RE: Hindi Porn Kahani सियासत और साजिश
टीना: हां दीदी बोलो क्या बात है?
सुमन: वो सुमन तुम्हारे पति घर कब वापिस आते हैं.
टीना: दीदी कोई पक्का टाइम नही है. पर रात 9-10 बजे तक आ जाते हैं. क्यों कोई काम था उनसे ?
सुमन: हां वो दरअसल मुझ उनसे साहिल के बारे मे कुछ बात करनी थी.
टीना: क्या बात है दीदी. तुम परेशान दिखाई दे रही हो?
सुमन: वो टीना वो मुझ समझ मे नही आ रहा. मे कैसे कहूँ ?
टीना: दीदी मे आपकी छोटी बेहन हूँ. आप खुल कर मुझसे किसी भी तरहा की बात कर सकती हो.
सुमन: दरअसल तुम तो जानती है हो. साहिल कैसे नेचर का है. मे चाहती थी, कि अगर तुम्हारे पति साहिल को कुछ दिनो के लिए अपने पास रख कर गन चलाना और कुछ और सेल्फ़ डिफेन्स के बारे मे सिखा सकें तो,
टीना: लो दीदी इतनी सी बात. मे उन्हे बोल दूँगी. आप तो ऐसे ही परेशान हो रही थी.
सुमन: ठीक है पर इस बात का माँ को पता नही चलना चाहिए.
टीना: पर क्यों इसमे कॉन सी ग़लत बात है.
सुमन: नही माँ नही चाहती इसीलिए कह रही हूँ.
टीना: (एक पल के लिए सुमन की बातों को सुन कर तीन सोच मे पड़ गयी) अच्छा -2 ठीक है. चलो अब बाहर चल कर कुछ नाश्ता कर लो.
सुमन: ठीक है चलो चलते हैं.
तीनो थोड़ी देर और रुकने के बाद घर वापिस आ गयी. टीना ने घर पर अपने पति सुरजीत से साहिल के बारे मे बात के. और सुरजीत जो सचाई को नही जानता था. उसने हामी भर दी. रात को ही टीना ने सुमन को फोन करके बता दिया. और साहिल को अगले दिन से सुबह उसके घर भेजने के लिए कहा. क्योंकि. टीना का पति सुबह 9 बजे जाता था. इस दौरान उसके पास काफ़ी फ्री टाइम रहता था.
जब सुमन को ये बात पता चला. तो वो साहिल के रूम मे चली गयी. और साहिल को अगले दिन से रोज सुबह टीना के घर जाने के लिए बोल दिया.
और साहिल ने वीना को ये बताया कि, वो कल से अपनी किसी टीचर के पास ट्यूशन के लिए जा रहा है. अगले दिन सुमन सुबह है गाँव वापिस चली गयी. उसने साहिल को अगले महीने फिर से आने के लिए कहा. दूसरी तरफ पायल जो सुबह लेट से उठी थी. आज साहिल घर पर आ रहा है, ये सुन कर वो सुबह जल्दी ही उठ बैठी . जब साहिल ने टीना के घर के बाहर आकर डोर बेल बजी.
तो पायल भागती हुई गेट पर गयी, और गेट खोला. सामने साहिल को देख कर उसके होंठो पर बहुत ही प्यारी सी मुस्कान फैल गयी. और साहिल का हाथ पकड़ते हुए उसे अंदर ले आई.
साहिल: (साहिल को पायल के इस बिंदास व्यवहार से थोड़ा अजीब सा लग रहा था. और वो मन ही मन ये दुआ कर रहा था, कि ऐसे कोई उसे देख ना ले) पायल जी मे यहीं हूँ. कहीं भाग कर जा नही रहा. मेरा हाथ तो छोड़िए.
जब पायल को अहसास हुआ कि, उसने साहिल के हाथ को पकड़ा हुआ है. वो एक दम से शरमा गयी. और उसने अपनी नज़रों को झुकाते हुए, साहिल का हाथ छोड़ दिया.
पायल: आप बैठो , मैं भैया को बुला कर लाती हूँ.
साहिल सोफे पर बैठ कर इंतजार करने लगा. थोड़ी देर बाद पायल वापिस आई, और उसने साहिल को अपने साथ ऊपेर छत पर चलने को कहा.
पायल: साहिल वो भैया कह रहे कि, आप छत पर चलो. चलो मे आपको साथ मे ले चलती हूँ.
साहिल पायल के साथ ऊपेर छत पर आ गया. और सुरजीत के आने का इंतजार करने लगा. थोड़ी देर बाद सुरजीत भी ऊपेर आ गया.
साहिल: नमस्ते मौसा जी.
सुरजीत: नमस्ते बेटा. और सूनाओ. कैसे हो. पड़ी कैसे चल रही है तुम्हारी. सब ठीक है ना.
साहिल: जी सब ठीक है. पढ़ाई भी शुरू हो गयी है.
सुरजीत: अच्छा ठीक है, देखो साहिल आज तो मुझ किसी केस के सिलसिले मे जल्दी निकलना है. पर जाने से पहले मे तुम्हे आज गन लोड करना और चलाने के बारे मे कुछ बता देता हूँ.
साहिल: जी ठीक है.
सुरजीत: वैसे तुम्हे क्या ज़रूरत पड़ गयी. ये सब सीखने की.
साहिल: (थोड़ा घबराते हुए) वैसे ही. बस शॉंक है.
सुरजीत: चलो ठीक है.
फिर सुरजीत अपने साथ ली हुई गन निकाल कर साहिल को समझाने लगा. गन कैसे लोड करते हैं. चलाते कैसे है. और पायल उनसे कुछ दूरी पर टहलते हुए, चोर नज़रों से साहिल की तरफ देख रही थी. उसका दिल बार -2 यही कर रहा था. कि साहिल उसकी चढ़ती हुई जवानी को देखे. पर साहिल पूरे दिल के साथ सुरजीत की बातों को सुन रहा था.
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