RE: kamukta kahani यादें मेरे बचपन की
अब हम तीनों घर में अकेले थे इसलिए आज हमने डैडी के रूम में ही सीडी देखना तय किया और सबसे पहले घर का मुख्य द्वार अन्दर से लॉक किया और डैडी के कमरे में जाकर एसी ओन किया और डैडी की अलमारी से कई मस्त इंग्लिश मूवीज की सीडीज निकाली।
हर सीडी की मूवी मैं देख चुका था इसलिए मैंने उनमें से सबसे अच्छी सीडी निकाली और जल्दी से चला कर बिस्तर पर आकर बैठ गया।
दोनों बैड पर ही बैठी थी लेकिन आज डर से कुछ दूरी बनाये हुए थी।
हालांकि मुझे पता था कि जल्दी ही यह दूरी खुद मिट जायेगी।
मूवी शुरू हुई… स्टोरी कुछ खास नहीं थी और बहुत जल्दी सैक्स शुरू हो गया।
उसमें भी दो लड़कियों के साथ एक लड़का था पर दोनों कहानियों में ये फर्क था कि वहाँ वो लड़कियाँ उस लड़के को सैक्स करने के लिए उकसा रही थी और यहाँ ये दोनों लड़कियाँ सैक्स करने से डर रही थी।
उनको उकसाने के लिए मैंने अपना लिंग बाहर निकल लिया और उनके सामने ही हस्तमैथुन करने लगा।
जल्दी ही मेरा लिंग स्खलित भी हो गया तो मैं उठ कर टॉयलेट में गया और लिंग को धो कर आया तो देखा कि सुनीता सोनी भी अपने अंतःवस्त्रों में हाथ डाल कर अपनी क्षुधा शांत करने की नाकाम कोशिश कर रही थी।
मैंने धीरे से उसे कहा- मेरे पास कंडोम है… आज कोई गड़बड़ नहीं होगी..!
सोनी ने अनन्या की ओर देखा तो अनु ने कहा- मेरी तरफ क्यों देख रही हो… मैं तो वैसे भी पीरियड में हूँ… पर बी केयरफुल… हम्म..!
सोनी जैसे अनु की अनुमति के इंतज़ार में ही थी इसलिए तुरंत उठ कर कपड़े उतारने लगी।
मैं भी तुरंत उठा अपनी पीछे की पॉकेट से कंडोम का पैकेट निकाल कर बिस्तर पर रखा और अपनी पैंट, टी-शर्ट निकाल कर सोनी पर टूट पड़ा।
सोनी केवल पैंटी में बैड पर लेटी थी इसलिए मैं उसके उरोजों को चूसने लगा।
कुछ देर चूसने के बाद मैं धीरे-धीरे उसकी नाभि पर जीभ लगा कर चाटने लगा तो उसकी सिसकारियाँ निकलने लगीं।
मैंने धीरे से नीचे की ओर बढ़ते हुए उसकी पैंटी पर अपना मुख रखा और ऊपर से ही उसे चूमने लगा।
कुछ ही सैकेंड में उसकी योनि में से यौवन-रस बहने लगा और उसकी पेंटी भी हल्की गीली हो गई।
तो मैं धीरे से उँगलियों से उसकी पेंटी को खोलने लगा।
उसने तुरंत अपने नितम्ब उठा कर पेंटी को खोलने में सहमति प्रदान की, मैंने पेंटी को खींच कर उतार फेंका फिर धीरे से उसकी टांगों को चौड़ी कर के उसकी उभरी हुई योनि के खड़े गुलाबी भगोष्ठ को अपनी उंगली से हल्का सा फैलाया और अपनी जीभ उस पर टिका कर उसे चूसने लगा।
उसने अपने हाथों से चादर को भींच लिया था और फिर एक हाथ मेरे सिर पर फिराने लगी।
अब उसकी योनि चूसना मुझे भी अच्छा लगने लगा था इसलिए उसकी योनि में जीभ डाल कर चूसने लगा।
वैसे भी रति-क्रीड़ा में अपने साथी को आनन्द देना ही सही रूप में रति-क्रीड़ा का आनन्द उठाना है।
कुछ मिनटों बाद मैं बैड पर लेट गया और उसे 69 पोजीशन में आने को कहा तो वो उठकर मेरे ऊपर आई और घुटनों को मेरी छाती के पास रख कर अपनी योनि को मेरे मुख के पास सेट कर घोड़ी बन कर बैठ गई।
मैं चाहता था कि वो मेरे लिंग को हाथ में पकड़े व मुँह में लेकर चूसे पर उसे कहने में संकोच कर रहा था और वैसे भी मैं कुछ ही देर पहले स्खलित हुआ था इसलिए लिंग पुनः पूरी तरह से उत्थित नहीं हो पाया था।
आखिर अपने संकोच को छोड़कर मैंने उसे अपने लिंग को हाथ में पकड़ कर हिलाने का आग्रह किया तो उसने मेरे लिंग को हाथ में पकड़ लिया और उसके खोल को ऊपर नीचे करने लगी।
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