RE: Mastram Kahani काले जादू की दुनिया
“तेरे पास लाइटर तो होगा ही ना...” करण ने अर्जुन से पूछा. वो जानता था कि अर्जुन सिगरेट पीता था. अर्जुन और काजल समझ गये कि कारण अपने टीशर्ट से एक मशाल बनाने की कोशिश कर रहा है.
“पर भैया आपकी टीशर्ट तो जल जाएगी...” काजल ने कहा.
“वैसे भी इस्पे मेरे खून के धब्बे पड़ गये है....यह जल जाए तो ही ठीक है..” बोलते हुए करण ने फर्स्ट एड बॉक्स से थोड़ा स्पिरिट निकाल के अपने बनाए हुए मशाल पर छिड़क दिया और अर्जुन के लाइटर से उसने एक अच्छि ख़ासी मशाल बना ली.
मशाल की पीली रोशनी मे काजल को करण का गोरा कसरती जिस्म दिखाई दिया और वो मन ही मन उसकी प्रशंसा किए बगैर ना रह सकी. खैर मशाल की रोशनी मे तीनो आगे बढ़ने लगे.
वो नही जानते थे कि उन्हे उस गुफा मे आगे क्या मिलेगा इसलिए वो बहुत धीरे और संभाल के आगे बढ़ रहे थे, तभी गुफा के अंदर से चम्गादडो की फौज उड़कर बाहर आई जो शायद मशाल की रोशनी के वजह से गुस्सा गये थे. काजल ज़ोर से चिल्लाने को हुई पर अर्जुन ने सही समय पर उसका मूह अपने हाथो से बंद कर दिया, वरना उसकी चीख पूरी गुफा मे गूँज जाती.
कुच्छ देर गुफा मे चलते चलते वो एक पुराने महल नुमा जगह मे आ गये. “गुफा के अंदर हवेली...और वो भी इतना अंदर...कॉन रहता होगा यहाँ...” करण ने अपने मन मे सोचा.
वो दबे पाओ जब आगे गये तो उन्हे उस पूराने खंडहर हवेली मे मशालों की बहुत सी रोशनीया दिखाई देने लगी. “करण लगता है यहाँ कोई रहता है...” अर्जुन ने फुसफुसा के कहा.
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