RE: Antarvasna kahani मासूम
"भैया आराम से दबाओ दुख रहे है, इन्हे किस करो सक करो चुमो चाटो खा जाओ लेकिन आराम आराम से.......प्यार से.. ......हमम्म्मम.. ......आ..........प्ल्ज़ देवर जी और करो मज़ा आरहा है" भाभी आहे भरते हुए बोली
मैं पागल ही गया था भाभी की सेक्सी आहे सुनकर और उनका हसीन जिस्म देख कर मेरा लंड मेरे लोवर मे चड्डी के अंदर ही ठुमके लगा रहा था अब मैने भाभी के पेट और नाभि पर किस की और नीचे आकर उनकी सलवार को पैंटी सहित निकाल कर उन्हे पूरा नंगा कर दिया
भाभी भी कहाँ पिछे रहने वाली थी उन्होने मुझे अपनी तरफ खींचा और मेरे लोवर के मेरी चड्डी के साथ खींच कर मेरे बदन से अलग कर दिया अब मैं भी पूरा नंगा था अभी मेरे पैर भाभी के मूह के साइड थे और मेरा मूह भाभी की चूत की तरफ था
मैने भाभी की टाँगे खोल दी और उनकी अन्चुदि चूत पर अपनी उंगलिया फेरने लगा जबकि उधर भाभी भी मेरा लंड पकड़ कर उसके साथ खेल रही थी भाभी के हाथ मे अपना पूरा लंड फील करके मुझे बहुत मज़ा आरहा था फिर भाभी ने अचानक मेरा लंड अपने मूह मे भर लिया और उसे चूसने लगी भाभी के मूह को गर्मी और नर्मी से मेरा बुरा हाल हो गया था
अब मैने भी भाभी की टाँगो को अच्छे से खोल दिया और उनकी पानी बहती चूत पर अपना मूह रख कर उसे चूमने लगा और उनकी चूत की फांको को फैला कर उसमे अपनी जीभ घुमाने लगा और फिर उनकी चूत को सक करने लगा
भाभी मेरे लंड को अपने मूह मे गहराई तक उतार कर मज़े से चूस और चाट रही थी मेरा लंड भाभी के गले तक जा रहा था भाभी बहुत गरम हो चुकी थी और बहुत हार्ड सकिंग कर रही थी मैं भी अपनी पूरी ताक़त के साथ भाभी की चूत पर लगा हुआ था और उसे बुरी तरह से चाट कर उससे निकलता हुआ पानी पी रहा था भाभी की चूत का टेस्ट बहुत मजेदार था और मुझे बहुत मज़ा आरहा था
तभी भाभी ने मेरा लंड अपने मूह से बाहर निकाला और बोली "भैया अभी बस करो अब इसे अंदर डाल दो और मुझे छोड़ दो आज मुझे लड़की से औरत बना दो, आज मेरी सुहागरात है आओ मेरे साथ सुहागरात मनाओ भैया प्लीज़"
मैं उठा और भाभी की टाँगे फैला कर अपनी पोज़िशन लेली और भाभी की जांघे अपनी जाँघो पर रख कर मैने अपना लंड उनकी चूत के छेद पर लगा दिया एक मिनिट रुक कर मैने भाभी के चेहरे के एक्सप्रेशन देखे वो आँखे बंद किए हुए थी अब मैने अपने लंड को आगे ढकाया भाभी की चूत बहुत गीली थी तो मेरा लंड आराम से सरकते हुए थोड़ा सा अंदर चला गया भाभी की चूत बहुत टाइट थी और उनकी चूत की रगड़ान से मेरे लंड को बहुत मज़ा आरहा था
अभी मेरा लंड थोड़ा ही अंदर गया था कि जैसे किसी दीवार से टकरा गया मैं पहले भी ऐसी दो दीवारे पार कर चुका था मैं दो सील तोड़ चुका था तो रुक गया और भाभी को देखा वो भी आँखे खोले मुझे देख रही थी
"भैया मैं समझ गई हूँ कि अब मेरी सील टूटने वाली है और मुझे कुच्छ दर्द भी होगा लेकिन पहली चुदाई मे तो ये होना ही था तो प्ल्ज़ अब रूको मत और मेरी सील तोड़ कर मेरी चूत को फाड़ दो जो भी दर्द होगा मैं सह लूँगी लेकिन प्ल्ज़ तुम रुकना मत" भाभी बोली
अब मुझे क्या परेशानी थी मैने अपना लंड पिछे खींचा और एक ज़ोर का धक्का लगा दिया मेरा लंड कचह......से भाभी की चूत की सील तोड़ते हुए आधा उनकी चूत मे घुस गया भाभी के चेहरे पर दर्द फैल गया लेकिन वो होंठ भिंचे हुए अपने दर्द की जब्त करती रही और 10 सेकेंड्स बाद उसने आँख खोली और बोली
भाभी"भाई आराम आराम से डालो और डालो भाई पूरा अंदर डाल दो फाड़ दो मेरी चूत को बहुत तडपाती है मुझे तरस गई थी लंड अंदर लेने के लिए, चोदो देवर जी मुझे और चोदो और अंदर करो और अंदर तक डाल दो अपना लंड मुझे बहुत मज़ा आरहा है आज मेरी चूत फाड़ दो देवर जी चोदो अपनी कुवारि भाभी को, जब अपने भाई के हक पर डाका मारा है तो पूरा लूट लो, आज मुझे नही छोड़ना.......आह......आराम से हां और अंदर डालो और भी गहराई तक पूरा डाल दो............उफ्फ.....आराम से....... हैए......मेरे प्यारे देवर जी तुम्हारा लंड तो बहुत ही अच्छा है.......हेयैयी देखो ना कितना मोटा और लंबा है और कैसे ये मेरी चूत को फैलाता और चीरता हुआ अंदर जा रहा है.........आ मुझे बहुत मज़ा आरहा है भैया और चोदो मुझे सारी रात चोदना एक मिनिट भी नही रुकना आह भाई आराम से हहुउऊम्म्म्मम आह भैया बहुत मज़ा आरहा है मेरी चूत मे तुम्हारा लंड बहुत मज़ा दे रहा है आहह..... उम्म्मह.. .....हैए देवर जी और अंदर पूरा जड़ तक अंदर घुसेड दो ना प्ल्ज़ और ज़ोर लगाओ और अंदर डालो हां अभी और भी जाएगा आहह.. .......उम्म्म्ममह"
भाभी दर्द सहते और मुझे उकसाते हुए आंट शन्ट बके जा रही थी और मैं भी उनकी टाइट चूत मे अपने लंड को घुसेडे जा रहा था
भाभी ने अपनी टाँगे उठा कर अपनी छाती से लगा ली जिससे उनकी चूत और बाहर को निकल आई मैने लंड पिछे करके पूरी ताक़त से धक्का लगाया तो मेरा पूरा लंड जड़ तक भाभी की चूत मे घुस गया और अंदर उनकी बच्चेदानी से टकरा गया
"हां भैया अभी पूरा अंदर है तुम्हारे लंड ने मेरी बच्चेदानी पर ठोकर मार कर बता दिया है कि अब मेरी चूत मे और जगह नही बची है तुम्हारे प्यारे लंड के लिए........आह भैया बहुत मज़ा आरहा है अब ज़ोर ज़ोर से रगडो अपनी भाभी को और ठोको मेरी इस छीनाल चूत को जो अपने पति का कुच्छ दिन भी वेट नही कर पाई और अपने देवर से ही चुदवा लिया, हूंम्म्ममम और ज़ोर से धक्के लगाओ भैया यस यस आहह बहुत अच्छा लग रहा है उफफफफफफफ्फ़.. .....देवर जी क्या लंड है तुम्हारा मज़ा आगया मुझे तो आह भैया और ज़ोर लगाओ मैं झड़ने वाली हूँ आह भाई और ज़ोर से और तेज आहह मैं तो गई... ........." भाभी भी ज़ोर ज़ोर से अपनी कमर उछल उछल कर चुदते हुए बोली मेरे धक्को की स्पीड भी बहुत बढ़ गई थी
और कुच्छ ही देर मे भाभी झड गई और उसकी चूत खुल बंद होकर मेरे लंड को भिचने लगी थी भाभी की चूत से निकलते हुए पानी और उनकी चूत की हरकतों को मेरा लंड भी ज़्यादा देर सह नही पाया और मेरे लंड ने भाभी की चूत को अपने माल से भरना शुरू कर दिया
मुझे बहुत मज़ा आरहा था झड़ते हुए मैं भाभी के उपर लेट गया और भाभी के बूब्स को मूह मे लेकर सक करने लगा मेरा लंड भाभी की चूत मे अपना पानी गिरा रहा था और भाभी ने मुझे बहुत टाइट पकड़ रखा था और उनकी चूत मे मेरे लंड को जकड़ा हुआ था भाभी की चूत मेरे लंड को चूस रही थी और कुच्छ ही देर मे उनकी चूत मे मेरा सारा माल चूस लिया था.. ...........................
"भैया मुझे बहुत मज़ा आया तुमसे चुदवा कर सच भाई पता नही बदल के साथ मेरी सुहागरात कैसी होती लेकिन तुम्हारे साथ बहुत मज़ा आया मुझे, लेकिन तुम बहुत जालिम हो बहुत बेशरम हो अपनी भाभी को ही चोद दिया अपनी कुवारि भाभी की सील पॅक चूत मे अपना मोटा लंबा लंड डाल कर उसे फाड़ दिया और तो और उसमे अपना माल भी भर दिया, क्या तुम मुझसे अपना बच्चा पैदा करना चाहते हो? बहुत जालिम हो भैया तुम लेकिन सच मुझे बहुत मज़ा आया" भाभी बोली मेरा लंड अभी भी उनकी चूत मे ही था
"भाभी आप भी बहुत हॉट और सेक्सी है मुझे भी पहली बार बहुत मज़ा आया सच मे, मैं पहले भी 2 कुवारि लड़कियो को चोद चुका हूँ लेकिन इतना मज़ा नही आया आपकी चूत बहुत टाइट है और बहुत ही गरम है आपके बूब्स आपकी गंद सभी बहुत सेक्सी है सच भाभी मैने सपने मे भी नही सोचा था कि मैं इतनी जल्दी आपको चोद लूँगा लेकिन आज ये सब हो गया और मुझे बहुत मज़ा आया यू आर ग्रेट भाभी आप बहुत स्वीट और अच्छी हो" मैने भी उनकी तारीफ की
"अच्छा पहले भी कुवारि लड़कियो के साथ कर चुके हो? कॉन है वो मुझे नही बताओगे क्या" भाभी ने पुछा
"भाभी आप नाराज़ तो नही होगी ना और किसी से कहोगी तो नही ना" मैं बोला
"पहले का तो पता नही लेकिन अब किसी से नही कहूँगी अपनी चुदाई बंद थोड़े ही करवानी है मुझे, बताओ कॉन है वो लड़किया" भाभी बोली
"भाभी मैने पहले प्रिया दीदी और बाद मे प्रीति दीदी को चोदा है कई बार" मैं बोला
"ओह माइ गॉड.......क्या तुम सच कह रहे हो" भाभी हैरत से बोली "अफ यार तुम तो बहुत कमिने हो सच, पहले अपनी बहनो को और अब अपनी भाभी को चोद दिया, कविता दीदी को क्यों नही चोदा क्या उन्होने मना कर दिया"
"नही भाभी ऐसी बात नही है कविता दीदी के साथ अभी ट्राइ कर रहा हूँ और कुच्छ फ्री भी हुआ हूँ लेकिन उन्हे चोदा नही अभी तक क्योंकि वो मानती ही नही है इसलिए वैसे मैं कोशिश कर रहा हू उम्मीद है जल्द ही उन्हे भी चोद लूँगा" मैं बोला
"ओह गॉड.......तुमने मुझे फिर गरम कर दिया है, कितनी देर मे खड़ा होगा तुम्हारा लंड" भाभी अपनी चूत की दीवारो से मेरे लंड को भींचते हुए बोली "पता है मेरा भाई भी बहुत कोशिश करता था मुझे चोदने की लेकिन मैने हाथ ही नही रखने दिया, वैसे आज कल के लड़को को हो क्या गया है हर कोई अपनी बहनो को चोदना चाहता है"
"भाभी लंड तो अभी खड़ा हो जाएगा और भाभी जब घर मे इतनी सारी गर्ल्स हों और वो भी एक से बढ़ कर एक सेक्सी तो किसका दिल ना करेगा बहनो को चोदने का, वैसे आपके भैया ने आपको चोदने का ट्राइ किया ये आपको कैसे पता चला" मैं बोला मेरा लंड अभी भी भाभी की चूत मे था लेकिन हार्ड नही था
"वो मुझे आते जाते टच करता था कभी गंद पर कभी बूब्स पर और मैं भी उसे मौका देती थी क्योंकि मुझे भी मज़ा आता था कई बार तो वो मेरे रूम मे आ जाता था रात को और मुझे हर जगह टच करता था मैं जाग रही होती थी लेकिन कुच्छ कहती नही थी और उसे मज़ा करने देती थी एक बार तो उसने मेरी सलवार मे हाथ डाल कर अपनी उंगली मेरी गंद मे डाल दी थी मुझे दर्द हुआ तो मैने अपनी गंद टाइट कर ली और मेरे मूह से सस्सिईईईईईई.. .....की आवाज़ निकली जिससे वो डर गया और उठ के जल्दी से मेरे रूम से चला गया लेकिन मुझे तो मज़ा आरहा था फिर मैने अपनी उंगली गंद मे डाली लेकिन मुझे वो मज़ा नही आया और मैं सो गई" भाभी ने बताया
भाभी की बात सुनकर मैं बहुत गरम हो गया था मैने अपनी अपनी एक उंगली भाभी की चूत मे डाल कर गीली की और उसे भाभी की गंद मे घुसा दिया
भाभी के मूह से सस्सिईईईईई........की आवाज़ निकली और उन्होने अपनी गंद टाइट कर ली लेकिन मैं नही माना और जितनी उंगली थोड़ी थी उतनी ही आगे पिछे करने लगा
"भाभी मज़ा आरहा है आपको?" मैने पुछा
"हां भैया मुझे गंद मे फिंगर करने से बहुत मज़ा आता है और तुम्हे भी तो आरहा है ना तुम्हारा लंड अब मेरी चूत मे हार्ड हो रहा है" भाभी बोली
"हां भाभी मुझे भी मज़ा आरहा है वैसे मैने प्रिया दीदी को गंद मे भी चोदा है" मैं मज़े से अपनी उंगली उनकी गंद मे अंदर बाहर करते हुए बोला
"सच मे........वाउ, अच्छा चलो निकालो अब अपनी उंगली मेरी गंद से" भाभी कसमसाते हुए बोली
"क्या हुआ भाभी अभी तो आप कह रही थी कि मज़ा आरहा है और अब बाहर निकालने को कह रही हो" मैं बोला
"अरे देवर जी मज़ा तो बहुत आरहा है लेकिन जब तक तुम अपनी उंगली नही निकालोगे अपना लंड कैसे डालोगे मेरी मे, चलो आज के आज ही मेरी कुवारि चूत के साथ कुवारि गंद भी ले लो और अपने मोटे लंड से मेरी गंद चोदो" भाभी बोली
नेकी और पुच्छ पुच्छ मैं खुश हो गया और मैने अपना लंड भाभी की चूत से बाहर निकाल लिया......
मेरा लंड फुल हार्ड था और भाभी की चूत के रस से गीला भी था फिर भी मैने उस पर बहुत सा थूक लगाया और भाभी को बेड पर झुका कर घोड़ी बना दिया और भाभी की गंद को भी अपने थूक से गीला कर दिया अब मैने अपना लंड भाभी की गंद के छेद पर लगाया और धीरे धीरे दबाव बनाने लगा मेरे लंड का सुपाडा आराम से उनकी गंद के छेद मे चला गया शायद भाभी की उंगली करने की आदत से इतनी जगह चौड़ी हो गई थी लेकिन आगे आसान नही था क्योंकि भाभी की कुवारि गंद बहुत टाइट थी
"दिपु, आराम आराम से करो पहली बार उंगली से मोटी चीज़ अंदर जा रही है मुझे दर्द होगा प्ल्ज़ आराम से चोदना अपनी भाभी की गंद" भाभी सिसकारी भरते हुए बोली
और भाभी की बात सुनकर मैने धीरे धीरे लंड आगे बढ़ाना शुरू किया जो बहुत फँसा फँसा सा थोड़ा थोड़ा भाभी की गंद को चीरते हुए आगे बढ़ रहा था
"आह.......भैया आराम से हां.........ऐसे ही धीरे धीरे करो........हां........थोड़ा और अंदर हाय.......बस बस काफ़ी है अब थोड़ा बाहर करो फिर आराम से अंदर डालना" भाभी मुझे सिखाते हुए बोली
मेरा लंड अब तक लगभग 1/4 अंदर जा चुका था मैने लंड थोड़ा बाहर निकाला और धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा साथ ही साथ थोड़ा थोड़ा अंदर भी घुसेड़ने लगा मेरा लंड भाभी की गंद मे जगह बनाते हुए अंदर घुसने लगा था मुझे बहुत मज़ा आरहा था भाभी की गंद बहुत टाइट थी और ऐसा लग रहा था जैसे उसने मेरे लंड को जकड रखा हो
"देवर जी थोड़ा ज़ोर लगाओ, थोड़ा सा आ.......आराम से भैया थोड़ा थोड़ा डालो मेरी गंद मे हां ऐसे ही ह्म्म्म्म मम......भैया आराम से हां.......थोड़ा बाहर निकाल कर फिर ज़ोर लगाओ अंदर हहुउऊउम्म्म्मम.. ......आह भैया मज़ा आरहा है प्ल्ज़ स्लो स्लो करो हां भैया अंदर को ज़ोर लगाओ थोड़ा और अंदर हईईई.......बहुत मज़ा आरहा है" भाभी गंद मराई का मज़ा लेते हुए बोली
"भाभी प्ल्ज़ अपनी गंद टाइट मत करो थोड़ी ढीली ही रहने दो वैसे भी वो बहुत टाइट है" मैं अपने लंड भाभी की गंद मे और अंदर धकेलते हुए बोला
"भैया मैं नही करती वो खुद ही हो जाती है, अच्छा अब करो" कहते हुए भाभी ने अपने दोनो हाथ पिछे ला कर अपने चुतड़ों को पकड़ कर फैला दिया तो उनकी फैली हुई गंद मे मैने थोड़ा सा लंड और अंदर घुसा दिया भाभी को दर्द हुआ तो उन्होने अपने चुतड़ों को वापस छोड़ दिया
"उउईईई.......देवर जी आराम से करो ना ऐसे मे दर्द होता है धीरे धीरे थोड़ा अंदर बाहर कर के लंड अंदर घुसाओ प्ल्ज़" भाभी दर्द से कराहते हुए बोली
|