RE: Antarvasna kahani हवस की प्यासी दो कलियाँ
भाभी ने जब देखा कि उसके इस तरह राज के बाबूराव को सक करने से राज किस तरह से मस्ती मे सिसक रहा है….और उसकी तारीफ कर रहा है…भाभी ने उसी पल अपने होंटो को राज के बाबूराव के सुपाडे पर दबा-2 कर चूसना शुरू कर दिया….अब भाभी का पूरा ध्यान राज के बाबूराव को चूसने और उसके चुप्पे लगाने मे था….और राज नीचे देख कर कमीनी मुस्कान के साथ अपने आप पर मुस्कुरा रहा था….राज का बाबूराव अब और भी ज़्यादा अकड़ चुका था…उसने भाभी के सर को दोनो हाथों से पकड़ कर अपने बाबूराव को भाभी के मूह मे अंदर बाहर करना शुरू कर दिया…..
ठीक ऐसा ही कुछ भाभी उस वीडियो मे भी देख चुकी थी….इसलिए उसने राज को रोका नही…..उसने राज की जाँघो को अपने हाथों से पकड़ लिया…और राज ने भी अपना बाबूराव अब आधे से ज़्यादा भाभी के मूह मे अंदर बाहर करते हुए भाभी के मूह को ही चोदना शुरू कर दिया…..जिसके कारण भाभी को थोड़ा सा थन्स्का लगा..और अगले ही पल राज ने अपना बाबूराव भाभी के मूह से निकाल लिया….पर ये देख कर राज के होंटो पर मुस्कान फेल गयी…..जब भाभी ने अपने मूह मे इकट्ठा हुआ सारा थूक राज के बाबूराव पर थूक दिया…..
फिर भाभी ने भी उसी रंडी पोर्नस्टार की अदा के साथ अपने थूक को राज के बाबूराव को मुट्ठी मे लेते हुए फेलाना शुरू कर दिया….राज ने झुक कर भाभी की नाइटी को पकड़ कर उठाते हुए उनके गले से निकाल दिया….कुछ ही पलों मे भाभी के ब्रा और पेंटी भी उनके बदन से अलग होकर फर्श पड़ी धूल चाट रही थी…और राज अब भाभी के ऊपेर आ चुका था….उसने भाभी के होंटो को अपने होंटो मे भर कर चूसना शुरू कर दिया….और भाभी भी उसका खुल कर साथ दे रही थी……
कई महीनो से उसकी फुद्दि मे आग जो लगी हुई थी…राज का बाबूराव भाभी की जाँघो के बीच मे रगड़ खा रहा था…..राज ने भाभी के होंटो को कुछ देर चूसने के बाद अपने होंटो को अलग किया और फिर झुक कर भाभी के लेफ्ट मम्मे को मूह मे भर कर चूसना शुरू कर दिया…..”ओह हइई राज चुस्स्स ले मेरे शेर ओह्ह उम्ह्ह्ह आहह और ज़ोर से चूस अहह उम्ह्ह्ह्ह्ह….”
भाभी के हाथों के उंगलियों राज के बालो मे घूम रही थी….और राज भाभी की चुचियों को मसलते हुए उनकी चुचियों को चूस रहा था….बीच-2 मे वो भाभी की चुचियाँ के निपल्स को अपने उंगलियों मे लेकर मसलता तो भाभी एक दम से सिसक उठती….मदहोश होकर भाभी ने अपनी टाँगे उठा कर राज की कमर पर कस ली, और अपनी गान्ड को ऊपेर की ओर उठाते हुए, राज के बाबूराव को अपनी चुनमुनियाँ मे लेने की कॉसिश करने लगी….
चुनमुनियाँ मे बाबूराव लेने के लिए तरस रही भाभी को देख कर राज मन ही मन मुस्कुरा रहा था…उसने अपनी कमर को थोड़ा सा ऊपेर उठाया….और बिना हाथ से पकड़े ही, अपने बाबूराव को धीरे-2 कमर नीचे लाते हुए भाभी की चुनमुनियाँ के ऊपेर सेट कर दिया…. पूरे तरह तने हुए बाबूराव के गरम सुपाडे को अपनी चुनमुनियाँ के छेद पर महसूस करते ही भाभी एक दम से मचल उठी…..उसने राज को अपनी बाहों मे कसते हुए पागलो की तरह उसके होंटो को चूसना शुरू कर दिया….बदले मे राज ने भाभी की जीभ को अपने मूह मे लेकर चूसने की कॉसिश शुरू कर दी….
और मस्ती के नशे मे चूर भाभी ने बिना कोई देर किए, अपनी जीभ को राज के होंटो मे दे दिया….जैसे ही राज ने भाभी की जीभ को अपनी होंटो मे दबा कर चूसा. भाभी ने मस्ती मे आकर अपनी गान्ड को ऊपेर की ओर उठाना शुरू कर दिया….राज के बाबूराव के सुपाडे का दबाव भाभी की चुनमुनियाँ की फूली हुई फांके नही सह पाई…और चुनमुनियाँ की फांको ने बाबूराव के सुपाडे के आगे हथियार डालते हुए, उसे चुनमुनियाँ के छेद तक रास्ता दिखा दिया…..
जैसे ही राज के बाबूराव का दहकता हुआ सुपाडा और भाभी की चुनमुनियाँ का लबलबा रहा छेद आपस मे भिड़े तो, भाभी की आँखे मस्ती मे बंद होती चली गयी….उनके होंटो पर कुर्बान हो जाने वाली मुस्कान फेल गयी….भाभी को अपनी चुनमुनियाँ की नसों मे धुनकि जैसी महसूस होने लगी…जैसे कलाई की नब्ज़ बजती है ठीक वैसे ही….भाभी की चुनमुनियाँ का छेद उसके बाबूराव के मोटे सुपाडे को अपने ऊपेर सटा हुआ महसूस करते हुए, धीरे-2 फैलने लगा….जैसे उसे अपने अंदर समा लेना चाहता हो….
भाभी ने अपने होंटो को राज के होंटो से हटाया और अपने गले का थूक गटक कर लंबी साँस ली, और फिर विनती भरे स्वर मे लाचार नज़रों से राज की आँखो मे देखते हुए बोली…..”करो ना…..”
अपने बाबूराव के लिए भाभी को इस तरह गिडगिडाते हुए देख कर राज मुस्कुरा उठा…उसने भाभी की दोनो टाँगो को घुटनो से मोड़ कर ऊपेर उठाते हुए, अपने कंधो पर रख लिया….और धीरे-2 अपने बाबूराव के सुपाडे को चुनमुनियाँ के छेद पर दबाने लगा….चुनमुनियाँ का छेद रब्बर की तरह फेलता हुआ, राज के बाबूराव के मोटे सुपाडे को अपने अंदर लेने लगा…..
जैसे ही बाबूराव का मोटा सुपाडा भाभी की चुनमुनियाँ मे घुसा, तो भाभी मस्ती मे एक दम से सिसक उठी….अपनी चुनमुनियाँ के अंदर उस मोटे गुलाबी सुपाडे को महसूस करके, भाभी का बदन अंदर तक कांप गया…आँखे फिर से बंद हो गयी….राज ने अपनी पूरी ताक़त इकट्ठा की, और फिर एक ज़ोर दार धक्का मारा…बाबूराव का सुपाडा इस बार भाभी की चुनमुनियाँ की दीवारो को चीरता हुआ अंदर घुसता चला गया….तब तक जब तक उसके बाबूराव का मोटा सुपाडा भाभी की बच्चेदानी से जाकर ना टकराया….
“हाई मैं मर जावां……” भाभी का पूरा बदन मस्ती मे कांप गया….उसने राज के फेस को पकड़ कर अपने होंटो की तरफ उसके होंटो को झुका लिया….और पागलो की तरह उसके होंटो को चूसने लगी….भाभी की चुनमुनियाँ अंदर ही अंदर राज के बाबूराव का मर्दन कर रही थी….जब भाभी से बर्दाश्त नही हुआ, तो उसने अपनी गान्ड को बेड पर इधर उधर घिसते हुए सरकाया तो, राज समझ गया कि, अब ठुकाई का समय आ गया है…
उसने भाभी की टाँगो को अपने कंधो से नीचे उतारा और अपने बाबूराव को धीरे-2 अंदर बाहर करने लगा….भाभी की टाँगे नीचे होते हुए, राज की कमर तक आ कर रुक गयी…भाभी अपनी टाँगे उठाए हुए, राज के बाबूराव से अपनी फुद्दि मरवाने लगी…राज भी अपना बाबूराव सुपाडे तक बाहर निकाल-2 कर भाभी की चुनमुनियाँ मे पेलने लगा…..
“अह्ह्ह्ह क्यों मेरी जान कैसा लग रहा है मेरा बाबूराव अपनी चुनमुनियाँ मे लेकर….” राज ने अपनी रफ़्तार बढ़ाते हुए कहा….”ओह्ह्ह्ह शियीयीयीयियी उम्ह्ह्ह्ह्ह राज आह पूछ मत कितना मज़ा आ रहा है….हाई राज बस करते रहो…..मेरी फुद्दि मे घस्से मारते रहो…..निकाल दे अपनी मेडम की फुद्दि से पानी अह्ह्ह्ह उंग़ग्ग उंघह अह्ह्ह्ह….”
राज: आह मॅम अभी तो शुरुआत है….आज से तेरी फुद्दि रोज मारूँगा…..तुझे बाबूराव के लिए अब और तरसना नही पड़ेगा…..बोल मारने दे गी ना मुझे फुद्दि रोज….
भाभी: अह्ह्ह्ह राज रोज ले लिया करना….मैं नही मना करती तुझे….अह्ह्ह्ह उम्ह्ह्ह्ह.. बस किसी से कहना नही….हां रोज दूँगी मैं तुझे…..जब तेरा दिल करे…आह हां सबाश और ज़ोर से घस्से मार अहह आह दिखा दे अपनी माँ को तेरे बाबूराव का ज़ोर….
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