RE: Antarvasna फुद्दि सिर्फ़ लंड मांगती है
अपी के जाने के बाद मैने सोचा कि क्या अपी भी लंड के लिए तरस रही है अगर हां तो मुझे क्या करना चाहिए मैं ये सोचता हुआ ही सो गया
दोपहर मे अपी ने मुझे उठाया और कहा कि भाई खाना खा लो फिर सो जाना
मैने उठ के हाथ मुँह धोया और खाना खाने लगा कि तभी नीलम वहाँ आ गई और कहने लगी भाई क्या बात है बड़ी नींद आ रही है
अपी ने कहा कि नेलु उस को प्यार से कहते हैं मस्ती नही ओके
मैने कहा छोड़ो ना अपी आप भी क्या करती हो बच्ची है अभी खेलने खाने के दिन हैं इस के
अपी ने कहा बड़ा प्यार आ रहा है आज तो मैने कहा कि क्या अपी मैं कब आप से और नेलु से प्यार नही करता
और खाना खा के बाहर निकल गया दिन इसी तरहा ही गुज़रते रहे छुट्टियाँ ख़तम हो गई फिर घर से काम पे और काम से घर
कभी कभी सफ्दर के साथ उस की बेहन के घर जा के उस की चुदाई भी करते
और घर पे अपी से भी फ्री होने की कोशिश करता लेकिन अपी ज़्यादा फ्री नही हो रही थी
लेकिन मैं भी लगा रहा क्योकि सफ्दर और उस की बेहन को देख के मेरा भी बड़ा दिल करता कि मैं भी अपनी बेहन के साथ प्यार करू
लेकिन कोई बात नही बन रही थी इसी दौरान बड़ी ईद की छुट्टियाँ भी आ गई 1 दिन मैं अपने दोस्त के साथ बाज़ार से वापिस आ रहा था कि मैने अम्मी को एक गली मे जाते हुए देखा मैं बड़ा हेरान हुआ कि अम्मी यहाँ किस को मिलने आई हैं
मैने अपने दोस्त से कहा कि यार तू चल मैं बाद मे आता हू उस ने कहा कि क्या बात है ख़ैरियत तो है
मैने कहा कि हां यार मैने किसी से मिलना है तू चल
उस ने कहा ठीक है फिर मैं चलता हू और निकल गया उस के जाते ही मैं तेज़ी से उस गली की तरफ भागा और देखा कि अम्मी किसी से बात कर रही हैं और तभी वो आदमी जिस से अम्मी बात कर रही थीं उस ने अपनी पॉकेट मे से कुछ निकाल के दिया मैं क्यो कि दूर था इस लिए देख नही सका कि उस ने अम्मी को क्या दिया था और फिर अम्मी एक तरफ चल पड़ी और मैं उन के पीछे अम्मी ने थोड़ी दूर ही एक मकान का ताला खोला और अंदर चली गईं
मैं समझ गया कि उस आदमी ने अम्मी को घर की चाबी ही दी हो गी लेकिन समझ नही आ रहा था कि अम्मी और उस आदमी का क्या चक्कर है और वो आदमी अम्मी को चाबी दे के गया कहाँ है
मैं ये सब ही सोच रहा था कि वो आदमी किसी और आदमी को अपने साथ ले के आ गया और सीधा अंदर चला गया और डोर बंद कर दिया मैने सोचा कि देखना चाहिए कि अंदर क्या हो रहा है. मैं तेज़ी से मकान की तरफ गया लेकिन वहाँ कोई ऐसी जगह नही थी कि मैं अंदर देख सकू क्योकि वो जगह आबादी मे ही थी इस लिए मैं वहाँ से हट के खड़ा हो गया
कोई 2 घंटे के बाद वो 2नो आदमी निकले और वहाँ से चल पड़े पता नही मेरे दिल मे क्या आई कि मैं भी उन के पीछे चल पड़ा वो बाते करते जा रहे थे .
बाद मैं आने वाला कह रहा था कि साले पता नही तेरे पास कोन सी गीदड़सिन्घी है कि औरते तेरे पास भागी आती हैं
पहले वाले ने कहा कि छोड़ इस बात को ये बता कि मज़ा आया कि नही दूसरे ने कहा कि क्या बताऊ यार क्या लंड चूसति है मज़ा आ गया.
मैं तो उन की बाते सुन के हक्का बक्का रह गया कि अम्मी ये सब भी करती हैं और तभी पहले वाले ने कहा कि यार कब तक है ये यहाँ उस ने कहा कि अभी कालू को लेने जा रहा हू कालू इस को चोद ले फिर चली जाएगी .
पता नही मेरे दिल मे क्या आया कि मैं वापिस उसी घर की तरफ चल पड़ा मुझे ये सब सुन के बहुत गुस्सा आ रहा था
मैं जैसे ही उस घर के दरवाजे पे पहुचा तो एक बार सोचा कि क्या मुझे अंदर जाना चाहिए और फिर मैने डोर को एक धक्का दिया और अंदर घुस गया.
अम्मी वहाँ नही थीं अम्मी ने वॉशरूम मे से कहा कि कालू रुक मैं आ रही हू मैं वहीं खड़ा हो गया और तभी वॉशरूम का डोर खुला और अम्मी पूरी की पूरी नंगी बाहर आ गई. जैसे ही अम्मी बाहर आई अम्मी की मुझ पे नज़र पड़ी अम्मी को चक्कर सा आ गया अम्मी के मुँह से बस इतना ही निकल सका कि तूमम्म्मममम
क्रमशः.....................................................
|