RE: Antarvasna kahani मासूम
अब दीपा मेरे लंड को बड़े ध्यान से देखने लगी कुच्छ देर बाद उसने मेरे लंड को टच किया तो मुझे एक झटका सा लगा और बहुत मज़ा आया
"दीदी इसे एक बार पकड़ लो ना अभी अपने इसे टच ही किया तो मुझे बहुत मज़ा आया अगर पकड़ लोगि तो और भी ज़्यादा मज़ा आएगा प्लीज़ दीदी अगर मुझे मज़ा देना चाहती हो तो उसे पकड़ लो ना" मैं गिडगिडाते हुए बोला
"दिपु तुम चुप चाप खड़े रहो और अपना काम करो और मुझे अपना काम करने दो" दीपा बोली
"ओके दीदी" मैं बोला और फिर से उसकी गान्ड पर हाथ फेरने लगा और दबाने लगा
दीपा ने मेरे लंड को अपनी उंगलियो से पकड़ा हुआ था और अभी तक उसे देख ही रही थी कुच्छ देर बाद उसने मेरा लंड अपनी मुट्ठी मे भर लिया और धीरे धीरे मेरी मूठ मारने लगी मुझे बहुत मज़ा आरहा था दीपा के छोटे छोटे सॉफ्ट हाथो मे अपना लंड महसूस करके
"दीदी मुझे बहुत मज़ा आरहा है सच आपके हाथो मे तो जादू है" मैं मज़े से बोला
"दिपु तुम मुझे फिर से मज़ा दो ना प्लीज़ बहुत मन कर रहा है" दीपा मेरे हार्ड लंड को गर्मी को महसूस करके फिर गरम होते हुए बोली
अब मैं उठा और ठीक से लेट.ते हुए मैने दीपा को अपने उपर कर लिया अब उसकी चूत मेरे मूह के पास थी और मेरा लंड उसके मूह के पास था
मैने दीपा की टाँगे खोल ली और अपनी जीभ उसकी चूत मे डाल कर उसे अपनी जीभ से चोदने लगा दीपा को मज़ा आने लगा और उसने मेरा लंड पकड़ कर मूठ मारनी शुरू कर दी
"भैया और ज़ोर से करो और अंदर डालो अपनी जीभ मुझे बहुत मज़ा आरहा है वैसे तुमको आन कैसा फील हो रहा है, मज़ा आरहा है ना मेरे ऐसा करने से" दीपा मस्ती मे बोली
"दीदी मुझे बहुत मज़ा आरहा है लेकिन अगर ये किसी गीली चीज़ मे जाएगा तो और ज़्यादा मज़ा आएगा" मैं बोला
"दिपु तुम्हारा मतलब है मैं इसे अपने मूह मे ले लूँ उस से तुम्हे ज़्यादा मज़ा आएगा?" दीपा ने पुछा
"दीदी कहीं भी डाल लो मुझे बहुत मज़ा आएगा" मैं बोला
"कहीं भी मतलब? और कहाँ डालते है इसे" दीपा ने पुछा
"इसे यहाँ भी डालते है और यहाँ भी और मूह मे भी लेते है" मैने पहले उसकी चूत के छेद पर और बाद मे उसकी गान्ड के छेद पर उंगली लगा कर बताया "लेकिन दीदी आपका दिल जहाँ चाहे वही डाल लो अभी तो प्लीज़"
"भैया मैं तो अभी मूह मे ही ट्राइ करती हूँ क्योंकि उन जगहों पर तो मुश्किल है मेरे वो दोनो छेद अभी बहुत छोटे और टाइट है उनमे नही जाएगा ये" दीपा बोली
फिर उसने मेरा लंड पकड़ कर अपनी स्वीट सा मूह खोला और आराम से मेरा लंड अपने मूह मे डाल लिया पहले तो उसने अपनी जीभ निकाल कर मेरे लंड के सुपाडे पर फिराने लगी लीक करने लगी और मैं मज़े से उसकी चूत को चाट.ते हुए अपनी जीभ अंदर बाहर कर रहा था
फिर दीपा मेरे लंड को मूह मे भर कर उसे चूसने लगी मेरा आधा लंड ही उसके मूह मे जा रहा था लेकिन फिर भी मुझे बहुत मज़ा आरहा था दीपा बहुत स्लो स्लो सक कर रही थी और मेरी इतने दिनो से उसके साथ ये सब करने की तड़प अब ख़तम हो रही थी
दीपा इतने प्यार से मेरा लंड चूस रही थी कि मुझसे बर्दाश्त नही हुआ और मैं उसके मूह मे ही झड़ने लगा मेरा माल उसके प्यारे से मूह को भरने लगा था लेकिन दीपा ने मेरा लंड बाहर नही निकाला था और उल्टा अपना मूह बंद कर लिया था जिससे एक बूँद भी बाहर नही गिरी थी
मेरा सारा माल दीपा के मूह मे जमा हो गया था और मैं लगातार उसकी चूत से खेले जा रहा था और कुच्छ ही देर मे वो भी मेरे मूह मे झड गई
अब दीपा ने आराम से मेरा लंड अपने मूह से बाहर निकाला और मुझसे इशारो मे पुछा कि मेरी कम को उसके मूह मे थी उसका क्या करना है
"अगर आपको उसका टेस्ट पसंद आया हो तो निगल जाओ" मैं बोला
मेरी बात सुनकर दीपा ने अपनी आँखे बंद कर ली और मेरा सारा माल निगल लिया..........
"भैया टेस्ट तो अच्छा था मुझे बहुत मज़ा आया वो पीकर, और भैया जब आप मुझे वहाँ सक करते हो ना तो मुझे बहुत ज़्यादा मज़ा आता है" मेरा माल निगलने के बाद दीपा बोली "वैसे भैया आपका ये आराम से अंदर चला जाता है क्या?"
"किसके अंदर दीदी कहाँ के बारे मे पुछ रही हो?" मैं जानते हुए बोला
"वहीं भैया जहाँ अभी आपने लीक किया था और क्या पिछे भी चला जाता है" उसने बताया
"दीदी नाम लेकर बताओ ना प्ल्ज़" मैं बोला
"भैया चूत और गान्ड मे इतना बड़ा लंड आराम से चला जाता है क्या क्यों कि ये होल तो बहुत छोटे और टाइट होते है" दीपा ने शरमाते हुए पुछा
"दीदी धीरे धीरे प्यार से और सही तरीके से करो तो ज़्यादा दर्द नही होता वो भी बस पहली बार ही होता है लेकिन लंड चूत और गान्ड मे आसानी से चला जाता है" मैने उसे बताया
"भैया ट्राइ कर के देखे क्या" थोड़ी देर सोचने के बाद वो बोली
नेकी और पुच्छ पुच्छ कब से मैं ये सब करने के लिए मरा जा रहा था
"ठीक है दीदी लेकिन पहले आप अपने सारे कपड़े उतार कर पूरी नंगी हो जाओ तभी मज़ा आएगा" मैं खुश होकर बोला
मैने उठ कर अपने कपड़े उतार दिए और नंगा हो गया दीपा भी उठी और शरमाते हुए अपने कपड़े उतारने लगी पहले उसने अपना टॉप उतारा और फिर लोवर जो पहले से ही उसकी टाँगो तक था अंदर उसने कुच्छ पहना नही था तो अब बिल्कुल नंगी मेरे सामने खड़ी थी
दीपा के बूब्स बहुत छोटे से थे एकदम क्यूट और पिंक निपल्स बिल्कुल सीधे अकड़ कर खड़े थे अब मुझे समझ आया कि उसके बूब्स छोटे थे इसलिए वो ब्रा नही पहनती थी
अब मैने दीपा को बेड पर लेटा दिया और उसके छोटे छोटे बूब्स को धीरे धीरे सक करने लगा उसने मज़े से आँखे बंद कर ली थी
मैं काफ़ी देर तक दीपा के बूब्स के साथ खेलता रहा मुझे बहुत मज़ा आरहा था
कुच्छ देर बाद मैं उसकी टाँगो के बीच आगया और उसकी चूत पर लंड सेट करके धीरे धीरे ज़ोर लगाने लगा मेरा लंड थोड़ा सा अंदर गया लेकिन दीपा की छोटी सी चूत बहुत टाइट थी वो मेरे लंड को रास्ता नही बनाने दे रही थी
"भैया मुझे दर्द हो रहा है मुझे नही लगता कि ये अंदर जाएगा, आहह.......भाई ज़ोर मत लगाओ सच बहुत दर्द हो रहा है" दीपा दर्द से कराहते हुए बोली "आह भैया आराम से इतना ज़ोर मत लगाओ मेरी चूत बहुत छोटी है बेचारी पर इतना ज़ुल्म मत करो आह......भैया बस बस वहीं रुक जाओ उउईईईई माँ बहुत दर्द हो रहा है बस भैया अभी और अंदर मत करो प्लीज़"
"अरे दीदी कुच्छ नही होता थोड़ा बर्दाश्त कर लो बस एक बार अंदर चला गया तो फिर दर्द बंद हो जाएगा" मैं थोड़ा धीमे ज़ोर लगाते हुए बोला
अभी तक मेरा पूरा सुपाडा भी उसकी चूत मे नही जा पाया था मुझे डर भी लग रहा था कि कुच्छ गड़बड़ ना हो जाए लेकिन दीपा को चोदने के लिए मैं अभी और इंतज़ार भी नही कर सकता था
मैने उतने घुसे लंड को ही अंदर बाहर करना चालू कर दिया मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं सिर्फ़ हिल भर रहा हूँ लंड वहीं की वहीं था
"हां भैया ऐसे ही करो मुझे अभी अच्छा लग रहा है और दर्द भी नही हो रहा है प्लीज़ भैया अभी और अंदर मत डालना इतना ही काफ़ी है" दीपा अब थोड़ी नॉर्मल होते हुए बोली
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