RE: Mastram Kahani काले जादू की दुनिया
थोड़ी कोशिश के बाद आख़िर करण निशा की पैंटी को अपने दांतो से थोड़ा नीचे सरकाने मे कामयाब हो गया. उसे जो सामने दिखा वो उसके लिए सोने की खदान से कम नही था. निशा की चूत पर ढेर सारी झान्ट थी. झान्टो के जंगल के पीछे थी डबल पाव रोटी की तरह फूली हुई चूत की बड़ी बड़ी फांके जिसके बीच सिर्फ़ एक पतला सा चीरा था जो उसके कुवारि होने का गवाह था. चुदि चुदाई औरतो की चूत पर चीरा नही होता बल्कि उनकी चूत की फांके अलग अलग हो जाती है.
निशा की झान्टो से भरी चूत देख कर करण उसके सम्मोहन मे खो सा गया. उसने आज पहली बार किसी लड़की की असली चूत देखी थी. निशा करण को ऐसे अपनी बुर को सुध बुध खो कर देखने पर हँसने लगी. उसे अपनी औरत होने पर गर्व हो रहा था जो अपने सौंदर्य के सम्मोहन से किसी भी मर्द को फसा सकती थी.
अब आगे...................................
करण की तो लार ही टपकने लगी निशा की कुवारि बुर को देख कर. उसने चूत की फांको को हल्के से अलग किया तब उसे अंदर की लाली दिखाई दी जिसमे एक गुलाबी सा बंद छेद था. उसके उपर एक मटर के दाने समान गुलाबी रंग का भग्नासा था.
“वाउ डार्लिंग तुम्हारी बुर कितनी प्यारी है....” करण चूत की दरार के उंगली फिराते हुए बोला.
“आआहह.......उम्म्म्म....माआ.....आहह...” कुवारि बुर पर हाथ लगने से निशा काँप उठी.
करण ने तुरंत झुक कर निशा की झान्टोदार बुर को एक गहरी साँस लेकर सूंघ लिया, “वाअहह....क्या मादक गंध आ रही है तुम्हारी चूत से..” और करण ने अपनी खुरदरी जीभ निकाल कर निशा की चूत के चीरा पर फिराने लगा.
“उम्म्म....माआ....मररर...गयी....” करण के जीभ फिरते ही निशा काम वासना से तड़प उठी. करण हौले हौले निशा की चूत चाटने लगा जिससे चूत पनिया के गीली हो गयी. निशा की चूत पर इतनी बड़ी बड़ी झान्टे थी कि वो करण की नाक मे घुसती जा रही थी.
“प्लीज़...करण....आअहह....माइइ.....मररर...जाउन्गीईईईईइ....” चूत चटवाने से निशा तड़पने लगी. उसने बेडशीट को कस कर मुट्ठी मे भर लिया और अपने सर को उत्तेजना मे इधर उधर पटाकने लगी. उसकी चूत लगातार पानी छोड़ रही थी.
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