RE: Maa Beti Chudai माँ का आँचल और बहन की लाज़
और दोनों फिर एक दूसरे का प्यार महसूस करने , एक दूसरे को बाँटने में जूट जाते हैं ..एक दूसरे से चीपक जाते हैं ,
शशांक का लंड फिर से तन्ना जाता है ...शिवानी की चूत गीली हो जाती है ...
शिवानी उठ ती है ..शशांक लेटा रहता है..उसका लंड हवा से बातें कर रहा है..लहरा है ...हिल रहा है कडेपन से
शिवानी उपर आ जाती है ..अपनी गीली चूत को अपनी उंगलियों से फैलाती है
अपनी टाँगें शशांक के जांघों के दोनों ओर करती है और उसके लंड के सुपाडे पर अपनी गीली चूत रख देती है ....वो उसके लंड पर धँसती जाती है
उफफफफफफ्फ़..क्या तज़ुर्बा था दोनों के लिए ....कितना टाइट ..कितना गर्म ,कितना मुलायम ..शशांक कराह उठ ता है
शिवानी चीख उठ ती है दर्द से ..अभी भी उसकी चूत कितनी टाइट थी ..
शशांक को मोम की चूत और शिवानी की चूत का फ़र्क महसूस होता है
मोम की चूत मक्खन की तरेह थी उसका लंड धंसता जाता था
शिवानी की चूत में मक्खन जितनी मुलायम नहीं , कुछ कडापन लिए है ..उसके अंदर उसका लंड चीरता हुआ जाता है ..उफफफफफ्फ़ दोनों नायाब थे ....एक जवानी की दहलीज़ पर दूसरी ...जवानी के उतार पर..... पर जवानी का पूरा रस अभी भी बरकरार...
अयाया ..शिवानी थोड़ी देर चूत अंदर धंसाए रहती है ..पूरे लंड की लंबाई महसूस करती है अपने अंदर
उसकी चूत और गीली हो जाती है
शशांक की जांघों पर उसका रस रिस्ता हैं ...उफफफफ्फ़ क्या तज़ुर्बा था दोनों के लिए
शिवानी के धक्के अब तेज़ होते हैं ..अपना सर पीछे झटकाती है ..बाल बीखरे हैं ...हर धक्के में उसका सर पीछे झटक जाता है...बाल लहरा उठ ते हैं ..मानों वो किसी नशे के झोंके में , किसी जादू के असर में अपना सब कुछ भूल चूकि हो ..अपने होश खो बैठी हो ...उसका कुछ भी उसके वश में नहीं ...
शशांक भी नीचे से चूतड़ उछाल उछाल कर उसकी चूत में अपना लंड चीरता हुआ अंदर करता है..
उफफफफफ्फ़ ..दोनों एक दूसरे को आनंद देने में ..एक दूसरे में समा जाने की होड़ में लगे हैं ...
जवान हैं दोनों ..धक्के में जवानी का जोश , तड़प और भूख सब कुछ झलक रहा है
फिर शिवानी अपनी चूत में लंड अंदर किए शशांक से बूरी तरेह लिपट जाती है ..उसे चूमती है ..शशांक के सीने से अपनी चूचियाँ लगाती है ..दबाती है ..शशांक अपनी बाँहे उसकी पीठ से लगा उसे अपने से चीपका लेता है ...
शिवानी चीत्कार उठ ती है .."भैय्ाआआआआआआआआअ ...." और अपने चूतड़ उछालती हुई शशांक के लंड को भीगा देती है अपनी चूत के रस से ....
शशांक उसे अपने नीचे कर लेता है ...लंड अंदर ही अंदर किए हुए
तीन चार जोरदार धक्के लगाता है ..शिवानी उछल जाती है ..शशांक अपनी पीचकारी छोड़ता हुआ अपना लंड उसकी चूत में डाले हुए उसके उपर ढेर हो जाता है ..हांफता हुआ ..
शिवानी अपनी टाँगें फैलाए उसके नीचे पड़ी है ..हाँफ रही है ...
शशांक उसकी चूचियों पर सर रखे है ....आँखें बंद किए अपनी बहेन की साँसों को अपनी साँसों से महसूस करता है ..दोनों एक दूसरे से लिपटे खो जाते हैं एक दूसरे में ..
भाई बहेन का प्यार एक दूसरे को भीगा देता है ..दोनों पसीने से लत्पथ हैं ..दोनों के पसीने मिलते जाते हैं.... जवानी का जोश और तड़प कुछ देर के लिए शांत हो जाता है ....
दोनों के चेहरे पर संतुष्टि की झलक है ..एक दूसरे के लिए मर मिटने की चाहत है ...प्यार की पराकाष्ठा पर हैं दोनों मे ..
शिवानी उसे चूमती है और बोलती है .." भैया क्या प्यार यही है ??"
" हां शिवानी हमारा और तुम्हारा प्यार यही है .."
और फिर दोनों एक दूसरे की बाहों में खो जाते हैं .
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