RE: Mastram Kahani काले जादू की दुनिया
करण ने निशा की गान्ड पर हाथ डाल कर उसे अपने गोद मे उठा लिया और बिस्तर मे ले जाकर पटक दिया और उसके उपर लेट गया. उसने निशा के गर्दन को प्यार करना शुरू किया तो निशा की मूह से “आआहह....उम्म्म्मम....ईइस्स्स्स” की सिसकारी निकलनी शुरू हो गयी.
करण जानता था कि औरतो पर उनके कान और गले पर चूमने से खुमारी चढ़ती है और वो जल्दी गरम होती है. निशा के साथ भी यही हाल था. वो तो बस यही चाह रही थी कि करण जल्दी से उसके होंठो पर अपने होठ रख दे, और वही हुआ भी.
करण ने हौले से अपने होंठो से निशा के लरजते होंठो को चूम लिया. फिर उसके नीचे वाली होठ को अपने होंठो के बीच भर कर उसका रस पीने लगा. “म्म्म्महमममम.........आअहह.” निशा की सिसकिया पूरे कमरे मे गूँज उठी थी.
पर अचानक करण अलग हो गया. निशा उसको ऐसे देख रही थी जैसे किसी बच्चे के मूह से उसका खिलोना छीन लिया गया हो. करण उठ के बैठ गया और एक गहरी साँस लेकर धीरे से बोला, “यह सब क्या है निशा....तुम तो ऐसी नही थी...तुमने ही कहा था कि तुम यह सब शादी के बाद करोगी....फिर यह सब क्यू कर रही हो तुम..”
करण के बोलते ही निशा उदास हो गयी, जिन आँखो मे कुछ देर पहले वासना थी अब उनमे आँसू आ गये थे. “करण आज शायद यह मेरी तुम्हारे साथ आख़िरी रात हो....कल मम्मी पापा मेरी सगाई के लिए मुझे भी पुणे ले जाएँगे...”
करण उसकी बातें बड़ी ध्यान से सुन रहा था. निशा ने लेटे लेटे अपने आँसू पोछते हुए कहा, “वो लोग मेरी शादी तो किसी और से कर देंगे पर मेरा दिल और जिस्म सिर्फ़ तुम्हारे पास रहेगा...”
करण निशा की ऐसी बातें सुनकर भावुक हो गया और बोला, “और इसीलिए तुम यह सब कर रही हो...?”
निशा उठते हुए बोली, “भले ही मेरी शादी किसी और से हो जाए पर मेरे जिस्म पर पहला हक़ उसी का है जिसे मैं प्यार करती हू और वो तुम हो..” निशा रोते हुए करण के गले लग गयी और अपन सर उसके कंधो पर टिका कर बोली, “प्लीज़ करण मुझे आज रात अपना बना लो....मुझे आज वो सारी खुशिया दे दो जिसके लिए मैं आने वाले जिंदगी मे तड़प्ती रहूंगी...”
करण की आँखो मे भी आँसू थे. उसे निशा पर बहुत प्यार आ रहा था. वो जिंदगी भर सोचता रहा कि वो अनाथालय मे पला बढ़ा इसलिए उसे कोई प्यार नही करता, और आज उसे यह एहसास हुआ कि उसे प्यार करने वाले तो उसके करीब ही है, उसकी प्रेमिका, उसकी माँ, उसकी बहन और अब उसका भाई भी.
करण अपने जज्बातो पर काबू पाते हुए, “मैने पिच्छले जनम मे ज़रूर कुछ पुन्य किए होंगे जो तुम मेरी लाइफ मे आई...और मैं जानता हू तुम मुझसे बहुत प्यार करती हो..” उसने निशा के चेहरे को उपर उठाते हुए कहा, “पर इसका यह मतलब नही कि तुम मुझसे शादी से पहले सेक्स कर लो...”
निशा ने चौंकती नज़रो से करण की तरफ देखा मानो उस से पूछ रही हो कि आख़िर वो उस से सेक्स करने से मना क्यू कर रहा है. करण ने निशा की आँखो मे यह प्रश्न पढ़ लिया और उसके चेहरे को अपने हाथो मे लेते हुए, “भूल गयी तुमने मुझसे क्या कहा था...कि हम शादी से पहले सेक्स नही करेंगे..”
करण की बात सुनकर निशा की आँखे फिर से भर आई, “वो तो मैने तब कहा था जब मैं ख्वाब देखती थी कि मेरी और तुम्हारी शादी हो रही है...पर अब जब हमारी शादी ही नही होगी तो पुरानी बातो को याद कर के क्या फायेदा.....प्लीज़ करण बस मुझे अपना बना लो...मैं नही चाहती कि कोई दूसरा मर्द मुझे पहली बार हाथ लगाए...”
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