन्ट के बढ़ रही उभार पर ही थी। जिसे देखकरत मुस्कुराते हुए बोली।

नीलु:यही हैं तुम्हारे सीधे दोस्त जो अपना खड़ा करके मुझे घुरे जा रहे हैं।
(नीलु की बात सुनते ही वीनीत की नजर राहुल के पेन्ट पर गई तो सच मे उसके पेन्ट मे बने हुए तम्बु को देखकर मुस्कुरा दीया ओर वीनीत कुछ बोलता इस्से पहले ही शर्मिंदा होकर अपने पेन्ट मे बने तंबु को छीपाने के लिए झट से बेंच पर बैठ गया।)
Reply


Messages In This Thread
RE: Desi Sex Kahani होता है जो वो हो जाने दो - by sexstories - 10-09-2018, 03:17 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,577,304 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 553,021 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,265,638 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 956,839 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,696,925 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,117,289 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,014,531 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,270,732 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,106,562 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 292,214 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 6 Guest(s)