RE: Antarvasna फुद्दि सिर्फ़ लंड मांगती है
अम्मी के जाने के बाद मैं काफ़ी देर सोचता रहा कि क्या करू क्योकि अगर मैं अब्बू को बता देता तो वो शायद अम्मी को तलाक़ दे देते और हमारी हर जगह बदनामी ही होती इसी लिए मैने अब्बू को ना बताने का फ़ैसला किया और सो गया
सुबह मुझे अपी ने उठाया और मैं उठ के नहाने चला गया जब नहा के वापिस लौटा तो अपी डोगी स्टाइल मे बेड के नीचे से सफाइ कर रही थी और मैं वहीं खड़ा हो के अपी की खूबसूरत और बाहर को निकली हुई गांद को देखने लगा जिसे देख मेरा लंड खड़ा हो गया. कि तभी अपी ने सफाइ ख़तम कर के उठी तो उन की नज़र मेरी नज़र से मिली तो अपी ने कहा कि तुम कब आए .
मैने कहा कि अपी अभी आया ही हू तभी बाजी ने मेरी सिलवार मे बने तंबू को देखा और फिर मेरी तरफ देख के बाहर चली गई . मैने दिल मे सोचा कि ये क्या अपी तो लगता है नाराज़ हो के चली गई हैं . फिर नेलु मेरे रूम मे आई और कहा कि भाई अम्मी कह रही हैं कि नाश्ता कर लो मैने कहा कि अच्छा तुम चलो मैं आता हू
मैं जब किचॅन मे गया तो वहाँ अम्मी ही थीं मैं बैठ के नाश्ता करने लगा तो अम्मी ने कहा कि क्या सोचा
मेरे मुँह से अचानक निकल गया कि आप मेरे लिए क्या कर सकती हो तो अम्मी का बुझा हुआ चेहरा एक दम खिल गया
अम्मी ने कहा कि तुम जो कहो गे मैं करूँगी बस किसी को बताना नही प्लज़्ज़्ज़्ज़
मैने कहा कि ठीक है जब कोई घर मैं ना हो तब बात करेंगे. और मैं नाश्ता कर के उठ गया दोपहेर के खाने के बाद हम सोने लगे तो अम्मी आ गई और कहा कि अली तुम जाओ अपी के पास सो जाओ अम्मी की बात सुन के अली चला गया
अली के जाते ही अम्मी ने कहा नसीर सोना नही मैं बाद मे आउन्गि फिर बताना कि तुम क्या चाहते हो .
अम्मी के जाने के बाद मैं सोचने लगा कि अम्मी से क्या कहू कि वो क्या करें मेरे लिए लेकिन कुछ भी समझ नही आ रहा था फिर मैं आराम से लेट गया कि जब अम्मी आएगी तब देखा जाएगा .
3 बजे के करीब अम्मी आ गई और मैं उठ के बैठ गया
अम्मी भी मेरे पास आ के बैठ गई मुझे कुछ भी समझ नही आ रहा था कि मैं अम्मी से क्या बात करू
फिर अम्मी ने कहा कि नसीर बताओ तुम क्या चाहते हो लेकिन मैं चुप रहा
अम्मी ने फिर पूछा तो मैने कहा कि अम्मी आप ये सब क्यो करती हो तो अम्मी ने कहा कि नसीर तुम इन बातों को छोड़ो और ये बताओ कि तुम क्या चाहते हो
मैने कहा कि मैं ये ही चाहता हूँ कि आप ये सब छोड़े दो
अम्मी ने मेरी बात का कोई जबाब नही दिया और चुप चाप बैठी रहीं
मैने कहा कि अम्मी क्या हुआ तो अम्मी ने कहा कि नसीर तुम इस नशे को नही जानते ये बहुत बुरा नशा है
मैने कहा कि अम्मी आप कोशिस तो करो मैं आप का साथ दूँगा .
मेरी बात पे अम्मी कुछ देर मुझे देखती रही और ये कहते हुए कि क्या तुम ने कभी किसी के साथ किया है
तो मैने अपना सर झुका लिया लेकिन कहा कुछ नही
अम्मी ने कहा कि ठीक है मैं चलती हूँ और अम्मी चली गई
अम्मी के जाने के बाद दिल मे आया कि अगर अम्मी बाहर जा के ये सब करना नही छोड़ेंगी तो लोगों को जैसे जैसे पता चले गा वैसे ही हमारी बदनामी हो गी . ये सब सोचते हुए मेरे दिमाग़ मे सफ्दर की कही हुई बात याद कि फुददी और लंड का कोई रिश्ता नही होता वो अंधे होते हैं . लंड की कोई बेहन या मा नही होती वो सिर्फ़ फुद्दि माँगता है ये ही हाल फुद्दि का भी है . मैने सोचा कि अगर मैं घर मे ही अम्मी को संतुष्ट कर दूँ तो वो बाहर नही जाएँगी . मैं ये सब सोच के मुझे सकून आ गया और फिर ये बात कि अम्मी को कैसे मनाया जाय इस काम के लिए.
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