Antarvasna kahani हवस की प्यासी दो कलियाँ
09-17-2018, 01:15 PM,
#28
RE: Antarvasna kahani हवस की प्यासी दो कलियाँ
मैने भाभी के हाथ से पानी का ग्लास लिया…और रूम मे चली गयी…..जैसे ही मैं रूम मे पहुँची तो देखा आरके अपने शूस उतार चुका था और अपनी शर्ट भी उतार चुका था…और अपनी बनियान जो पसीने से भीगी हुई थी उसे उतार रहा था… आरके ने अपनी बनियान जैसे ही उतार कर मेरी तरफ देखा, तो मई एक दम से झेंप गये….और अपने नज़ारे झुकाते हुए बोली…. “पानी पी लीजिए….”

आरके मेरे पास आया, और मेरे हाथ से ग्लास को लेते हुए मेरे हाथ को पकड़ लिया… “तुम ऐसे क्यों शर्मा रही हो….अब तो तुम्हे इन सब के आदत डाल लेनी चाहिए….” फिर आरके ने पानी पीना शुरू कर दिया….पानी पीने के बाद आरके ने ग्लास मुझे पकड़ाया और अपना बॅग निकाल कर उसमे से कपड़े निकालने लगा….”आप नहा लीजिए….मैं कपड़े निकाल देती हूँ….” आरके मेरी बात सुन कर मुस्कुराया और टवल लेकर बाथरूम मे चला गया. मेने आरके के बॅग में से एक टीशर्ट और उनका पयज़ामा निकाला और बाथरूम के डोर को नॉक किया तो आरके ने थोड़ी देर बाद थोड़ा सा डोर खोला और मेरी ओर देखते हुए मेरे हाथ से कपड़े ले लिए…..

मैं कपड़े देने के बाद किचिन मे आ गयी….और भाभी की मदद करने लगी… रात के खाने के बाद मैं भाभी और आरके भैया के रूम मे चले गये…क्योंकि भैया अब चल फिर नही सकते थे…इसलिए हम उनके पास ज़्यादा से ज़्यादा समय बिताने की कॉसिश करते थे….

हम भैया के रूम मे बैठे टीवी देखते हुए एक दूसरे से बात कर रहे थे…भाभी भैया के साथ बेड पर बैठी हुई थी….और मैं आरके के साथ सोफे पर…टीवी पर कोई मूवी चल रही थी…और भाभी और भैया उस मूवी को देखने में मगन थी…तभी मुझे अपनी जाँघ पर आरके का हाथ रेंगता हुआ महसूस हुआ..मेने आरके की तरफ देखा तो धीरे-2 मेरी जाँघो को सहलाते हुए टीवी देख रहे थे…..उन्होने मेरी ओर देख कर मुस्कुराया और फिर से अपने नज़रें टीवी की ओर कर ली….

मुझे भैया और भाभी की मौजूदगी मे ये सब बहुत अजीब सा लग रहा था….पर अंदर ही अंदर मुझे आरके का अपनी जाँघो को सहलवाना अच्छा भी लग रहा था..सिर्फ़ यही डर था कि, भाभी या भैया ना देख लेते….आरके का हाथ मेरी जाँघ पर रेंगता हुआ धीरे -2 मेरे इन्नर की तरफ जा रहा था…जैसे जैसे उनका हाथ मेरी फुद्दि के तरफ बढ़ रहा था…मेरे बदन मे तेज सरसराहट बढ़ती जा रही थी…मेरे हाथ पैर काँपने लगे थे….और आँखे भारी होकर बंद होने लगी थी…

पर तभी आरके ने वो किया जिसके बारे मे मेने कभी सोचा भी नही था…आरके ने मेरे इन्नर थाइ पर चुनमुनियाँ से थोड़ा नीचे ज़ोर से चिकोटी काट दी….” अहह “ मैं एक दम से चीख उठी….सच मे बहुत दर्द और जलन से हो रही थी…मेरी चीख सुन कर भैया और भाभी भी एक दम से चोंक गये…पर उन्दोनो के देखने से पहले ही आरके अपना हाथ हटा चुका था….”क्या हुआ डॉली” भाभी ने चिंता भरे लहजे मे कहा….

मैं: क क कुछ नही वो शायद पैर पर किसी कीड़ी ने काट लिया है….

भाभी: अच्छा देखू तो सही…(भाभी जैसे ही उठने को हुई तो मेने उन्हे रोक दिया.)

मैं: नही भाभी रहने दो आप बैठो ना….कुछ नही हुआ…..

भाभी: अच्छा तुम लोग बैठो मैं दूध गरम करके आती हूँ…नही तो रात को खराब ना हो जाए…

उसके बाद भाभी जैसे ही बाहर गयी…आरके ने फिर से अपना हाथ मेरी जाँघ पर रख दिया…मेने आरके की तरफ नाराज़गी भरी नज़रों से देखा तो वो मेरी ओर देख कर मुस्कुराने लगा….उसका हाथ रेंगता हुआ फिर से मेरी जाँघ के उसी हिस्से पर पहुँच गया…..जहाँ पर उसने चिकोटी काटी थी…आरके धीरे-2 उस हिस्से को सहलाने लगा. मेरी आँखे एक बार फिर से मस्ती मे बंद होने लगी…पर फिर से आरके ने वही काम दोहराया…इस बार उसकी उंगली और अंगूठे का दबाव धीरे धीरे मेरी जाँघ पर बन रहा था…मेने आरके की तरफ थोड़ा सा गुस्से से देखा तो वो फिर से मेरी तरफ देख कर मुस्कुराने लगा…

और फिर से मुझे तेज दर्द का अहसास हुआ….मैं एक दम से उठी और उठ कर बाहर आई और सीधा भाभी के पास किचिन मे चली गयी….भाभी दूध गरम कर चुकी थी. और फिर भाभी ने एक ग्लास मे दूध डाला और उसे ट्राइ मे रख दिया और एक बॉटल पानी की भी ट्रे मे रख दी….और मुझे पकड़ाते हुए बोली…”जा इसे ऊपेर ले जा….मैं आरके को भेजती हूँ….ये कह कर भाभी ने प्यार से मेरे गाल पर हाथ फेरा और फिर मैं बाहर आई और ऊपेर जाने लगी….

भाभी सीधा बैठक वाले रूम मे चली गयी….मैं ऊपेर पहुँची और ट्रे को टेबल पर रख कर अलमारी से अपनी लाई शॉर्ट नाइटी निकाली जो भाभी ने पसंद की थी…उसे लेकर बाथरूम मे घुस गयी….मेने अपनी सलवार कमीज़ निकाल कर उस नाइटी को पहन लिया. मुझे मेरी जाँघ मे अभी भी बहुत तेज जलन महसूस हो रही थी….वो नाइटी रेड और ब्लॅक कलर की थी….स्लीव्लेस्स नाइटी आज पहली बार जिंदगी मे पहन रही थी… और उसकी लेंग्थ मेरे घुटनो से थोड़ा ऊपेर तक ही थी…..मैने अपनी नाइटी को ऊपेर उठा कर अपनी जाँघ को देखा तो वहाँ से मेरी जाँघ एक दम लाल हो रखी थी….

बहुत सेंक निकल रहा था….जैसे वहाँ पर उबलता हुआ पानी गिर गया हो…मैं बाहर आई तो देखा आरके बेड पर बैठा हुआ था….और रूम का डोर अंदर से लॉक था…मुझे इस नाइटी मे देख कर आरके की आँखे चमक उठी…वो एक दम से उठा…और मेरे पास आ गया..और मेरी कमर को अपनी बाहों मे लेते हुए मुझे अपनी तरफ खेंच कर मुझे अपने सीने से लगा लिया….मेरे मम्मे नाइट और ब्रा के ऊपेर से आरके की छाती मे जा लगे.

आरके: डॉली आज तो तुम बला की खूबसूरत लग रही हो….मेने तुम्हे इस रूप मे पहले कभी नही देखा….सच मे बहुत खुसकिस्मत इंसान हूँ…जो तुम जैसी अप्सरा मुझे मिली..

मैं: (आरके की चेस्ट मे हलका सा मुक्का मार कर अपनी नाराज़गी जताते हुए) जाओ मैं तुमसे बात नही करती….अपनी पत्नी के साथ कोई ऐसे करता है…..

आरके: क्यों क्या हुआ क्या क्या मेने….? 

आरके ने मुस्कुराते हुए कहा…

.”इतनी ज़ोर से चिकोटी काटी आपने पता है कितनी जलन हो रही है वहाँ इतना दर्द देते है पति अपनी पत्नियों को…” मेने बच्चों जैसी बात करते हुए कहा….

.”सच मे ज़यादा दर्द हो रहा क्या…” आरके ने मेरे फेस को अपने हाथो मे लेते हुए कहा….और मेने हां मे सर हिलाते हुए कहा…”पता है एक दम लाल कर दी है आपने मेरी थाइ….”

आरके ने मेरी आँखो मे देखते हुए मेरे होंटो की तरफ अपने होंटो को बढ़ा दिया…मेने शरमा कर अपने फेस को दूसरी तरफ कर लिया…और आरके की बाहों से निकल कर थोड़ा सा आगे बढ़ कर दीवार की तरफ फेस करके खड़ी हो गयी….आरके मेरी तरफ बढ़ा….उसके कदमो के नज़ीडीक आने की आहट सुन कर मेरा दिल धक-2 करने लगा था. आने वाले पलों के बारे मे सोचते हुए मेरी आँखे बंद होने लगी…होंटो पर एक सुखद मुस्कान फेली हुई थी….आरके मेरे पीछे एक दम करीब आ चुके थी… उन्होने ने मेरे दोनो कंधो पर हाथ रखा और धीरे-2 मुझे अपनी तरफ घुमा लिया.

मैं भी उनके हाथों के इशारे पर उनकी तरफ घूम गयी…मेरी आँखे शरम के मारे बंद थी…होन्ट थरथरा रहे थे…..आरके ने अपने दहकते हुए होंटो को मेरे होंटो की तरफ बढ़ाना शुरू कर दिया…उसकी गरम साँसे मेरे फेस से टकरा रही थी…जिससे मेरे बदन मे सिहरन सी उठ रही थी….तभी मुझे आरके की साँसे मुझे मम्मों के बीच मे महसूस हुई और फिर धीरे-2 मेरी कमर पर…मैं दम साधे उसस्के होंटो के लरज़िश को अपने होंटो पर महसूस करने के लिए बेताब हुई जा रही थी… 

पर जब कुछ देर कुछ ना हुआ तो मेने आँखे खोल कर देखा तो पाया कि आरके घुटनो के बल नीचे बैठा हुआ था…उसने मेरी ओर देखते हुए अपने दोनो हाथ मेरी जाँघो पर घुटनो से थोड़ा ऊपेर साइड से रख दिए….”दिखाओ कहाँ पर जलन हो रही है….” आरके ने मेरी ओर देखते हुए मुस्कुरा कर कहा…उसके ये बात सुनते ही मैं एक दम से लरज़ा गयी…और अपने फेस को दूसरी तरफ घुमा कर शरमाने लगी….
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