RE: Maa Beti Chudai माँ का आँचल और बहन की लाज़
गुड नाइट करते समय भी शशांक ने अपनी लक्ष्मण रेखा बरकरार रखी...पर उसकी आँखों में दर्द , पीड़ा और एक दृढ़ सहनशक्ति झलक रही थी ...शांति अच्छी तरेह महसूस कर रही थी ..उसके अंदर भी धमाकों का शोर ज़ोर और ज़ोर पकड़ता जेया रहा था....शांति को ऐसा महसूस हो रहा था जैसे इन धमाकों से उसके कान फॅट जाएँगे .....धमाकों के शोर उसकी बर्दाश्त से बाहर हो रहे थे..
शिव के साथ अपने कमरे में शांति कपड़े बदल लेट जाती है ...पर उसके मश्तिश्क में अभी भी उन धमाकों की गूँज कम नहीं हो रही थी ..
शिव रोज की तरेह पलंग पर लेट ते ही थोड़ी देर शांति से दूकान की बात करते करते गहरी नींद में सो जाता है...
पर शांति की नींद उसके अंदर के धमाकों ने हराम कर रखी थी ...नये सवाल उठ खड़े हो रहे थे और नये धमाके पुराने धमाकों के साथ जूड़ते जा रहे थे .. क्या बेटे के ख़याल में अपने पति को धोखा दे दे ?? ..उस पति को जो उसे इतना प्यार करता है.??..जिसे वो भी इतना प्यार करती है ..??
उसकी औरत उसे संभालती है उसे जवाब मिलता है "प्यार बाँटने से कम नहीं होता शांति ...और बढ़ जाता है ...एक से प्यार करने का मतल्ब यह थोड़ी है कि तुम दूसरे से कम प्यार करोगी ..?और वो भी कोई पराया मर्द नहीं तुम्हारा अपना खून ..अपना बेटा ...आख़िर वो शिव का भी तो बेटा है ना ..क्या तुम शिव के बेटे को ऐसे ही छोड़ दोगि आग में झूलस्ने को ..??"
"पर फिर भी यह ग़लत है ना ...!!!'' शांति का संस्कार चीख उठता है....
" ग़लत सही कुछ भी नहीं शांति ..सब अपने विचारो का खेल है... मुस्लिम समाज में चचेरे ,ममेरे , मौसेरे भाई -बहेन आपस में शादी करते हैं ...क्या ग़लत है..?? तेलुगु समाज में लड़की अपने मामा से शादी करती है ..क्या ग़लत है..???"
शांति चुप है , उसके पास कोई जवाब नहीं ...
उसकी औरत उसे समझाती है " शांति अपने बेटे को संभाल लो ..उसे अपना प्यार दे दो शांति ..वरना वो टूट जाएगा ...आख़िर कब तक अपने आप को इस आग से बचाएगा ..इस से पहले की सब कुछ इस आग में झुलस कर स्वाहा हो जाए ..इस आग को बूझा दो शांति ....बूझा दो ....इसे ठंडा कर दो...""
" हे भगवान यह कैसी उलझन है..." शांति मन ही मन चिल्ला उठ ती है ..उसे लगता है उसके कान के पर्दों के चिथड़े हो जाएँगे ..अपने कान बंद कर लेती है ...पर फिर भी धमाके बंद नहीं होते ...
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