RE: Antarvasna kahani हवस की प्यासी दो कलियाँ
”डॉली मुझसे क्या शरमाना अब हम हज़्बेंड वाइफ है….प्लीज़ दिखाओ तो सही कहाँ मेरी जान को चोट आई है….प्लीज़ दिखाओ ना….”
मैं: (काँपती हुई आवाज़ मे) नही मुझे शरम आती है….
आरके: देखो डॉली हर पति पत्नी अपनी सुहागरात को एक दूसरे को कुछ ना कुछ गिफ्ट देते है….और मेरे लिए तुम्हारा यही गिफ्ट होगा कि, तुम मुझे वो दिखाओ…जो मेरी वजह से तुम्हारे दर्द का कारण बनी है….अपने पति की इतनी सी भी बात नही मनोगी….
मैं: और मेरा गिफ्ट….?
आरके: पहले तुम दिखाओ बाद मे तुम्हारा गिफ्ट मैं तुम्हे दूँगा..
अब पति ने पहली फरमाइश की थी पूरी तो करनी थी….शरम के मारे मेरा फेस एक दम रेड हो गया था….मेने अपनी नाइटी को दोनो हाथों से पकड़ कर धीरे-2 ऊपेर उठाना शुरू कर दिया….मेने अपने फेस को दूसरी तरफ घुमा रखा था…पर चोर नज़रों से आरके की आँखो मे उठती हुई चमक मैं सॉफ देख पा रही थी…जैसे जैसे मेरी नाइटी ऊपेर उठ रही थी…आरके के हाथ मेरी जाँघो को सहलाते हुए ऊपेर की ओर जा रहे थे…..
अब जहाँ पर दर्द हो रहा था…वो मेरी पेंटी के ठीक थोड़ा सा नीचे राइट जाँघ पर था…पर मैं भी इतनी मदहोश हो चुकी थी…कि मैं अपनी शरम हया को भूल चुकी थी….मेने अपनी नाइटी को अपनी पेंटी तक ऊपेर उठा लिया…और अपने फेस को सीधा करके नीचे आरके की तरफ देखने लगी….आरके के दोनो हाथ अब मेरी पेंटी को टच हो रहे थे…और मेरा बदन थरथरा रहा था….
”कहाँ मुझे तो कुछ नज़र आ नही रहा…” आरके ने मेरी तरफ देखते हुए कहा…..
अब उसको नज़र आता भी कैसे उसने चिकोटी तो इन्नर थाइ पर काटी थी…और मेरी दोनो जांघे आपस मे सटी हुई थी…फिर आरके ने धीरे -2 मेरी जाँघो को पकड़ा खोला और उसे वो लाल हुआ हिस्सा नज़र आया…”ओह्ह ये तो सच मे बहुत लाल है….” आरके ने ये कहते हुए मेरी राइट वाली जाँघ को दोनो हाथों से पकड़ लिया…अब उसका हाथ मेरी राइट जाँघ के अंदर की तरफ था….वो उसे धीरे-2 सहलाने लगा…. मैं अपनी नंगी जाँघ पर आरके के हाथों का स्पर्श पाकर एक दम से मदहोशी मे सिसक उठी….
आरके ने मेरी जाँघो से हाथ हटा कर मेरी कमर को दोनो तरफ से पकड़ कर मुझे बेड के पास लेजा ते हुए बेड के किनारे बैठा दिया…और फिर खुद बेड के किनारे बैठते हुए मुझे कंधो से पकड़ कर धीरे-2 बेड पर लेटा दिया…मेरी टाँगे अभी भी बेड से नीचे लटक रही थी…..आरके ने मेरी नाइटी को फिर से पकड़ कर मेरी कमर तक सरका दिया…और फिर मेरी दोनो जाँघो को खोलते हुए मदहोशी भरी आवाज़ मे बोला….
आरके: डॉली तुमने तो मुझे गिफ्ट दे दिया है…अब मेरी बारी है तुम्हे गिफ्ट देने की. जिस जगह पर मेने तुम्हे दुख दिया है…वहाँ पर महरम भी मैं ही लगाउन्गा.
ये कहते हुए आरके ने मेरी जाँघो को सहलाते हुए एक दम से अपने होंटो को उस लाल निशान पर रख दिया….वो हिस्सा मेरी चुनमुनियाँ के एक दम पास था…इसलिए जैसे ही उसके होन्ट वहाँ लगे तो मैं एक दम से सिहर उठी…मैं ज़ोर ज़ोर से सिसकना चाहती थी…पर मेने अपने होंटो को अपने दाँतों से काटते हुए दबा लिया….मस्ती की लहर पूरे जिस्म मे दौड़ गयी…गर्दन के सहारे मेने अपनी पीठ को अपने चुतड़ों तक ऊपेर उठा कर आकड़ा लिया था…..
और अगले ही पाल आरके ने पागलो की तरह वहाँ लाल हिस्से पर चाटना शुरू कर दिया… मैं मस्ती मे एक दम से पागल सी हो गयी….मेने अपने दोनो हाथो को नीचे लेजा ते हुए आरके के बालो को कस्के पकड़ लिया…”सीईईईई उम्ह्ह्ह्ह ओह आरके प्लीज़ ओह्ह्ह नही आरके उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह” मैं एक दम मस्त होकर तड़पने लगी थी…..अगले ही पल आरके ने अपने होंटो को वहाँ से हटाया…और बेड के किनारे बैठते हुए फिर से मेरी नाइटी को ऊपेर उठाने लगा…धीरे-2 मेरी नाइटी मेरी ब्रा में कसी हुई चुचियों से भी ऊपेर उठ चुकी थी….
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