RE: Antarvasna kahani हवस की प्यासी दो कलियाँ
मैं इतनी मदमस्त हो चुकी थी, कि मेने खुद ही अपनी बाहों को ऊपेर उठा लिया, और आरके ने मेरी नाइटी को मेरे गले से निकाल कर नीचे फेंक दिया….अब मेरे बदन पर सिर्फ़ ब्लॅक और रेड कलर मिक्स्ड ब्रा और पेंटी थी…आरके का हाथ मेरी जाँघ से सरकता हुआ ऊपेर मेरी पेंटी के चुनमुनियाँ वाले हिस्से को दबाता हुआ मेरी चुचियों पर आ पहुँचा. उसने ब्रा के ऊपेर से ही मेरी चुचियों को जैसे ही मसला मैं एक दम से कांप गयी. शरम के मारे मेने करवट लेते हुए आरके की तरफ पीठ कर ली…..
जैसे ही मेरी पीठ आरके की तरफ हुई, आरके ने मेरी ब्रा के स्ट्रॅप को पकड़ कर ब्रा के हुक्स खोल दिए…अगले ही पल मेरी चुचियों पर से मेरी ब्रा ढीली पड़ गयी…मेने शरमाते हुए अपने दोनो हाथों को अपनी ब्रा के कप्स पर रख कर ब्रा को अपनी चुचियों पर से लुड़कने से बचा लिया….अगले ही पल आरके बेड से नीचे उतर कर खड़े हो गये. मेने अपनी अध खुली मदहोश आँखो से आरके की तरफ देखा तो वो अपने कपड़े उतार रहे थे…..”जान अपनी ब्रा निकालो ना….जल्दी करो…..” आरके ने अपने कपड़े उतारते हुए कहा….मेने वैसे ही लेटे -2 अपनी ब्रा को अपने बदन से अलग कर दिया..पर अभी भी मैने अपने बाहों से अपनी चुचियों को छुपा रखा था….
थोड़ी ही देर मे आरके सिर्फ़ अंडरवेर मे मेरे सामने खड़े थे…आरके बेड के किनारे पर खड़े होकर झुके, और मुझे सीधा करके पीठ के बल करते हुए मेरी पेंटी को दोनो तरफ से पकड़ लिया….और धीरे-2 नीचे सरकते चले गये…अब मेरी पेंटी भी मेरे बदन का साथ छोड़ चुकी थी….मैं एक दम नंगी उनके सामने लेटी हुई थी. और अपनी आँखे खोलने की हिम्मत नही कर पा रही थी….बेड पर आते हुए मुझे आरके ने सीधा करके लेटा दिया…और खुद मेरे ऊपेर झुकते हुए मेरे हाथों को मेरी चुचियों पर से हटा दिया….
और अगले ही पल आरके ने अपना एक हाथ मेरी राइट चुचि पर रखते हुए मुझसे कहा. “डॉली प्लीज़ आँखे खोलो ना….” मेने आँखे खोल कर आरके की तरफ देखा…और शरमाते हुए मुस्कुराने लगी…आरके ने अपने होंटो को मेरे होंटो की तरफ बढ़ाया तो इस बार मैं उनके होंटो का स्पर्श को पाने के लिए दम साधे इंतजार करने लगी….और अगले ही पल मेरे रेसीले होन्ट आरके के होंटो के बीच मे थे…
मेने एक दम से मचलते हुए आरके के सर को अपनी बाहों मे भर लिया…और उनके बालो को सहलाने लगी…आरके ने मेरे होंटो को किस करते हुए अपने होंटो को नीचे लेजा कर मेरी गर्दन पर रख कर चूमना शुरू कर दिया….मैं एक दम से सिसकी, और अगले ही पल आरके के होन्ट मेरे लेफ्ट निपल्स के साथ लगे हुए थे….मेरा दिल जोरो से धड़क रहा था.. साँसे तेज चल रही थी….मेरी चुचियाँ साँस लेने से ऊपेर नीचे हो रही थी…और ये देख कर मुझे और शरम आ रही थी….
पर अब अपनी सांसो पर काबू पाना नमुनकीन था….और अगले ही पल जैसे ही आरके ने मेरी चुचियाँ को मूह मे भर कर चूसना शुरू किया…मेरा बदन एक दम से अकड़ गया…बदन के रोएँ खड़े हो गये….पूरे बदन मे मस्ती की तेज लहर दौड़ गयी. “सीईईईई उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह आरके ओह आइ लव यू आरके…..” मेरे अपने सर को झुका कर आरके के बालो को उसके माथे से ऊपेर उठाते हुए उसके फॉरहेड पर किस कर दिया….मैं इतनी मस्त हो गयी थी कि, मैं ये सब कर गयी थी…
आरके ने मेरी चुचियों को चूस्ते हुए मेरे हाथ को पकड़ कर नीचे लेजाते हुए अपने अंडरवेर के ऊपेर से अपने बाबूराव पर रख दिया…जैसे ही मेरा हाथ उनके बाबूराव पर लगा तो मैं एक दम से कांप गयी…आरके ने मेरी चुचियों से मूह हटाते हुए मेरी तरफ मुस्कुराते हुए देखा…”जान ये आज से तुम्हारा है…..” आरके ने मेरा हाथ पकड़ कर अपने बाबूराव पर सहलाते हुए कहा…उनकी बात सुन कर मैं फिर से शरमा गयी….पर मुझे एक बात बहुत अजीब सी लगी….आरके का बाबूराव अभी भी पूरी तरह हार्ड नही था….
आरके ने फिर मेरे हाथ को छोड़ा और अपना अंडरवेर उतार दिया….उनका बाबूराव उनकी जाँघो के बीच मे झूल रहा था….मैं अपनी अध खुली आँखो से आरके के बाबूराव को बड़े गोर से देख रही थी…आरके का बाबूराव साढ़े 5 इंच से ज़्यादा लंबा नही था…और मोटा भी कुछ ख़ास्स नही लग रहा था….पर मेने सुन रखा था कि, मर्दो के बाबूराव की आवरेज लंबाई और मोटाई इतनी ही होती है….इसलिए इस बात पर ज़्यादा ध्यान नही दिया…
अंडरवेर उतारने के बाद आरके मेरी टाँगो को फेला कर बीच मे आ गये…और अपने बाबूराव को पकड़ कर मेरी चुनमुनियाँ के छेद पर सेट करने लगे….पर आरके का बाबूराव अभी भी ठीक से तना हुआ नही था…इसलिए उसके बाबूराव मे इतनी सख्ती नही थी कि, बाबूराव का दबाव मेरी चुनमुनियाँ की फांको को फेला कर चुनमुनियाँ के छेद तक पहुँच पाए…आरके ने अपने दूसरे हाथ से मेरी चुनमुनियाँ की फांको को फैलाया और अपने बाबूराव के सुपाडे को जैसे ही मेरी चुनमुनियाँ के छेद पर लगाया तो मैं एक दम सिसक सी उठी…मुझे बाबूराव के सुपाडे की गरमी अपनी चुनमुनियाँ पर महसूस हो रही थी…..
आरके: यू आर सो वेट हनी….
आरके ने अपने बाबूराव के सुपाडे को मेरी चुनमुनियाँ के छेद पर रगड़ते हुए कहा….और आरके का बाबूराव अभी मुझे अब थोड़ा सा और हार्ड लगने लगा था…शायद उनका बाबूराव भी मेरी चुनमुनियाँ से निकल रही गरमी से खड़ा हो गया था…और अगले ही पल आरके ने मेरी चुनमुनियाँ के छेद पर अपने बाबूराव को दबाना शुरू कर दिया….बाबूराव का सुपाडा मेरी टाइट चुनमुनियाँ के छेद को फेलाता हुआ अंदर जा घुसा….
मैं अपनी पहली शादी मे 5-6 बार सेक्स कर चुकी थी…फिर भी मुझे बहुत मामूली सी दिक्कत महसूस हुई…पर शायद आरके का बाबूराव इतना सख़्त ही नही था…कि मुझे तकलीफ़ दे पाता…..कुछ ही पलों मे आरके का बाबूराव मेरी चुनमुनियाँ की गहराइयों मे उतर चुका था. मैं काम से एक दम विहाल हो चुकी थी…आरके ने मेरे ऊपेर झुकते हुए मेरे होंटो को अपने होंठो मे भर कर चूस्ते हुए धीरे-2 अपनी कमर को हिलाते हुए बाबूराव को अंदर बाहर करना शुरू कर दिया…..मैं एक दम मदहोश हो चुकी थी….पता नही कब मेने अपनी बाहों को आरके के पीठ पर कस लिया था….
आरके कभी मेरी चुचियों को चूस्ते तो कभी मेरे होंटो को….मेरी चुनमुनियाँ मे आरके के बाबूराव को गये हुए 4 मिनिट गुजर चुके थे….और अब मैं पूरी तरह गरम हो चुकी थी…अब मेरा दिल कर रहा था कि, आरके अब मुझे ज़ोर ज़ोर से चोदे….पर आरके बहुत स्लोली अपने बाबूराव को इन आउट कर रहे थे….मैं शरम के मारे खुद भी कुछ कह नही पा रही थी….पर जिस तरह आरके मेरी चुचियों को मसलते हुए चुस्स रहे थे…मैं धीरे कई सालो बाद फिर से बाबूराव लिए झड़ने जा रही थी…..
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