RE: Mastram Kahani काले जादू की दुनिया
यह सब तीनो चट्टान के पीछे से देख रहे थे, पर वो मजबूर थे. इधर त्रिकाल ने अपना काला चोगा उतार दिया और उसका भीमकाय हबशी शरीर नंगा हो गया. उसका पूरा शरीर बालो से किसी भालू की तरह भरा हुआ था. वो बहुत कुरूप और बदसूरत था. सलमा उसे ख़ौफ्फ भरी निगाहो से देख रही थी. ऐसा राक्षस जैसा आदमी उसने कभी नही देखा था.
जब सलमा ने त्रिकाल के झूलते हुए काले लौडे को देखा तो उसके होश उड़ गये. किसी हाथी के लौडे के समान त्रिकाल का लॉडा भी विकराल था करीब एक फुट लंबा और बहुत मोटा, एकदम उसके चेहरे की तरह काला जो किसी आम आदमी का हो ही नही सकता था. लौडे की नसे उभर कर साफ दिखाई दे रही थी. भीमकाय लौडे के नीचे भीमकाय अंडकोष लटक रहे थे जिसमे ना जाने कितना वीर्य भरा था. त्रिकाल उसे बड़ी वासना भरी नजरो से देख रहा था.
“हे मेरे शैतानो के देवता...मैं आज यह आख़िरी 101वी कुवारि लड़की को तुझे बलि के रूप मे सौंप रहा हू.....मेरी बलि स्वीकार करना...” त्रिकाल ज़ोर से दहाड़ता हुआ बोला.
जो उसके साथ आगे होने वाला था वो सोच कर सलमा बिलख बिलख कर रोने लगी, “प्लीज़ मुझे छोड़ दो....मैने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है....मुझे प्लीज़ मत मारो...मैं जीना चाहती हू...” सलमा गिडगिडाने के सिवा और कुछ नही कर सकती थी.
“चुप हो जा साली रंडी...तू आज रात मेरी वासना की भूक को शांत करेगी...अभी शैतान मेरे शरीर मे प्रवेश कर के तेरे साथ संभोग करेगा...फिर तेरी बलि उसे चढ़ाई जाएगी....हा हा हा..” त्रिकाल ठहाका लगाके हँसने लगा.
फिर उस गुफा मे अचानक धूआ सा फैल गया. करण अर्जुन और काजल ने देखा कि शैतान की मूर्ति से कुछ साया निकल के त्रिकाल के शरीर मे घुस गया. उस साए के घुसते ही त्रिकाल की आँखो मे खून उतर आया और वासना से पागल हो गया.
किसी जंगली जानवरो की तरह वो फूल सी नाज़ुक सलमा पर टूट पड़ा और उस से अपनी वासना की प्यास बुझाने लगा. इधर कारण अर्जुन और काजल को यह सब देख कर बहुत दुख हो रहा था. बेचारी सलमा का क्या कसूर था कि भगवान उसे ऐसी सज़ा दे रहा है.
सारे तांत्रिक शिष्य अपने काले जादू मे लीन हो गये. इधर सलमा चीखती चिल्लाती रही, त्रिकाल से रहम की भीक मांगती रही पर उस शैतान पर कोई असर नही पड़ा.
त्रिकाल के बड़े बड़े कठोर हाथ सलमा की नाज़ुक चुचियो को बड़े ज़ोर से दबोच रहे थे. ऐसा लग रह था कि कोई शेर किसी बकरी के उपर लेटा हो. अपनी चुचि को इतने ज़ोर से मसले जाने पर सलमा चीख उठी. त्रिकाल ने उसके निपल को इतने ज़ोर से मूह मे लेकर काटा कि वहाँ से खून बहने लगा.
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