Indian Sex Story वक़्त के हाथों मजबूर
09-01-2018, 11:49 AM,
#23
RE: Indian Sex Story वक़्त के हाथों मजबूर
कॉलेज पहुँच कर वो अपनी क्लासस अटेंड करती है और दोपहर के बाद वो और निशा बिल्कुल फ्री हो जाती हैं और वो दोनो एक गार्डेन में चली जाती हैं.

निशा- बता मेरी जानेमन क्या हाल खबर हैं.

राधिका- यार मुझे तुझसे एक बात करनी है समझ में नही आ रहा कि तुझे कैसे बताऊ.

निशा- ओह........हो......... क्या बात हैं आज तो आपके तेवर कुछ बदले बदले से लग रहे हैं. कहिए जान क्या बात हैं.

राधिका-राधिका थोड़ी देर इधेर उधेर की बातें करती हैं फिर वो उसे कृष्णा भैया वाली सारी बातें बता देती हैं. लेकिन राहुल वाली बातें छुपा लेती है.

निशा- राधिका!!! आर यू मॅड!!!!!!!!!!!! क्या तुम पागल तो नही हो गयी हो. भला ये कैसी शर्त तूने अपने भैया से लगा दी. यार तू ऐसा कैसे कर सकती हैं. आइ कान'ट बिलीव.???

राधिका- लगता हैं जैसे मैने कोई बहुत बड़ी गुनाह कर दी हैं जो तू ऐसे बोल रही हैं.

निशा- बेवकूफी कहूँगी मैं इसे. जानती भी है अगर कृष्णा भैया शर्त जीत गये तो क्या ............ तू भला ऐसे कैसे कर सकती हैं.

राधिका- चिंता मत कर कुछ भी हो जाए निशा मैं खुद कभी अपने मूह से भैया से सेक्स करने को नही कहूँगी.

निशा- तू जानती नही हैं ये मर्द लोग बहुत पहुँची चीज़ होते हैं. खास कर तेरे भैया. ना जाने कितनी रंडिया के साथ अब तक सो चुके हैं.

राधिका- निशा माइंड युवर लॅंग्वेज. मुझे मेरे भैया के बारे में ये सब बातें बिल्कुल पसंद नही है. प्लीज़..............चुप हो जाओ.

निशा भी चुप हो जाती हैं. और कुछ देर तक गहरा विचार करती हैं.

निशा- एक बात कहना चाहूँगी राधिका ये जान ले कि अगर तू शर्त हार गयी और वो सब तू अपने भैया के साथ करेगी तो समाज़ में तेरी कितनी बदनामी होगी इसका तुझे अंदाज़ा भी है.. तेरे भैया पर तो कोई भी उंगली नही उठाएगा मगर तेरा जीना मुश्किल हो जाएगा. किस किस को तू जवाब देगी, कितनो का मूह बूँद करेगी. बता.....................

राधिका- मुझे इस समाज़ से कोई लेना देना नही हैं. मुझे बस अपने भैया की चिंता हैं. वो बस सुधर जाए अगर इसके बदले उन्हें मेरी इज़्ज़त भी दाँव पर लगानी पड़े तो मैं तैयार हूँ. और हां अगर भैया मेरे साथ सेक्स करने को बोलेंगे तो मैं उन्हें मना भी नही करूँगी.

निशा- मुझे समझ नही आ रहा कि तू ऐसा क्यों करना चाहती हैं. आख़िर क्या मिलेगा तुझे ये सब करके. क्यों तू अपनी जिंदगी दाँव पर लगा रही हैं.......

राधिका- निशा तू चिंता मत कर देख लेना एक दिन सब कुछ ठीक हो जाएगा मुझे पूरा विश्वास हैं.,राधिका मुस्कुरा देती हैं और निशा भी उसे गले लगा लेती हैं. और राधिका और निशा वापस घर चल देती हैं.

---------------------------------------------

जैसे ही राधिका घर आती हैं कृष्णा घर पर नही होता हैं. वो भी करीब 1 घंटे में वापस घर आ जाता हैं.

राधिका के लिए दो-धरी तलवार जैसी बात होने वाली थी. एक तरफ तो वो खुद कृष्णा भैया के हाथों में खुद को सौपना चाहती थी, वही दूसरी तरफ वो इकरार भी नही करना चाहती थी. पता नहीं क्यों पर कृष्णा भैया के करीब जाते ही वो एक दम मदहोश सी होने लगी थी. वो अपना सब कुछ भूल जाती थी. पता नही क्या बात थी उसके भैया में जो उसको बार बार उसके तरफ खींच रही थी.

राधिका- आरे भैया कहाँ गये थे आप आज इतनी देर कहाँ लगा दी.

कृष्णा- वो आज काम कुछ ज़्यादा था ना. इसलिए...

राधिका- आपको काम भी मिल गया क्या....

कृष्णा- हां जब मेहनत मज़दूरी ही करनी हैं तो काम की कमी हैं क्या. अगर बचपन में पढ़ लिख लिया होता तो ये मज़दूरी तो नही करनी पड़ती.

राधिका- एक दम से करीब चली जाती हैं और कृष्णा के हाथ को अपने हाथ में लेकर- भैया मुझे विश्वास ही नही हो रहा हैं कि आप मेरे लिए इतनी बदल सकते हैं. मैं आज बहुत खुस हूँ भैया. बोलो क्या सेवा करू आपकी.

कृष्णा- हां तो बस तू अपने मूह से हां बोल दे ना. मुझे समझ ले..................सब कुछ मिल जाएगा.

राधिका- भैया मैं आपको किसी भी चीज़ के लिए मना नही करूँगी. जो आपका दिल करे मेरे साथ कर लीजिए. और मैं आपको रोकूंगी भी नहीं. मगर मैं अपने मूह से खुद कभी नही कहूँगी. चाहे कुछ भी हो जाए..................

कृष्णा- अच्छा अगर यही तेरी ज़िद्द हैं तो मैं भी जब तक तेरे मूह से खुद ना कहलवा दूं मैं भी तेरे साथ सेक्स नहीं करूँगा. जब तू खुद आकर मेरे पास कहेगी तभी मैं तेरे साथ करूँगा.

राधिका- अच्छा आप मूह हाथ धो लीजिए मैं आपके लिए चाइ बना देती हूँ. और राधिका किचन में जाकर चाइ बनाने लगती हैं.

कृष्णा भी मूह हाथ धोकर किचन में राधिका के पीछे जाकर सॅट कर खड़ा हो जाता हैं. और राधिका चौक कर पीछे मुड़ती हैं.

राधिका- क्या है भैया आप वही बैठिए मैं चाइ लेकर आती हूँ.

कृष्णा- नही तुझे एक पल भी छोड़ने का दिल नही कर रहा. और फिर कृष्णा पीछे से राधिका के दोनो हाथों पर अपने दोनो हाथ रख देता हैं. और एक दम धीरे धीरे वो उंगली फेरना चालू कर देता हैं. राधिका की भी दिल की धड़कन एक दम तेज़ हो जाती हैं. और उखड़ी आवाज़ में बोलती हैं.

राधिका- भैया ..... मुझे कुछ....कुछ हो रहा है ...प्लीज़ आप ऐसे मत छुओ ...... ना मुझे.

कृष्णा- बताओ ना राधिका क्या हो रहा है तुम्हें. ज़रा मैं भी तो जानू.

राधिका- नही भैया मुझे शरम आ रही हैं. प्लीज़ मैं नही बता सकती. हटो मुझसे दूर ....

कृष्णा-अब जब तक तुम नही बताओगि तब तक ये हाथ नही रुकेंगे. और कृष्णा धीरे से अपनी गर्देन नीचे झुका कर राधिका की गर्देन पर अपने होठ रख देता है और धीरे से चूम लेता हैं. और राधिका एक दम सन्न रह जाती हैं.

राधिका अपनी आँखें धीरे से बंद कर लेती हैं और कृष्णा भी धीरे धीरे उसकी गर्देन से चूमता हुआ उसके कान तक पहुँच जाता हैं और राधिका के मूह से ज़ोर से सिसकारी निकल पड़ती हैं.

राधिका- आ.......हह.......प्लीज़ भैया, मुझे कुछ............ हो रहा हैं भैया.........प्लीज़ अब बस करो.........मैं मर जाउन्गि..........

कृष्णा- बोलो ना राधिका वही तो मैं जाना चाहता हूँ कि तुम्हें क्या हो रहा है.

राधिका कैसे बताए कि उसे क्या हो रहा था, लाख कोशिश करने के बाद भी उसके मूह से कोई शब्द बाहर ही नही निकल रहे थे. राधिका भी अब धीरे धीरे बहकती जा रही थी. अब धीरे धीरे उसके जिस्म से उसका कंट्रोल ख़तम हो रहा था. उसकी साँसें भी उखड़ने लगी थी. अगर ऐसे ही कुछ देर चलता रहा तो ...................

कृष्णा का भी हाथ धीरे धीरे राधिका के कंधे तक आ चुका था. और दूसरी तरफ वो राधिका के गर्देन को लगातार चूम रहा था. राधिका की भी आँखों में हवस सॉफ नज़र आ रही थी. मगर बहुत संघर्ष के बाद वो कृष्णा को अपने से दूर हटाने में सफल हो जाती हैं.

राधिका- लीजिए भैया चाइ बन गया. हटिए पीछे वरना चाइ गिर जाएगी.

तभी उसके घर का बेल बजती हैं .

कृष्णा जाकर डोर खोलता है. सामने उसका बाप (बिरजू) नशे में धुत था. वो लड़खड़ाते हुए घर के अंदर आता है और सोफे पर बैठ जाता है.

कृष्णा- कल रात तुम कहाँ थे बापू. रात भर घर नही आए.

बिरजू- अरे मैं वो बिहारी के वहाँ रुक गया था कल कुछ उसके वहाँ पार्टी थी,ना,. .......

बिरजू-और तू आज क्यों नही आया वहाँ पर. मालिक पूछ रहे थे तुझे.

कृष्णा- मुझे अब वहाँ उनकी गुलामी नही करनी है. अब मैं अपनी मेहनत मज़दूरी से इस घर को चलाउन्गा.

बिरजू- हंसते हुए.........ये तू कैसी बहकी बहकी बातें कर रहा है . तुझे क्या हो गया है कृष्णा .आरे वो ही हमारे माई बाप है.

कृष्णा- वो मैं नही जानता बस. अब मैं उसकी चौखट पर कदम नही रखूँगा.
Reply


Messages In This Thread
RE: Indian Sex Story वक़्त के हाथों मजबूर - by sexstories - 09-01-2018, 11:49 AM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,630,707 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 559,243 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,288,602 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 974,035 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,726,085 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,141,707 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,057,735 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,422,304 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,150,344 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 297,215 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 1 Guest(s)