RE: Maa Beti Chudai माँ का आँचल और बहन की लाज़
लगातार उसके कानों में उसकी औरत की आवाज़ आती रहती है "प्यार बाँटने से प्यार कम नहीं होता..........आग बूझा दे ..आग बूझा दे ..शांति ....शांति ..अपने बेटे को बचा ले...शांति ..."
और फिर वो चूप चाप अपने पलंग से उठ ती है....शिव की ओर देखती है ... वो अभी भी गहरी नींद में है....... .शांति की नज़र उस के चेहरे पर गढ़ी है.......वो मन ही मन बोलती है .
." शिव मैं तुम्हारे बेटे के पास जा रही हूँ , उसे भी मेरा प्यार चाहिए शिव ...वो मेरे प्यार का भूखा है , उसके बिना मर जाएगा ...मैं तुम्हारे बेटे को , तुम्हारे ज़िगर के टूकड़े को, नयी जिंदगी दूँगी ..उसे बचा लूँगी शिव ..उसे कुछ नहीं होगा ...कुछ नहीं होगा ..कुछ नहीं ..."
शांति आगे बढ़ती है .... कमरे का दरवाज़ा खोलती है ...अपने संस्कारों की बेड़ियाँ तोड़ डालती है....परंपराओं की जंजीरें काट फेंकती है .....और उसके कदम अपने आप शशांक के कमरे की ओर बढ़ते जाते हैं....
इधर शशांक भी अपने पलंग पर लेटा है ....नींद उसकी आँखों से भी दगा कर रही है ...वो भी अपने अंदर के धमाकों से परेशान है ..
."मोम ..मैं आखीर अपने सब्र का बाँध कब तक रोकू ...उफ्फ ..कहीं टूट ना जाए ..कहीं मैं कुछ ऐसा ना कर बैठूं जिस से तुम्हारा आँचल मैला हो जाए ..मोम ..मोम मुझे बचा लो ....मोम ..."
वो भी मन ही मन चिल्ला रहा है , बीलख रहा है ..रो रहा है...
तभी उसे अपने दरवाज़े पर किसी के बड़ी धीमी आवाज़ में खटखटाने की आवाज़ सुनाई पड़ती है ..
वो चौंक जाता है ..इतने रात गये कौन हो सकता है ..?
फ़ौरन उठ ता है......."ज़रूर बदमाश शिवानी होगी " बुदबुदाता हुआ दरवाज़े की ओर जाता है
दरवाज़ा खोलता है ..
बाहर मोम खड़ी थी......
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