RE: Antarvasna फुद्दि सिर्फ़ लंड मांगती है
थोड़ी देर के बाद गाड़ी चल पड़ी अपनी मंज़िल की जानिब के तभी डोर पे नॉक हुई मैने दरवाज़ा खोला तो टीटी था मैने उसे टिकेट चेक करवाए और वो चला गया
उस के जाते ही मैने डोर को फिर से बंद कर दिया और अपी के पास आ के बैठ गया
अब मेरी समझ मे नही आ रहा था कि मैं क्या कहूँ और क्या करू मुझे ये भी पता था कि अम्मी ने अपी को समझा दिया है
और अपी मुझे कुछ भी करने से मना नही करेंगी लेकिन हिम्मत नही हो रही थी कुछ करने की
कुछ देर इसी तरहा बैठा रहा और फिर अपी से कहा कि आप चेंज कर लो ताकि सफ़र मे आप की ड्रेस ना खराब हो अपी ने मेरी तरफ देखा और उठ के अपने बेग मे से दोसरि ड्रेस निकालने लगी
फिर अपी अपनी ड्रेस ले के बाहर जाने लगी वॉशरूम मे तो मैने कहा कि आप यहाँ ही चेंज कर लो मैं बाहर चला जाता हूँ
अपी मुझे अजीब सी नज़रों से देखने लगी लेकिन बोली कुछ नही मेरी समझ मे कुछ नही आ रहा था कि मैं अपी से क्या बात करूँ
मैं बाहर जाने लगा तो अपी ने स्लो आवाज़ मे कहा नसीर तुम मुँह दूसरी तरफ कर लो मैं चेंज कर लूँगी
मैने मुँह दोसरि तरफ कर लिया
कुछ देर के बाद अपी ने कहा कि भाई हो गया और मैने अपी की तरफ मुँह कर लिया
अपी की तरफ देखा तो अपी ने कॉटन का टाइट पाजामा और लो टी-शर्ट पहनी हुई थी जिस मे अपी सेक्स बॉम्ब लग रही थी और मेरा लंड जो कि पहले ही खड़ा था उस को और जोश दिलाने लगी
फिर मैं और अपी साथ मे ही बर्थ पे बैठ गये और अपी विंडो के बाहर देखने लगी
कुछ देर के बाद मैने कहा अपी क्या मैं अप की टाँगों पे सर रख लूँ तो अपी ने कोई जबाब नही दिया लेकिन सीधी हो कर बैठ गई जिस से कि मैं उन की रानों पे सर रख सकूँ
मैने ये देखते ही अपने सर को अपी की लेफ्ट रान पे रख दिया और लेट गया वाउ क्या नरम और गरम जिस्म था अपी का
कुछ देर के बाद मैने साइड के बहाने अपना एक हाथ सर के नीचे रख लिया और अपी की गोद मे लेट गया
फिर आराम से अपने हाथ को अपी की टाँगों पे घुमाने लगा जिस से मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था थोड़ी देर तक जब मैं इस से आगे नही बढ़ा तो अपी ने कहा भाई मुझे भी नींद आ रही है
मैने कहा अच्छा अपी मैं अपनी सीट पे चला जाता हूँ तो अपी ने कहा कि नही तुम यहाँ ही लेटे रहो मैं सो जाउन्गि
मैं समझ गया कि अपी मेरी हिम्मत बढ़ाने के लिए सोने का बोल रही हैं कि मैं कुछ कर सकूँ फिर कोई 15 मिंट के बाद मैने अपने हाथ को आगे किया और मेरा हाथ अपी की फुद्दि को हल्का सा टच होने लगा
मेरे हाथ के लगते ही अपी को एक हल्का सा झटका लगा जैसे कोई नींद मे कस मसाया हो लेकिन अपी कुछ नही बोली तो मैने अपने हाथ को सही तरहा से अपी की फुदी पे लगाया और मसलना शुरू कर दिया
अपी काफ़ी बेचैन हो रही थी और सिसकियाँ भी ले रही थी
फिर मैने अपने हाथ को उपर किया और अपी के बूब्स पे रख दिया और मसल्ने लगा क्या बूब्स थे अपी के नरम नरम लेकिन निपल काफ़ी सख़्त हो चुके थे
कुछ देर इसी तरहा अपी के बूब्स से खेलने के बाद मैं उठ गया और अपी को हिला के कहा अपी आप आराम से सीधी हो कर लेट जाओ मैं अपनी सीट पे जा रहा हूँ
मेरी बात सुन के अपी ने आँखे खोली और कहा भाई क्या है इतनी नींद आ रही है और तुम ने उठा दिया
मैने कहा अपी आप यहाँ सेधी हो के लेट जाओ फिर नही उठाउंगा
|