मेले के रंग सास, बहु, और ननद के संग
10-08-2018, 01:13 PM,
#57
RE: मेले के रंग सास, बहु, और ननद के संग
अपने बेटे के कंधों को पकड़कर सासुमाँ अपनी मोटी गांड उठाने और गिराने लगी और बेटे का लन्ड अपनी चूत मे लेने लगी. दोनो माँ-बेटे के ठापों के ताल पर "ऊंह!! ऊंह!! ऊंह!! ऊंह!!" की आवाज़ पूरे कमरे मे गूंजने लगी.

"बलराम, लगता है बहु दरवाज़े के बाहर से हमे देख रही है." सासुमाँ अपनी कमर चलाते हुए बोली.
"देखने दो रांड को!" मेरे पति देव बोले, "देखे उसके हिस्से का लन्ड कैसे उसकी सास की चूत मे जा रहा है! हाय, मैं बीवी को दिखा दिखाकर अपनी माँ को चोद रहा हूँ!"
"मज़ा मिल रहा है, बेटा?" सासुमाँ ने पूछा.
"हाँ, माँ! बहुत मज़ा मिल रहा है!" मेरे वह नीचे से ठाप लगाते हुए बोले.

सासुमाँ मस्ती मे सिहरकर "ओह!! उम्म!!" कर उठी और अपने बेटे को चूमने लगी.

दरवाज़े के बाहर, घर मे पूरा सन्नाटा था. तुम्हारे मामाजी शायद अपने कमरे मे अब भी अखबार पड़ रहे थे. सिर्फ़ मेरे कमरे से चुदाई की हलकी आवाज़ें आ रही थी.

इतने मे आंगन से किशन की आवाज़ आयी, "भाभी!"

मैं चौंक उठी. "न जाने यह इतनी जल्दी क्यों आ गया?" मैने सोचा और भागकर आंगन मे गयी.

मुझे देखते ही किशन बोला, "भाभी, यह रामु को क्या हुआ है? मैं और गुलाबी खेत वाली झोपड़ी के पास थे. रामु भागता हुआ आया और न जाने क्या अनाप-शनाप बकने लगा."
"क्या कर रहे थे गुलाबी और तुम?" मैने मुस्कुराकर पूछा.
"वह भाभी...हम दोनो..."
"चुदाई कर रहे थे?"
"हाँ भाभी." किशन थोड़ा लजाकर बोला, "रामु ने आकर गुलाबी को मेरे ऊपर से खींचकर उठाया और बोला, ’छिनाल, चोदा-चोदी बंद कर और कपड़े पहन. जल्दी से घर जाकर सामान बांधकर ले आ. हमे अभी अपने गाँव जाना है.’"
"क्यों?"
"पता नही भाभी, कुछ तो बक रहा था!" किशन बोला, "कहने लगा भैया ने उसे देख लिया है और भैया अब उसे गोली मार देंगे. भाभी, क्या देख लिया भैया ने?"
"वही जो वह कर रहा था." मैने मुस्कुराकर जवाब दिया.
"क्या कर रहा था रामु?"
"चोद रहा था मुझे, और क्या." मैने जवाब दिया.

किशन की आंखें फटी की फटी रह गयी.

"क्यों, देवरजी हैरान क्यों हो गये? मैं अकेले तुमसे नही चुदवाती हूँ. मौका मिले तो किसी से भी चुदवा लेती हूँ." मैने कहा, "मै रामु से खटाल के अन्दर चुदवा रही थी जब तुम्हारे भैया ने हमे देख लिया."
"फिर, भाभी?" किशन ने पूछा, "भैया ने आपको कुछ कहा नही?"
"कह तो रहे थे, पर सासुमाँ ने सब सम्भाल लिया."

"माँ ने सम्भाल लिया?" किशन की हैरत बढ़ती ही जा रही थी. "गुलाबी भी रामु को समझा रही थी कि डरने की कोई बात नही है, मालकिन सब सम्भाल लेंगी. भाभी, यह सब क्या चल रहा है? भैया ने आपको घर के नौकर से चुदवाते पकड़ लिया तो माँ क्यों मामला सम्भालने लगी?"

"देवरजी, लगता है अब समय आ गया है तुम्हे घर के कुछ राज़ बता देने का." मैने रहस्यमय मुस्कान के साथ कहा.
"कैसा राज़, भाभी?" किशन ने पूछा.
"चलकर खुद ही देख लो." मैने उसका हाथ पकड़ा और घर की तरफ़ खींचते हुए कहा.

"क्या राज़, बताओ ना भाभी!" किशन पीछे पीछे आते हुए बोला.
"अभी सब साफ़ हो जायेगा, देवरजी! तुम चलो तो सही!"

बैठक-खाने से होते हुए हम मेरे कमरे के पास आये तो मैने कहा, "देवरजी, चौंकना मत. और एक दम कोई आवाज़ नही करना. मेरे कमरे का दरवाज़ा थोड़ा सा खुला है. चुपके से अन्दर देखो और मुझे बताओ अन्दर क्या चल रहा है."

किशन की कुतूहलता हद से आगे बढ़ गयी थी. वह दबे पाँव दरवाज़े के पास गया और उसने आंख लगाकर अन्दर देखा. अन्दर देखते ही जैसे वह जम सा गया.

पांच मिनट बाद मैने उसे खींचकर दरवाज़े से अलग किया और पूछा, "क्या देखा, देवरजी?"

किशन के चेहरे का रंग उड़ा हुआ था. वह बड़ी बड़ी आंखों से मुझे देखने लगा. अन्दर का नज़ारा देखकर जैसे वह सदमे मे आ गया था.

उसने कोई जवाब नही दिया तो मैने अपना हाथ कुर्ते के ऊपर से उसके लौड़े पर रखकर दबाया. उसका लन्ड बुरी तरह सख्त हो गया था.

प्यार से लन्ड को दबाकर मैं पूछा, "क्या हुआ, देवरजी? बताओ न अन्दर क्या देखा?"
"भाभी...माँ और भैया...अन्दर नंगे होकर..." किशन ने कहा.
"क्या कर रहे हैं?" मैने उसके पजामे के नाड़े को खोलते हुए पूछा.
"माँ भैया पर चढ़ी हुई है...और भैया नीचे से...माँ को...चोद रहे हैं!" किशन ने कहा, "भाभी, मेरी माँ ऐसा कैसे कर सकती है? वह भी अपने ही बेटे के साथ!"

मैने किशन का पजामा उतार दिया और उसकी चड्डी नीचे करके लन्ड को बाहर निकाल लिया. फिर उसके सामने बैठकर मैने उसके लन्ड को मुंह मे ले लिया.

किशन के लन्ड को थोड़ा चूसकर बोली, "देवरजी, अब समझे तुम्हारे भैया ने मुझे और रामु को चुदाई करते पकड़ लिया तो सासुमाँ ने मामला क्यों सम्भाल लिया?"
"नही भाभी." किशन मेरे मुंह मे अपना लन्ड पेलकर बोला.
"तुम अपनी माँ को नही जानते. एक छटी हुई रंडी है वो. घर मे बस एक तुम ही बचे हो जिससे उन्होने नही चुदवाया है." मैने कहा.
"मतलब रामु से भी...?"
"हाँ, देवरजी. तुम्हारी माँ रामु से भी चुदवाती है." मैने उसका लन्ड हिलाते हुए कहा, "कभी कभी हम सास-बहु मिलकर रामु से चुदवाते हैं. पर यह बात तुम्हारे भैया को नही पता था. इसलिये जब उन्होने मुझे और रामु को पकड़ लिया सासुमाँ को बीच मे आना पड़ा."
"हाय, भाभी यह आप क्या कह रही हैं?" किशन और उत्तेजित होकर बोला, "घर मे यह सब अनाचार चल रहा है और मुझे कुछ पता ही नही!"

मैने कुछ देर किशन का लन्ड चूसा फिर कहा, "आज तुम्हे सब पता चल जायेगा. देवरजी, खेत मे गुलाबी को चोदकर पानी निकाले थे कि नही?"
"नही भाभी, हमने चुदाई शुरु ही की थी कि रामु भागता हुआ आ गया."
"तभी तुम्हारे लन्ड की यह हालत है. जल्दी पानी नही निकलोगे तो दुखने लगेगा." मैने कहा, "अब बताओ, मुझे चोदोगे या अपनी माँ को?"
"माँ को?" किशन बोला, "वह मुझसे चुदवायेगी?"
"क्यों नही?" मैने कहा, "जब एक बेटे से चुदवा रही है, तो दूसरे बेटे से चुदवाने मे हर्ज ही क्या है? तुम चोदोगे अपनी माँ को?"
"हाँ भाभी!" किशन खुश होकर बोला.
"देवरजी, लगता है तुम्हारा बहुत दिनो का सपना है अपनी माँ को चोदने का!" मैने कहा, "जाओ अन्दर जाओ और चोद डालो अपनी छिनाल माँ को."

किशन ने जल्दी से अपनी चड्डी चढ़ा ली और अपने खड़े लौड़े को अन्दर किया. फिर अपना पजामा नीचे से उठाकर बांध लिया.

हम दरवाज़े के पास गये और मैने अन्दर झाँका. माँ-बेटा अभी भी चुदाई मे लगे थे, पर अब वह अलग तरीके से मज़ा ले रहे थे. दोनो एक दुसरे के यौन-अंगो को चूसकर आनंद दे रहे थे. सासुमाँ अपनी बुर बेटे के मुंह पर रगड़ रही थी और बेटा नीचे से माँ की सफ़ा की हुई मोटी बुर को चाट रहा था. सासुमाँ बेटे का लौड़ा मुंह मे लेकर चूस रही थी. उनका मुंह दरवाज़े की तरफ़ था.

किशन देखकर गनगना उठा.

मैने कहा, "जाओ ना, देवरजी. देख क्या रहे हो?"
"पर भैया हैं अन्दर! कुछ बोलेंगे तो?"
"अरे बुद्धू, जो आदमी अपनी माँ को चोद रहा है वह क्या बोलेगा?" मैने कहा, "जाओ जाकर अपनी माँ के मुंह मे अपना लौड़ा ठूंस दो. एक लन्ड चूस रही है. दूसरा भी चूस लेगी."

बाहर हमारी बातों की आवाज़ सुनकर सासुमाँ अन्दर से बोली, "बहु, बाहर क्यों खड़ी है? अन्दर आ जा और मेरे साथ बलराम से चुदवा ले. रामु तो तुझे आधी चुदाई मे छोड़ गया था."

मैने दरवाज़े को थोड़ा खोला और किशन को धक्का देकर अन्दर भेज दिया.

उसे देखकर सासुमाँ चौंक उठी और बोली, "किशन, तु? मैं समझी बहु है. तु यहाँ क्या कर रहा है?"
"माँ, वो...मै ख-खेत से आ ग-गया था..." किशन हकलाकर बोला.

सासुमाँ तुम्हारे भैया के नंगे बदन से उतर कर पलंग पर बैठ गयी और अपने विशाल चूचियों के हाथों से ढकने की नाकाम कोशिश करके पूछी, "कब से देख रहा है यह सब?"
"बस अभी...थ-थोड़ी देर से."

तुम्हारे भैया भी उठकर बैठ गये और गुस्सा दिखाकर किशन को बोले, "तुझे शर्म नही आती दूसरों के कमरे मे ताक-झांक करता है?"
"बलराम! चुप भी कर!" सासुमाँ बोली, "हम कौन सा यहाँ पूजा-पाठ कर रहे हैं."

मेरे वह चुप हो गये और उन्होने अपनी लुंगी से अपने खड़े लौड़े को ढक लिया.

सासुमाँ बोली, "अब इसने सब देख ही लिया है तो और क्या छुपाना. किशन बेटा, मेरे पास आ."
Reply


Messages In This Thread
RE: मेले के रंग सास, बहु, और ननद के संग - by sexstories - 10-08-2018, 01:13 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,550,934 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 549,998 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,253,617 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 947,928 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,682,946 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,105,094 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,992,686 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,192,916 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,082,629 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 289,728 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 7 Guest(s)