RE: Mastram Story शमा के परवाने
अब आगे …
जब मधु सागर और अंकित के रूम मे आई तो सागर मधु को देखते ही रह गया
मधु पूरी तरह से तैयार हुई पड़ी थी मधु ने स्काइ कलर की साड़ी डाली हुई थी जिसका ब्लाउस बहुत ही छोटा था और वो किसी स्वर्ग की अप्सरा से कम नही लग रही ही. अंकित का ध्यान गेम मे था तो सागर ने मधु को सिर से लेकर पैरो तक एक अजीब सी नज़र से देखा. जिसे मधु ने नोट कर लिया और वो सागर से बोली – क्या हुआ सागर मे अच्छी नही लग रही क्या ??
सागर – मोम आप बोहोत ही सुन्दर लग रहे हो.
मधु – ओह्ह अच्छा थॅंक्स वैसे अब तो मे बूढ़ी हो गई हू
सागर – कैसे बात करती हो मोम.. अब अभी भी इतनी खूबसूरत हो कि लड़किया धूल चाट जाए आपके सामने
मधु इस बात पर शर्मा गई और बोली – हॅट..बदमाश कहीं का…जब देखो अपनी मोम को छेड़ता रहता है
सागर – सच्ची मे मोम आप बहुत सुन्दर हो
मधु – चल अब बॅस कर इतनी बाते मत बना. मुझे पार्टी पर जाना है…
इतने मे सागर के मोबाइल मे रिंगटोन बजी जब सागर ने देखा तो पाया कि उसकी मोबाइल की बेटर्री ख़तम हो गई है उसने इधर उतेर देखा और चार्जर ढूँडने लगा जिसे देख कर मधु बोली – क्या हुआ बेटा कुछ गुम हो गया क्या ??
सागर – मोम वो मेरा चारजर नही मिल रहा…
मधु – बेटा तेरा चार्जर मेरे कमरे मे है मेरा चार्जर खराब हो गया था तो मैं ले गई थी. मेरे कमरे से ले लेना
सागर – ओके मोम
इतने मे बाहर कार का हॉर्न बजा मधु समझ गई की राजीव आया है और वो राजीव के साथ पार्टी मे चली गई.
सागर उठा और मधु के रूम मे चला गया. रूम मे बेड पर मधु के कपड़े पड़े थे जिन्हे मधु ने अभी उतारा था और वहाँ शीशे के पास पर्फ्यूम की स्मेल आ रही थी जिसे मधु ने लगाया था. सागर के दिमाग़ मे ये सारा सीन इमॅजिन होने लगा कि कैसे कैसे मधु तैयार हुई होगी. फिर उसकी नज़र बाथरूम के डोर पर पड़ी जो आधा खुला हुआ था. सागर के दिमाग़ मे नज़ाने क्या आया कि वो बाथरूम की तरफ चल पड़ा. जब वो अंदर गया तो उसने एक पसीने से भरी गीली पैंटी को देखा जिसमे से बहुत तेज गंध आ रही थी.
पैंटी को देख कर उसे तुरंत पता चल गया कि वो पैंटी मधु की है जिसे वो अभी उतार कर गई है. सागर उस पसीने से भरी गंध से काफ़ी मोहित हो रहा था जिससे उसके अंदर वासना जाग उठी थी. फिर एक पल के लिए सागर ने सोचा – ये मे क्या कर रहा हू मुझे अपनी ही माँ बहुत सेक्सी लगने लगी है. ऐसा कैसे हो सकता है. मैं मादर चोद कैसे बन सकता हू.
ये सोच कर सागर पीछे मुड़ा और जाने लगा. फिर अचानक सागर रुका और उसके वासना भरे दिमाग़ ने उस लड़के के बारे मे सोचा – अगर वो लड़का अपनी माँ चोद कर उसका दलाल बन सकता है तो मैं भी अपनी माँ चोद सकता हू और रसीली ने भी कहा था कि कुछ अच्छे घरो मे भी ऐसा होता है .
फिर सागर तुरंत मुड़ा और उस गीली पैंटी को अपने हाथों मे ले लिया. उसके हाथ चिपचिपाने लगे जब उसने पैंटी को छुआ और एक दम से उसे अपनी नाक पर लगा कर सुघने लगा. पैंटी से आने वाली स्मेल ने उसे पागल कर दिया था. और उसका लंड एक दम कड़क हो गया था. वो हेरान हो गया कि आज से पहले उसका लंड इतनी जल्दी कभी खड़ा नही हुआ यहाँ तक कि रसीली भी नही कर पाई थी सागर सोचने लगा अगर मोम की पैंटी की स्मेल ने मेरे लंड का ये हाल कर दिया है तो मोम की चूत कैसी होगी और उसने अपना लंड बाहर निकाल लिया वो पैंटी की उस जगह अपनी जीभ फेरने लगा जहा मधु की चूत होती है. और अपना लंड सहलाने लगा. सागर अपने आप से बाते करने लगा – वाहह कितनी किस्मत वाली है ये पैंटी जो मेरी मोम की चूत के साथ चिपक कर रहती है यहाँ तक कि कई बार तो उसके अंदर तक चली जाती है …अह्ह्ह्ह मुझे तो पागल कर दिया है मोम की चूत ने..
काश मे मोम की पैंटी होता तो कितना मज़ा आता ….
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