RE: kamukta kahani यादें मेरे बचपन की
सोनी जो मेरे पास बैठी थी आश्चर्य से बोली- इतना बड़ा… इतना बड़ा किसी की योनि में कैसे जा सकता है?
मैंने जवाब दिया- जब कोई लड़की पहली बार सैक्स करती है तो उसे दर्द होता है… पर लिंग अन्दर जाने पर वो दर्द मज़े में बदल जाता है… वो मज़ा दुनिया के किसी भी आनन्द से बढ़ कर होता है!
ये सब मैं उसे उकसाने के लिए कह रहा था और सच ही तो कहा था मैंने… सैक्स का आनन्द दुनिया के हर सुख से बढ़ कर है…
मैंने रिक्वेस्ट करते हुए उसे कहा- पकड़ो इसे… तुम्हे भी अच्छा लगेगा… प्लीज… इसे हाथ में ले कर इस तरह ऊपर नीचे करो ना… प्लीज… एक बार…
उसने थोड़े संकोच के बाद मेरे लिंग को पकड़ लिया और उसे मेरे बताये तरीके से ऊपर-नीचे करने लगी… पहली बार मेरे लिंग को किसी लड़की ने छुआ था इसलिए कुछ ही सेकंड्स में उत्तेजना से मेरा वीर्य निकल गया जिससे उसके हाथ भर गये और वो डर भी गई।
मैंने उसे कहा- सॉरी… एक्साईटमेंट से मैं फिनिश हो गया… ये मेरा सीमन है… तुम प्लीज टॉयलेट में जाकर हाथ साफ कर लो!
वो उठी और टॉयलेट में से हाथ साफ कर के आई और सामने चेयर पर बैठ गई। मैंने अपनी पैंट फिर से पहन ली थी।
अब मैंने शरमाते हुए कहा- मैंने तुम्हारी एक बात मानी… अब मेरी भी एक रिक्वेस्ट है… मैंने भी किसी लड़की की योनि को कभी नहीं छुआ… क्या तुम मुझे ये करने दोगी… प्लीज… एक बार…
मुझे लगा कि वो मुझे मना कर देगी या फिर ना-नुकुर करेगी पर उत्तेजनावश वो एक बार में ही मान गई… वो कुर्सी से उठी और अपनी स्कर्ट उतार कर मेरे पास आकर बैठ गई।
अब सोनी मेरे सामने टी-शर्ट और पिंक पैंटी में थी और शायद उसे अपनी स्थिति पर थोड़ी शर्म भी आ रही थी इसलिए अपने घुटने मोड़ कर बैठी थी।
मैंने हल्के हाथों से उसके पैरों को पकड़ कर सीधा किया और धीरे से दोनों हाथों से उसकी पैंटी पकड़ कर नीचे खींचने की कोशिश करने लगा पर उसके बैठी होने के कारण मुझे थोड़ी दिक्कत होने लगी तो उसने मुझे सहयोग करते हुए अपने नितम्ब उठा कर अपनी मौन स्वीकृति भी दी।
धीरे से मैंने उसकी पैंटी को उसके तन से अलग कर के पलंग पर रख दिया पर अब भी शर्म के मारे वो अपनी टांगों को सिकोड़े बैठी थी।
मैंने फिर से उसके पास जाकर उसकी दोनों टांगों को चौड़ा किया और उसकी हल्के रोयों वाली गुलाबी सी योनि को निहारने लगा, फिर अपनी दो उंगलियों से उसके भगोष्ठ को सहलाने लगा।
सोनी की सिसकारियाँ निकलने लगी थीं।
मैंने उठकर उसे बैड पर पैर लटका कर लेटने को कहा तो उसने मुझे अचरज से देखा कि मैं क्या करना चाहता हूँ पर मैंने आँखों के इशारे से उसे समझाया कि मैंने कुछ भी उसकी इच्छा के विरुद्ध नहीं करूंगा तो वो तुरंत बैड पर पैर लटका कर अपनी कोहनियाँ बैड पर टिका कर अधलेटी सी उत्सुकता से मुझे देखने लगी।
मैं भी धीरे से घुटनों के बल उसकी टांगों के बीच जमीन पर बैठ गया और मैंने उसकी टांगों को थोड़ा चौड़ा कर अपनी जीभ उसकी योनि पर टिका दी और चाटने लगा।
उसे भी तीव्र आनन्द का अहसास तो हुआ पर लगभग चीखते हुए बोली- छी… छी… ये क्या कर रहे हो… प्लीज ये मत करो!
मैंने धीरे से कहा- यह सैक्स में फोरप्ले कहलाता है… डैडी… मम्मी के साथ हमेशा करते हैं… और सच बताना… तुमको अच्छा लग रहा है या नहीं? अगर नहीं लगता हो तो मैं हट जाता हूँ।
उसने मुस्कुरा कर मुझे अपनी मर्जी करने की मौन स्वीकृति दी और मेरे सर पर हाथ फिरने लगी।
मैं उँगलियों और जीभ से उसकी योनि को चूसने, चूमने, चाटने और सहलाने लगा हालांकि ये मुझे कुछ ज्यादा अच्छा नहीं लग रहा था पर मम्मी-डैडी को इतने सालों से सैक्स करते देख मुझे अब यह मालूम चल गया था कि लड़कियों को सैक्स में सबसे अच्छी यही क्रिया लगती है।
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