RE: Antarvasna kahani हवस की प्यासी दो कलियाँ
हाफ टाइम चल रहा था….मेने देखा कि ललिता ग्राउंड मे अकेली बेंच पर बैठी हुई है. मैं उसके पास चली गयी…मुझे देख कर वो मुस्कुराते हुए बोली….”आइए मॅम बैठिए..”
मैं उसके साथ बैठ गयी….
मैं: आज भी अकेली बैठी हो….
ललिता: जी….
मैं: अच्छा ललिता राज स्कूल नही आ रहा कहाँ है वो….? जब से स्कूल शुरू हुए है वो एक दिन भी नही आया…
ललिता: (उदास लहजे मे) पता नही मॅम उसका मोबाइल भी स्विच ऑफ आ रहा है…उसके किसी फ्रेंड को भी नही पता…
मैं: तुमने जय सर से पूछा वो उनके ही घर मे रहता है ना…..?
ललिता: नही कैसे पूछुन्गी अगर उन्होने ने कहा कि क्यों पूछ रही हो तो क्या जवाब दूँगी….मॅम प्लीज़ आप पूछिए ना सर से….आप तो पूछ ही सकती है ना….प्लीज़ मॅम…..
मैं: ओके ठीक है पूछुन्गी….
हाफ टाइम ख़तम हो गया….फिर एक पीरियड लगाने के बाद मेरा फ्री पीरियड था…इसलिए मैं जय सर के कॅबिन मे चली गयी…मेने डोर नॉक किया तो जय सर ने मुझे अंदर आने को कहा….”आओ बैठो डॉली….” मैं जय सर के सामने चेर पर बैठ गयी….जय सर अपने लॅपटॉप मे कुछ काम कर रहे थे….काम ख़तम करने के बाद उन्होने ने मेरी तरफ देखा….”हां बोलो डॉली कोई काम था क्या….?”
मैं: जी वो मैं ये पूछने आई थी कि, जबसे स्कूल शुरू हुआ है वो आ नही रहा.. आज 10 दिन हो गये स्कूल शुरू हुए….
जय: उसका आक्सिडेंट हो गया था 20 दिन पहले….बहुत मुस्किल से बचा है….
मैं: (एक दम चोन्कते हुए) आक्सिडेंट कैसे अब कैसा है वो…?
जय सर: अब ठीक है उसके मम्मी पापा भी आए हुए है…रात को बाइक से कहीं से आ रहा था….तो रास्ते मे एक तेज कार ने टक्कर मार दी….अभी 2 मंत लग जाएँगे उसे पूरी तरह ठीक होने और स्कूल दोबारा जाय्न करने मे…
मैं: ये तो बहुत बुरा हुआ उसके साथ….उसकी पढ़ाई भी खराब हो गयी है…
जय: नही वैसे तो मैं उसको रोज घर पढ़ाता हूँ….और खुद भी वो पढ़ रहा है….इसलिए शायद ज़्यादा नुकसान ना हो….
उसके बाद मैं वहाँ से बाहर आ गयी….स्कूल ऑफ होने के बाद ये बात मेने ललिता को बताई तो उसकी शकल रोने जैसी हो गयी….मुझे ललिता पर बहुत तरस आ रहा था…जिसको ये लड़की इतना प्यार करती है….जिसके लिए वो इतना दुखी हो रही है कि अभी रो पड़े… वो उसके लायक है ही नही….शायद इसलिए राज के साथ ऐसा हुआ है…
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