RE: Antarvasna kahani हवस की प्यासी दो कलियाँ
जैसे ही राज रूम मे दाखिल हुआ…..भाभी ने एक बार अपना फेस घुमा कर उसकी तरफ देखा और फिर से मुस्कुराते हुए आगे फेस करके अलमारी की ओर देखने लगी….राज भाभी के ठीक पीछे आकर खड़ा हो गया….”कुछ काम था….” भाभी ने अलमारी मे पड़े हुए कपड़ों को ठीक करते हुए कहा…..
”नही कुछ नही क्या ढूँढ रही हो आप..? “ राज ने थोड़ा सा आगे की ओर सरकते हुए कहा…..
भाभी: तुम बताओं ना तुम यहाँ क्या लेने आए हो….?
राज ने एक दम से भाभी की कमर मे से अपनी बाहों को गुज़ारते हुए उसे पीछे से बाहों मे भर लिया….और अगले ही पल भाभी के मोटे-2 मम्मों को अपने हाथों मे कस कर पकड़ते हुए ज़ोर से दबा दिया…..”आह राज क्या कर रहे हो….” भाभी एक दम से मचल उठी….
.”मैं अपना हक़ जताने आया हूँ….” राज ने भाभी की चुचियाँ को उसकी नाइटी के ऊपेर से मसलते हुए कहा……
.”सीईईई उम्ह्ह्ह छोड़ो इस तरह ये ये क्या कर रहे हो…..?”
राज: (भाभी की चुचियाँ को मसलते हुए) मुझे तो इसी तरह अपना हक़ जताना आता है…तुम्हे कोई ऐतराज है….
भाभी चाहती तो राज को सिर्फ़ एक ही धक्के मे 4 फुट दूर फेंक सकती थी… क्योंकि भाभी की हाइट और बदन राज से कही ज़यादा था…..पर भाभी तो उस समय खुद ही राज के सामने अपने हथियार डालने को तैयार खड़ी थी…..”हाए राज ऐसे हक़ जताओगे तुम मुझ पर….” भाभी ने अपनी गान्ड को पीछे की और धकेलते हुए कहा. जैसे ही राज को अपने बाबूराव पर भाभी की गान्ड नाइटी के ऊपेर से दबाती महसूस हुई, ये देख कर राज का दिल ख़ुसी से उछल पड़ा….
भाभी की तरफ से ग्रीन सिग्नल पाते ही राज एक दम से पागल हो गया….अगले ही पल राज ने नीचे बैठते हुए, भाभी की नाइटी को पकड़ कर ऊपर उठाया और फिर पेंटी को खिसका कर जाँघो तक ला दिया….राज ने भाभी की गान्ड को पकड़ कर दोनो तरफ फेलाते हुए, मसलना शुरू कर दिया”
शियीयियीयियी हाई राज ये क्या कर रहे हो….आह उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह” भाभी ने खुद ही अपनी जाँघो को खोल कर फेला लिया….जिससे उसकी चुनमुनियाँ की फांके अब राज को सॉफ नज़र आ रही थी……
राज: ओह्ह्ह आंटी आपकी फुद्दि कितनी फूली हुई है…..जब इसमे मेरा बाबूराव जाएगा, तो कमाल का मज़ा देगी……
भाभी: अह्ह्ह्ह राज तू डालेगा इसमे अपने बाबूराव को उम्ह्ह्ह्ह सीईईईई……
राज: हां आंटी आप डालने देंगे ना मुझे…..
ये कहते हुए राज ने थोड़ा सा और नीचे झुकते हुए भाभी की चुनमुनियाँ की फांको पर अपना मूह लगा दिया….और अपनी जीभ को चुनमुनियाँ की फांको के बीच से लेजाते हुए भाभी की चुनमुनियाँ के छेद को रगड़ने लगा….आज पहली बार भाभी की चुनमुनियाँ को कोई चाट रहा था…जैसे ही भाभी को अपनी चुनमुनियाँ के छेद पर राज की गरम और खुरदरी जीभ का अहसास हुआ, भाभी का पूरा बदन एक दम से ऐंठ गया……
उसकी आँखे मस्ती मे बंद होती चली गयी….भाभी को खड़े रहना भी दुश्वार हो गया था….उसने अपनी कोहानियों को अलमारी मे बने रॅक पर रखते हुए अपना सारा वजन उन पर डाल दिया….भाभी की जाँघो की मांसपेशियाँ एक दम से तन गयी थी. फिर उनमे तेज कंपन होने लगा…जब भाभी से बर्दाश्त ना हुआ, तो वो सिसकते हुए चिल्ला उठी….”ओह्ह्ह अहह राज अहह उंह ये यी क्याअ आह उन्घ्ह्ह्ह ना राज ओह्ह्ह मैं पागल हो जाउन्गी अह्ह्ह्ह हाईए राज मेरी फुद्दि…..”
पर राज तो जैसे भाभी की चुनमुनियाँ को ही खा जाना चाहता था…..जब भाभी की टाँगे जवाब देने लगी तो, भाभी काँपते हुए नीचे बैठ गयी…..वो मस्ती और वासना के रंग मे एक दम बहाल हो चुकी थी….उसकी साँसे बहुत तेज चल रही थी…आँखे अभी भी बंद थी….भाभी अलमारी के पास दीवार पर के साथ पीठ टिका कर अपनी सांसो को काबू मे लाने की कॉसिश करते हुए बोली….”ओह राज तू तो मेरी फुद्दि को ही खा गया था…हाई……ऐसे कोई ऐसी जगह मूह मारता है क्या…..”
राज ने भाभी को कंधो से पकड़ कर खड़ा किया….और बेड पर बैठते हुए धीरे-2 लेटा दिया….”क्यों कभी पॉर्न वीडियोस नही देखी क्या….?”
जैसे ही भाभी ने राज की ये बात सुनी तो भाभी को उस पॉर्न डीवीडी की याद आ गयी, जो उन्होने भैया के रूम से उठा कर देखी थी….तभी भाभी के सामने वो दृश्य आ गया…जब उसमे एक अधेड़ उम्र की औरत को एक जवान लड़के का बाबूराव चूस्ते हुए दिखाया गया था….
भाभी ने आँखे खोल कर राज की तरफ देखा तो, वो उनकी तरफ देखा कर मुस्कुराते हुए अपनी पेंट उतार रहा था….अब उसके जिस्म पर सिर्फ़ एक अंडरवेर ही था…जिसमे बने हुए उभार को देखते ही भाभी की चुनमुनियाँ मे धुनकि बजने लगी थी….भाभी शरमाते हुए उठ कर बेड के किनारे बैठ गयी….और राज के अंडरवेर के इलास्टिक मे दोनो तरफ से अपनी उंगलियों को फन्साते हुए राज की आँखो में देखा….और फिर धीरे-2 राज के अंडर वेअर को नीचे सरकाने लगी…..
जैसे ही राज का अंडरवेर उसकी जाँघो तक नीचे हुआ, राज का 8 इंच का बाबूराव उछल कर भाभी की आँखो के सामने आ गया…भाभी ने अंडरवेर छोड़ कर उसके बाबूराव को लपक के अपने दोनो हाथों मे पकड़ लिया…और ऊपेर से नीचे तक उसके बाबूराव को सहलाते हुए , उसकी लंबाई और मोटाई का जायज़ा लेने लगी….फिर जैसे ही भाभी ने उसके बाबूराव से चमड़ी को पीछे सरकाया तो, राज के बाबूराव का गुलाबी सुपाडा देखते ही भाभी की आँखो मे चमक आ गयी…..
भाभी का दिल तो कर रहा था कि, वो उसी पल उसे मूह में लेकर उसके चुप्पे लगाने शुरू कर दे….उसके लाल गुलाबी सुपाडे को चाट-2 कर और लाल कर दे….उसने सुपाडे अपने होंटो को रगड़ा….पर भाभी ऐसा करने से थोड़ा शरमा रही थी….भाभी अपनी नज़रें राज के बाबूराव से हटा नही पा रही थी…राज ने भाभी के सर को पकड़ कर अपने बाबूराव पर उनके होंटो को झुकाना शुरू कर दिया…भाभी ने नज़रें उठा कर राज की ओर देखते हुए ना मे सर हिलाया….
.”प्लीज़ चूसो ना मॅम…..देखो कितनी बुरी हालत हो रही है इसकी…मैं तड़प रहा हूँ….प्लीज़ इसे आपने होंटो का अमृत पीला कर थोड़ा शांत तो कर दो….प्लीज़……
भाभी ने ऐसे दिखाया…..जैसे वो ये सब राज का मन रखने के लिए कर रही है… उसने मूह बिचकाते हुए अपने होंटो को खोला और धीरे-2 उसके बाबूराव के मोटे गुलाबी सुपाडे को अपने होंटो मे भरती चली गयी….राज भी भाभी के रसीले तपते हुए होंटो को अपने बाबूराव के सुपाडे पर महसूस करके एक दम से सिसक उठा…”ओह्ह्ह मॅम आप तो आज मेरी जान निकाल कर ही रहेंगी……आहह कितना मज़ा आ रहा है…ओह्ह एसस्स फक आप कमाल हो मॅम…..यू आर दा बेस्ट….”
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