RE: Antarvasna kahani हवस की प्यासी दो कलियाँ
भाभी के आवाज़ सुन कर मेने राहत की साँस ली…..मेने उठ कर डोर खोला तो देखा भाभी सामने खड़ी थी…..” क्या हुआ भाभी कुछ काम था क्या……”
भाभी ने मेरी तरफ देख कर मुस्कुराते हुए कहा…..”तुम मियाँ बीवी को इतनी जल्दी क्या रहती है…रूम मे बंद हो जाने की….दूध भी नही लिया तुमने आज तो….? चलो नीचे आ जाओ. अपने और आरके के लिए दूध ले आना..मेने गरम करने को रखा है…”
मैं: नही भाभी रहने दो मूड नही है वैसे भी ये सो गये है…बहुत टाइम हो गया है….(मेने भाभी से पीछा छुड़ाने के लिए बोला….)
भाभी: ओह्ह हेलो कितना टाइम हो गया है….? अभी 10:15 हुए है टाइम तो देखो….
मैने मूड कर दीवार पर लगी घड़ी मे देखा अभी तो 10:15 ही हुए थे…
.”अच्छा चलिए….” मैं भाभी के साथ नीचे आने लगी तो मेने किचिन की छत पर नज़र मारी. राज वहाँ नही था….जब मैं नीचे पहुँची तो देखा राज के रूम का डोर बंद था…भाभी ने दो ग्लास मे दूध डाला और ट्रे मे रख कर मुझे पकड़ा दिया… मैं ट्रे लेकर ऊपेर आ गयी….
मेने रूम मे पहुँच कर ट्रे को टेबल पर रखा और फिर डोर को अंदर से लॉक करके बेड पर गयी, और आरके को उठाने लगी…..पर जब बहुत उठाने पर भी आरके नही उठे, तो मेने उनके दूध का ग्लास ढक दिया और अपने दूध का ग्लास उठा कर दूध पीना शुरू कर दिया…..दूध ख़तम करके मेने ग्लास को टेबल पर रखा और बेड पर लेट गयी….और बेड लॅंप ऑफ कर दिया….
मैं सोचने लगी कि, क्या आरके मे सच मच कोई कामी है…..या फिर राज मे हद से ज़यादा सेक्स करने की ताक़त है….पर जो भी था…आरके मुझे कभी सॅटिस्फाइड नही कर पाए थे…..मुझे याद है जब से हमारी शादी हुई थी…आरके ने किसी भी रात को मुझे दुबारा चोदने के कॉसिश नही की थी….एक बार झड जाने के बाद वो थोड़ी देर मे ही खर्राटे भरने लग जाते थी…मेरे आँखो के सामने से एक बार फिर वही सेसेन घूम गया….जब राज भाभी की जोरदार चुदाई कर रहा था….
अंजाने मे ही मेरा हाथ कब मेरी नाइटी के ऊपेर से मेरी चुनमुनियाँ पर पहुँच गया…. मुझे पता ही नही चला….मैं बेहद गरम हो चुकी थी….पर फिर मुझे अपने आप पर ही घिन आने लगी कि, मैं ये सब क्या सोच रही हूँ…ये सब मेरा दिमाग़ उस राज की वजह से घूम रहा है….
मैं सोने की कॉसिश करने लगी….मेने अपने आँखे बंद कर ली थी….तभी मुझे ऐसा लगा कि जैसे बेड लॅंप ऑन हो गया है…मेने सोचा कि आरके ने बेड लॅंप ऑन किया है…पर वो तो दूसरी तरफ लेटे हुए थे….और मुझे बेड पर कोई हरक़त भी महसूस नही हुई थी….जैसे ही मेने आँखे खोल कर देखा तो, मेरे दिल की धड़कने बंद हो गयी….राज मेरे बेड के किनारे खड़ा था….और मुझे देख कर मुस्कुरा रहा था…एक पल के लिए लगा….ये सब मेरा वेहम है…मैं उसके बारे मे कुछ ज़्यादा ही सोचने लगी थी…पर सपने और सच्चाई मे फरक होता है….वो अभी भी वहाँ खड़ा मुस्कुरा रहा था….”त तुम यहाँ क्या रहे हो तुम अंदर कैसे आए….डोर तो मेने लॉक….” तभी मुझे अहसास हुआ कि, आरके मेरे बगल मे लेटे हुए खर्राटे हुए भर रहे है…. और मैं गुस्से मे बहुत उँचा बोल रही हूँ…..
अगर वो उठ जाते और राज को इस तरह रात के वक़्त मे रूम मे देख लेंगे तो वो पता नही मेरे बारे मे क्या सोचेंगे…”तत तुम यहाँ क्या कर रहे हो…?” मेने गुस्से से पर धीमी आवाज़ मे कहा…पर वो कुछ ना बोला और मुस्कुराते हुए बेड के किनारे मेरे पास बैठ गया…मैने बेड से नीचे उतर कर उससे दूर होना चाहा तो उसने मेरे दोनो हाथो को पकड़ लिया….”छोड़ो मुझे ये ये क्या कर रहे हो तुम….अभी के अभी मेरे रूम से बाहर निकलो…नही तो मैं शोर मचा दूँगी…” मेने उससे अपने हाथ छुड़ाने की कॉसिश करते हुए कहा…
राज: (गंदी मुस्कान के साथ) शोर मचाओगी….मचाओ….तुम्हारा पति भी तो देखे, कि तुम अपने स्टूडेंट के साथ आधी रात को अपने पति की माजूदगी मे क्या कर रही हो….?
मैं राज की बात सुन कर एक दम से परेशान हो गयी….मुझे समझ मे नही आ रहा था कि, अब मैं क्या करूँ….”राज देखो मैं कहती हूँ..तुम अभी के अभी यहाँ से दफ़ा हो जाओ…वरना मैं सच कह रही हूँ….तुम्हारी खैर नही….?” मैं जानती थी कि, मैं खाली धमकी देने के सिवाय और कुछ कर भी नही सकती…क्योंकि मैं खुद ही डर गयी थी कि, कही आरके उठ ना जाए….और मेरे बारे मे ग़लत सोचे…क्योंकि आज ही तो मेने उन्हे कहा था कि, वो मुझे सॅटिस्फाइड नही कर पाते…..अगर आरके उठ गये तो पता नही मेरे बारे मे क्या सोचेंगे…..
राज: तुम्हे जो करना है वो करो…पर अब मैं जो करने जा रहा हूँ…वो तुम जिंदगी भर याद रखोगी…
ये कहते हुए राज ने मेरे हाथ पकड़ कर मुझे बेड से नीचे उतार दिया…और फिर मुझे खेंचते हुए रूम के डोर के पास आया और डोर खोल कर मुझे खेंचता हुआ बाहर ले आया….ये सब उसने कुछ ही पलों मे कर दिया था…मेरे सोचने समझने की ताक़त जवाब दे चुकी थी….”यी यी क्या कर रहे हो राज छोड़ो…आरके उठ गये तो तुम्हारी खैर नही…तुम अपने साथ मे मुझे भी कही का नही छोड़ोगे…” पर उसने मेरे बात नही सुनी….रूम का डोर बाहर से लॉक किया…और फिर किचिन का डोर खोल कर मुझे ज़बरदस्ती अंदर खेंच कर ले आया…..
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