RE: Antarvasna kahani मासूम
मेरी बात सुनकर प्रीति दीदी मेरे पास आई और मेरे लंड को पकड़ कर अपने मूह मे लेलिया और उसे सक करने लगी रूपा हैरत से हमारा खेल देखने लगी
फिर मैं थोड़ा सा खिसका और रूपा के पास होकर मैने उसके छोटे बूब्स को पकड़ कर उन्हे मसल्ने लगा रूपा के बूब्स छोटे थे लेकिन बहुत ही मस्त थे उसके निपल्स हार्ड थे और मुझे बहुत मज़ा आरहा था
"रूपा दीदी आप खड़े हो जाओ और अपने बूब्स मेरे मूह मे डाल दो मैं इन्हे चूमना चाहता हूँ, चूसना चाहता हूँ किस करना चाहता हूँ" मैं बोला
रूपा दीदी उठी तो मैने उनकी एक चुचि अपने मूह मे भर लिया और उसे सक करना शुरू कर दिया अब रूपा को भी मज़ा आने लगा था
प्रीति दीदी मेरा लंड चूस रही थी और मैं रूपा दीदी के बूब्स बारी बारी से चूस रहा था कुच्छ देर बाद मैने रूपा दीदी से कहा कि वो मेरा लंड चूसे तो वो नीचे बैठ गई और मेरा लंड पकड़ कर उसे देखने लगी
"दीदी क्या कर रही हो मूह मे डाल कर सक करो जैसे प्रीति दीदी ने किया था और मैने आपके निपल्स चूसे थे वैसे" मैं बोला
अब रूपा ने धीरे धीरे मेरा लंड अपने मूह मे लिया और आराम आराम से उसे सक करने लगी मुझे बहुत मज़ा आरहा था
"प्रीति दीदी आप रूपा दीदी के पिछे जाओ और उसकी चूत को चाटो" मैं प्रीति दीदी से बोला तो वो रूपा की टाँगो के बीच जाकर लेट गई और अपनी जीभ निकाल कर रूपा दीदी की चिकनी कुवारि चूत को चाटने लगी रूपा दीदी को बहुत मज़ा आने लगा वो मज़े से अपनी चूत चटवाने लगी और मेरा लंड चूसने लगी
"रूपा दीदी अब आप प्रीति दीदी की चूत चाटो ना प्लीज़" कुच्छ देर बाद मैं रूपा से बोला और रूपा को बेड पर लेटा कर प्रीति को उसके उपर 69 की पोज़िशन मे कर दिया
अब वो दोनो एक दूसरे की चूत चाट रही थी तो मैं प्रीति दीदी के पिछे आगया और एक ही झटके मे अपना लंड प्रीति की चूत मे घुसेड दिया
अब मेरा लंड प्रीति दीदी की चूत को चुदाई कर रहा था और प्रीति दीदी रूपा की चूत चाट रही थी उधर रूपा प्रीति दीदी की चूत चाट.ते हुए मेरे लंड को प्रीति की चूत मे अंदर बाहर होते देख रही थी
कुच्छ देर प्रीति दीदी को चोदने के बाद मैने उसे नीचे किया और रूपा की टाँगो के बीच आकर उसकी चूत के लिप्स खोल लिए उसकी चूत बहुत गीली थी मैने उसके छेद पर अपना लंड लगाया और धीरे धीरे अंदर करने लगा
"भैया मुझे दर्द हो रहा है आराम से अंदर डालो आहह..........लेकिन प्रीति को तो ज़रा भी दर्द नही हुआ था ऐसा क्यों?" रूपा दर्द से कराहते हुए बोली
"दीदी, प्रीति दीदी और मैं ये सब पहले भी कर चुके है और पहली बार मे उन्हे भी थोड़ा सा दर्द हुआ था जोकि हर लड़की को होता है लेकिन बाद मे कुच्छ नही होता और बहुत मज़ा आता है आप प्लीज़ थोड़ी सी हिम्मत करके बर्दाश्त कर लो बाद मे बहुत मज़ा आएगा सच" मैने बताया
मेरी बात सुनकर रूपा ने बेड पर बिछि चादर को अपनी मुट्ठी मे भींच लिया और अपनी आँखे बंद कर ली मैं उसका इशारा समझ गया और उसकी चूत पर लंड का दबाव बनाने लगा जिससे मेरा लंड उसकी चूत को चीरते हुए अंदर जाने लगा फिर मैने धीरे धीरे लंड को अंदर बाहर करना शुरू कर दिया और कुच्छ ही देर मे मेरा आधा लंड उसकी चूत मे समा गया रूपा को ज़्यादा दर्द नही हो रहा था क्योंकि प्रीति दीदी उसकी चुचियो के साथ खेल रही थी
अब मैं मस्त होकर रूपा को चोदने लगा मेरा काफ़ी लंड उसकी चूत निगल गई थी और मुझे रूपा की छोटी सी टाइट चूत चोदने मे बहुत मज़ा आरहा था
मैने अब थोड़े तेज धक्के लगाने शुरू कर दिए और रूपा के बूब्स मसल्ने लगा उसे भी मज़ा आने लगा और वो भी अपनी गान्ड उचकाने लगी थी
"भैया और करो और ज़ोर से दबाओ मेरे बूब्स मुझे बहुत मज़ा आरहा है बहुत अच्छा लग रहा है मुझे आहह........भाई आहह.. ......और करो हान्ंनणणन्... ..और तेज करो पूरा अंदर डाल दो उफफफफफ्फ़.........मर गई रीईईई........बहुत मज़ा आरहा है भैया ऐसे ही और ज़ोर से करो" रूपा मदहोश होकर बोलने लगी
मैने भी ज़ोर के धक्के लगाने शुरू कर दिए आन मेरा लंड जड़ तक उसकी चूत मे उतर रहा था और वो भी अपनी गान्ड उठा उठा कर मेरी ताल से ताल मिला रही थी तभी रूपा का बदन अकड़ने लगा और वो झड़ने लगी मेरा लंड उसकी चूत के झटको को महसूस कर रहा था
रूपा तो झड गई थी लेकिन मैं अभी नही झड़ना चाहता था क्योंकि अभी प्रीति दीदी की भी प्यास बुझानी बाकी थी मैने अपना पूरा लंड रूपा की चूत मे घुसेड दिया और रुक गया रूपा निढाल हो गई थी और गहरी साँसे लेने लगी थी
कुच्छ देर बाद मैने अपना लंड रूपा की चूत से निकाल लिया वो अभी भी आँखे बंद किए पड़ी थी फिर मैने प्रीति दीदी को डॉगी स्टाइल मे किया और अपना लंड पिछे से उसकी चूत मे घुसा दिया और उसे गछा गछ पेलने लगा प्रीति दीदी की चूत बहुत गीली और गरम थी जिससे मेरे लंड को बहुत मज़ा आरहा था
कुच्छ देर बाद जब रूपा दीदी होश मे आई तो वो दोबारा प्रीति दीदी के नीचे आ गई और उनकी चूत को चाटने लगी जिससे प्रीति दीदी और भी मस्त हो गई
"हां......भैया मज़ा आरहा है और ज़ोर से चोदो मुझे और तेज भैया और ज़ोर से धक्के मारो ज़ोर ज़ोर से चोदो मुझे हूंम्म्मममम.. ........आहह........और ज़ोर से भैया और ज़ोर से हआयईीई........" प्रीति मदहोशी मे बोली
मैं अभी फुल स्पीड मे प्रीति को चोद रहा था कुच्छ देर बाद प्रीति दीदी और मैं साथ मे ही झड गये रूपा अभी भी प्रीति दीदी की चूत चाट रही थी मैने लंड बाहर निकाल कर रूपा के मूह मे देदिया और वो मज़े से मेरा लंड सक करने लगी
उसे मेरी और प्रीति दीदी की कम बहुत टेस्टी लग रही थी इसलिए उसने बहुत देर तक मेरा लंड सक किया और आख़िरी बूँद तक निचोड़ डाली और फिर मेरा लंड छोड़ कर प्रीति दीदी की चूत से बहने वाले माल को भी चाट गई
मैं वॉशरूम से फ्रेश होकर बाहर आया तो देखा कि दोनो बहने एक दूसरे की चूत चाट रही है
"ओके अब मैं अपने रूम मे जा रहा हूँ तुम गैट लॉक कर लो और फिर खूब मज़े करो" कह कर मैं रूम से बाहर निकल गया
बाहर आकर मैने फ्रिड्ज से जूस निकाला और उसे पीते हुए टीवी देखने लगा मुझे बहुत थकान हो गई थी और अभी कविता दीदी को भी चोदना था
मैने टाइम देखा तो 11 बज रहे थे मैं आधा घंटा और टीवी देखते रहा और 11.30 पर कविता दीदी की चूत का भोसड़ा बनाने के लिए उनके रूम की तरफ चल पड़ा ....
थोड़ा आयेज बढ़ते ही मैने देखा कि रूपा की बहन दीपा जो बहुत गुस्से वाली थी के रूम की लाइट जल रही थी तो मैने दरवाजा खोल कर अंदर झाँका तो मैं हैरान रह गया अंदर दीपा बेड पर लेटी हुई थी और उसकी आँखे बंद थी और उसका राइट हॅंड उसकी सलवार मे था वो अपनी चूत के साथ खेल रही थी या फिर फिंगरिंग कर रही थी
मैं चुपके से रूम मे एंटर हुआ और दीपा के पास जाकर खड़ा हो गया
दीपा अपना हाथ बहुत तेज तेज हिला रही थी उसने अपनी आँखे ज़ोर से भींच कर बंद की हुई थी और अपनी ही मस्ती मे मस्त थी उसे अभी किसी बात का होश नही था मैं भी चुप चाप बिना कोई आहट किए मज़े से देखने लगा और इस सब से मेरा लंड भी खड़ा हो गया था
कुच्छ देर बाद दीपा ने अपनी सलवार उतार दी और उसकी सलवार घुटनो तक आ गई थी अंदर उसने पैंटी नही पहनी थी लेकिन अभी भी उसने अपनी आँखे नही खोली थी शायद वो कुच्छ इमॅजिन कर रही थी
दीपा ने अपना चेहरा दूसरी तरफ कर लिया और अपनी छोटी सी नंगी गान्ड को बेड से बहुत उपर उठा लिया और अपना हाथ नीचे से लाकर अपनी चूत के लिप्स पर रखा और अपनी चूत को मसल्ने लगी
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