RE: Mastram Kahani काले जादू की दुनिया
“प्लीज़ निशा मेरी बात तो सुनो....आइ आम सॉरी फॉर ऑल दट...” करण के सामने हर लड़की गिड़गिडाटी थी पर एक निशा ही थी जिसके सामने करण गिड़गिदाता था.
“ठीक है स्वाती तुम जाओ...वैसे भी क्लिनिक के बंद करने का समय हो गया है...” निशा बोली.
“पर मेडम आप नही चलेंगी...” रिसेप्षनिस्ट ने निशा से पूछा.
“नही मैं अभी यही रहूंगी....ज़रा मैं भी तो देखु कि यह करण ऱाठोड कॉन है...” निशा करण को घूरते हुए बोली.
रिसेप्षनिस्ट करण और निशा के बीच का चक्कर समझ गयी और चुप चाप मुस्कुराते हुए वहाँ से चली गयी.
“आपसे मैं अपनी कॅबिन मे बात करना चाहती हू डॉक्टर. करण ऱाठोड....” निशा अपनी गान्ड ठुमकते हुए अपनी कॅबिन मे चली गयी. करण भी उसके पीछे पीछे कॅबिन मे चला गया.
उसने प्यार से निशा का हाथ पकड़ा, पर जैसे ही उसने कुछ कहना चाहा निशा ने अपना हाथ झटक कर हटा लिया और बोली, “च्छुना मत मुझे....तुम्हे कोई हक़ नही है मुझे च्छुने का...” निशा के आँखो मे गुस्सा सॉफ झलक रहा था.
“अगर तुम मुझे बोलने का मौका दोगि तो मैं तुम्हे सब कुछ समझा सकता हू....”
“क्या बहाना बनाओगे करण...???” निशा ने चिल्लाते हुए कहा. “जब से हम रिलेशन्षिप मे है तब से तुम बहाने ही बना रहे हो...” निशा करण को किसी शेरनी की तरह घूर रही थी.
“मैं बहाना नही बना रहा निशा...परसो मैं ऐसे जगह फसा था जहा से मेरा निकलना नामुमकिन था....प्लीज़ मेरी बात का यकीन करो...” करण फिर से निशा का हाथ पकड़ते हुए कहा.
गुस्से मे आकर निशा ने फिर अपना हाथ झटक के हटा लिया, “हाँ अगर कोई दूसरी लड़कियो की बाँहो मे मज़े करे तो उसका वहाँ से निकल पाना नामुमकिन होता है...”
“यह तुम क्या कह रही हो निशा....ऐसा कुछ नही है जैसा तुम समझ रही हो...मेरा यकीन करो मैं आना चाहता था...” करण ने इस बार ज़ोर से निशा का हाथ पकड़ लिया.
“आना चाहते थे तो आए क्यू नही....तुम्हे पता है ना कि मम्मी पापा मेरी शादी अमेरिका के एक लड़के से करवाने वाले है....और परसो वो लड़का और उसकी फॅमिली मुझे देखने आए थे....पता है परसो तुम मेरे साथ नही थे तो मुझे कितना डर लग रहा था...” जितनी ज़ोर से करण ने निशा का हाथ पकड़ा था उतने ही ज़ोर से निशा ने अपना हाथ झटक कर छुड़ा लिया.
“मैं सब जानता हू लव...”
“लव...माइ फुट..!!!..क्या तुम्हे लव का मतलब भी पता है....कैसे लवर हो तुम जो अपनी गर्लफ्रेंड को किसी और के साथ शादी करता देख सकते हो..” निशा अपनी पूरी ताक़त से चिल्लाते हुए बोली.
“तुम्हे किसी और के साथ देखने से पहले मैं मर जाउन्गा निशा...” कारण ने सर झुकाते हुए कहा.
“तो ठीक है तुम मर जाओ...और फिर पीछे से मैं भी स्यूयिसाइड कर लूँगी...क्यूकी मम्मी पापा ने मेरी शादी उस लड़के से तय कर दी है...और कल ही हमारी सगाई है..” कहते हुए निशा की आँखो मे आँसू आ गये.
“मेरा यकीन करो निशा मैं परसो वहाँ था जहा से मेरा तुम्हारे पास आना नामुमकिन था....और अगर मैने तुम्हे उसके बारे मे बताया तो तुम फिर कहोगी मैं बहाने बना रहा हू...”
“हाँ तुम बहाने ही बनाओगे...मुझे सब पता है...अब तो कभी कभी लगता है कि तुम्हारा मुझसे मन भर गया है...”
“प्लीज़ निशा ऐसा मत बोलो....तुम जब ऐसा कहती हो तो मेरा दिल छल्नी हो जाता है...”
“झूठ...फिर झूठ...अगर तुम मुझसे प्यार नही करते तो बता दो मुझे...मैं कुवारि ही जी लूँगी पर तुम्हारे सिवा किसी और से शादी नही करूँगी..” अब निशा रोने लगी थी.
करण उसको बताता भी तो क्या कि वो अभी एक तांत्रिक का काला जादू देख कर आया है जिसने उस से उसकी प्यारी छोटी बहन भी छीन ली. निशा कभी भी ऐसी बातो पर विश्वास नही करती जिस से उसके और निशा के बीच की ग़लत फहमिया और बढ़ जाती.
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