मेले के रंग सास, बहु, और ननद के संग
10-08-2018, 01:13 PM,
#56
RE: मेले के रंग सास, बहु, और ननद के संग
हम कुछ देर घाँस-फूंस के बिछौने पर लेटे चुदाई करते रहे. मैं एक और बार झड़ भी गयी.

तभी बाहर से सासुमाँ की आवाज़ आयी. "बलराम! तु खटाल के पास क्या देख रहा है? बहु तुझे मिली कि नही? न जाने कहाँ चली गयी!"

सासुमाँ की बात सुनते ही रामु ने अपनी कमर चलाना बंद कर दिया और कान लगाकर सुनने लगा.

मेरे वह अपनी माँ को बोले, "माँ, तुम्हारी लाडली बहु तो यहाँ है! मुझे तो अपनी आंखों पर विश्वास नही हो रहा कि यह औरत क्या कर रही है. मैने कभी सपने मे भी नही सोचा था अपनी मीना को मैं इस हालत मे देखुंगा!"

सुनकर रामु की तो हालत खराब हो गयी.

मेरी चूत से अपना लन्ड झटके से निकालकर वह खड़ा हो गया और दबी आवाज़ मे बोला, "भाभी! ई तो बड़े भैया हैं! ऊ हमको देख लिये हैं! हम तो बर्बाद हो गये, भाभी!"
"क्या हुआ, तुम तो कह रहे थे उनके सामने मेरी चूत मारोगे और उनको दिखाओगे कि चुदक्कड़ जोरु की प्यास कैसे बुझाई जाती है?" मैने मसखरा कर के कहा.
"ऊ तो हम जोस जोस मे क-कह गये, भ-भाभी!" रामु हकलाकर बोला, "बड़े भैया अब हमे जरूर जान से मार डालेंगे! ई सब आपकी वजह हो रहा है, भाभी! आपकी हवस मिटाने के चक्कर मे आज हमरी जान जायेगी!"

"क्या हुआ, बेटा?" सासुमाँ खटाल के पास आकर अपने बेटे को बोली, "बहुत परेशान लग रहा है!"
"परेशान!" वह ऊंची आवाज़ मे बोले, "तुम देखोगी तो तुम भी परेशान हो जाओगी!"

सासुमाँ अपने बेटे के पास आयी और टीन के पाटों के बीच के फांक से खटाल के अन्दर देखने लगी.

फिर वह बोली, "हाय, बलराम! बहु तो खटाल के अन्दर है. वह भी पूरी तरह नंगी! कमीनी यहाँ नौकर के साथ मुंह काला कर रही है, और मैं पूरे घर मे उसे ढूंढ रही हूँ!"

"इस रामु को तो मैं काट के टुकड़े टुकड़े कर दूंगा! हरामी ने हमारे घर की इज्जत पर हाथ डाली है." मेरे वह बोले. और फिर दहाड़े, "रामु! बेटीचोद, बाहर निकल!"

अगर उस वक्त रामु को धरती खा जाती तो वह खुशी खुशी पाताल मे चला जाता. वह कांपते हाथों से किसी तरह जल्दी-जल्दी अपने कपड़े पहने लगा.

"अरे बलराम, तु इतना चिल्ला क्यों रहा है?" सासुमाँ ने पूछा.
"चिल्लाऊं नही तो क्या करूं? खड़े-खड़े तमाशा देखूं?"
"हाँ देख ना!" सासुमाँ बोली, "मुझे तो दूसरे की चुदाई देखने मे बहुत मज़ा आता है. तुझे भी आयेगा."
"यह तुम क्या कह रही हो, माँ!" तुम्हारे भैया ने आश्चर्य चकित होकर पूछा.
"इतना हैरान क्यों हो रहा है तु?" सासुमाँ बोली, "बहुत मर्दों को मज़ा आता है अपनी बीवी को दूसरे आदमी से चुदवाकर. तुने बहु की गैर मर्द से चुदाई की कल्पना तो की होगी?"

तुम्हारे भैया कुछ आना-कानी करके बोले, "नही तो! मैं ऐसा क्यों करने लगा?"
"तो फिर तु इतनी देर से अपनी बीवी की चुदाई क्यों देख रहा था?" सासुमाँ बोली, "और तेरा औज़ार भी तनकर खड़ा है!"

वीणा, पता नही तुम्हे याद है कि नही, पर खटाल के पीछे की तरफ़ भी एक दरवाज़ा है. इतनी देर मे रामु उस दरवाज़े से बाहर निकला और उलटे पैर भाग खड़ा हुआ.

उसे भागते देखकर तुम्हारे भैया चिल्लाये, "भागकर कहाँ जायेगा, मादरचोद! कभी तो घर आयेगा! तब तेरी खाल खींच लूंगा!"

अपने पति के गुस्से से मुझे भी डर लग रहा था. सासुमाँ तो बोली थी सब सम्भाल लेगी. पर इधर तो मेरे वह सम्भाले नही सम्भल रहे थे.

"मीना!" वह खटाल का दरवाज़ा पीटकर बोले, "साली रंडी! बाहर निकल!"
"अरे बेटा! इतना शोर मत मचा!" सासुमाँ बोली, "कोई गाँव वाला सुन लेगा तो कितनी बदनामी होगी!"
"होने दो बदनामी!" वह गुस्से से बोले, "मुझे नही पता था मैं एक छिनाल ब्याह कर लाया हूँ."

यह सब सुनकर मुझे भी गुस्सा आ गया.

मैने अन्दर से जवाब दिया, "तो आप कौन सा दूध के धुले हैं, जी? मैं नही जानती आप मेरे पीछे क्या किये फिरते हैं?"
"क्या किये फिरता हूँ?" वह थोड़ी आवाज़ नीची करके बोले.
"आप गुलाबी की कब से इज़्ज़त लूटने की कोशिश कर रहे थे. अब तो आपने उसे चोद भी लिया है. वह भी मेरी मदद से!" मैने कहा, "आप रामु की बीवी की रोज़ चूत मारते हैं. पर रामु ने आपकी बीवी की चूत मारी तो बस आसमान ही टूट पड़ा! हुंह! पाखंडी कहीं के!"

मेरी बात सुनकर तुम्हारे भैया चुप हो गये.

सासुमाँ बोली, "बलराम, बहु ठीक ही तो कह रही है. और जो तेरे और मेरे बीच चल रहा है..."
"मैं वह भी जानती हूँ!" मैने चिल्लाकर कहा, "आप रोज़ रात अपनी माँ को अपनी रखैल की तरह लेकर सोते हैं और रात रात भर उनके साथ चोदा-चोदी करते हैं. किसी मादरचोद को क्या हक बनता है मुझे रंडी कहने का!"

"माँ, मीना को यह सब कैसे पता?" मेरे उन्होने सकपका कर पूछा.
"अरे बेटा, छोटे से घर मे कुछ छुपता नही है." सासुमाँ अपने बेटे को समझाकर बोली, "उसे पता है तु मुझे और गुलाबी को रोज़ चोद रहा है. पर बहु ने तुझे आज तक कुछ कहा क्या? वह समझती है तु एक जवान मर्द है. तुझे नयी नयी चूत मारने का मन करता है. तु भी गुस्सा थूक दे, बेटा. बेचारी बहु भी जवान है तेरी तरह. उसे भी तो मन करता है नये नये मर्दों से चुदवाने का! अभी तुम लोग जवानी का मज़ा नही लोगे तो कब लोगे? लड़ाई झगड़े से बस सबका मज़ा खराब होगा."
"पर माँ...."
"पर-वर छोड़, बेटा. तु भी खुलकर जवानी का मज़ा ले और बहु को भी लेने दे."
"पर माँ..."
"चल अन्दर चल के बात करते हैं." सासुमाँ ने बेटे का हाथ पकड़कर कहा. फिर खटाल के अन्दर मुझे आवाज़ लगाकर बोली, "बहु, तु भी कपड़े पहनकर बाहर आ जा. बलराम अब कुछ नही कहेगा."

माँ-बेटा घर के अन्दर चले गये तो मैं अपने कपड़े पहनने लगी.

कपड़े पहनकर मैं खटाल से निकली और सीधे अपने कमरे की तरफ़ गयी.
मेरे कमरे का दरवाज़ा भिड़ा हुआ था, पर बंद नही था. अन्दर सासुमाँ बिस्तर पर बैठकर अपने बेटे को समझा रही थी. मेरे उनका गुस्सा तो अब तक हवा हो चुका था. वह चुपचाप अपनी माँ की बातें सुन रहे थे.

"सच बता, तुझे बहु को रामु से चुदवाते देखकर मज़ा आ रहा था कि नही?" सासुमाँ ने पूछा.
"हाँ, माँ. पर पता नही क्यों." वह बोले, "शायद तुम ठीक ही कहती हो. आदमी को अपनी बीवी दूसरे मर्द से चुदवाते देखकर उत्तेजना होती है."
"फिर तु इतना गुस्सा क्यों कर रहा था?"
"कैसे से न करता? मेरी बीवी है मीना." मेरे वह बोले, "बहुत प्यार करता हूँ उससे. वह किसी और आदमी से - वो भी घर के नौकर से - कैसे चुदवा सकती है!"
"तु भी तो गुलाबी और मुझे चोदता है. पर बहु फिर भी तुझसे बहुत प्यार करती है, बेटा." सासुमाँ बोली, "उसे तो देखने मे मज़ा आता है जब तु गुलाबी या मुझे चोदता है."
"तुम्हे कैसे पता, माँ?"
"हम औरतें सब बातें आपस मे बाँटतीं हैं." सासुमाँ हंसकर बोली, "गुलाबी, मै, और बहु मज़े लेकर बताते हैं हम किस किससे चुदवा रहे हैं."

फिर उन्होने अपना हाथ लुंगी के ऊपर से बेटे के लन्ड पर रखा और दबाने लगी.

"माँ!" तुम्हारे भैया हैरान होकर बोले, "तुम्हे पहले से पता था मीना रामु से चुदवा रही है?"
"हाँ, बेटा." सासुमाँ बोली.

उन्होने बेटे के लुंगी की गांठ को खोल दिया और उनका खड़ा लन्ड बाहर निकाल लिया. फिर उसे हिलाते हुए बोली, "मै एक बात कहूंगी तो तु गुस्सा तो नही करेगा?"
"क्या बात, माँ?"
"मै खुद भी रामु से चुदवाती हूँ. बहुत मस्त चोदता है मुआ."
"माँ! यह तुम क्या बोल रही हो?"
"तु मुझे आंखें फाड़-फाड़कर क्या देख रहा है?" सासुमाँ ने पूछा, "मै अपने बेटे से चुदवा सकती हूँ, तो क्या घर के नौकर से नही चुदवा सकती? मैं और बहु तो कभी कभी एक साथ रामु से चुदवाते हैं."

"एक साथ! दोनो एक साथ, एक बिस्तर मे, रामु के साथ...!" मेरे वह हैरान होकर बोले. उनका लौड़ा तनकर खंबे की तरह खड़ा था जिसे सासुमाँ मुट्ठी मे लेकर हिलाये जा रही थी.

"हाँ, बलराम. बहुत मज़ा आता है सबके साथ मिलकर समुहिक चुदाई करने मे. तु भी करके देखना." सासुमाँ बोली, "हाय, तुझसे बात करते करते मुझे कितनी चुदास चढ़ गयी है! चल बेटा, जल्दी से अपने कपड़े उतार. एक बार तुझसे चुदवाये बिना मेरी हवस नही उतरेगी."
"माँ, अभी? पिताजी आ गये तो?"
"बलराम, मैने कहा न छोटे से घर मे कुछ छुपता नही है." सासुमाँ ने कहा और अपनी ब्लाउज़ और ब्रा उतारने लगी.
"मतलब, पिताजी को भी पता है तुम मुझसे चुदवा रही हो?"
"तुने कभी सोचा है मैं रोज़ रात तेरे साथ कैसे सोती हूँ?" सासुमाँ अपनी बड़ी बड़ी नंगी चूचियों को हाथ मे लेकर मसलती हुई बोली, "तेरे पिताजी को भी बहुत पसंद है अपनी बीवी दूसरे मर्द से चुदवाना - खासकर अपने ही बेटे से. उन्हे सब कुछ पता है."

मेरे पति हक्के बक्के होकर अपनी माँ को देखते रहे.

सासुमाँ उठी और अपनी साड़ी और पेटीकोट खोलकर पूरी नंगी हो गयी. फिर उन्होने अपने बेटे की लुंगी खींचकर निकाल दी. मेरे पति का लौड़ा तो उत्तेजना से फनफना रहा था.

सासुमाँ ने उन्हे बिस्तर पर लिटा दिया और खुद उन पर चढ़ गयी. अपनी मोटी नंगी बुर को बेटे के खड़े लन्ड पर रगड़ने लगी और होठों के गहरे चुंबन लेने लगी.

"आह!! बलराम! उम्म!! ओह!!" वह बड़बड़ाने लगी, "हाय, आज तो मुझे बहुत चुदास चढ़ गयी है! आह!! तेरा लौड़ा कैसे खूंटे की तरह खड़ा है रे! बहु को चुदवाते देखकर लगता है तुझे बहुत जोश चढ़ गया है."
"आह!!" तुम्हारे भैया ने जवाब दिया.
"देखेगा बहु को रामु से चुदवाते हुए?" सासुमाँ लन्ड पर अपनी गीली बुर रगड़ते हुए बोली, "मैं सब इंतज़ाम कर दूंगी....आह!! बहु भी चाहती है तेरे सामने दूसरे मर्दों से चुदवाना.....आह!! औरत को बहुत मज़ा आता है रे, पति के सामने दूसरे मर्द से चोदवाने मे."
"हाँ, माँ....मै देखुंगा मीना को...रामु से चुदवाते हुए." मेरे वह बोले, "और भी किसी से चुदवायेगी तो वह भी मैं देखुंगा!"

तुम्हारे भैया ने अपना लन्ड पकड़कर अपनी माँ की बुर के मुंह मे रखा. सासुमाँ ने कमर से धक्का दिया और एक जोर के आह!! के साथ बेटे का पूरा का पूरा लन्ड अपनी चूत मे घुसा लिया.
Reply


Messages In This Thread
RE: मेले के रंग सास, बहु, और ननद के संग - by sexstories - 10-08-2018, 01:13 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,551,765 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 550,110 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,254,074 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 948,233 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,683,270 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,105,478 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,993,404 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,195,590 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,083,448 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 289,841 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 4 Guest(s)