RE: Antarvasna kahani मासूम
बहुत देर तक वो अपनी चूत के साथ खेलती रही कभी वो एक करवट पर होती कभी दूसरी पर उसका हाथ लोवर के अंदर हो था और वो बहुत मचल रही थी और बेचैन लग रही थी शायद उसे मज़ा नही आरहा था और उसकी ऐसी हालत देख कर मुझे समझ आगया कि अब मेरे मन की मुराद पूरी होने वाली है जब मैं उसके सेक्सी बदन के साथ खेलूँगा
कुच्छ देर और कोशिश करने के बाद भी जब दीपा को मज़ा नही आया तो वो मेरे साइड आई और बेड के उपर से ही मुझे हिलाया और बोली "भैया जाग रहे हो क्या.......उठो दिपु उठो"
उसके कुच्छ देर और उठाने के बाद मैं कुन्मूनता सा उठा औ आँखे मलते हुए बोला "क्या बात है दीदी मुझे क्यों जगाया"
"दिपु मुझसे नही हो रहा है, ये तो आज गीली भी नही हो रही है मुझे बिल्कुल मज़ा नही आरहा है तुम मेरी हेल्प कर दो ना प्ल्ज़" दीपा बेचैनी से बोली
उसकी बात सुनकर मैं धीरे से उठा और बेड पर आगया
"दिपु लाइट तो बंद कर दो मुझे शरम आरहि है" दीपा नज़रे झुका कर बोली
"दीदी जब आपका लोवर उतारना होगा तब बंद कर देंगे प्लीज़ अभी तो चालू रहने दो ना" मैं बड़े प्यार से बोला तो फिर वो कुच्छ नही बोली
अब मैने अपना एक हाथ उसके लोवर के अंदर डाल दिया उसने अंदर पैंटी नही पहनी थी मेरा हाथ सीधे उसकी गरम चिकनी चूत से टकराया
"दीदी आप अपनी टाँगे उपर कर के खोल लो" मैं बोला क्योंकि वो अभी तक सीधी लेटी थी
अब दीपा ने अपनी टाँगे मोड़ कर उपर कर ली और उन्हे फैला लिया मैने धीरे से अपनी एक उंगली दीपा की चूत के लिप्स पर रखी और आराम से सहलाने लगा कुच्छ देर बाद मैने उसकी चूत के लिप्स को खोला और उसकी दरार मे उंगली रगड़ने लगा
दीपा को चूत मेरी सोच से भी ज़्यादा टाइट थी उसकी चूत के लिप्स आपस मे मिले हुए थे लगता ही नही था कि यहाँ कट होगा या होल होगा उसकी चूत के लिप्स एकदम टाइट्ली एक दूसरे से जुड़े हुए थे
खैर मैं धीरे धीरे दीपा की चूत को अपनी उंगली से रगड़ता रहा और उसके छेद के पास उंगली घुमाने लगा मेरे ऐसा करते ही उसकी चूत गीली होने लगी
"हां दिपु अब ये गीली हो रही है तुमने तो बहुत जल्द इसे गीला कर दिया......तुमने ठीक ही कहा था कि कोई और करे तो बहुत मज़ा आता है" वो मज़े मे बोली
मैं बहुत प्यार से और धीरे धीरे उसकी चूत से खेलने लगा और अपनी उंगली उसकी चूत की लाइन मे उपर नीचे करते रहा मेरा लंड बहुत हार्ड हो गया था और उसकी चूत बहुत गीली हो गई थी अब मेरी उंगली उसकी चूत के टाइट लिप्स मे बहुत आराम से स्लिप हो रही थी
"दीदी अपना लोवर थोड़ा सा नीचे खिसका लो ना प्ल्ज़ आसानी होगी" मैं बोला
दीपा ने कोई जवाब नही दिया मैने देखा उसकी आँखे बंद थी उसका मूह खुला था और वो तेज तेज साँसे लेरही थी
मैने अपना दूसरा हाथ नीचे किया और दीपा के लोवर को थोड़ा सा नीचे खींचा तो दीपा ने झट से अपनी गान्ड उपर उठा ली तो मैने उसका लोवर पूरा उतार दिया अब उसकी चिकनी बिना बालो की अन्चुदि छूट मेरी आँखो के सामने थी उसकी चूत पर एक भी बाल नही था अभी वहाँ बाल उगे ही नही थे बहुत गोरी और सॉफ्ट चूत थी दीपा की और चूत के उपर वाला हिस्सा भी बिल्कुल वैसा ही था
"दीदी रात को तुम जिस पोज़ मे थी ना प्ल्ज़ अभी भी वैसा ही कर लो ना" दीपा की चूत को अच्छे से निहारने के बाद मैं बोला
दीपा बगैर कुच्छ बोले चुप चाप डॉगी स्टाइल मे हो गई और मैं उसके पिछे आकर बैठ गया और उसकी गान्ड और चूत को पास से देखने लगा और साथ ही अपनी एक उंगली उसकी चूत के लिप्स मे रगड़ने लगा जिससे उसकी चूत और भी गीली हो गई थी
दीपा की गान्ड देख कर मेरे मूह मे पानी आरहा था मुझसे कंट्रोल नही हो रहा था दीपा की चूत मे उंगली रगड़ते हुए मैने अपनी जीभ बाहर निकाल कर दीपा की गान्ड की दरार मे उपर से नीचे तक घुमाने लगा मेरी जीभ उसकी गान्ड के छेद मे चूत तक चल रही थी जब मैं उसकी गान्ड के छेद पर लगाता तो वो अपनी गान्ड टाइट कर लेती थी उसकी गान्ड छेद बहुत छोटा टाइट क्यूट और पिंक कलर का था दीपा की छोटी सी चूत छोटी सी गान्ड और स्लिम बॉडी जैसे कयामत थी
सच बताऊ तो मेरा दिल बिल्कुल भी नही कर रहा था कि मैं उसे चोदु वो इतनी स्वीट और क्यूट थी कि दिल कर रहा था कि उसे सिर्फ़ गले से लगा कर प्यार करता रहूं किस करता रहूं ऐसे खूबसूरत जिस्म पर ज़ुल्म करने की ज़रा भी इच्छा नही थी मेरी
"दिपु मुझे बहुत मज़ा आरहा है अपनी जीभ को ज़रा ज़ोर दो ज़रा ज़ोर से लीक करो बहुत अच्छा फील हो रहा है और अपनी उंगली थोड़ी धीरे चलाओ आहह.......बहुत मज़ा आरहा है" दीपा मस्ती मे बोली
मैं अपनी जीभ से दीपा की गान्ड को ज़ोर ज़ोर से रगड़ने लगा और लीक करने लगा कुच्छ देर बाद मैने उसकी चूत मे अपनी जीभ डाल दी और उसकी चूत को सक करने लगा लीक करने लगा दीपा को बहुत मज़ा आरहा था वो अपनी कमर पिछे धकेल कर चूत चुसाइ का मज़ा लेने लगी और कुच्छ ही देर मे झड गई उसकी टाँगे कांप रही थी और उसकी चूत को झटके लग रहे थे उसकी गान्ड रह रह कर खुल बंद हो रही थी और वो इस पोज़ मे बहुत सेक्सी लग रही थी दीपा का छोटा सा आस होल जब खुलता और फिर बंद होता तो बहुत ही प्यारा लग रहा था...........
थोड़ी देर तक दीपा अपनी साँसे काबू मे करती रही और मैं अपना खड़ा लंड लिए उसे देखते रहा
"भैया मुझे बहुत मज़ा आया सच तुमने बिल्कुल सही कहा था कि खुद करने से ज़्यादा मज़ा नही आता कोई और करे तब बहुत मज़ा आता है" दीपा खुमारी मे बोली "लेकिन तुमने लाइट बंद क्यों नही की जबकि मैने कहा भी था, तुम बहुत बदमाश हो तुमने फिर मुझे नंगा देख लिया सच भैया मुझे बहुत शरम आरहि है तुमने लाइट क्यों बंद नही की"
"दीदी लाइट बंद करने से इतना मज़ा नही आता और दीदी अब शरम किस बात की एक बार देख लिया तो देख लिया फिर बार बार देखने से कुच्छ नही होता" मैने जवाब दिया
"फिर भी भाई मुझे शरम आरहि है क्योंकि मैं अभी तक नीचे से नंगी हूँ और तुम वहीं देख रहे हो" दीपा शरमाते हुए बोली
"दीदी सच पुछो तो आपका जिस्म इतना प्यारा है कि मेरा दिल ही नही भर रहा है इसे देख कर, पता है कल सारी रात मैं सो नही सका जब भी मैं सोने की कोशिश करता आपका बदन मेरी आँखो के सामने आजाता और आज दिन भर भी यही हाल रहा" मैं बोला
"सच कह रहे हो दिपु? थॅंक यू सो मच भाई तुम भी बहुत अच्छे हो" दीपा बोली "वैसे दिपु मैं थक गई हूँ क्या मैं लेट जाउ"
"बिल्कुल दीदी आप ऐसे ही आराम से लेट जाओ" कहते हुए मैने अपना हाथ उसकी गान्ड पर रखे हुए उसे उल्टा लेटा दिया मेरे पैर उसके सिर की तरफ थे और सिर उसकी गान्ड की तरफ
मैने अपना सिर दीपा की गान्ड पर रख दिया और उससे बाते करने के साथ साथ मैं उसकी गान्ड पर हाथ फिराने लगा और कभी कभी उसे दबा कर उस पर किस भी कर रहा था
"दिपु तुम मुझे वहाँ किस कर रहे हो प्यार कर रहे हो तो तुमको भी मज़ा आरहा है क्या" दीपा बोली
"हां दीदी मुझे बहुत मज़ा आरहा है अगर आप कहो तो मैं सारी उमर ऐसे ही आपको प्यार करता रहूं आपको सिर से पैर तक किस करता रहूं और आप को हमेशा मज़े देता रहूं" मैं बोला
"लेकिन दिपु तुम्हे क्यों और कैसे मज़ा आरहा है ऐसा करने से" दीपा ने पुछा
"दीदी ऐसा करने से मेरे लंड हार्ड हो जाता है और दिल करता है कि मैं आपकी तरह उससे खेलु इसलिए मुझे भी बहुत मज़ा आरहा है आपकी क्यूट आंड सेक्सी बॉडी को टच करके फील करके और किस करके" मैं दीपा के चूतड़ पर किस करके बोला
"भैया लंड कैसा होता है मैने तो कभी नही देखा बस सुना ही है उसके बारे मे वैसे क्या आप अभी भी हार्ड हो?" दीपा ने पुच्छा
"हां दीदी अभी मेरा लंड बहुत हार्ड है इतना कि आज तक कभी नही हुआ, आप देखेगी क्या?" मैने पुछा
"भैया दिल तो कर रहा है लेकिन मैं तुम्हारा कैसे देखु मुझे तो सोच कर शरम आरहि है तुम तो मेरे भाई हो ना तो तुम्हारा कैसे देख सकती हूँ" दीपा सकुचाते हुए बोली
"दीदी आप भी तो मेरी बहन हो ना फिर भी तो मैं आपको नंगी देख रहा हूँ ना तो अब प्ल्ज़ मेरे सामने शरमाना बंद कर दो" मैं बोला "आन बोलो देखना है या नही"
"अच्छा भाई ठीक है दिखा दो" दीपा मुस्कुराते हुए बोली
"क्या दिखाऊ दीदी....नाम लो ना" मैं बोला
"भैया उसका नाम लूउ......" दीपा कह नही पाई
"हां....हां....दीदी पूरा नाम लो ना" मैं उसे उकसाते हुए बोला
"भैया मुझे शरम आती है, अच्छा ट्राइ करती हूँ......हूंम्म्मम.....दिपु अपना लंड दिखाओ ना प्लीज़" आख़िर दीपा ने कह ही दिया
मैने अपना लंड लोवर से बाहर निकाला तो उस वक्त बहुत हार्ड था और पूरा खड़ा होकर मेरे पेट से चिपका हुआ था
"भैया ये तो बड़ा प्यारा है तुम प्लीज़ दूसरी तरफ देखो ना मुझे शरम आती है मैं इसे अच्छे से देखना चाहती हूँ" दीपा मेरे लंड को निहारते हुए बोली
"ठीक है दीदी मैं आपकी तरफ नही देख रहा आप जितना दिल करे आराम से देख लो" मैं दूसरी साइड मूह करके बोला
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