RE: Mastram Story शमा के परवाने
रात भर चुदाई के बाद सागर बहुत ही थका हुआ महसूस कर रहा था. लेकिन वो बहुत ही खुश था क्यूकी जिस औरत की वो ख्वाबों मे चुदाई किया करता था अब उसने उसे सच मे चोद दिया था. सागर 4 बजे अपने रूम मे चला गया था और जाकर सो गया.
मधु हमेशा की तरह 7 बजे उठ गई. आज की सुबह मधु की बहुत ही रंगीन सुबह थी. मधु अभी तक अपने बिस्तेर पर नंगी ही पड़ी हुई थी फिर मधु खड़े होकर अंगड़ाई लेते हुए मुस्कुराने लगी. आज मधु के चेहरे की रौनक बता रही थी कि कल की रात उसके लिए कितनी सुखद रही थी.उसके लिए तो यकीन करना मुश्किल था कि जिसके साथ उसने रात भर चुदाई का भरपूर लुफ्त उठाया था वो उसका सगा बेटा था. जवान मर्द से प्यास भुजने के बाद जो सकून मधु को मिला था उससे उसका रोम रोम चहक रहा था. फिर उसने चद्दर मे छुपी हुई अपनी पैंटी और ब्रा को ढूंड कर अपने शरीर पर कसा और बाथरूम मे फ्रेश होने के लिए चली गई.
उधर जब अंकित खड़ा हुआ. तो उसने सागर को हिलाते हुए कहा - अबे साले उठ जा …..देख क्या टाइम हुआ …
सागर - मैं बहुत थका हुआ हू प्ल्ज़्ज़ भाई मुझे सोने दे…
अँकति - हाँ साले रात को मधु की कम चुदाई करता तो कम थकता..
ये सुन कर सागर चौंका और उठ कर सागर से बोला - क्या मज़ाक कर रहा है ..अंकित …
अंकित - अबे साले मुझे सब पता है मैने रूम के डोर के कीहोल सब देख लिया था ..अब अंजान मत बन साला मदर्चोद…
सागर - हाँ यार मैं मधु को चोद चुका हू …
अंकित - साले 2 दिन हो गये कुछ हाथ नही लगा ..और मैने तेरा हर काम मे साथ दिया लेकिन तूने अभी तक मुझे कुछ करने का मोका नही दिया …..
सागर - तू टेन्षन ना ले मेरे भाई ..मैने फुल प्लॅनिंग की हुई है ….
उसके बाद सागर ने अंकित को सारा प्लान समझा दिया. अंकित को प्लान समझ मे आ चुका था और वो रिलॅक्स होकर सही वक्त का इंतेजर कर रहा था.
दूसरी तरफ मधु नहा धोकर बाहर शीशे के सामने आई. उसने अपने बदन को टवल से ढक रखा था. उसके बालों से पानी की बूंदे टपक रही थी जो उसके जिस्म पर रिस्स रही थी. मधु के बदन पर नहाने से महक आई हुई थी जिससे उसका बदन चमक रहा था. फिर मधु ने अपने बालों को सवार कर पीछे किया और अपने बदन से टवल को जुदा कर दिया. 1 मिनट तक मधु अपने चहकते हुए नंगे जिस्म को निहारती रही. फिर उसने बॉडी लोशन उठाया और अपने हाथ पर लगाकर पूरे जिस्म पर हाथ फेरने लगी. मधु को बहुत ही सकून मिल रहा था. उसे ऐसा लग रहा था कि जैसा उसका एक एक अंग उससे बात कर रहा हो और मधु से कह रहा हो कि आज वो बहुत खुश है. मधु की जवानी छलक उठी थी . फिर मधु ने कबाड़ मे से ब्रा और पैंटी निकाली. लेकिन उसके आज़ाद बदन को कसने वाली चीज़ों के लिए उसना मन नही माना और उसने आज बिना ब्रा और पैंटी के ब्लाउस और साड़ी डाल ली . फिर मधु बाहर की तरफ आई. इतने मे अंकित और सागर भी तैयार होकर डिन्निंग टेबल पर बैठे थे.
जब मधु बाहर आई तो उसे सागर की तरफ देख कर स्माइल की जैसे वो सागर को थॅंक योउ बोल रही हो. फिर सागर ने भी अंकित से नज़र चुरा कर मधु को देख कर आँख मारी और अपने हाथों से इशारा करते हुए कहा कि आज कमाल की लग रही हो. जिसे देख कर मधु शरमा गई. फिर मधु किचन से खाना लेकर आई और तीनो ब्रकफ़ास्ट करने लगे. मधु सागर के साथ बैठी हुई थी और उन दोनो के सामने अंकित बैठा हुआ था. तभी सागर ने अपना एक हाथ मधु की जाँघो पर रख दिया और धीरे धीरे उन्हे मसल्ने लगा. और दूसरे हाथ से ब्रेकफास्ट खाने की आक्टिंग करने लगा. अपनी जाँघो पर स्पर्श पाते ही मधु के बदन मे जलन होने लगी और उसने हाथ को पकड़ हटा दिया .
जब सागर ने मधु को देखा तो मधु ने अंकित की मजूदगी का इशारा किया. लेकिन सागर नही माना वो दुबारा अपना हाथ मधु की जाँघो पर फेरने लगा. और फेरते फेरते मधु की चूत को मसल्ने लगा. मधु तो मानो मदहोश सी होने लगी. उसने अपने खाना खाने की रफ़्तार को कम कर दिया और सागर के स्पर्श का आनंद लेने लगी. मधु का खुद्पर से काबू ख़तम हो गया और उसने भी अपना एक हाथ सागर के लंड पर फेरना शुरू कर दिया. सागर का लंड एक दम तंन गया मधु का स्पर्श पाते ही.
फिर सागर ने टेबल से स्पून गिरा दिया . और जब वो नीचे से स्पून उठाने लगा तो उसने मधु की साड़ी को उसकी जाँघो तक उठा दिया जिससे जाँघो से नीचे की टाँगे नंगी हो गई फिर सागर अपना हाथ साड़ी के अंदर ले गया और चूत के आस पास फेरने लगा. मधु की तो मानो साँसे ही थम गई. उसके हलक से नीवाला निकलना मुश्किल हो गया. फिर सागर धीरे से अपना हाथ चूत पर ले गया और उसे मसल्ने लगा. मधु साँसे फूलने लगी और उसके गालों का रंग बदलने लगा. वो अपनी सिसकारियो को अपने होंठ तले दबाने लगी. मधु ने सागर की तरफ तिरछी नज़र से देखा और मना करने का इशारा किया. लेकिन सागर कहाँ मानने वाला था उसने अपनी मिड्ल फिंगर को मधु की चूत मे पूरा घुसा दिया.
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