RE: Bhabhi Chudai Kahani चिकनी भाभी
"उूुउउइई म्म्म्माआआआआ…… आ …क्या कर रहा है आशु?"
"कुच्छ नहीं भाभी आपका ये वाला छेद दुखी था कि उसकी ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा. मैने सोचा इसकी भी सेवा कर दूं." ये कह कर मैने पूरी उंगली भाभी की गांद में घुसा दी.
"आआआआआआह…ओओओऊऊओह…अघ… धीरे मेरे राजा, एक छेद से तेरा दिल नहीं भरा जो दूसरे के पीछे पड़ा है." भाभी को गांद में उंगली डलवाने में मज़ा आ रहा था. मैने ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने शुरू कर दिए. भाभी शायद दो तीन बार झार चुकी थी क्योंकि उनकी चूत का रस बह कर मेरे अमरूदों को भी गीला कर रहा था. 15- 20 धक्कों के बाद मैं भी झर गया और ढेर सारा वीर्य भाभी की चूत में उंड़ेल दिया.
भाभी भी इस भयंकर चुदाई के बाद पसीने से तर हो गयी थी. वीर्य उनकी चूत में से बाहर निकल कर टाँगों पर बहने लगा. भाभी निढाल हो कर चटाई पर लेट गयी.
"आशु आज तीन महीने तड़पाने के बाद तूने मेरी चूत की आग को ठंडा किया है. एक दिन मैं ग़लती से तेरा ये मूसल देख बैठी थी बस उसी दिन से तेरे लंड के लिए तडप रही थी. काश मुझे पता होता कि खड़ा हो कर तो ये 8 इंच लंबा हो जाता है.""तो भाभी आपने पहले क्यों नहीं कहा. आपको तो अच्छी तरह मालूम था कि मैं आपकी चूत का दीवाना हूँ. औरत तो ऐसी बातें बहुत जल्दी भाँप जाती है."
"लेकिन मेरे राजा, औरत ये तो नहीं कह सकती कि आओ मुझे चोदो. पहल तो मर्द को ही करनी पड़ती है.और फिर मैं तेरी भाभी हूँ."
"ठीक है भाभी अब तो मैं आपको रोज़ चोदुन्गा."
"मैं कब मना कर रही हूँ? एक बार तो तूने चोद हिदिया है. अब क्या शरमाना? इतना मोटा लंबा लंड तो बहुत ही किस्मत से नसीब होता है. जब तक तेरी शादी नहीं हो जाती तेरे लंड का मैं ख्याल करूँगी.
इसको मोटा ताज़ा बनाए रखने के लिए मैं तेरे लंड की रोज़ मालिश कर दूँगी. अच्छा अब मुझे जाने दे मेरे राजा, तूने तो मेरी चूत का बॅंड बजा दिया है."
उसके बाद भाभी उठ कर नंगी ही अपने कमरे में चली गयी. जाते समय उनके चौरे भारी चूतड़ मस्ती में बल खा रहे थे. उनके मटकते हुए चूतड़ देख दिल किया कि भाभी को वहीं लिटा कर उनकी गांद में अपना लॉडा पेल दूं.
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