RE: Hindi Porn Kahani सियासत और साजिश
डॉली ठीक से साँस भी नही ले पा रही थी….रवि पर डॉली की किसी भी बात का कोई असर नही हो रहा था…..फिर रवि ने डॉली की चूत की दूसरी फाँक को अपने मुँह मे भर लिया…..और फिर से उसे अपने होंठो को बीच मे दबाते हुए, धीरे-2 खैंचने लगा…जैसे -2 डॉली की चूत की फाँकें रवि के होंठो से रगड़ खाती हुई उसके होंठो से बाहर आ रही थी…वैसे -2 डॉली के बदन मे मस्ती की लहर बढ़ती जा रही थी…
अब डॉली एक दम से मस्त हो चुकी थी…….रवि ने इस बार डॉली की चूत की दोनो फांकों को अपने मुँह मे भर लिया…और ज़ोर ज़ोर से चूस्ते हुए, होंठो मे दबा -2 कर खैंचने लगा….डॉली की सिसकारियों मे वासना का असर बढ़ता जा रहा था….जो रवि के लिए आग मे घी का काम कर रहा था….डॉली का पूरा का पूरा बदन कांप रहा था….रवि के हाथ डॉली के पेट मे हो रही थरथराहट को सॉफ महसूस कर पा रहे थे….
अचानक से डॉली का बदन अकड़ने लगा….डॉली की चूत मे से कामरस की नदी अपना बाँध तोड़ने को तैयार थी…उसकी कमर ऐसे झटके खाने लगी…जैसे वो खुद अपनी चूत को रवि के मुँह पर रगड़ रही हो……फिर अचानक से डॉली की चूत से काम रस का सैलाब उमड़ पड़ा….और गरम पानी की नदी उसकी चूत से निकल कर उसकी गान्ड के छेद की ओर बढ़ने लगी…. रवि ने झट से डॉली की चूत से अपना मुँह हटा लिया… और पास गिरी हुई पैंटी से डॉली की चूत को सॉफ करने लगा…..
डॉली ने अपनी वासना से भरी हुई आँखों को खोल कर रवि की ओर देखा….रवि अपनी चमकती आँखों से उसकी चूत को देख रहा था….डॉली एक दम से शरम्शार हो गयी. उसने फिर से अपनी आँखों को बंद कर लिया…..
डॉली: (काँपती हुई आवाज़ मे) अब तो बस करो रवीिइ….देखो मेने तुम्हारी बात मान ली है….अब मुझ जाने दो……….
रवि: (डॉली की बात सुन कर मुस्कुराते हुए) नही दीदी मैने कहा था, कि मे जी भर कर आपको प्यार करना चाहता हूँ, अभी मेरा मन नही भरा है…….
डॉली अभी ठीक से अपनी साँसों को दुरस्त भी नही कर पे थी, की रवि ने अपनी बात पूरी होते ही….फिर से डॉली की चूत की फांकों को फैला दिया….पर इस बार उसने अपनी जीभ निकाल कर सीधा डॉली की चूत के दहकते और लबलबा रहे छेद पर लगा दिया….डॉली की कमर ने ऐसे झटका खाया, जैसे उसको किसी ने करेंट लगा दिया हो…
डॉली: ( अपनी चूत के छेद पर रवि की गरम जीभ को महसूस करके एक दम से तड़प उठी) ओह अहह अहह उफफफफ्फ़ रवीिइ रुकूऊव ओह उम्ह्ह्ह्ह्ह सीईईई आह अहह अहह ओह……..
डॉली ऐसे मचल रही थी….जैसे कोई मछली पानी के बिना तड़पति है…..जिसे देख रवि का जोश दोगुना हो गया….और वो और ज़ोर ज़ोर से डॉली की चूत के छेद को अपनी जीभ से चाटने लगा……रवि 5 मिनट तक कभी अपनी जीभ से डॉली की चूत के छेद को चाटता, तो कभी उसकी चूत की फांकों को अपने होंठो मे भर कर चूस्ता………. डॉली फिर से झड़ने के बेहद करीब थी……..और उसका बदन फिर से अकड़ने लगा था…इसबार वो खुद इतनी मस्त हो गयी थी, कि वो अपने आप पर काबू ना रख सकी….और रवि के मुँह पर चूत को दबाने लगी…..और अगले ही पल उसकी चूत ने फिर से पानी छोड़ दिया….
डॉली के तन बदन मे आग लगी हुई थी….अब उसके सबर का बाँध भी टूटने वाला था….पर रवि रुकने के मूड मे बिल्कुल भी नही था….उसने फिर से डॉली के नीचे पड़ी पैंटी को उठा कर, उसकी चूत को सॉफ किया…..और फिर से अपने होंठो को डॉली की चूत के छेद पर लगा दिया…..
अभी अभी झड़ी डॉली जो दो बार झाड़ चुकी थी…उसकी बर्दास्त की हद हो चुकी थी… वो फिर से सिसकारियाँ भरने लगी…और अपने हाथों से रवि के सर को पकड़ कर पीछे की ओर धकेलने लगी….
डॉली: (सिसियाते हुए) ओह्ह्ह बस करो रवि बस करो……
रात के 1 बज रहे थे….घर मे सन्नाटा छाया हुआ था….बस स्टोर रूम से डॉली की मादक और मस्ती से भरी हुई सिसकारियों की आवाज़ सुनाई दे रही थी…आख़िर कार डॉली के बहुत कहने पर रवि ने अपना मुँह उसकी चूत से हटा लिया….. और डॉली के ऊपेर लेट गया…और अपने होंठो को डॉली के होंठो की तरफ बढ़ाने लगा….
डॉली ने अपनी वासना से भरी हुई आँखों को खोल कर रवि की और देखा….जो उसकी काम रस से भीगे हुए, अपने होंठो को उसके होंठो की तरफ बढ़ा रहा था….डॉली ने अपना फेस दूसरी तरफ घुमा लिया….
रवि: (डॉली की ओर देख कर मुस्कुराते हुए) देखो अब आप मुझे रोक नही सकती…आप ने मुझसे वादा किया है….
ये कह कर रवि ने डॉली के फेस को अपने हाथों मे भर कर उसके होंठो पर अपने होन्ट रख दिए….अपने ही कामरस का स्वाद डॉली को बहुत अजीब सा लग रहा था….पर थोड़ी देर बाद डॉली ने हथियार डालते हुए, अपने होंठो को खोल दिया…और रवि फिर से डॉली के गुलाबी रसीले होंठो का रस पान करने लगा…..
डॉली के होंठो को धीरे-2 चूस्ते हुए, रवि डॉली की नाइटी जो कि उसकी कमर तक चढ़ि हुई थी…उसे और ऊपेर उठाने लगा….नीचे रवि का लंड डॉली की चूत के पास उसकी जाँघो की जडो मे रगड़ खा रहा था…और डॉली अपनी चूत के पास रवि के गरम सुपाडे की रगड़ महसूस करते हुए, फिर से मस्त होने लगी….
धीरे-2 रवि ने डॉली की नाइटी को उसकी चुचियों तक ऊपेर उठा दिया….जैसे डॉली की चुचियाँ नाइटी की क़ैद से बाहर आई….रवि का दिल जोरों से धड़कने लगा…वाह क्या मस्त चुचियाँ है. एक दम ठोस और तनी हुई….रवि तो जैसे डॉली की चुचियों को देख कर पागल ही हो गया….उसने दोनो चुचियों को अपने हाथों मे भर लिया… और धीरे -2 मसलने लगा….डॉली की बड़ी-2 गुदाज चुचियाँ उसके हाथों मे समा नही पा रही थी…फिर उसने दोनो चुचियों को मसलते हुए, लेफ्ट चुचि को अपने मुँह मे भर लिया.
डॉली एक दम से मदहोश हो गयी….उसके बदन मे सिहरन दौड़ गयी…और उसने अपनी बाहों को रवि की पीठ पर कस लिया….रवि अब पूरे जोश मे आ चुका था…उसने नीचे से अपने दोनो हाथों को डॉली की टाँगों मे डाल कर डॉली को बेड के ऊपेर सही से लेटा दिया….और खुद उसकी टाँगों के बीच अपनी टाँगों अडजेस्ट करके, डॉली के ऊपेर लेट गया…..
जिससे रवि के लंड का सुपाडा डॉली की चूत की फांकों पर रगड़ खा गया….डॉली एक दम से रवि के लंड को अपनी चूत की फांकों पर रगड़ ख़ाता हुआ महसूस करके घबरा गयी….और उसने रवि के कंधों पर हाथ रख कर उसे पीछे किया….डॉली का निपल पक की आवाज़ से रवि के मुँह से बाहर आ गया…..
रवि: (हैरान होकर डॉली की ओर देखते हुए) क्या हुआ….
डॉली: नही रवि ये ठीक नही है….
रवि: अब मे सिर्फ़ तुम्हे प्यार ही तो कर रहा हूँ…..
डॉली: पहले उसे वहाँ से हटाओ…..
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