RE: Mastram Kahani काले जादू की दुनिया
अपनी कुवारि चूत पर करण की जीभ का यह हमला निशा बर्दास्त नही कर पाई और करण का सर पकड़ कर अपनी चूत पर दबाते हुए झाड़ गयी. गरम गरम सफेद जैसा उसका पानी चूत से रिसने लगा जिसे करण ने अपने जीभ से भर कर चाट लिया.
जो कुछ भी थोडा पानी कारण के जीभ से बच गया वो निशा की गान्ड के पूल मे भर कर इकट्ठा होने लगा और आस पास की झान्टो को भी भिगो दिया, जिसे करण फिर से जीभ निकल कर चाटने लगा. गान्ड पर करण की गीली जीभ को महसूस कर के निशा सिहर उठी.
“आहह.....माइ गॉड...ऐसा मज़ा और सुकून मैने अपने जीवन मे कभी नही महसूस किया....” निशा का जिस्म ढीला पड़ता चला गया. पर इधर करण का तगड़ा लंड उसकी पॅंट मे ही हुंकार भर रहा था.
निशा अपनी आँखे बंद कर के कुछ पलो के लिए आनंद के सागर मे डूब गयी. उधर करण ने तुरंत अपनी पॅंट उतारी और दोबारा निशा पर चढ़ गया और उसके होंटो का रस पीने लगा. निशा भी अपनी आँखें बंद किए हुए उसकी गर्दन मे हाथ डाल कर उसकी होंटो को चूसने लगी. करण के मूह से अपने पानी का स्वाद निशा को वापस उत्तेजित कर रहा था.
जब निशा ने आँखें खोली तो देखा कि करण के जाँघो पर उसकी जीन्स की बजाए जिरफ़ एक चड्डी है जिसमे एक बड़ा सा तंबू बना हुआ है.
निशा ने होंटो का चुंबन जारी रखा और हाथ बढ़ा कर नीचे करण के फुन्कारते लंड को उसकी चड्डी के उपर से ही पकड़ कर सहलाने लगी. करण एक हाथ से निशा के दूध को वापस मसल्ने लगा और निशा ने मौका देख कर करण की चड्डी को नीचे सरका दिया जिससे उसका मोटा तगड़ा लंड बाहर निकल आया.
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