Bhabhi Sex Kahani भाभियों के साथ मस्ती
10-08-2018, 01:29 PM,
#14
RE: Bhabhi Sex Kahani भाभियों के साथ मस्ती
दोस्तों, आप लोगों को तो पता ही है की राशि और सोनिया दोनों को, छोटे बच्चे होने की वजह से, दूध आता था। मैंने राशि का तो पी लिया था अब इसका ही बाकी था। 

सोनिता बोली- तो चूसो ना, कौन मना कर रहा है?

मैं- भाभी, कल कुछ जुगाड़ करो ना? राशि भाभी का मीठा दूध पी लिया बस आपका पीना चाहता हूँ। 

सोनिया बोली- कल तो होने दे, मैं भी प्यासी हूँ। कल जरूर कुछ करेंगे। 

मैं- “ठीक है…” और ऐसा बोलकर मैंने धीरे से उसके चूचे को दबा दिया।

सोनिया बोली- “अभी नहीं…” 

फिर हम उठ गये और रात का खाना खाने चले गये। आज रात को तो कुछ होने वाला था नहीं और वैसे भी मैं दिन में इतनी सारी चुदाई से थक गया था तो रात को आराम से सो गया।
दूसरे दिन मैं सुबह हमेशा की तरह 9:00 बजे उठा और मुँह धो लिया। मुझे अच्छी सी नींद आ गई थी और पूरी थकान उतर गई थी। अब मैं फिर से आज दो शाट मारने को तैयार था। मुझे भूख बहुत लगी थी तो रोज की तरह मैं राशि भाभी को ढूँढ़ने लगा, लेकिन वो दिखाई नहीं दी। तभी वहां प्रीति भाभी आई तो मैंने उससे पूछा की राशि भाभी कहां हैं? 

प्रीति बोली- “क्यों ऐसा क्या काम है जो तू उसे ही ढूँढ़ रहा है?”

मैं- वो… भाभीजी मुझे बहुत भूख लगी थी, इसलिए। 

प्रीति- “तो अब समझी मैं, की उसे क्यों ढूँढ़ रहे हो? वो बाहर गई है, पड़ोसी के घर। लेकिन तेरा काम मैं अभी कर देती हूँ…” वैसा बोलकर उसने सोनिया को आवाज लगाई- “सोनिया जरा यहाँ आओ तो…” 

सोनिया फटाफट आई, और बोली- क्या है भाभी?

प्रीति- जरा देवरजी को भूख लगी है उसे शांत तो कर दे।

सोनिया हँसते हुए- “हाँ, भाभी…” और मेरी ओर देखकर बोली- “चलो आप मेरे कमरे में जाओ, मैं अभी चाची को देखकर आती हूँ…”

फिर क्या था, मैं तो उसके कमरे में चला गया। 

थोड़ी देर बाद सोनिया आई और बोली- “आज अभी तुम्हारी चाची भी पड़ोस में कथा सुनने जा रही हैं, राशि भाभी भी उसको साथ देने उससे सीधा जुड़ जाएंगी…” और फिर मेरी ओर आँख ममैंरके बोली- “देखो, भगवान ने खुद हमारा जुगाड़ कर दिया ना?”

मैं- “हाँ भाभी, वो तो है…” अब मुझे भी भगवान पे बहुत भरोसा हो गया था, की वो सब सही ही करता है।

फिर सोनिया भाभी प्रीति भाभी से बोली- “भाभी, आप दोनों ने तो अपनी अपनी भूख शांत कर ली है देवरजी से, लेकिन मैं एक ही बाकी थी, क्या मैं भी आज वो भूख मिटा लूं?”

प्रीति भाभी- हाँ, वो भी कोई पूछने की बात है? तुम दोनों तुम्हारे कमरे में जाओ और जो करना है दोपहर तक जल्दी कर लेना। बाद में सासू माँ आ जाएंगी। 

मैं तो ये सुनकर बहुत खुश था। 

जैसे ही वो कमरे में आई, उसने अपनी साड़ी उतार फेंकी। और फिर वो खुद ही उसकी चूची पे हाथ फेरने लगी, जैसे बड़े पेट वाले खाने के बाद पेट पे फिरते हैं। सोनिया बोली- “देख, इसे ही घूर रहा था ना कल? आज ये तेरे सामने है…” और वो पूरी गोलाईयों पे अपना हाथ फेरने लगी। 

उसने दोनों हाथों की बिचली उंगली से उसके टाप वाले हिस्से को टच किया, जहां निपल होती है। और सिर्फ उसी दो उंगली से उसने अपनी चूचियों पे दबाव दिया, जैसे टिचुन टिचुन। उसकी वो गुब्बारे जैसी नरम चूचियां ऐसे प्रेस हो रहा थीं जैसे की मखमल। फिर पूरी हथेली उसने अपने चूची पे रख दी और खुद के होठों को दांतों में दबाकर उसे सहलाने लगी, जैसे बता रही हो की देखो मेरे पास क्या है? 

मैं तो उसका ये सेक्सी अंदाज देखता ही रह गया। अब उसने एक हाथ से चूची को सहलाना चालू रखकर, दूसरे हाथ को उसकी दोनों टांगों के बीच ले गई, और पूरी हथेली उस पे रख दी।
वाउ… क्या नजारा था। मैंने इतनी सेक्सी लड़की आज तक नहीं देखी थी। उसका फिग का साइज 36-26-36 था, जो की बहुत मस्त था। कोई हिजड़ा भी उसको चोदने को मचल जाए, तो मेरी क्या औकात थी। 

फिर उसने स्टाइल में फिर से दोनों चूचे मेरे सामने ऐसे बाहर निकाले जैसे बोल रही हो, कि आओ और इसे चूसो। फिर वो टोड़ा झुक गई और पीछे मुड़ गई। जिससे अब उसकी गाण्ड मेरी तरफ थी। 

वाउ… उसकी 36” की गाण्ड क्या गजब की थी। सोनिया उसअपने चूतड़ों को हिलाने लगी। जिससे उसके बड़े-बड़े कूल्हे लेफ्ट-राइट होने लगे। फिर उसने हिलाना बंद करके थोड़ा और नीचे झुक के नीचे पेटीकोट के किनारे को पकड़ा और ऊंचा उठाने लगी। जिससे धीरे-धीरे उसकी मांसल जांघें दिखने लगीं, और ऊंचा उठाने से उसकी गाण्ड मेरे सामने थी, एकदम सफेद-सफेद और चिकनी। इतनी चिकनी की बस उसके कूल्हों को चूमते ही रहो। वाह… भगवान ने उसे क्या खूबसूरती दी थी।

मुझे मालूम नहीं था की सोनिया जब कपड़े उतारेगी तो ऐसा गजब का सेक्सी बदन होगा। 

फिर उसने अपने हाथ को पीछे लेकर उसे गाण्ड पे रख दिया और दोनों कूल्हों को अलग करने के लिए उसे दोनों साइड खींचने लगी, जिससे उसकी गाण्ड पे से पैंटी और अंदर घुस गई, और उसके पूरे कूल्हे दिखने लगे। बाद में उसने गाण्ड को सहलाया और फिर सीधी हो गई। फिर उसने एक हाथ से अपना पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया, जिससे पेटीकोट सर्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर से नीचे गिर गया। फिर पेटीकोट में से टाँगें निकाल के उसने पेटीकोट को साइड में रख दिया। अब भी वो घूमके मेरी साइड गाण्ड करके ही खड़ी थी। उसकी पिंक कलर की पैंटी से उसके चूतड़ बहुत सेक्सी लग रहे थे। 

अब वो ब्लाउज़ और पैंटी में थी। उसने अब मेरी तरफ मुँह किया और मेरे सामने एक सेक्सी स्माइल दिया, और बोला- कैसा लगा मेरा स्टाइल?

मैं- “बहुत अच्छा, मुझे अब भी यकीन नहीं होता है की मैं इतनी सुंदर परी को नंगा देख रहा हूँ और अब भगवान की बनाई हुई इस सुंदर सी चूत को चोदने जा रहा हूँ…” 

सोनिया अपने हुश्न की तारीफ सुनकर बहुत खुश हुई और मेरी सामने और नजदीक आ गई। अब वो मेरे सामने अपनी नशीली आँखों से आँखें मिलकर अपने हाथ को ब्लाउज़ पे ले गई और उसके हुक पे अपना हाथ रखा। फिर थोड़ा मुश्कुराई और धीरे से एक हुक खोला… फिर दूसरा… फिर रुक गई और नीचे मुड़ी जिससे उसकी गले की खाईं और ब्लाउज़ से आधे बाहर छलकते स्तन से मेरी नजर हट ही नहीं रही थी। जी करता था कि अभी ही चूम लूँ और हाथों से मसल दूं। लेकिन मैं भी उसकी सेक्सी हरकतों का आनंद उठाना चाहता था जो की एक स्ट्रेपटीज़ शो से कम नहीं था। 

फिर उसने एक उंगली अपने मुँह में डाली और चूसी, और ऐसे मुड़े हुए ही वो उंगली उसके स्तन की गहरी खाईं में डाली। वाह… क्या दृश्य था? क्या अदा थी उसकी? और अब वो फिर से खड़ी हुई और हाथों से दोनों स्तन सहलाने लगी, और अपनी छाती को लेफ्ट-राइट हिलाया तो उसके स्तन डोलने लगे। 

मेरे लण्ड का हाल बहुत बुरा हो गया था, मन करता था की उसकी माँ चोद डालूं। साली कालगर्ल से भी बढ़िया तरीके से मुझे उकसा रही थी। फिर उसने उपने बाकी के हुक खोले और दोनों हाथों को ऊपर करके ब्लाउज़ उतार फेंका।
अब उसके गोरे-गोरे स्तन पिंक पारदर्शी ब्रा में कैद थे, जो की आधे ही ब्रा में थे, बाकी के बाहर छलकते थे। ब्रा भी क्या गजब थी… उसकी नोक पारदर्शी थी, जिसकी वजह से वहां पे काला-काला रंग दिख रहा था, जो की उसके निपल थे। अब उसने ब्रा पहने हुए ही दोनों स्तनों को हाथों में भर लिया और दोनों को साथ में ऐसा दबाया की दूध की धार ब्रा के ऊपर से होती हुई सीधी मेरे चेहरे पे छू गई। 

जिससे अब उसकी हँसी निकल गई और बोली- “देखा, मेरी पिचकारी में कितना दम है। अब तेरी पिचकारी भी देख लेते हैं। लेकिन पहले मेरे इस फड़फड़ाते कबूतरों को तो आजाद कर दे…” और ऐसा बोलकर अपने हाथों को पीछे लेकर ब्रा के हुक को खोल दिया। 

और ब्रा को साइड में फेंकने ही वाली थी की मैं बोला- “लाओ, मुझे दो, मुझे उसे सूंघना है…” कहकर उसके हाथों से ब्रा लेकर मेरी नाक पे रखा और सूंघने लगा। 

सोनिया सेक्सी अदा से देखने लगी। उसके सफेद-सफेद स्तन अब हवा में आजाद होकर लहरा रहे थे। उसके निपल अंगूर के साइज के थे। क्योंकी दूध पिलाने से वो बड़े हो गये थे।

मेरा सब्र अब नहीं रहा तो मैंने उन दोनों चूचों को मेरे हाथों में थाम लिया और सहलाकर उसकी गर्माहट और मुलायमपन महसूस करने लगा। माई गोड… वो इतने नरम थे की बस उसे चोदने का मन नहीं कर रहा था। तो मैं उसे धीरे-धीरे दबाने लगा। उसके मुँह से हल्की-हल्की सिसकियां निकलने लगी थीं। फिर मैंने उसके एक स्तन पे मेरे होंठ रख दिए, और जीभ से उसे छेड़ने लगा। उसके निपल के आजू बाजू के गुलाबी एरोलाया समेत उसका निपल मैंने मुँह में ले लिया। 

फिर हल्के से उसे दबाया तो, ‘आह्ह’ मेरे मुँह में अमृत की धारा बहने लगी। उसका सौंदर्य किसी को भी पागल करने को काफी था। एक बच्चा होने के बावजूद भी उसकी कमर सिर्फ 26” ही थी और कमर का कटाव किसी कैटरीना कैफ से ज्यादा होगा लेकिन कम नहीं था। उस कटाव के बाद उसकी गाण्ड फट से चौड़ी हो जाती थी, जो की बहुत कम औरतों को होती है। अब मैंने उसकी कमर से हाथ डालकर उसके दोनों कूल्हों को मेरी हथेली में भर लिया और उसे सहलाने लगा।

उसका दूध तो मैं चूस ही रहा था लेकिन साथ में उसकी गाण्ड भी सहला रहा था। गाण्ड की चमड़ी एक छोटे बच्चे के जैसी नरम-मुलायम थी। फिर मैं उसकी गाण्ड की दरार में मेरी उंगली फेरने लगा। उधर चूची में से लगातार दूध चूसना चालू ही था। मैं बारी-बारी दोनों चूचियों को चूस रहा था, ताकि दोनों निपल को एक-समान आनंद मिले। 

अब मैंने उकसाते हुए कहा- क्या आप मेरी पिचकारी से होली खेलना नहीं चाहेगी?
सोनिया उत्तेजना से पागल थी ही, और ये सुनते ही उसने मेरे मुँह से चूचियों को छुड़ाकर नीचे झुक के मेरी पैंट की जिप और हुक खोल दिया और पैंट को नीचे खींचकर चड्डी के ऊपर से लण्ड को भींच दिया। फिर सीधा मुँह लगा दिया और किस करने लगी। फिर चड्डी भी निकल दी और लण्ड की लम्बाई देखकर वो हड़बड़ा गई। उसके मुँह से निकल गया- “ओ बाप रे… इतना बड़ा? लगता है ये मेरी फाड़ ही देगा…”

मैं बोला- क्या फाड़ देगा आपकी?

सोनिया शर्माती हुई- “चूत…” और फिर उसने लण्ड का टोपा मुँह में लिया और उसका प्री-कम जीभ से चाटने लगी। 

उसकी जीभ के स्पर्श से मेरे लण्ड में एक कंपन सा आ गया, और मेरा लण्ड उत्तेजना से फट से सीधा पेट में चिपक गया। वो ये देखकर और डर गई, क्योंकी अब वो पूरी लमबाई में था, और बोली- “मुझे नहीं चुदवाना है। मेरी चूत का तो भोसड़ा बना दोगे तुम। मैं सिर्फ तुम्हारी मूठ मार दूँगी…”

मैं- “अरे भाभी… आपके अकेले के पास ही थोड़ी चूत है, जो फट जाएगी? मैं राशि और प्रीति भाभी दोनों को चोद चुका हूँ। कुछ नहीं होगा, तो डरिये मत और मेरे लण्ड का मजा लीजिए…” और ऐसा बोलकर मैंने मेरा 3-4 इंच जितना लण्ड उसके मुँह में ठूंस दिया। जिससे वो उन्ह-उन्ह करने लगी, और मैं धीरे-धीरे उसके मुँह को चोदने लगा। 
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